शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

बाड़मेर। कांग्रेस की अति आवष्यक बैठक कल

बाड़मेर। कांग्रेस की अति आवष्यक बैठक कल 


कांग्रेस की अति आवश्यक बैठक के लिए चित्र परिणामबाड़मेर। जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक कल शनिवार आयोजित  होगी। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता एडवोकेट मुकेष जैन ने बताया कि जिला कांग्रेस कमेटी की अति आवष्यक बैठक जिलाध्यक्ष फतेह खान की अध्यक्षता में शनिवार  सुबह 11 बजे जिला कांग्रेस कार्यालय में रखी गई है इस बैठक में बढती हुई महंगाई, प्रदेष में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था, एवं संगठन के मुद्दो पर विचार विमर्ष किया जायेगा।


जिला कांग्रेस कमेटी की होने वाली इस बैठक में, प्रदेष उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी हिरालाल विष्नोई, पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय सचिव हरीष चैधरी एवं प्रदेष महासचिव शब्बीर खान हुसैन, प्रदेष सचिव उम्मेदसिंह तंवर, प्रदेष सचिव जगदीष चैधरी , प्रदेष सचिव शम्मा बानो, पूर्व मंत्री हेमाराम चैधरी, पूर्व मंत्री अमीन खां, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन सहित पूर्व विधायक, प्रधान, पूर्व प्रधान, सरपंच, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारीगण व सदस्यगण, अग्रिम संगठन के पदाधिकारी व सदस्य महिला कांग्रेस उपस्थित रहेगें।

बाड़मेर। बैंकों की राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल सफल रही, बैंकों के ताले तक नहीं खुले

बाड़मेर। बैंकों की राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल सफल रही, बैंकों के ताले तक नहीं खुले



बाड़मेर। स्थानीय एसबीबीजे स्टेषन रोड़ बाड़मेर के आगे एक दिवसीय हड़ताल के तहत बैंक के कार्मिकों ने व्यापक प्रदर्षन किया। अधिकारी वर्ग भी हड़ताल पर रहे। बाड़मेर यूनिट इकाई अध्यक्ष खेतसिंह राठौड़ ने बताया कि इस एक दिवसीय हड़ताल से रोकड़ लेन-देन 80 लाख व समाषोधन कार्य ढप्प रहने से करीब 2 करोड़ से ज्यादा चैक अटके रहे। प्रदर्षन में दीपक अग्रवाल, गोविन्द भूत, दिलीप दवे, सुरेष सोनी, धनराज सोनी, माधोसिंह, भंवरलाल जैलिया, आदि ने सम्बोधित किया। 


एस पी आमेटा ने हड़ताल कर्मचारियो  को सम्बोधित करते हुए बताया कि एसबीबीजे का भारतीय स्टेट बैंक में विलिय विरोध में  जिला स्तर पर सभी बैंकर्स में रोष है। अंत में खेतसिंह राठौड़ ने उपस्थित कर्मचारियांे को हड़ताल को सफल बनाने हेतू धन्यवाद ज्ञापित किया।


जोधपुर। क्या सेलेब्रिटी होने के कारण ही उलझे सलमान? शिकार मामलों में वन विभाग का दोहरा रवैया

जोधपुर। क्या सेलेब्रिटी होने के कारण ही उलझे सलमान? शिकार मामलों में वन विभाग का दोहरा रवैया



जोधपुर

हरिण शिकार के मामलों में वन विभाग का दोहरा रवैया सामने आ रहा है। 18 साल पुराने चिंकारा शिकार प्रकरण में जिस तरह वन विभाग के अफसरों ने तत्परता दिखाई, एेसी तत्परता आए दिन हो रहे शिकार प्रकरणों में दिखाई नहीं दे रही। जबकि अपराध की नजर से कोई आम व खास नहीं होता। अफसरों की लापरवाही कहे या ढिलाई, किसी भी केस को प्रभावी नहीं बना पाने से अधिकतर आरोपी सजा तक नहीं पहुंचे। अधिकतर मामले जुर्माना और बरी होने तक ही निपट गए।

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बॉलीवुड स्टार सलमान खान को हरिण शिकार के मामलों में 18 साल तक सेलिब्रिटी होने की वजह से ही कानूनी दांवपेंच में उलझना पड़ा। यदि सलमान खान बॉलीवुड के 'सुल्तान' नहीं होते तो शायद वन विभाग इस केस को लेकर गंभीर नहीं होता। वन विभाग ने इन 18 बरसों के दौरान 71 चिंकारों व काला हरिण के प्रकरण पर एफआर लगा कर फाइल बंद कर दी थी।


क्या सेलेब्रिटी होने के कारण ही उलझे सलमान? शिकार मामलों में वन विभाग का दोहरा रवैया

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दस साल में दर्ज हुए 406 मामले

वर्ष 2001 से 2010 तक वन्य जीव अपराध के कुल 406 मामले दर्ज हुए जिनमें 241 एेसे मामले थे, जो प्रशमन योग्य मानते हुए विभागीय स्तर पर निस्तारण कर वन्यजीव अपराधियों से 14 लाख 34 हजार जुर्माना राशि वसूल कर छोड़ दिया गया। वर्ष 2010 से अप्रेल 2015 तक कुल 342 वन्यजीव शिकार प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें 168 मामलों को कम्पाउंड कर आरोपियों से 11 लाख 67 हजार रुपए जुर्माना राशि वसूल की गई।

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दो दशक में वन्यजीव शिकार व अपराध से जुड़े करीब 900 से अधिक मामलों में करीब 600 मामले तो कम्पाउण्ड और केवल सौ मामलों में चालान पेश किया गया। पचास से अधिक प्रकरण में शिकार के आरोपी बरी हो गए थे। वन्यजीव अपराध होने पर वनकर्मियों की ओर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज तो कर ली जाती है लेकिन सभी मुकदमों का अनुसंधान समय पर नहीं होता है।

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इसीलिए वर्ष दर वर्ष लम्बित अपराध प्रकरणों की संख्या बढ़ती जाती है। इसका दुष्पपिणाम यह होता है कि समय बीतने के साथ वन्यजीव अपराध साक्ष्य मिलने की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं। पेशी पर आने-जाने के लिए कोई भुगतान नहीं मिलने के कारण गवाह रु चि नहीं लेते हैं।

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वर्तमान में शिकार के लम्बित प्रकरण

वन्य जीव शिकार के कुल 138 मामलों में 45 मामले विभाग और 92 कोर्ट में लंबित हैं। इनमें एक साल से कम अवधि के 2, एक वर्ष से अधिक अवधि के 7, तीन वर्ष से अधिक अवधि के 37 और तीन वर्ष से अधिक पुराने मामले 46 हैं। लंबित मामलों में 35 काले हरिण व चिंकारा और 15 नील गाय व खरगोश शिकार के मामले हैं।

फलोदी /जोधपुर। स्कूल की दीवार धराशायी, हादसा टला

फलोदी /जोधपुर। स्कूल की दीवार धराशायी, हादसा टला


फलोदी/जोधपुर

शहर के सुभाष रोड स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, उम्मेदपुरा की एक दीवार गुरुवार शाम धमाके के साथ धराशायी हो गई। दीवार का मलबा गिरने से क्षेत्रवासी खौफजदा है। इस दौरान विद्यालय के निकट खड़ी एक स्कूटी मलबे में दब गई। गमीनत रही कि हादसा विद्यालय समय के दौरान नहीं हुआ। इस हादसे में आस-पास के घरों में रहने वाले लोग बाल-बाल बच गए। विद्यालय धराशायी होने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पंहुची।

स्कूल की दीवार धराशायी, हादसा टला

आज शाम करीब 8 बजे राउप्रावि, उम्मेदपुरा के मुख्य द्वार की ऊपरी दीवार अचानक धराशायी हो गई, जिससे मलबा नीचे गिरने से हुए धमाके बाद क्षेत्रवासी सहम से गए। साथ ही विद्यालय के धराशायी होने का अंदेशा बना हुआ है। (निसं)

...इधर मकान की छत धराशायी
शहर के लटियाल मंदिर के निकट गुरुवार शाम को एक मकान में स्टोर रूम की छत अचानक धराशायी हो गई। जिससे वहां रखी किराणा सामग्री व अन्य सामान मलबे में दब गया। संयोग से कोई जनहानि नहीं हुई।

लटियाल मंदिर के निकट महेशकुमार थानवी के मकान में बने स्टोर रूम की छत की छत एकाएक धसककर नीचे गिर गई। जिससे स्टोर रूम में रखी किराणा सामग्री, पंखे आदि मलबे में दब गए। छत गिरने से हुए धमाके की आवाज सुनकर आस-पास के कई लोग मौके पर एकत्रित हो गए। (निसं)

बालोतरा। खुलासा, पांचवी उत्तीर्ण को बनाया मनोनीत पार्षद

बालोतरा। खुलासा, पांचवी उत्तीर्ण को बनाया मनोनीत पार्षद


भवानी प्रकाश@बालोतरा.
प्रदेश में नगर निकाय (नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम) में न्यूनतम 10वीं उत्तीर्ण ही पार्षद बन सकता है। नगर पालिका अधिनियम के अनुसार यह चुनाव लडऩे वालों के साथ ही मनोनीत किए जाने वाले सदस्यों पर भी लागू होता है। लेकिन नगर परिषद बालोतरा में हाल ही में मनोनीत 4 सदस्यों में से दुर्गा देवी सोनी 5वीं उत्तीर्ण ही हैं।


खुलासा, पांचवी उत्तीर्ण को बनाया मनोनीत पार्षद

उन्होंने नवम्बर-2014 में पार्षद चुनाव के नामांकन में पेश किए हलफनामे में खुद की शैक्षणिक योग्यता 5वीं उत्तीर्ण बताई थी। सोनी को उपखंड अधिकारी शपथ भी दिला चुके हैं। हालांकि सोनी खुद को 10वीं उत्तीर्ण बता रही हैं, लेकिन दस्तावेज दिखाने के सवाल पर वे जवाब नहीं दे पाई। इस मामले में शपथ दिलाने वाले उपखंड अधिकारी से पूछा गया तो वे उल्टा यह कहने लगे कि कौन कहता है कि 5वीं उत्तीर्ण पार्षद नहीं बन सकता। वहीं नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि बालोतरा बोर्ड के गठन के दौरान 10वीं उत्तीर्ण वाला नियम नहीं था।





राज्य सरकार ने जून-2015 में नगर निकाय चुनाव के द्वितीय चरण से पहले ही पार्षद का चुनाव लडऩे की योग्यता में भी 10वीं उत्तीर्ण होना जोड़ दिया। स्थानीय निकायों में होने वालों कार्यों की सही मोनिटरिंग और निष्पादन के लिए सरकार ने इसे जरूरी बताया।





यह योग्यता होना जरूरी
नगर पालिका अधिनियम-2009 के तहत नगर निकायों में कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या के 10 फीसदी तक पार्षदों का मनोनयन राज्य सरकार की ओर से किया जाता है। इस क्रम में गत दिनों बालोतरा नगर परिषद में चार सदस्यों का मनोनयन हुआ, जिन्हें उपखंड अधिकारी ने शपथ दिलाई। एक्ट के अनुसार मनोनीत होने वाले सदस्य के पास भी निर्वाचित सदस्य वाली योग्यता होना जरूरी है।





यह योग्यता निम्नानुसार है-
- वह व्यक्ति 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।

- उस पर किसी निकाय में कोई बकाया नहीं हो।

- शैक्षणिक योग्यता 10वीं उत्तीर्ण हो।

- उसके घर में शौचालय हो।





सोनी ने खुद बताया 5वीं उत्तीर्ण
मनोनीत पार्षद दुर्गा देवी सोनी ने नवम्बर-2014 में बालोतरा नगर परिषद के वार्ड-11 से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। नामांकन के साथ पेश किए शपथ-पत्र में उन्होंने खुद की शैक्षणिक योग्यता 5वीं उत्तीर्ण होना दर्शायी थी। यह शपथ-पत्र राज्य निर्वाचन आयोग की वेब साइट पर भी उपलब्ध है।





नियमानुसार हुआ है मनोनयन
मुझे नियमानुसार मनोनीत पार्षद बनाया गया है। नवम्बर-2014 में चुनाव लडऩे के वक्त मैं 8वीं उत्तीर्ण थी। अब मैं 10वीं भी उत्तीर्ण हो गई हूं। अभी तक मुझे प्रमाण-पत्र नहीं मिला है।

दुर्गादेवी सोनी, नगर परिषद में मनोनीत पार्षद





जिम्मेदारों के बेतुके बोल

नप आयुक्त : राज्य सरकार के स्तर का मामला

राज्य सरकार की ओर से पार्षद बनने की योग्यता में 10वीं उत्तीर्ण जोड़ा जरूर है, लेकिन बालोतरा में जब बोर्ड बना तब यह नियम नहीं था। फिर भी यदि गलत मनोनयन हुआ है तो यह सरकार के स्तर का मामला है।

शिवपालसिंह राजपुरोहित, आयुक्त, नगर परिषद, बालोतरा




उपखंड अधिकारी : मुझे नहीं पता, क्या है नियम?

नगर निकाय में पार्षद बनने के लिए 10वीं उत्तीर्ण की योग्यता जोडऩे का नियम कब लागू हुआ, यह मुझे पता नहीं है। शपथ दिलाने वाले का यह काम नहीं है कि वह नियम देखे। मैंने तो शपथ दिला दी थी।

उदयभानु चारण, उपखंड अधिकारी, बालोतरा