मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014
महिला टीचर से छेड़छाड़ करने वाला कांस्टेबल सस्पेंड
शाहपुरा। राजसमंद जिले में नियुक्त एक शिक्षिका से छेड़छाड़ कर रूपए और सोने की चेन छीनने के मामले में अजीतगढ़ थाने में नियुक्त कांस्टेबल नेकीराम को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया है।
सीकर पुलिस अधीक्षक हैदर अली ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। हालांकि पुलिस अभी तक भी आरोपितों को आईपीसी की धाराओं में गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इधर, ग्रामीणों ने आरोपित कांस्टेबल व उसके दोनों साथी कैलाश चौधरी व राजेन्द्र चौधरी को गिरफ्तार करने की मांग की है।
समाचार प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए सीकर पुलिस अधीक्षक हैदर अली ने कार्रवाई करते हुए आरोपित कांस्टेबल को निलम्बित कर और जांच अधिकारी को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार रविवार शाम को हाथीदेह निवासी एक जना राजसमंद में शिक्षक पद पर नियुक्त अपनी पत्नी को अजीतगढ़ में बस में बैठाने के लिए आया था। बस नहीं मिलने पर दोनों गांव लौट रहे थे। यहां मंडूस्या सड़क पर कांस्टेबल और उसके दो साथियों ने शिक्षिका से छेड़छाड़ कर बीस हजार रूपए और सोने की चेन छीन ली थी।
नीमकाथाना के एएसपी राकेश काडवाल ने बताया कि मामले की जांच थोई थाना प्रभारी सोहनलाल कर रहे हैं। दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। -
बाड़मेर नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला
बाड़मेर नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के महिला थाना क्षेत्र के कगाऊ गांव में एक नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार का मामला प्रकाश में आया हैं। पुलिस सूत्रानुसार कगाऊ गांव से एक नाबालिग बालिका का तीन युवको द्वारा अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया ,इस आशय का मामला बालिका के परिजनों ने महिला थाना में दर्ज कराया ,पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी वाही आरोपियो की तलाश आरम्भ कर दी हैं
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के महिला थाना क्षेत्र के कगाऊ गांव में एक नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार का मामला प्रकाश में आया हैं। पुलिस सूत्रानुसार कगाऊ गांव से एक नाबालिग बालिका का तीन युवको द्वारा अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया ,इस आशय का मामला बालिका के परिजनों ने महिला थाना में दर्ज कराया ,पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी वाही आरोपियो की तलाश आरम्भ कर दी हैं
राजस्थान में निकाय चुनाव 22 नवम्बर को ,मतगणना 25 को
राजस्थान में निकाय चुनाव 22 नवम्बर को ,मतगणना 25 को
इस बार निकाय प्रमुख के अप्रत्यक्ष रीति से करवाएं जाएंगे। निकायों का प्रमुख सीधी जनता नहीं, पार्षद चुनेंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव वाले निकायों में आचार संहिता लागू हो गई। वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल 26 नवंबर, 2014 को पूरा हो रहा है।
निकाय चुनाव के लिए जहां भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां कर ली हैं, वहीं निर्वाचन विभाग ने भी निकाय चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। निर्वाचन विभाग दोपहर बाद चुनाव तारीख की घोष्ाणा करने जा रहा है।
22 नवंबर मतदान और उसके बाद जिला स्तर पर मतगणना 25 नवंबर को होगी। मतगणना के बाद बोर्ड बैठक में निकाय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही निकाय चुनाव संपन्न होंगे।
नगरीय निकाय में जयपुर नगर निगम के साथ ही जोधपुर, कोटा, बीकानेर और पहली बार गठित उदयपुर, भरतपुर नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं।
इसी के साथ 9 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं के लिए मतदान होगा। निकाय चुनाव में प्रदेश में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है। दोनों दलों ने निकायों के टिकट वितरण और चुनाव लड़ाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।
रूक जाएगा तबादलों को दौर
निकाय चुनाव की आचार संहिता के साथ ही चुनाव वाले क्षेत्रों में तबादलों पर पाबंदी लग जाएगी। अजमेर को छोड़ कर सभी नगर निगम क्षेत्रों सहित 46 निकायों में कर्मचारी और अधिकारियों के तबादलों पर रोक रहेगी।
ये हैं नगर निगम
जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर।
ये हैं नगर परिषद-नगर पालिका
ब्यावर, पुष्कर, अलवर, भिवाड़ी, बांसवाड़ा, छबड़ा, मांगरोल, बाड़मेर, बालोतरा, चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, रावतभाटा, चूरू, राजगढ़, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, जैसलमेर, भीनमाल, जालौर, बिसाऊ, झुंझुनूं, पिलानी, फलौदी, कैथून, सांगोद, डीडवाना, मकराना, पाली, सुमेरपुर, अमेट, नाथद्वारा, नीमकाथाना, सीकर, माउंट आबू, पिंडवाड़ा, शिवगंज, सिरोही, टोंक, कानोड़।
44 IAS अधिकारी इधर उधर ,बाड़मेर कलेक्टर का तबादला ,नए के आदेश नहीं
44 IAS अधिकारी इधर उधर ,बाड़मेर कलेक्टर का तबादला ,नए के आदेश नहीं
बाड़मेर राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी कर चवालीस भारतीय प्रशासनिक अधिकारियो के तबादले किये ,बाड़मेर कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू को निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग में पदस्थापित किया ,बाड़मेर कलेक्टर पद पर फ़िलहाल किसी की नियुक्ति नहीं की
देखे सूचि http://www.dop.rajasthan.gov.in/writereaddata/orderDetail/201410280237205523199iasorder28-10-14.pdf
बाड़मेर राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी कर चवालीस भारतीय प्रशासनिक अधिकारियो के तबादले किये ,बाड़मेर कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू को निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग में पदस्थापित किया ,बाड़मेर कलेक्टर पद पर फ़िलहाल किसी की नियुक्ति नहीं की
देखे सूचि http://www.dop.rajasthan.gov.in/writereaddata/orderDetail/201410280237205523199iasorder28-10-14.pdf
महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन? घोषणा आज
नई दिल्ली/ मुंबई। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला मंगलवार को हो जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि राज्य का अगला सीएम भाजपा से ही होगा।
इस बीच, राज्य की अन्य दो बड़ी पार्टियों यानी शिवसेना और एनसीपी में भाजपा को समर्थन देने की जैसे होड़ ही लग गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि महाराष्ट्र की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 31 अक्टूबर को होगा।
भाजपा विधायक चुनेंगे नेता
महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों की बैठक मंगलवार शाम 4 बजे होगी। इसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। चूंकि सरकार भाजपा के नेतृत्व में ही बननी है तो भाजपा विधायक दल का नया नेता ही प्रदेश का नया मुख्यमंत्री होगा। बैठक में पार्टी पर्यवेक्षक के तौर पर राजनाथ और जेपी नaा मौजूद रहेंगे।
बैठकों का दौर
इससे पहले महाराष्ट्र में भाजपा के बड़े नेता एकनाथ खड़से, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फणवीस और वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की एक बैठक हुई, जिसमें सरकार बनाने की तैयारियों के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
खड़से ने बताया, विधायक दल का नेता राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मिलकर राज्य सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेगा। खडसे ने कहा, अगर राज्यपाल चाहेंगे तो हम सदन में अपना बहुमत साबित करके दिखाएंगे।
चुनाव में जो हुआ, उसे भूल जाइए
कुछ दिनों पहले तक भाजपा पर हमलावर रही उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी शिवसेना के सुर पूरी तरह बदल गए हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में भाजपा को समर्थन के खुले ऎलान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि जनता ने भाजपा को जनसमर्थन दिया तो हमारी पार्टी को उसका सम्मान करना चाहिए।
राउत ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा मोदी का सम्मान करती रही है। संजय ने कहा कि भाजपा से हमारे रिश्ते बहुत पुराने रहे हैं और चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ उसे हम भूल गए हैं, उन्हें भी ऎसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा लड़ाई कोई भारत-पाकिस्तान के बीच का झगड़ा नहीं है।
इधर, एनसीपी भी आतुर
एक और जहां, शिवसेना भाजपा के पाले में कूदने को तैयार है तो कांग्रेस की पूर्व सहयोगी एनसीपी भी भगवा दल को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अगर विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग होती है, तो उनकी पार्टी सदन से वॉक आउट करेगी। उन्होंने कहा कि वह राज्य में एक स्थिर सरकार चाहते हैं, इसलिए इसलिए हम ऎसा करेंगे।
मायने ये
मान लीजिए, बहुमत प्राप्ति के लिए राज्य विस में वोटिंग होती है और उसमें एनसीपी मौजूद नहीं रहती है तो सदन में बहुमत का फैसला उपस्थित संख्या बल के आधार पर होगा और 121 विधायकों वाली भाजपा कुछ निर्दलीय का साथ लेकर आसानी से बहुमत साबित कर सकती है।
भाजपा विधायक का निधन
एक ओर, जहां भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक आज अपना नेता चुन रहे हैं तो वहीं उनके एक सहयोगी और मुदखेड़ से पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक गोविंद राठौर का सोमवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पार्टी प्रवक्ता माधव भंडारी ने बताया, वे विधायक दल की बैठक के लिए ट्रेन से मुंबई आ रहे थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। -
इस बीच, राज्य की अन्य दो बड़ी पार्टियों यानी शिवसेना और एनसीपी में भाजपा को समर्थन देने की जैसे होड़ ही लग गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि महाराष्ट्र की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 31 अक्टूबर को होगा।
भाजपा विधायक चुनेंगे नेता
महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों की बैठक मंगलवार शाम 4 बजे होगी। इसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। चूंकि सरकार भाजपा के नेतृत्व में ही बननी है तो भाजपा विधायक दल का नया नेता ही प्रदेश का नया मुख्यमंत्री होगा। बैठक में पार्टी पर्यवेक्षक के तौर पर राजनाथ और जेपी नaा मौजूद रहेंगे।
बैठकों का दौर
इससे पहले महाराष्ट्र में भाजपा के बड़े नेता एकनाथ खड़से, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फणवीस और वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की एक बैठक हुई, जिसमें सरकार बनाने की तैयारियों के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
खड़से ने बताया, विधायक दल का नेता राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मिलकर राज्य सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेगा। खडसे ने कहा, अगर राज्यपाल चाहेंगे तो हम सदन में अपना बहुमत साबित करके दिखाएंगे।
चुनाव में जो हुआ, उसे भूल जाइए
कुछ दिनों पहले तक भाजपा पर हमलावर रही उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी शिवसेना के सुर पूरी तरह बदल गए हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में भाजपा को समर्थन के खुले ऎलान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि जनता ने भाजपा को जनसमर्थन दिया तो हमारी पार्टी को उसका सम्मान करना चाहिए।
राउत ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा मोदी का सम्मान करती रही है। संजय ने कहा कि भाजपा से हमारे रिश्ते बहुत पुराने रहे हैं और चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ उसे हम भूल गए हैं, उन्हें भी ऎसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा लड़ाई कोई भारत-पाकिस्तान के बीच का झगड़ा नहीं है।
इधर, एनसीपी भी आतुर
एक और जहां, शिवसेना भाजपा के पाले में कूदने को तैयार है तो कांग्रेस की पूर्व सहयोगी एनसीपी भी भगवा दल को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अगर विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग होती है, तो उनकी पार्टी सदन से वॉक आउट करेगी। उन्होंने कहा कि वह राज्य में एक स्थिर सरकार चाहते हैं, इसलिए इसलिए हम ऎसा करेंगे।
मायने ये
मान लीजिए, बहुमत प्राप्ति के लिए राज्य विस में वोटिंग होती है और उसमें एनसीपी मौजूद नहीं रहती है तो सदन में बहुमत का फैसला उपस्थित संख्या बल के आधार पर होगा और 121 विधायकों वाली भाजपा कुछ निर्दलीय का साथ लेकर आसानी से बहुमत साबित कर सकती है।
भाजपा विधायक का निधन
एक ओर, जहां भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक आज अपना नेता चुन रहे हैं तो वहीं उनके एक सहयोगी और मुदखेड़ से पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक गोविंद राठौर का सोमवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पार्टी प्रवक्ता माधव भंडारी ने बताया, वे विधायक दल की बैठक के लिए ट्रेन से मुंबई आ रहे थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। -
दिल्ली सरकार के लिए राष्ट्रपति की हरी झंडी
नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर न्योता मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उपराज्यपाल नजीब जंग की सिफाारिश स्वीकर कर ली है।
दिलचस्प बात यह है कि आप द्वारा दिल्ली विधानसभा भंग करने के दायर मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को जवाब भी देना है।
दिल्ली में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 31 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी। हालांकि इसके तीन विधायक अब लोकसभा के सासंद चुने जा चुके हैं और चुनाव आयोग ने खाली हुए इन तीन सीटों के लिए 25 नवंबर को उपचुनाव की घोषणा भी कर दी है।
उपचुनाव भाजपा के लिए दिल्ली में लिटमस टेस्ट का काम कर सकती है। इसलिए कृष्णा नगर, तुगलकाबाद और महरौली सीट पर भाजपा एक बार फिर से कब्जा जमाना चाहेगी।
अभी है राष्ट्रपति शासन
इस साल फरवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि भाजपा कुछ अन्य विधायकों के सहयोग से दिल्ली में सरकार बना सकती है।
इसी बीच उपराज्यपाल ने 5 सितंबर को राष्ट्रपति को दिल्ली की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराते हुए पर एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें दिल्ली विधानसभा को भंग करने से पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का एक एक मौका दिए जाने की सिफारिश की गई थी।
अभी हैं भाजपा के 28 विधायक
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में भाजपा के पास अब 28 विधायक हैं जबकि आम आदमी पार्टी के पास 27 विधायक हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में सभी तीन सीटें जीत भी जाती है तो उसके कुल 31 विधायक ही होंगे।
अकाली दल के एक विधायक को जोड़ भी लिया जाए तो भाजपा गठबंधन के पास 32 विधायक ही होंगे, जो सदन में बहुमत से चार कम ही होंगे। अब यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि कैसे भाजपा दिल्ली में 35 के जादुई आंकड़े को पार करती है और सरकार बनाती है। -
दिलचस्प बात यह है कि आप द्वारा दिल्ली विधानसभा भंग करने के दायर मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को जवाब भी देना है।
दिल्ली में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 31 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी। हालांकि इसके तीन विधायक अब लोकसभा के सासंद चुने जा चुके हैं और चुनाव आयोग ने खाली हुए इन तीन सीटों के लिए 25 नवंबर को उपचुनाव की घोषणा भी कर दी है।
उपचुनाव भाजपा के लिए दिल्ली में लिटमस टेस्ट का काम कर सकती है। इसलिए कृष्णा नगर, तुगलकाबाद और महरौली सीट पर भाजपा एक बार फिर से कब्जा जमाना चाहेगी।
अभी है राष्ट्रपति शासन
इस साल फरवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि भाजपा कुछ अन्य विधायकों के सहयोग से दिल्ली में सरकार बना सकती है।
इसी बीच उपराज्यपाल ने 5 सितंबर को राष्ट्रपति को दिल्ली की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराते हुए पर एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें दिल्ली विधानसभा को भंग करने से पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का एक एक मौका दिए जाने की सिफारिश की गई थी।
अभी हैं भाजपा के 28 विधायक
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में भाजपा के पास अब 28 विधायक हैं जबकि आम आदमी पार्टी के पास 27 विधायक हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में सभी तीन सीटें जीत भी जाती है तो उसके कुल 31 विधायक ही होंगे।
अकाली दल के एक विधायक को जोड़ भी लिया जाए तो भाजपा गठबंधन के पास 32 विधायक ही होंगे, जो सदन में बहुमत से चार कम ही होंगे। अब यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि कैसे भाजपा दिल्ली में 35 के जादुई आंकड़े को पार करती है और सरकार बनाती है। -
राजे मंत्रिमंडल में ससुर और दामाद भी शामिल
जयपुर। दस माह बाद वसुंधरा राजे सरकार के मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार किया गया। विस्तार में राजे मंत्रिमण्डल में 15 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है।राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 4 काबिना मंत्री, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री बनाए गए। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने वालों में ससुर और दामाद भी शामिल है। शपथ लेने वालों में विधायक पुष्पेन्द्रसिंह विधायक राजपालसिंह शेखावत के रिश्ते में दामाद है। शेखावत झोटवाड़ा से तथा पुष्पेन्द्र सिंह बाली से विधायक है।शेखावत भैरों सिंह शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके है तथा पिछली बार टिकट नहीं मिलने से वह चुनाव में नहीं उतर पाए थे। चौथी बार विधायक बने पुष्पेन्द्र सिंह पहली बार मंत्री बने है। -
मंत्रिमंडल का विस्तार, आज हो सकता है विभागों का बंटवारा
जयपुर। प्रदेश में दस माह पुराने वसुंधरा राजे मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार हो गया। अब विकास व सुधार के लिए नीतिगत निर्णय और आमजन के काम की गति तेज होने की उम्मीद है। मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्री शामिल किए हैं।
राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 4 केबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री हैं।
वासुदेव देवनानी ने संस्कृत और अन्य ने हिंदी में शपथ ली। बांसवाड़ा के गढ़ी से विधायक जीतमल खांट समय पर नहीं पहुंचे। उन्हें देर शाम शपथ दिलाई गई। नए मंत्रियों को विभाग वितरण मंगलवार को हो सकता है।
मंत्रिमण्डल के विस्तार का असर
मुख्यमंत्री के पास गृह, उद्योग, वित्त, वन व पर्यावरण, पर्यटन, महिला व बाल विकास, परिवहन व खान विभाग सहित छोटे-बड़े 45 विभागों का प्रभार रहा है। जिलों व जाति-समुदायों का भी सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। अब विभागों का समुचित बंटवारा हो सकेगा। शीघ्र पत्रावली निस्तारण से आम लोगों को राहत मिलेगी।
4 और बन सकते हैं मंत्री
नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री हो गए हैं। लेकिन लोकसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता छोड़ चुके जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट के इस्तीफे के बाद यह संख्या 26 रह जाएगी। संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं
विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में 33 में से 19 जिलों को ही प्रतिनिधित्व है। सबसे अधिक 6 मंत्री जोधपुर संभाग तो सबसे कम एक मंत्री भरतपुर संभाग से हैं। जयपुर, उदयपुर, बीकानेर व अजमेर से 4-4 तथा कोटा संभाग से तीन मंत्री हैं।
इन जिलों का नहीं प्रतिनिधित्व
दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, भीलवाड़ा, जैसलमेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, डंूगरपुर और धौलपुर।
कक्ष में काम करते मिले सांवरलाल
सांसद बने जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, वो अभी मंजूर होना बाकी है। शपथ लेने के बाद पदभार संभालने मंत्री डॉ. रामप्रताप सचिवालय स्थित मंत्रालय भवन में आवंटित कक्ष में पहुंचे तो सांवरलाल वहां पहले से काम करते हुए मिले। कक्ष के बाहर से सांवरलाल की नेमप्लेट तक नहीं हटाई गई थी। -
राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 4 केबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री हैं।
वासुदेव देवनानी ने संस्कृत और अन्य ने हिंदी में शपथ ली। बांसवाड़ा के गढ़ी से विधायक जीतमल खांट समय पर नहीं पहुंचे। उन्हें देर शाम शपथ दिलाई गई। नए मंत्रियों को विभाग वितरण मंगलवार को हो सकता है।
मंत्रिमण्डल के विस्तार का असर
मुख्यमंत्री के पास गृह, उद्योग, वित्त, वन व पर्यावरण, पर्यटन, महिला व बाल विकास, परिवहन व खान विभाग सहित छोटे-बड़े 45 विभागों का प्रभार रहा है। जिलों व जाति-समुदायों का भी सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। अब विभागों का समुचित बंटवारा हो सकेगा। शीघ्र पत्रावली निस्तारण से आम लोगों को राहत मिलेगी।
4 और बन सकते हैं मंत्री
नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री हो गए हैं। लेकिन लोकसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता छोड़ चुके जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट के इस्तीफे के बाद यह संख्या 26 रह जाएगी। संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं
विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में 33 में से 19 जिलों को ही प्रतिनिधित्व है। सबसे अधिक 6 मंत्री जोधपुर संभाग तो सबसे कम एक मंत्री भरतपुर संभाग से हैं। जयपुर, उदयपुर, बीकानेर व अजमेर से 4-4 तथा कोटा संभाग से तीन मंत्री हैं।
इन जिलों का नहीं प्रतिनिधित्व
दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, भीलवाड़ा, जैसलमेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, डंूगरपुर और धौलपुर।
कक्ष में काम करते मिले सांवरलाल
सांसद बने जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, वो अभी मंजूर होना बाकी है। शपथ लेने के बाद पदभार संभालने मंत्री डॉ. रामप्रताप सचिवालय स्थित मंत्रालय भवन में आवंटित कक्ष में पहुंचे तो सांवरलाल वहां पहले से काम करते हुए मिले। कक्ष के बाहर से सांवरलाल की नेमप्लेट तक नहीं हटाई गई थी। -
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