जयपुर। प्रदेश में दस माह पुराने वसुंधरा राजे मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार हो गया। अब विकास व सुधार के लिए नीतिगत निर्णय और आमजन के काम की गति तेज होने की उम्मीद है। मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्री शामिल किए हैं।
राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 4 केबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री हैं।
वासुदेव देवनानी ने संस्कृत और अन्य ने हिंदी में शपथ ली। बांसवाड़ा के गढ़ी से विधायक जीतमल खांट समय पर नहीं पहुंचे। उन्हें देर शाम शपथ दिलाई गई। नए मंत्रियों को विभाग वितरण मंगलवार को हो सकता है।
मंत्रिमण्डल के विस्तार का असर
मुख्यमंत्री के पास गृह, उद्योग, वित्त, वन व पर्यावरण, पर्यटन, महिला व बाल विकास, परिवहन व खान विभाग सहित छोटे-बड़े 45 विभागों का प्रभार रहा है। जिलों व जाति-समुदायों का भी सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। अब विभागों का समुचित बंटवारा हो सकेगा। शीघ्र पत्रावली निस्तारण से आम लोगों को राहत मिलेगी।
4 और बन सकते हैं मंत्री
नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री हो गए हैं। लेकिन लोकसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता छोड़ चुके जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट के इस्तीफे के बाद यह संख्या 26 रह जाएगी। संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं
विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में 33 में से 19 जिलों को ही प्रतिनिधित्व है। सबसे अधिक 6 मंत्री जोधपुर संभाग तो सबसे कम एक मंत्री भरतपुर संभाग से हैं। जयपुर, उदयपुर, बीकानेर व अजमेर से 4-4 तथा कोटा संभाग से तीन मंत्री हैं।
इन जिलों का नहीं प्रतिनिधित्व
दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, भीलवाड़ा, जैसलमेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, डंूगरपुर और धौलपुर।
कक्ष में काम करते मिले सांवरलाल
सांसद बने जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, वो अभी मंजूर होना बाकी है। शपथ लेने के बाद पदभार संभालने मंत्री डॉ. रामप्रताप सचिवालय स्थित मंत्रालय भवन में आवंटित कक्ष में पहुंचे तो सांवरलाल वहां पहले से काम करते हुए मिले। कक्ष के बाहर से सांवरलाल की नेमप्लेट तक नहीं हटाई गई थी। -
राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 4 केबिनेट, 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री हैं।
वासुदेव देवनानी ने संस्कृत और अन्य ने हिंदी में शपथ ली। बांसवाड़ा के गढ़ी से विधायक जीतमल खांट समय पर नहीं पहुंचे। उन्हें देर शाम शपथ दिलाई गई। नए मंत्रियों को विभाग वितरण मंगलवार को हो सकता है।
मंत्रिमण्डल के विस्तार का असर
मुख्यमंत्री के पास गृह, उद्योग, वित्त, वन व पर्यावरण, पर्यटन, महिला व बाल विकास, परिवहन व खान विभाग सहित छोटे-बड़े 45 विभागों का प्रभार रहा है। जिलों व जाति-समुदायों का भी सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। अब विभागों का समुचित बंटवारा हो सकेगा। शीघ्र पत्रावली निस्तारण से आम लोगों को राहत मिलेगी।
4 और बन सकते हैं मंत्री
नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री हो गए हैं। लेकिन लोकसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता छोड़ चुके जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट के इस्तीफे के बाद यह संख्या 26 रह जाएगी। संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं
विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में 33 में से 19 जिलों को ही प्रतिनिधित्व है। सबसे अधिक 6 मंत्री जोधपुर संभाग तो सबसे कम एक मंत्री भरतपुर संभाग से हैं। जयपुर, उदयपुर, बीकानेर व अजमेर से 4-4 तथा कोटा संभाग से तीन मंत्री हैं।
इन जिलों का नहीं प्रतिनिधित्व
दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर, भीलवाड़ा, जैसलमेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, डंूगरपुर और धौलपुर।
कक्ष में काम करते मिले सांवरलाल
सांसद बने जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, वो अभी मंजूर होना बाकी है। शपथ लेने के बाद पदभार संभालने मंत्री डॉ. रामप्रताप सचिवालय स्थित मंत्रालय भवन में आवंटित कक्ष में पहुंचे तो सांवरलाल वहां पहले से काम करते हुए मिले। कक्ष के बाहर से सांवरलाल की नेमप्लेट तक नहीं हटाई गई थी। -
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