सोमवार, 28 जुलाई 2014

फेसबुक पर दोस्त बने इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर से किया रेप



इंदौर। इंदौर पुलिस ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट को 23 वर्षीय सॉफ्ट वेयर इंजीनियर की अश्लील वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करने और बाद में बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गुजरात के भावनगर के रहने वाले सिविल इंजीनियरिंग स्टूडेंट ऋषभ काटोदिया को रविवार को गिरफ्तार किया गया।
Facebook friends raped, made MMS, blackmailed software engineer
पीडिता ने रविवार को आरोपी के खिलाफ लिखित में शिकायत की थी। भंवर कुंआ पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर के मुताबिक पीडिता ने आरोप लगाया था कि ऋषभ पिछले कई माह से उसे ब्लैकमेल कर रहा था। पीडिता ने बताया कि सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के जरिए उसकी ऋषभ से दोस्ती हुई थी। दोस्ती इंदौर में पढ़ाई के दौरान हुई थी। पीडिता ने बताया कि इस साल 4 जनवरी को ऋषभ इंदौर आया था। वह उसे घूमाने के लिए ले गया।

उसने कॉफी ऑफर की,जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था। कॉफी पीते ही वह बेहोश हो गई। इसके बाद ऋषभ ने अपने मोबाइल फोन से उसका अश्लील वीडियो बना लिया। दो महीने बाद ऋषभ ने उसे कॉल किया और वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी दी। ऋषभ ने पीडिता को वडोदरा आने के लिए कहा,जब पीडिता वहां गई तो ऋषभ ने उससे तीन दिन तक बलात्कार किया।

पीडिता ने अपनी शिकायत में बताया कि जब वह इंदौर लौटी तो ऋषभ ने अपने मोबाइल फोन से उसकी कुछ तस्वीरें डिलीट कर दी। कुछ वक्त बाद ऋषभ ने उसे कुछ अश्लील फोटोग्राफ्स भेजे। उस पर शादी के लिए दबाव बनाया। जब पीडिता ने शादी करने से मना कर दिया तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। एसआई के मुताबिक ऋषभ ने पीडिता के माता-पिता को उसके अश्लील फोटो दिखा दिए।

प्रताडित महिला ने पुलिस को शिकायत की और मुलाकात के लिए रविवार को ऋषभ को इंदौर बुलाया। ऋषभ जैसे ही इंदौर पहुंचा,पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376,354,506 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया। मामले की विस्तृत जांच जारी है।

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ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार

ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़े रखकर अर्थात भूखे-प्यासे रहकर पूरा महीना अल्लाह की इबादत में गुज़ार देते हैं। इस पूरे महीने को अल्लाह की इबादत में गुज़ार कर जब वे रोज़ों से फ़ारिग हो जाते हैं तो चांद की पहली तारीख़ अर्थात जिस दिन चांद दिखाई देता है, उस रोज़ को छोड़कर दूसरे दिन ईद का त्योहार अर्थात ‘बहुत ख़ुशी का दिन’ मनाया जाता है। इस ख़ुशी के दिन को ईद-उल-फ़ितर कहते हैं।
ईद-उल-फ़ित्‌र का अर्थ


'ईद-उल-फ़ित्‌र' दरअसल दो शब्द हैं। 'ईद' और 'फ़ित्‌र'। असल में 'ईद' के साथ 'फ़ित्‌र' को जोड़े जाने का एक खास मक़सद है। वह मक़सद है रमज़ान में ज़रूरी की गई रुकावटों को ख़त्म करने का ऐलान। साथ ही छोटे-बड़े, अमीर-ग़रीब सबकी ईद हो जाना। यह नहीं कि पैसे वालों ने, साधन-संपन्न लोगों ने रंगारंग, तड़क-भड़क के साथ त्योहार मना लिया व ग़रीब-गुरबा मुंह देखते रह गए। शब्द 'फ़ित्‌र' के मायने चीरने, चाक करने के हैं और ईद-उल-फ़ित्‌र उन तमाम रुकावटों को भी चाक कर देती है, जो रमज़ान में लगा दी गई थीं। जैसे रमज़ान में दिन के समय खाना-पीना व अन्य कई बातों से रोक दिया जाता है। ईद के बाद आप सामान्य दिनों की तरह दिन में खा-पी सकते हैं। 


फ़ितरा


ईद-उल-फ़ित्‌र अथवा 'ईद-उल-फ़ित्र' इस बात का ऐलान है कि अल्लाह की तरफ़ से जो पाबंदियां माहे-रमज़ान में तुम पर लगाई गई थीं, वे अब ख़त्म की जाती हैं। इसी फ़ित्र से 'फ़ितरा' बना है। फ़ित्रा यानी वह रक़म जो खाते-पीते, साधन संपन्न घरानों के लोग आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को देते हैं। ईद की नमाज़ से पहले इसका अदा करना जरूरी होता है। इस तरह अमीर के साथ ही ग़रीब की, साधन संपन्न के साथ साधनविहीन की ईद भी मन जाती है। असल में ईद से पहले यानी रमजान में ज़कात अदा करने की परंपरा है। यह ज़कात भी ग़रीबों, बेवाओं व यतीमों को दी जाती है। इसके साथ फ़ित्रे की रक़म भी उन्हीं का हिस्सा है। इस सबके पीछे सोच यही है कि ईद के दिन कोई ख़ाली हाथ न रहे, क्योंकि यह खुशी का दिन है। 







कैसे मनाते हैं?



ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान किसी पाक साफ़ जगह पर जिसे 'ईदगाह' कहते हैं, वहाँ इकट्ठे होकर दो रक्आत नमाज़ शुक्राने की अदा करते हैं। 'ए अल्लाह, आपका शुक्रिया कि आपने हमारी इबादत कबूल की।' इसके शुक्राने में हम दो रक्आत ईद की नमाज़ पढ़ रहे हैं। आप इसे क़बूल भी करें। ईद की नमाज़ का हुक्म भी अल्लाह तआला की तरफ से है। ईदगाह में नमाज़ पढ़ने के लिए जाने से मुसलमान लोग 'फ़ितरा' अर्थात 'जान व माल का सदक़ा' जो हर मुसलमान पर फ़र्ज होता है, वह ग़रीबों में बांटा जाता है। सदक़ा अल्लाह ने ग़रीबों की इमदाद का एक तरीक़ा सिखा दिया है। ग़रीब आदमी भी इस इमदाद से साफ़ और नये कपड़े पहनकर और अपना मनपसन्द खाना खाकर अपनी ईद मना सकते हैं। अमीर-ग़रीब एक साथ मिलकर नमाज़ पढ़ सकते हैं।


रोज़ा क्या है?


  रोज़ा
क़ुरान शरीफ़ के शब्दों में 'ए ईमान वालों, हमने तुम पर रोज़े पाक कर दिये हैं, जैसा कि तुमने पिछली उम्मतों (अनुयायियों) पर फ़र्ज किए थे ताकि तुम मुत्तफ़िक़ अर्थात फ़रमाबरदार बन जाओ। यह गिनती के चन्द दिन हैं अगर तुम में से कोई मरीज़ है या सफ़र में है, तो उस वक़्त रोज़े छोड़कर ईद के बाद में अपने रोज़े पूरे कर सकता है। रमज़ान के पूरे महीने में मुस्लिम लोग भूखे-प्यासे रहकर और इन्द्रियों पर नियंत्रण रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। वह शबे-क़द्र की रात को सारी रात जाग कर अल्लाह की इबादत करते हैं।


रमज़ान क्या है?


 
रमज़ान महीने का नाम है, जिस प्रकार हिन्दी महीने चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ, फाल्गुन होते हैं और अंग्रेज़ी महीने जनवरी, फ़रवरी, मार्च, अप्रॅल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर होते हैं । उसी प्रकार, मुस्लिम महीने, मुहर्रम, सफ़र, रबीउल अव्वल, रबीउल आख़िर, जमादी-उल-अव्वल, जमादी-उल-आख़िर, रजब, शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़िलक़ाद, ज़िलहिज्ज ये बारह महीने आते हैं।


शबे-क़द्र


रमज़ान के महीने में अल्लाह की तरफ़ से हज़रत मोहम्मद साहब सल्लहो अलहै व सल्लम पर क़ुरान शरीफ़ नाज़िल (उतरा) था। इस महीने की बरकत में अल्लाह ने बताया कि इसमें मेरे बंदे मेरी इबादत करें। इस महीने के आख़री दस दिनों में एक रात ऐसी है जिसे शबे-क़द्र कहते हैं। 21, 23, 25, 27, 29 वें में शबे-क़द्र को तलाश करते हैं। यह रात हज़ार महीने की इबादत करने से भी अधिक बेहतर होती है। शबे-क़द्र का अर्थ है, वह रात जिसकी क़द्र की जाए। यह रात जाग कर अल्लाह की इबादत में गुज़ार दी जाती है।


ख़ुशी का दिन


यह ख़ुशी ख़ासतौर से इसलिए भी है कि रमज़ान का महीना जो एक तरह से परीक्षा का महीना है, वह अल्लाह के नेक बंदों ने पूरी अक़ीदत (श्रद्धा), ईमानदारी व लगन से अल्लाह के हुक़्मों पर चलने में गुज़ारा। इस कड़ी आजमाइश के बाद का तोहफ़ा ईद है। पुस्तकों में आया है कि रमज़ान में पूरे रोज़े रखने वाले का तोहफ़ा ईद है। इस दिन अल्लाह की रहमत पूरे जोश पर होती है तथा अपना हुक़्म पूरा करने वाले बंदों को रहमतों की बारिश से भिगो देती है। अल्लाह पाक रमज़ान की इबादतों के बदले अपने नेक बंदों को बख्शे जाने का ऐलान फ़रमा देते हैं। ईद की नमाज़ के जरिए बंदे ख़ुदा का शुक्र अदा करते हैं कि उसने ही हमें रमज़ान का पाक महीना अता किया, फिर उसमें इबादतें करने की तौफ़ीक दी और इसके बाद ईद का तोहफ़ा दिया। तब बंदा अपने माबूद (पूज्य) के दरबार में पहुंचकर उसका शुक्र अदा करता है। सही मायनों में तो ये मन्नतें पूरी होने का दिन है। इन मन्नतों के साथ तो ऊपर वाले के सामने सभी मंगते बनने को तैयार हो जाते हैं। उस रहीमो-करीम (अत्यंत कृपावान) की असीम रहमतों की आस लेकर एक माह तक मुसलसल इम्तिहान देते रहे। कोशिश करते रहे कि उसने जो आदेश दिए हैं उन्हें हर हाल में पूरा करते रहें। चाहे वह रोज़ों की शक्ल में हो, सहरी या इफ़्तार की शक्ल में। तरावीह की शक्ल में या जकात-फ़ित्रे की शक्ल में। इन मंगतों ने अपनी हिम्मत के मुताबिक अमल किया, अब ईद के दिन सारे संसार का पालनहार उनको नवाजेगा। 

हरियाली तीज : शिव-पार्वती का त्योहार सावन और तीज







सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में राजस्थान और मध्यप्रदेश खासतौर पर मालवांचल की महिलाएँ बहुत श्रद्धा और उत्साह से मनाती हैं। आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव हमारे सर्वप्रिय पौराणिक युगल शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

तीज का महत्व : दो महत्वपूर्ण तथ्य इस त्योहार को महत्ता प्रदान करते हैं। पहला शिव-पार्वती से जुड़ी कथा और दूसरा जब तपती गर्मी से रिमझिम फुहारें राहत देती हैं और चारों ओर हरियाली छा जाती है। यदि तीज के दिन बारिश हो रही है तब यह दिन और भी विशेष हो जाता है।

जैसे मानसून आने पर मोर नृत्य कर खुशी प्रदर्शित करते हैं, उसी प्रकार महिलाएँ भी बारिश में झूले झूलती हैं, नृत्य करती हैं और खुशियाँ मनाती हैं। तीज के बारे में हिन्दू कथा है कि सावन में कई सौ सालों बाद शिव से पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। पार्वतीजी के 108वें जन्म में शिवजी उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए और पार्वतीजी की अपार भक्ति को जानकर उन्हें अपनी पत्नी की तरह स्वीकार किया।



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महिला होने का गर्व : तीज का त्योहार वास्तव में महिलाओं को सच्चा आनंद देता है। इस दिन वे रंग-बिरंगे कपड़े, लकदक करते गहने पहन दुल्हन की तरह तैयार होती हैं। आज कल तो कुछ विशेष नजर आने की चाह में ब्यूटी पार्लर जाना एक आम बात हो गई है। नवविवाहिताएँ इस दिन अपने शादी का जोड़ा भी चाव से पहनती हैं। वैसे तीज के मुख्य रंग गुलाबी, लाल और हरा है। तीज पर हाथ-पैरों में मेहँदी भी जरूर लगाई जाती है।

वट वृक्ष का महत्व : एक समय महत्वपूर्ण परंपरा है वट वृक्ष के पूजन की। इसकी लटकती शाखों के कारण यह वृक्ष विशेष सौभाग्यशाली माना गया है। औरतें वट वृक्ष पर झूला बाँधती हैं और बारिश की फुहारों में भीगते-नाचते गाते हुए तीज मनाती हैं।

तीज के रीति-रिवाज :-
- पार्वतीजी का आशीष पाने के लिए महिलाएँ कई रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। विवाहित महिलाएँ अपने मायके जाकर ये त्योहार मनाती हैं।

- जिन लड़कियों की सगाई हो जाती है, उन्हें अपने होने वाले सास-ससुर से सिंजारा मिलता है। इसमें मेहँदी, लाख की चूड़ियाँ, कपड़े (लहरिया), मिठाई विशेषकर घेवर शामिल होता है।

- विवाहित महिलाओं को भी अपने पति, रिश्तेदारों एवं सास-ससुर के उपहार मिलते हैं। इस दिन महिलाएँ उपवास रखती हैं।

- आकर्षक तरीके से सभी माँ पार्वती की प्रतिमा मध्य में रख आसपास महिलाएँ इकट्ठा होकर देवी पार्वती की पूजा करती हैं। विभिन्न गीत गाए जाते हैं।

एसएचओ को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, पुलिसकर्मी हुए फरार -

पाली। पाली जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को शिवपुरा थाना प्रभारी को 35 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी थाना प्रभारी राजू राम ने सुमेरपुर सीट से 2013 विधानसभा का चुनाव लड़ चुके बसपा प्रत्याशी नरेन्द्र कुमार से रिश्वत ली थी।
shivpura sho raju ram arrested for taking bribe in pali


आरोपी ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी देकर घूस मांगी थी। एसीबी मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं एसीबी के आने की भनक लगते ही थाने में मौजूद पुलिस कर्मी भाग छूटे।

पाली एसीबी के अतिरिक्त अधीक्षक राम प्रकाश शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई को नरेन्द्र और उसके दोस्तों को थाना प्रभारी राजू राम ने पकड़ा था। इसके बाद राजू राम ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी और ऎसा न करने के बदले एक लाख रूपए मांगे। नरेन्द्र ने इतने पैसे नहीं होने की बात कही तो थानाधिकारी ने 51-51 हजार के दो चैक रख लिए।

नरेन्द्र ने मामले की शिकायत एसीबी में की। शिकायत के सत्यापन के बाद सोमवार सुबह कार्रवाई को अंजाम दिया गया। नरेन्द्र ने थानाधिकारी राजू राम को 35 हजार रूपये दिए, इशारा पाकर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए राजू राम की पैंट से रकम जब्त कर ली। वहीं आरोपी की निशानदेही से 51-51 हजार के दोनों चैक भी बरामद कर लिए।

थाना छोड़ भागे पुलिसकर्मी
शिवपुरा थाने के पुलिसकर्मियों को जैसे ही एसीबी टीम की कार्रवाई की जानकारी मिली। दो महिला पुलिस कर्मियों को छोड़कर सभी कर्मचारी भाग छूटे। बताया जाता है कि थाना कर्मी इस घटना में शामिल नहीं थे।

लेकिन थाने से उनका भाग निकलना चर्चा का विषय बन गया। वहीं पीडित नरेन्द्र 2013 विधानसभा चुनावों में सुमेरपुर सीट से बसपा का चुनाव लड़ चुका है। चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। -  

बाड़मेर हिंदी का राष्ट्रिय स्वरुप राजस्थानी की मान्यता के बिना संभव नहीं। .... कविया


हिंदी का राष्ट्रिय स्वरुप राजस्थानी की मान्यता के बिना संभव नहीं। .... कविया

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया ने कहा की हिंदी को राष्ट्रिय दर्जा राजस्थानी भाषा को मान्यता के बिना संभव नहीं। राजस्थानी भाषा का हम अपना भाषाई अधिकार लेके रहेंगे। कविया सोमवार को बाड़मेर में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वाका स्थानीय डाक बंगलो में आयोजित जिला स्तरीय सम्मलेन को सम्बोधित कर रहे थे ,उन्होंने कहा की हिंदी का इतिहास दौ सौ साल का हे जबकि राजस्थानी भाषा मुग़ल काल के समय से समृद्ध भाषा हैं ,उन्होंने कहा की बड़ी पीड़ा हे की छोटी बहन को सिरमौर कर दिया बड़ी बहन को बेघर ,उन्होंने कहा अब राजस्थानी जाग उठा हैं। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाकर हम अपने हक़ किसी और को छीनने नहीं देंगे ,उन्होंने कहा की बाहरी हिंदी भाषी प्रांतो से आये अधिकारीगण राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलाने में अड़ंगे दाल रहे हैं ,उन्होंने साफ़ कहा की अब राजस्थान का युवा अपनी मातृ भाषा का जीवन के विकास में महत्त्व को अच्छी तरह समझ गया हैं ,अब मान्यता के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे ,उन्होंने कहा की सरकार ने बन्दुक की नौक पर बोडो को मान्यता दी ,अगर सरकार बन्दुक की भाषा समझती हे तो हम उसके लिए तैयार हैं ,.सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद देवी सिंह चौधरी ने कहा की राजस्थानी भाषा के समृद्ध साहित्य और इतिहास को आम लोगो और नयी पीढ़ी के बीच पहुँचाने की आवश्यकता हैं ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा के कई ख्यातिनाम कवि साहित्यकार मालानी की धरा में हुए हैं मगर आज की पीढ़ी इससे अनजान हैं , सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के आंदोलन की लौ अब बढ़ चुकी हैं ,उन्होंने कहा की सरकार को आगे आकर भोजपुरी और राजस्थानी को मान्यता दे देनी चाहिए ,इस अवसर पर सोनाराम बेनीवाल ,मूलाराम भाम्भू ,रिडमल सिंह दांता ,इन्द्र प्रकाश पुरोहित , डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,डॉ हरपाल राव ,महेश दादानी ,दुरजन सिंह गड़ीसर ने भी सम्बोधित किया ,इससे पूर्व संस्थापक लक्ष्मण का स्वागत और सम्मान किया गया ,सम्मलेन में हिन्दू सिंह तामलोर ,भोम सिंह बलाई ,रमेश सिंह इन्दा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,काबुल खान ,खेतमल तातेड ,मुबारक खान ,जगदीश पुरोहित ,सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपश्थित थे ,कार्यक्रम सञ्चालन रघुवीर सिंह तामलोर ने किया ,

मां के साथ घूम रही थी, कार में अपहरण कर लिया

जोधपुर। चौपासनी रोड पर प्रथम पुलिया के पास शुक्रवार देर रात चार युवकों ने एक युवती का उसकी मां के सामने से कार में अपहरण कर लिया। मां की सूचना पर पुलिस ने नाकाबंदी कर पौन घंटे बाद मण्डोर नाके पर कार पकड़ ली और चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।Mother was dating, kidnapped in car
प्रतापनगर थानाधिकारी भंवरलाल पटेल के अनुसार प्रथम पुलिया के पास रहने वाली 22 वर्षीय बी कॉम डिग्रीधारी युवती अपनी मां व पड़ोसी के साथ रात साढ़े ग्यारह बजे वॉक कर रही थी। वह अपनी मां से कुछ आगे चल रही थी। घर से पांच सौ मीटर दूरी पर जयपुर नम्बर की एक कार आकर रूकी। उसमें सवार लोगों ने युवती को जबरन अंदर डाला और फरार हो गए। यह देख उसकी मां चिल्लाई और विरोध किया, लेकिन तब तक कार गायब हो गई। मां ने पुलिस को इसकी सूचना दी। साथ ही कार के नम्बर भी बताया। इस आधार पर तुरन्त ही शहरभर में नाकाबंदी करवा दी गई। आधा-पौन घंटे बाद मण्डोर नाके पर पुलिस ने यह कार रोक ली। उसमें सवार चार युवकों को युवती के साथ पकड़ लिया गया। प्रतापनगर थाने से उप निरीक्षक सोमकरण वहां पहुंचे और सभी को थाने लेकर आए।

युवती की मां की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर दौसा में लालसोट थानान्तर्गत डीडवाना निवासी अश्विनी कुमार पुत्र प्रभातीलाल शर्मा, खेमराज पुत्र ईश्वरदास, बबलू शर्मा पुत्र भगवान सहाय तथा बुद्धि प्रकाश पुत्र कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया। जबकि युवती को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। चारों आरोपी किसी कम्पनी में इवेंट का काम करते हैं। शाम को अदालत में पेश करने पर चारों युवकों को जेल भेज दिया गया।

बच्चों का पिता फिर भी शादी करना चाहता था युवती से

पुलिस ने बताया कि आरोपी अश्विनी इस युवती से परिचित है। वे फोन पर बात भी करते रहते हैं। शादी-शुदा व बच्चों का पिता होने के बावजूद अश्विनी उससे शादी करना चाहता था, जबकि युवती इसके खिलाफ थी। वह अपने तीन मित्रों के साथ शुक्रवार को परिचित की कार लेकर यहां आया था।

13 साल की गर्लफ्रेंड ने पहले नसें काटी और फिर...



जोधपुर। जोधपुर शहर के रातानाडा केसर बाग क्षेत्र निवासी नाबालिग प्रेमी जोड़ा शनिवार आधी रात के बाद आत्महत्या के इरादे से गुलाब सागर पहुंचा। तेरह साल की किशोरी हाथ की नस काटने के बाद पानी में कूद गई, लेकिन किशोर ठिठक गया। दोनो के मित्रों की सूचना पर परिजन गुलाब सागर पहुंचे और किशोर को पकड़ लिया। काफी मशक्कत के बाद रविवार अपराह्न किशोरी का शव पानी से बाहर निकाला जा सका। पुलिस के अनुसार लोको हरिजन बस्ती में केसर बाग स्थित ननिहाल में रह रही तेरह वर्षीय किशोरी अपने पड़ोस में रहने वाले 15 साल के किशोर के साथ शनिवार रात करीब एक बजे घर से निकली।

बाहर आने के बाद किशोर ने अपने दो मित्रों को बाइक लेकर बुलाया। उसके आग्रह पर दोनों मित्रों ने युगल को गुलाब सागर के पास गली में छोड़ा और घर वापस आ गए। इसी बीच, दोनों नाबालिग प्रेमियों के गायब होने का पता लगने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। पूछताछ करने पर दोनों युवकों ने उन्हें गुलाब सागर छोड़कर आने की जानकारी दी।
13 years old girl jumped into lake in jodhpur
परिजन गुलाब सागर पहुंचे तो किशोर गुलाब सागर के किनारे खड़ा मिल गया। उसने किशोरी के मामा को बताया कि वह पानी में कूद गई है। परिजनों ने तलाश के प्रयास किए, लेकिन अंधेरा होने की वजह से सफलता नहीं मिली। तड़के चार बजे उन्होंने पुलिस को अवगत कराया। उजाला होने पर पुलिस ने तलाश शुरू की। गोताखोरों की मदद से अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे बालिका का शव बाहर निकाला जा सका। मृतका 9वीं कक्षा की छात्रा थी।

हाथ की नसें काटने का भी प्रयास
पुलिस ने बताया कि पानी में कूदने से पहले बालिका ने किसी ब्लेड से हाथ की नस काटी थी। खून बहने पर किशोर ने अपनी कमीज या बनियान घाव पर बांध दी थी।

साथ में खुदकुशी करना चाहते थे, लेकिन...
एएसआई भगवान सिंह ने बताया कि आधी रात को एक साथ गुलाब सागर पहुंचना और बालिका के डूबने व किशोर के पीछे हटने से आशंका है कि दोनों आत्महत्या करने ही वहां गए थे। बालिका को छलांग लगाते देख किशोर घबरा गया और वहीं खड़ा रहा। तब तक परिजन वहां आए और उसे पकड़ लिया।

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खुलासा: फ्लाइट से आती थी काॅलगर्ल, 5 स्टार होटल में होता था अनैतिक काम

जयपुर. मैरियट होटल में रविवार को अनैतिक काम का भंडाफोड़ करते हुए जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने एक युवती और दलाल को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया है। होटल में अनैतिक काम होने की सूचना एसीपी सांगानेर बाघ सिंह को मिली थी। इसके बाद सांगानेर थाना पुलिस को भी कार्रवाई में साथ लिया गया। पुलिस के अनुसार इस बात की जांच कर रही है कि अनैतिक काम में होटल प्रबंधन का हाथ है या नहीं।
खुलासा: फ्लाइट से आती थी काॅलगर्ल, 5 स्टार होटल में होता था अनैतिक काम
एसीपी मालवीय नगर अशोक चौहान ने बताया कि मुंबई निवासी बीस वर्षीय युवती और राजधानी टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी की कार के ड्राइवर हरियाणा निवासी धर्मा (40) को गिरफ्तार किया गया है। एसीपी चौहान ने बताया युवती को 20 जुलाई को इंडिगो फ्लाइट से मुंबई से जयपुर बुलाया गया था। उसे होटल मैरियट के कमरा नंबर 707 में ठहराया गया था। उसे प्रतिदिन के 18 हजार रुपए देना तय किया था। युवती के सूटकेस में 1 लाख 60 हजार रुपए बरामद हुए है। पूछताछ में धर्मा ने बताया कि मालवीय नगर निवासी साक्षी नाम की महिला ने युवती को बुलाया था। वह ग्राहकों को होटल तक छोडऩे का काम करता था। धर्मा से पुलिस ने होटल का इलेक्ट्रो मैगनेटिक कार्ड बरामद किया है। यह कार्ड उसके पास 20 जुलाई से था।

रविवार, 27 जुलाई 2014

राजस्थानी भाषा समिति के संस्थापक कविया सोमवार को बाड़मेर में लेंगे बैठक



राजस्थानी भाषा समिति के संस्थापक कविया सोमवार को बाड़मेर में लेंगे बैठक

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया अठाईस तारिख को बाड़मेर आयेंगे। इसी दिन समिति की अहम् बैठक लेंगे।
समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की समिति के संस्थापक और राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष आन्दोलन के अग्रणी लक्ष्मण दान कविया सोमवार वार को बाड़मेर आयेंगे। उन्होंने बताया की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए आन्दोलन की रूप रेखा तय की जायेगी वही बाड़मेर में राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा महा उच्च्हब के आयोजन को अंतिम रूप दिया जायेगा। बैठक में समिति के समस्त पदाधिकारी सभी घटकों के पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता उपस्थित रहेंगे।बैठक में ब्लॉक के पदाधिकारी भी भाग लेंगे ,बैठक में समिति के सरंक्षक रावत त्रिभुवन सिंह राठोड ,जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ,इंद्र प्रकाश पुरोहित ,महेश दादानी ,डॉ लक्ष्मी नारायण ,भंवर लाल जेलिया ,नरेश देव सारण ,भीखदान चरण ,जीतेन्द्र छंगाणी ,आईदान सिंह इन्दा ,गोरधन सिंह जहरीला ,अनिल सुखानी ,फकीरा खान ,बाबू भाई शेख ,महबूब खान ,महेंद्र सिंह तारातरा ,रघुवीर सिंह तामलोर ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा , भोम सिंह बलाई ,आवड सिंह सोढा ,जीतेन्द्र फुलवरिया सहित कई कार्यकर्ता भाग लेंगे