शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

पट्टा नहीं मिला तो महिला तहसीलदार से छेड़छाड़!



जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में पट्टा लेने के लिए दो महीने से जेडीए के चक्कर काट रहे एक युवक ने बुधवार को अपना आपा खो दिया। जेडीए अफसरों से फाइल लम्बित होने का जवाब मिलने से झल्लाए युवक ने हल्ला मचाया तो एक महिला तहसीलदार ने उसके खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने और झगड़ा व छेड़छाड़ करने का आरोप लगा दिया। इस मामले में गांधी नगर थाना पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर गुरूवार को न्यायालय में पेश किया, जहां उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।
Man looses temper and eve teased woman SDM  in JDA
गिरफ्तार हष्ाüवर्द्धन सिंह (38) श्याम नगर स्थित विवेक विहार निवासी है। गांधी नगर थाना पुलिस ने बताया, बुधवार दोपहर जेडीए कन्ट्रोल रूम से सूचना मिली कि आरोपी ने महिला तहसीलदार से छेड़छाड़ कर झगड़ा किया और उसे पकड़कर बैठा रखा है। तहसीलदार ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पड़ताल में सामने आया कि गिरफ्तार युवक दो महीने से अपने ताऊ की प्रॉपर्टी का पट्टा लेने के लिए जेडीए के चक्कर काट रहा था। बुधवार को भी वह पट्टे के सम्बंध में जेडीए पहुंचा था। तहसीलदार का कहना है कि फाइल सम्बंधित अफसर को भेज दी थी।

जेडीए अफसरों का आरोप, पैसे देने की कोशिश की
300 वर्गगज जमीन के पट्टे के लिए आवेदन किया गया था। इसमें से 140 वर्गगज का पट्टा पहले ही दे दिया और बाकी 160 वर्गगज जमीन का पट्टा देना था। युवक 160 की जगह 220 वर्गगज जमीन का पट्टे के लिए दबाव बना रहा था। इसके लिए तहसीलदार को पैसे देने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।

मोबाइल दे मारा
जेडीए सचिव पवन अरोड़ा ने बताया कि लगातार दबाव बनाने के बाद भी काम नहीं होने से गुस्साए युवक ने तहसीलदार पर मोबाइल तक दे मारा। मोबाइल भी पुलिस को दे दिया गया।

सरकारी स्कूल में दिनदहाड़े अध्यापिका से गैंगरेप



बूंदी। राजस्थान के बूंदी जिले के डबलाना क्षेत्र के रैण गांव में एक अध्यापिका के साथ गैंगरेप का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। चार आरोपियों ने स्कूल के कमरे में ले जाकर अध्यापिका से सामूहिक बलात्कार किया। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने इनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
Government teacher gangraped inside school building in Bundi
जानकारी के अनुसार जिले के रैण प्राथमिक विद्यालय में एक महिला अध्यापिका की ड्यूटी है। रोज की तरह ही वह शुक्रवार को भी स्कूल आई थी। सुबह साढ़े नौ बजे के लगभग 4 जने स्कूल में आए। चारों आरोपी उसे उठाकर एक कमरे में ले गए और उसके मुंह में चुन्नी ठूंस दी। इसके बाद उससे बारी-बारी से बलात्कार किया।

इसके बाद आरोपी भाग गए। पीडिता के चिल्लाने पर आस पास के लोग वहां पहुंचे। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीडिता के बयान दर्ज किए। इस मामले में 4 में से 3 आरोपियों को पकड़ लिया गया है। वहीं पीडिता को मेडिकल के लिए बूंदी के राजकीय अस्पताल ले जाया गया है।

घटना के दौरान पीडिता स्कूल में अकेली ही थी। गौरतलब है कि अभी स्कूलों में परीक्षाओं की तैयारियों के लिए छुटि्टयां चल रही है।

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हुंकार कि कलंगी। …एक लोक कथा

हुंकार कि कलंगी। …एक लोक कथा 

उदयपुर के महलों में राणा जी ने आपात सभा बुला रखी थी| सभा में बैठे हर सरदार के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ नजर आ रही थी, आँखों में गहरे भाव नजर आ रहे थे सबके हाव भाव देखकर ही लग रहा था कि किसी तगड़े दुश्मन के साथ युद्ध की रणनीति पर गंभीर विचार विमर्श हो रहा है| सभा में प्रधान की और देखते हुए राणा जी ने गंभीर होते हुए कहा-
“इन मराठों ने तो आये दिन हमला कर सिर दर्द कर रखा है|”

“सिर दर्द क्या रखा है ? अन्नदाता ! इन मराठों ने तो पूरा मेवाड़ राज्य ही तबाह कर रखा है, गांवों को लूटना और उसके बाद आग लगा देने के अलावा तो ये मराठे कुछ जानते ही नहीं !” पास ही बैठे एक सरदार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा|

“इन मराठों जैसी दुष्टता और धृष्टता तो बादशाही हमलों के समय मुसलमान भी नहीं करते थे| पर इन मराठों का उत्पात तो मानवता की सारी हदें ही पार कर रहा है| मुसलमान ढंग से लड़ते थे तो उनसे युद्ध करने में भी मजा आता था पर ये मराठे तो लूटपाट और आगजनी कर भाग खड़े होते है|” एक और सरदार ने पहले सरदार की बात को आगे बढाया|

सभा में इसी तरह की बातें सुन राणा जी और गंभीर हो गए, उनकी गंभीरता उनके चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रही थी|

मराठों की सेना मेवाड़ पर हमला कर लूटपाट व आगजनी करते हुए आगे बढ़ रही थी मेवाड़ की जनता उनके उत्पात से बहुत आतंकित थी| उन्हीं से मुकाबला करने के लिए आज देर रात तक राणा जी मुकाबला करने के लिए रणनीति बना रहे थे और मराठों के खिलाफ युद्ध की तैयारी में जुटे थे| अपने ख़ास ख़ास सरदारों को बुलाकर उन्हें जिम्मेदारियां समझा रहे थे| तभी प्रधान जी ने पूरी परिस्थिति पर गौर करते हुए कहा-
“खजाना रुपयों से खाली है| मराठों के आतंक से प्रजा आतंकित है| मराठों की लूटपाट व आगजनी के चलते गांव के गांव खाली हो गए और प्रजा पलायन करने में लगी है| राजपूत भी अब पहले जैसे रहे नहीं जो इन उत्पातियों को पलक झपकते मार भगा दे और ऐसे दुष्टों के हमले झेल सके|”

प्रधान के मुंह से ऐसी बात सुन पास ही बैठे एक राजपूत सरदार ने आवेश में आकर बोला –“पहले जैसे राजपूत अब क्यों नहीं है ? कभी किसी संकट में पीछे हटे है तो बताएं ? आजतक हम तो गाजर मुली की तरह सिर कटवाते आये है और आप कह रहें है कि पहले जैसे राजपूत नहीं रहे ! पिछले दो सौ वर्षों से लगातार मेवाड़ पर हमले हो रहे है पहले मुसलमानों के और अब इन मराठों के| रात दिन सतत चलने वाले युद्धों में भाग लेते लेते राजपूतों के घरों की हालत क्या हो गयी है ? कभी देखा है आपने ! कभी राजपूतों के गांवों में जाकर देखो एक एक घर में दस दस शहीदों की विधवाएं बैठी मिलेंगी| फिर भी राजपूत तो अब भी सिर कटवाने के लिए तैयार है| बस एक हुक्म चाहिए राणा जी का! मराठा तो क्या खुद यमराज भी आ जायेंगे तब भी मेवाड़ के राजपूत पीठ नहीं दिखायेंगे|”

ये सुन राणा बोले- “राज पाने व बचाने के लिए गाजर मुली की तरह सिर कटवाने ही पड़ते है, इसीलिए तो कहा जाता है कि राज्य का स्वामी बनना आसान नहीं| स्वराज्य बलिदान मांगता है और हम राजपूतों ने अपने बलिदान के बूते ही यह राज हासिल किया है| धरती उसी की होती है जो इसे खून से सींचने के लिए तैयार रहे| हमारे पूर्वजों ने मेवाड़ भूमि को अपने खून से सींचा है| इसकी स्वतंत्रता के लिए जंगल जंगल ठोकरे खायी है| मातृभूमि की रक्षा के लिए घास की रोटियां खाई है, और अब ये लुटरे इसकी अस्मत लुटने आ गए तो क्या हम आसानी से इसे लुट जाने दे ? अपने पूर्वजों के बलिदान को यूँ ही जाया करें? इसलिए बैठकर बहस करना छोड़े और मराठों को माकूल जबाब देने की तैयारी करें|”

राणा की बात सुनकर सभा में चारों और चुप्पी छा गयी| सबकी नजरों के आगे सामने आई युद्ध की विपत्ति का दृश्य घूम रहा था| मराठों से मुकाबले के लिए इतनी तोपें कहाँ से आएगी? खजाना खाली है फिर सेना के लिए खर्च का बंदोबस्त कैसे होगा? सेना कैसे संगठित की जाय? सेना का सेनापति कौन होगा? साथ ही इन्हीं बिन्दुओं पर चर्चा भी होने लगी|

आखिर चर्चा पूरी होने के बाद राणा जी ने अपने सभी सरदारों व जागीरदारों के नाम एक पत्र लिख कर उसकी प्रतियाँ अलग-अलग घुड़सवारों को देकर तुरंत दौड़ाने का आदेश दिया|

पत्र में लिखा था-“मेवाड़ राज्य पर उत्पाती मराठों ने आक्रमण किया है उनका मुकाबला करने व उन्हें मार भगाने के लिए सभी सरदार व जागीरदार यह पत्र पहुँचते ही अपने सभी सैनिकों व अस्त्र-शस्त्रों के साथ मेवाड़ की फ़ौज में शामिल होने के लिए बिना कोई देरी किये जल्द से जल्द हाजिर हों|”

पत्र में राणा जी के दस्तखत के पास ही राणा द्वारा लिखा था- “जो जागीरदार इस संकट की घडी में हाजिर नहीं होगा उसकी जागीर जब्त कर ली जाएगी| इस मामले में किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं दी जाएगी और इस हुक्म की तामिल ना करना देशद्रोह व हरामखोरी माना जायेगा|”

राणा का एक सवार राणा का पत्र लेकर मेवाड़ की एक जागीर कोसीथल पहुंचा और जागीर के प्रधान के हाथ में पत्र दिया| प्रधान ने पत्र पढ़ा तो उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गयी| कोसीथल चुंडावत राजपूतों के वंश की एक छोटीसी जागीर थी और उस वक्त सबसे बुरी बात यह थी कि उस वक्त उस जागीर का वारिस एक छोटा बच्चा था| कोई दो वर्ष पहले ही उस जागीर के जागीरदार ठाकुर एक युद्ध में शहीद हो गए थे और उनका छोटा सा इकलौता बेटा उस वक्त जागीर की गद्दी पर था| इसलिए जागीर के प्रधान की हवाइयां उड़ रही थी| राणा जी का बुलावा आया है और गद्दी पर एक बालक है वो कैसे युद्ध में जायेगा? प्रधान के आगे एक बहुत बड़ा संकट आ गया| सोचने लगा-“क्या इन मराठों को भी अभी हमला करना था| कहीं ईश्वर उनकी परीक्षा तो नहीं ले रहा?”

प्रधान राणा का सन्देश लेकर जनाना महल के द्वार पर पहुंचा और दासी की मार्फ़त माजी साहब (जागीरदार बच्चे की विधवा माँ) को आपात मुलाकात करने की अर्ज की|

दासी के मुंह से प्रधान द्वारा आपात मुलाकात की बात सुनते ही माजी साहब के दिल की धडकनें बढ़ गयी-“पता नहीं अचानक कोई मुसीबत तो नहीं आ गयी?”

खैर.. माजी साहब ने तुरंत प्रधान को बुलाया और परदे के पीछे खड़े होकर प्रधान का अभिवादन स्वीकार करते हुए पत्र प्राप्त किया| पत्र पढ़ते ही माजी साहब के मुंह से सिर्फ एक छोटा सा वाक्य ही निकला-“हे ईश्वर ! अब क्या होगा?” और वे प्रधान से बोली-“अब क्या करें ? आप ही कोई सलाह दे! जागीर के ठाकुर साहब तो आज सिर्फ दो ही वर्ष के बच्चे है उन्हें राणा जी की चाकरी में युद्ध के लिए कैसे ले जाया जाय ?

तभी माजी के बेटे ने आकर माजी साहब की अंगुली पकड़ी| माजी ने बेटे का मासूम चेहरा देखा तो उनके हृदय ममता से भर गया| मासूम बेटे की नजर से नजर मिलते ही माजी के हृदय में उसके लिए उसकी जागीर के लिए दुःख उमड़ पड़ा| राणा जी द्वारा पत्र में लिखे आखिरी वाक्य माजी साहब के नजरों के आगे घुमने लगे-“हुक्म की तामिल नहीं की गयी तो जागीर जब्त कर ली जाएगी| देशद्रोह व हरामखोरी समझा जायेगा आदि आदि|”

पत्र के आखिरी वाक्यों ने माजी सा के मन में ढेरों विचारों का सैलाब उठा दिया-“जागीर जब्त हो जाएगी ! देशद्रोह व हरामखोरी समझा जायेगा! मेरा बेटा अपने पूर्वजों के राज्य से बाहर बेदखल हो जायेगा और ऐसा हुआ तो उनकी समाज में कौन इज्जत करेगा? पर उसका आज बाप जिन्दा नहीं है तो क्या हुआ ? मैं माँ तो जिन्दा हूँ! यदि मेरे जीते जी मेरे बेटे का अधिकार छिना जाए तो मेरा जीना बेकार है ऐसे जीवन पर धिक्कार| और फिर मैं ऐसी तो नहीं जो अपने पूर्वजों के वंश पर कायरता का दाग लगने दूँ, उस वंश पर जिसनें कई पीढ़ियों से बलिदान देकर इस भूमि को पाया है मैं उनकी इस बलिदानी भूमि को ऐसे आसानी से कैसे जाने दूँ ?

ऐसे विचार करते हुए माजी सा की आँखों वे दृश्य घुमने लगे जो युद्ध में नहीं जाने के बाद हो सकते थे- “कि उनका जवान बेटा एक और खड़ा है और उसके सगे-संबंधी और गांव वाले बातें कर रहें है कि इन्हें देखिये ये युद्ध में नहीं गए थे तो राणा जी ने इनकी जागीर जब्त कर ली थी| वैसे इन चुंडावतों को अपनी बहादुरी और वीरता पर बड़ा नाज है हरावल में भी यही रहते है|” और ऐसे व्यंग्य शब्द सुन उनका बेटा नजरें झुकाये दांत पीस कर जाता है| ऐसे ही दृश्यों के बारे में सोचते सोचते माजी सा का सिर चकराने लगा वे सोचने लगे यदि ऐसा हुआ तो बेटा बड़ा होकर मुझ माँ को भी धिक्कारेगा|




ऐसे विचारों के बीच ही माजी सा को अपने पिता के मुंह से सुनी उन राजपूत वीरांगनाओं की कहानियां याद आ गयी जिन्होंने युद्ध में तलवार हाथ में ले घोड़े पर सवार हो दुश्मन सेना को गाजर मुली की तरह काटते हुए खलबली मचा अपनी वीरता का परिचय दिया था| दुसरे उदाहरण क्यों उनके ही खानदान में पत्ताजी चुंडावत की ठकुरानी उन्हें याद आ गयी जिसनें अकबर की सेना से युद्ध किया और अकबर की सेना पर गोलियों की बौछार कर दी थी| जब इसी खानदान की वह ठकुरानी युद्ध में जा सकती थी तो मैं क्यों नहीं ? क्या मैं वीर नहीं ? क्या मैंने भी एक राजपूतानी का दूध नहीं पिया ? बेटा नाबालिग है तो क्या हुआ ? मैं तो हूँ ! मैं खुद अपनी सैन्य टुकड़ी का युद्ध में नेतृत्व करुँगी और जब तक शरीर में जान है दुश्मन से टक्कर लुंगी| और ऐसे वीरता से भरे विचार आते ही माजी सा का मन स्थिर हो गया उनकी आँखों में चमक आ गयी, चेहरे पर तेज झलकने लगा और उन्होंने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ प्रधान जी को हुक्म दिया कि-
“राणा जी हुक्म सिर माथे ! आप युद्ध की तैयारी के लिए अपनी सैन्य टुकड़ी को तैयार कीजिये हम अपने स्वामी के लिए युद्ध करेंगे और उसमें जान की बाजी लगा देंगे|”

प्रधान जी ने ये सुन कहा- “माजी सा ! वो तो सब ठीक है पर बिना स्वामी के केसी फ़ौज ?

माजी सा बोली- “हम है ना ! अपनी फ़ौज का हम खुद नेतृत्व करेंगे|”

प्रधान ने विस्मय पूर्वक माजी सा की और देखा| यह देख माजी सा बोली-
“क्या आजतक महिलाएं कभी युद्ध में नहीं गयी ? क्या आपने उन महिलाओं की कभी कोई कहानी नहीं सुनी जिन्होंने युद्धों में वीरता दिखाई थी ? क्या इसी खानदान में पत्ताजी की ठकुरानी सा ने अकबर के खिलाफ युद्ध में भाग ले वीरगति नहीं प्राप्त की थी ? मैं भी उसी खानदान की बहु हूँ तो मैं उनका अनुसरण करते हुए युद्ध में क्यों नहीं भाग ले सकती ?

बस फिर क्या था| प्रधान जी ने कोसीथल की सेना को तैयार कर सेना के कूच का नंगारा बजा दिया| माजी सा शरीर पर जिरह बख्तर पहने, सिर पर टोप, हाथ में तलवार और गोद में अपने बालक को बिठा घोड़े पर सवार हो युद्ध में कूच के लिए पड़े|

कोसीथल की फ़ौज के आगे आगे माजी सा जिरह वस्त्र पहने हाथ में भाला लिए कमर पर तलवार लटकाये उदयपुर पहुँच हाजिरी लगवाई कि-“कोसीथल की फ़ौज हाजिर है|




अगले दिन मेवाड़ की फ़ौज ने मराठा फ़ौज पर हमला किया| हरावल (अग्रिम पंक्ति) में चुंडावतों की फ़ौज थी जिसमें माजी सा की सैन्य टुकड़ी भी थी| चुंडावतों के पाटवी सलूम्बर के राव जी थे उन्होंने फ़ौज को हमला करने का आदेश के पहले संबोधित किया- “वीर मर्द राजपूतो ! मर जाना पर पीठ मत दिखाना| हमारी वीरता के बल पर ही हमारे चुंडावत वंश को हरावल में रहने का अधिकार मिला है जिसे हमारे पूर्वजों ने सिर कटवाकर कायम रखा है| हरावल में रहने की जिम्मेदारी हर किसी को नहीं मिल सकती इसलिए आपको पूरी जिम्मेदारी निभानी है मातृभूमि के लिए मरने वाले अमर हो जाते है अत: मरने से किसी को डरने की कोई जरुरत नहीं! अब खेंचो अपने घोड़ों की लगाम और चढ़ा दो मराठा सेना पर|”




माजी सा ने भी अन्य वीरों की तरह एक हाथ से तलवार उठाई और दुसरे हाथ से घोड़े की लगाम खेंच घोड़े को ऐड़ लगादी| युद्ध शुरू हुआ, तलवारें टकराने लगी, खच्च खच्च कर सैनिक कट कट कर गिरने लगे, तोपों, बंदूकों की आवाजें गूंजने लगी| हर हर महादेव केनारों से युद्ध भूमि गूंज उठी| माजी सा भी बड़ी फुर्ती से पूरी तन्मयता के साथ तलवार चला दुश्मन के सैनिकों को काटते हुए उनकी संख्या कम कर रही थी कि तभी किसी दुश्मन ने पीछे से उन पर भाले का एक वार किया जो उनकी पसलियाँ चीरता हुआ निकल गया और तभी माजी सा के हाथ से घोड़े की लगाम छुट गयी और वे नीचे धम्म से नीचे गिर गए| साँझ हुई तो युद्ध बंद हुआ और साथी सैनिकों ने उन्हें अन्य घायल सैनिकों के साथ उठाकर वैध जी के शिविर में इलाज के लिए पहुँचाया| वैध जी घायल माजी सा की मरहम पट्टी करने ही लगे थे कि उनके सिर पर पहने लोहे के टोपे से निकल रहे लंबे केश दिखाई दिए| वैध जी देखते ही समझ गए कि यह तो कोई औरत है| बात राणा जी तक पहुंची-
“घायलों में एक औरत ! पर कौन ? कोई नहीं जानता| पूछने पर अपना नाम व परिचय भी नहीं बता रही|”

सुनकर राणा जी खुद चिकित्सा शिविर में पहुंचे उन्होंने देखा एक औरत जिरह वस्त्र पहने खून से लथपथ पड़ी| पुछा –
“कृपया बिना कुछ छिपाये सच सच बतायें ! आप यदि दुश्मन खेमें से भी होगी तब भी मैं आपका अपनी बहन के समान आदर करूँगा| अत: बिना किसी डर और संकोच के सच सच बतायें|”

घायल माजी सा ने जबाब- “कोसीथल ठाकुर साहब की माँ हूँ अन्नदाता !”

सुनकर राणा जी आश्चर्यचकित हो गए| पुछा- “आप युद्ध में क्यों आ गई?”

“अन्नदाता का हुक्म था कि सभी जागीरदारों को युद्ध में शामिल होना है और जो नहीं होगा उसकी जागीर जब्त करली जाएगी| कोसीथल जागीर का ठाकुर मेरा बेटा अभी मात्र दो वर्ष का है अत: वह अपनी फ़ौज का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं सो अपनी फ़ौज का नेतृत्व करने के लिए मैं युद्ध में शामिल हुई| यदि अपनी फ़ौज के साथ मैं हाजिर नहीं होती तो मेरे बेटे पर देशद्रोह व हरामखोरी का आरोप लगता और उसकी जागीर भी जब्त होती|”

माजी सा के वचन सुनकर राणा जी के मन में उठे करुणा व अपने ऐसे सामंतों पर गर्व के लिए आँखों में आंसू छलक आये| ख़ुशी से गद-गद हो राणा बोले-

“धन्य है आप जैसी मातृशक्ति ! मेवाड़ की आज वर्षों से जो आन बान बची हुई है वह आप जैसी देवियों के प्रताप से ही बची हुई है| आप जैसी देवियों ने ही मेवाड़ का सिर ऊँचा रखा हुआ है| जब तक आप जैसी देवी माताएं इस मेवाड़ भूमि पर रहेगी तब तक कोई माई का लाल मेवाड़ का सिर नहीं झुका सकता| मैं आपकी वीरता, साहस और देशभक्ति को नमन करते हुए इसे इज्जत देने के लिए अपनी और से कुछ पारितोषिक देना चाहता हूँ यदि आपकी इजाजत हो तो, सो अपनी इच्छा बतायें कि आपको ऐसा क्या दिया जाय ? जो आपकी इस वीरता के लायक हो|”

माजी सा सोच में पड़ गयी आखिर मांगे तो भी क्या मांगे|

आखिर वे बोली- “अन्नदाता ! यदि कुछ देना ही है तो कुछ ऐसा दें जिससे मेरे बेटे कहीं बैठे तो सिर ऊँचा कर बैठे|”

राणा जी बोले- “आपको हुंकार की कलंगी बख्सी जाती है जिसे आपका बेटा ही नहीं उसकी पीढियां भी उस कलंगी को पहन अपना सिर ऊँचा कर आपकी वीरता को याद रखेंगे|”


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फेसबुक पर प्यार हुआ, युवक शादीशुदा निकला तो दोस्त से करवा दी शादी


फेसबुक पर प्यार हुआ, युवक शादीशुदा निकला तो दोस्त से करवा दी शादी
पूछताछ में सारी कहानी सामने आई कि बीए फाइनल में पढ़ रही इस युवती की फेस बुक पर पिछले साल नवंबर में एक युवक से चैटिंग का दौर शुुरू हुआ। युवती रात्रि में पिता का मोबाइल अपने पास रखती थी। युवक ने खुद को अजमेर का बताते हुए एक दिन मोबाइल पर बातचीत की। अपना नाम संदीप बताया। फिर उसने खुद को हरियाणा के हिसार का बताया। बातें होती रहीं। जनवरी में संदीप एक युवक के साथ युवती के गांव आया।




 परबतसर (नागौर)
उसने फेसबुक पर एक युवती का प्रोफाइल देखा तो प्रभावित हो गया। मोबाइल नंबर लेकर उसे फोन किया। शुरुआत में उसने खुद को अजमेर का रहने वाला बताया। बातचीत शुरू होने लगी तो बताया कि वह हिसार (हरियाणा) का रहने वाला है। फिर कुछ ऐसा हुआ कि युवती फिर भी उसके प्यार में पागल होकर घर से भाग कर उस युवक के पास पहुंच गई। युवक ने उसे नौकरी दिलवाने व शादी करने का दबाव बनाकर हरियाणा में होटलों में रखा। दस दिन तक उससे दुष्कर्म करता रहा, लेकिन खुलासा हुआ कि युवक तो शादीशुदा है। यह जानकर लड़की के होश ही उड़ गए, लेकिन शातिर युवक ने दाव खेलते हुए अपने दोस्त से ही उसकी शादी करवा दी। युवती आखिर करती भी क्या। उससे लाखों रुपए के जेवरात व लेपटॉप भी उस युवक ने हड़प लिए, लेकिन हर कहानी की तरह इसमें भी पटाक्षेप कुछ इस तरह हुआ कि बात पुलिस तक पहुंची और आखिर में पुलिस ने नागौर जिले के गच्छीपुरा थाने के एक गांव की इस युवती की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक, उसके पिता व दोस्त के खिलाफ गैंग रेप व धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दो जनों को पकड़ लिया। इस कहानी का मुख्य आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से दूर है।
परबतसर एडीजे क्षेत्र के थाना गच्छीपुरा के गांव गेढ़ा खुर्द के एक व्यक्ति ने 24 फरवरी को गच्छीपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि रात को घर में सोई उसकी 22 वर्षीय पुत्री सुबह गायब मिली। पुलिस ने जांच शुरू की। इस बीच 3 मार्च को हरियाणा पुलिस से सूचना मिली कि युवती तो चंडीगढ़ में है। पुलिस चंडीगढ़ पहुंची, युवती को उसके परिजनों के साथ गच्छीपुरा लाया गया। युवती ने माता पिता को पूरी घटना बताई। चार मार्च को थाने में पीडि़ता के पिता ने हरियाणा के भिवानी जिला निवासी संदीप बुर्रा पुत्र गुलशन जाट व विजय कुमार पुत्र श्रीनिवास जाट के खिलाफ मामला दर्ज कराया कि ये उसकी पुत्री को 23 फरवरी की रात बोलेरो में डाल कर अपहरण कर ले गए। युवती के साथ उसकी मां के 15 तोला सोने के जेवरात, लैपटॉप नगदी व चांदी के जेवरात भी ले गए। संदीप व विजय ने उससे दुष्कर्म किया।
 

लक्ष्मी की कृपा और गरीब बना करोड़पति

अबोहर। उसने कभी लॉटरी की टिकट नहीं खरीदी थी। दोस्त ने खुद की टिकट के साथ उसके लिए भी एक टिकट खरीद ली और उधार पर ली गई इस टिकट ने आज उसे करोड़पति बना दिया।

दोस्त तो एक अंक से चूक गया, लेकिन अबोहर में एक स्वीट हाउस पर पूरी बेलने वाला सुभाष शर्मा किस्मत का सिंकदर निकला। पंजाब सरकार की एक करोड़ की लॉटरी निकलने की सूचना मिली तो एकबारगी उसकी बांछे खिल गई।
by luck he become crorepati
गोबिन्द नगरी निवासी सुभाष शर्मा को उसके दोस्त रिंकू शर्मा ने एक सप्ताह पहले रानी झांसी मार्केट स्थित प्रेम न्यूज एजेन्सी के मिहिर टिकट स्टाल से पंजाब सरकार के एक करोड़ रूपए इनाम वाली लॉटरी की टिकट खरीद कर दी।

पहले उसने मना किया, लेकिन रिंकू ने जबरन एक टिकट उसके नाम से खरीद पैसे बाद मेें देने का कह उसके जेब में डाल दी। बुधवार को समाचार पत्र में लॉटरी का परिणाम छपा।

सुभाष ने दुकान से अपने घर फोन कर टिकट ए सीरिज 377393 का मिलना करवाया तो खुशी से उछल पड़ा। वह करोड़पति बन चुका था। उधर सुभाष्ा अपने टिकट नम्बर 377394 से महज एक अंक से विजेता बनने से चूक गया।

और जुट गया काम में
सुभाष के लाटरी निकलने की सूचना मिलते ही लोग उसे बधाई देने दुकान पर पहुंच गए। उसने सभी का मुंह मीठा करवाया और फिर आम दिनों की तरह ही अपने काम में जुट गया।

उसका कहना था कि "मेरी किस्मत सी लॉटरी निकल गई आवदा कम्म थोड़ा छड़ना है" उसे टैक्स काटकर लगभग 67 लाख रूपए दिए जाएंगे। इतनी बड़ी रकम का वह क्या करेगा? इस सवाल पर उसने कहा नौ भाई बहनों में बांट देगा ताकि सभी का गुजर-बसर आसानी से हो सके।  

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मौत!

मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की सिंगापुर में मौत के समाचार हैं। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। chhota rajan died in singapore
सूत्रों के मुताबिक, छोटा राजन का सिंगापुर के अस्पताल की आईसीयू में उपचार चल रहा था। छोटा राजन के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। छोटा राजन को दाऊद का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता था।

सूत्रों ने बताया कि छोटा राजन के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

बताया जाता है कि छोटा राजन की तबीयत उस वक्त ज्यादा बिगड़ गई, जब वह बीच समंदर में डायलिसिस के दौर से गुजर रहा था।

लो ब्लड प्रेशर और छाती में दर्द की शिकायत के 6 घंटे बाद उसे अस्पताल लाया गया। इस दौरान उसे दिल का दौरा भी पड़ा था। -  

गुरुवार, 24 अप्रैल 2014

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति क होगा पुनर्गठन

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति क होगा पुनर्गठन

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति कि बाड़मेर जिला इकाई और उसके घटको क पुनर्गठन किया जयेगा। समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि लम्बे समय से समिति कि बाड़मेर इकाइ राजसथानी भाशा को मन्यता के लिये संघर्श कर रहि हैं। समिति के अभियान से हजारो मायड़ भाषा प्रेमी जुड़े हुए हें। उन्होंने बताया की समिति कि जिला ईकाई और घटको का ोुनर्गठन कर समिति के कार्यक्रमों और अभियान मे सक्रिय रझे कार्यकत्र्ताओं को शमिल कर इसका और अधिक विस्तार किय जाएगा ,उन्होने बताया कि समिति मे शिक्षाविद ,पत्रकार ,कवि ,साहित्यकार ,कथाकार , विषेषज्ञों को शामिल कर राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये एक बार फ़िर हुंकार भरी जायेगी। पुनर्गठन की जिम्मेदारी समिति के वरिष्ठ सदस्यो कि एक समिति को दी जाएंगी। जो नए पदाधिकारियों के मनोनय क काम देखेंगें। समिति के सरंक्षक रावत त्रिभुवन सिंघ राठोड़ ,भंवर लाल जेलिया ,इन्द्र प्रश पुरोहित ,डॉ लक्ष्मीं नारायण जोशी ,फकीरा खान ,रमेश सिंह इंदा ,नरेश देव सारण और श्रीमत्ती उर्मिला जैन को हैं।

बाल विवाह सामाजिक कंलक के साथ बच्चो के लिये अभिशाप

बाल विवाह सामाजिक कंलक के साथ बच्चो के लिये अभिशाप

बाडमेर 24 अप्रेल ( )बाल विवाह सामाजिक कंलक के साथ बच्चो के लिये अभिशाप है इस अभिशाप को मिटाने के लिये सभी को आगे आने कीजरूरत बतायी। उन्होने इसके अलावा यह भी बताया कि बाल विवाह कानूनी अपराध भी है । इसलिये इस अपराध में कोई शामिल न हो ऐसे प्रयासो की अपील की ।

ये अपील भारत सरकार के सूचना एंवम प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय द्वारानेहरूयुवाकेन्द एंवम केयर संस्था के सहयोग से बायतु ब्लाक के मूढो की ढाणी उच्च माध्यमिक विधालय में आयोजित प्रचार कार्यक्रम को सम्बोन्धित करते सामाजिक कार्यकत्र्ता एंवम अध्यापक धन्नाराम ने व्यक्त किये ।

उन्होने बताया कि अब ग्रामीण अखातीज के बजाय उसके आस-पास की तिथियो में भी बालविवाह कर देते है ताकि सरकारी मशीनरी से आसानी से बच सके । परन्तु वे लोग अपने बच्चो का समय से पहले विवाह करने से उनके पढने की उम्र में विवाह जैसी जिम्मेदारी डाल कर शिक्षा से ध्यान बटाने का कार्य कर रहे है । जो उनके शैक्षिक एंवम शारीरिक विकास के लियेअच्छा नही है ।

इस अवसर पर आगनवाडी कार्यकर्ता बाली देवी ने बताया कि हम लोग अब काफी जागरूक हो गये है उसके पीछे शिक्षा की बडी भूमिका है । उसके बावजूद अनेक लोग एक ही खर्च में अनेक विवाह कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति का कार्य करते है इस कार्य को रोकने के लिये हम चैकस एंवम सावधान है ।

देवी ने बताया कि हम ऐसे विवाहो को रोकने के लिये पहले अपने स्तर पर विशेष कर महिलाओ को समझाते है । यदि महिलाओ की नही चलती है तो उसे कानूनी रूप् से रूकवाने का भी प्रयास जरूर करेगे ।

संकल्प दिलवाया

डीएफपी बाडमेर द्वारा मूढो की ढाणी स्कूल के सभी छात्रो को बालविवाह न करने तथा ना ही गांव में बालविवाह होने का संकल्प लेने के साथ गांव में बाल विवाह नही होने के प्रयास करेगे । इस अवसर पर छात्रो एंवम ग्रामीण महिलाओ को फोटो प्रर्दशनी के माध्यम से बाल विवाह से होने वाली हानियां की जानकारी के साथ प्रचार सामग्री भी वितरित की गयी ।












जैसलमेर नकबजनी करने वाला शातिर नकबजन पुलिस की गिरफ्त


जैसलमेर  नकबजनी करने वाला शातिर नकबजन पुलिस की गिरफ्त

चोर तेजाराम आले दर्जे का नकबजन

पूर्व में भी कई चोरियों में गिरफतार



जैसलमेर  पुलिस थाना कोतवाली में डाॅ. अशोक पंवार, आयुर्वेदिक चिकित्सक ने रिपोर्ट दर्ज करवाई की दिनंाक 16.04.2014 की रात्रि में अज्ञात चोरो द्वारा में आरसीपी काॅलोनी के मकान में चोरी कर किमती समान चोरी कर ले गये। जिस पर पुलिस थाना कोतवाली में चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज कर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई । जिस पर पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त चोर एवं शहर जैसलमेर में विगत दिनो में बढती चोरी, नकबजनी की वारदातो का पर्दा फाश करने हेतु जैठा राम निपु को निर्देश दिये गये। निर्देशों की पालना में जेठाराम निरीक्षक पुलिस के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया जिसमें नवल सिंह सउनि, हैड कानि. किशना राम, कानि0 दिनेश कुमार, अचला राम, यादव सिंह, माधो सिंह, चिमन सिंह को शामिल कर निर्देशित किया गया कि शहर में पुर्व चोरी नकबजनी की वारदातो को अंजाम देने वाले आदतन अपराधियो व संदिग्धान की तलाश कर गहन पुछताछ की जाकर चोरी नकबजनी के प्रकरणो को सरसब्ज करे। जिस पर पुलिस टीम द्वारा रात-दिन एक कर लगातार चोरो की तलाश जारी रखी गई तथा चोरो की तलाश पुलिस थाना कोतवाली एवं जिले के अन्य थाना क्षेत्रो में की गई। दौराने तलाशी निर्देशो की पालना में गठित टीम द्वारा शहर कोतवाल जेठा राम निपु के नेतृत्व में शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले आले दर्जे के चोर, नकबजन व हार्डकोर श्रेणी के अपराधी तेजा राम पुत्र प्रतापाराम जाति सुथार नि0 बबर मगरा जैसलमेर की गतिविधियो पर निगरानी रखते हुए दस्तयाब कर दिनंाक 23.04.14 को गिरफतार कर विस्तृत पुछताछ की गई तो आरसीपी कोलोनी निवासी डाॅक्टर अशोक पंवार के निवास से चोरी करने की वारदात स्वीकार की गई। जिस पर उक्त अपराधी की निशादेही से डाॅ0 अशोक पंवार के निवास से चोरी गया माल सोने का सिक्का व कैमरा बरामद किया गया। अन्य चोरी के प्रकरणो मे गहन पुछताछ जारी है। उक्त अपराधी से अन्य कई चोरिया खुलने की संभावना है।

जैसलमेर लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सराहनीय कार्य करने हेतु समानित


जैसलमेर लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सराहनीय कार्य करने हेतु समानित



जैसलमेर हाल  जिला जैसलमेर में लोकसभा चुनाव 2014 के प्रथम चरण के दौरान सराहनीय कार्य करने हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थापत पुरूषोतम पुरोहित वरिष्ठ लिपिक, प्रभारी सामान्य शाखा एवं कानिस्टेबल रामपाल को आईन्दा हौसला अफजाई हेतु समानित किया गया।

अलवर: बूथ पर पुलिसकर्मी को गोली लगी

अलवर। कठूमर क्षेत्र स्थित बीसली मतदान केन्द्र पर गुरूवार अपराह्न कार्बाइन लोड करते समय एक हैडकांस्टेबल से तीन फायर हो गए, जिसमें से दो गोलियां पास खड़े आरएसी के कांस्टेबल को लगी। firing held in alwar voting
घायल पुलिसकर्मी को कठूमर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद अलवर रैफर कर दिया। कांस्टेबल की हालत गंभीर बताई जा रही है।

जानकारी के मुताबिक गुरूवार दोपहर करीब 3.45 बजे कठूमर के बीसली बूथ पर मतदान चल रहा था। मतदान केन्द्र के अंदर डयूटी में तैनात थर्ड आरएसी बीकानेर का हैडकांस्टेबल रामानंद कार्बाइन में मैग्जीन लोड कर रहा था।

अचानक उसके हाथ से ट्रिगर दब गया और कार्बाइन से लगातार तीन फायर हुए, जिनमें से दो गोली वहां तैनात आरएसी के कांस्टेबल प्रेमपाल के कंधे और गर्दन में जाकर लगी। गोली लगते ही कांस्टेबल प्रेमपाल फर्श पर गिर पड़ा।

घटना को देख बूथ पर मौजूद पोलिंग पार्टी और वोट देने आए मतदाताओं में अफरा-तफरी मच गई। खून से लथपथ कांस्टेबल को तुरंत कठूमर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे प्राथमिक उपचार के बाद अलवर रैफर कर दिया।

उधर, लक्ष्मणगढ़ डीएसपी सुरजीत सिंह ने बताया कि बीसली बूथ पर तैनात आरएसी के हैडकांस्टेबल रामानंद से कार्बाइन लोड करते समय अचानक ट्रिगर दबने से तीन फायर हो गए, जिनमें से दो गोली आरएसी के कांस्टेबल प्रेमपाल को लगी हैं। कांस्टेबल को उपचार के लिए अलवर रैफर कर दिया गया है।

बाड़मेर पुलिस डायरी आज के अपराध समाचार

बाड़मेर पुलिस डायरी आज के अपराध समाचार


आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही


बाड़मेर राजेन्द्रसिंह उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना सिणधरी मय पुलिस पार्टी द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर मोजा चोसिरा में मुलजिम अर्जुनराम पुत्र मिश्राराम भील निवासी सिणधरी चोसिरा को दस्तयाब कर उसके कब्जा से 40 पव्वे देषी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

24 घण्टो में दर्ज अभियोग

1. प्रार्थी श्री जितेष पुत्र पारसमल जैन नि. मालियो का वास बाड़मेर ने पुलिस थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम अज्ञात द्वारा मुस्तगीस के चाचा के घर में रात्री के समय ताला तोड़कर अन्दर प्रवेष करके मोटर साईकल व अन्य सामान चुराकर ले जाना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली में प्रकरण दर्ज किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा है।

2. प्रार्थी श्री नरपत पुत्र हीरालाल नाई नि. डोला डुंगरी बाड़मेर ने पुलिस थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम अर्जुनसिंह पुत्र ईष्वरसिंह रावणा राजपूत नि. डोला डुंगरी गवैरा 6 द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस का रास्ता रोककर व रात्री के समय घर में प्रवेष कर मारपीट करना व गालीया निकालना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली में प्रकरण दर्ज किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा है।

3. प्रार्थीया ने पुलिस थाना महिला में मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम जेठाराम जाट निवासी होडू वगैरा द्वारा मुस्तगीसा से दहेज की मांग को लेकर मारपीट करना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना महिला में प्रकरण दर्ज किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा है।

4. प्रार्थी श्री माहदा पुत्र मिठूराम मेगवाल नि. लखे का तला ने पुलिस थाना बीजराड़ में मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम मठार पुत्र ठाकराराम मेगवाल नि. मिठडाउ वगैरा 3 द्वारा मुस्तगीस की भतीजी को दहेज के लिए प्रताडित कर मारपीट करना, स्त्रीधन हड़पना वगैरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बीजराड़ में प्रकरण दर्ज किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा है।

मोदी ने कहा, मुझे यहां मां गंगा ने बुलाया है



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बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी आज अपना नामांकन दाखिल करने वाराणसी पहुंचे हैं। काशी में मोदी ने कहा, 'मैं काशी को प्रणाम करता हूं, मेरे मन में विचार पहले यह विचार आया कि भाजपा ने मुझे यहां भेजा, फिर मैंने सोचा कि मैं काशी जा रहा हूं, पर अब मैं कहता हूं कि न मुझे भेजा गया और न ही मैं यहां आया, बल्कि मां गंगा ने मुझे यहां बुलाया। परमात्मा मुझे शक्ति दे कि मैं यहां के लोगों की सेवा करूं। मैं मां की गोद में वाराणसी में वापस आया हूं। उन्होंने कहा कि मैं शक्ति मिल के बुनकर भाइयों के लिये काम करूंगा। मां गंगा मुझे आर्शीवाद दें। उन्होंने कहा कि मैं यहां ऐसा काम करूंगा कि सारे विश्व में मां गंगा की और काशी की जय जयकार होगी।'

नामांकन दाखिल करने से पहले मोदी ने सुरक्षा घेरे में पार्टी कार्यककर्ताओं और समर्थकों के हुजूम के साथ रोड शो किया। यह रोड शो नदेसर से कचहरी इलाके तक हुआ।

गाड़ी पर सवार नरेंद्र मोदी को मलदहिया से जिला मुख्यालय के बीच लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पूरा करने में ज्यादा वक्त लगा क्योंकि यात्रा मार्ग पर भारी जनसैलाब था। भारी भीड़ के कारण मोदी का रोड शो धीरे-धीरे जिला मुख्यालय की तरफ बढ़ा। मोदी के वाहन को आगे बढ़ाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। उत्साही लोग भाजपा का झंडा और मोदी के नाम वाली टोपी पहनकर बीच सड़क पर हैं। नरेंद्र मोदी ने मिंट हाउस चौराहे पर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर फूल अर्पित किये। इसके बाद मोदी उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। यह रोड शो का अंतिम पड़ाव है। इसके बाद वह नामांकन करने जाएंगे।

मोदी के नामांकन के लिए जनसैलाब उमड़ा है। अमित शाह, मुखतार नक्वी, रविशंकर प्रसाद, लक्ष्मीकांत वाजपयी, आरएसएस के इंद्रेश कुमार साथ में हैं। मोदी ने बीएचयू के सिंहद्वार के पास मालवीय प्रतिमा पर पुष्पार्पण करके चारों तरफ जुटे हजारों लोगों को हाथ जोड़कर और पूरी तरह झुककर अभिवादन किया। काशीवासियों ने हर-हर महादेव का उदघोष कर उनका स्वागत किया।



चार घंटे की इस रोड शो का इंतजार बनारस की गलियों, घाट, शिक्षण संस्थानों से लेकर भगवान बुद्ध की तपोस्थली तक लोग बेसब्री से कर रहे थे। मोदी विशेष वायुयान से 24 अप्रैल को लालबहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए बीएचयू के हेलीपैड उतरे। विद्यापीठ में लैडिंग के बाद सुरक्षा घेरे में कार से मलदहिया स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा तक गए थे। यहां से मोदी खुली जीप में सवार होकर नामांकन स्थल को रवाना हुए।



रोड शो की तैयारियों में समन्वयक की भूमिका निभा रहे नवरत्न राठी ने कहा, 'इन लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अपने पारंपरिक लिबास में आएं ताकि इस रोड शो में मिनी इंडिया की झलक पेश की जा सके'।



काशी की गलियों में गुजरात के विकास की गाथा गा रहे मुस्लिम बंधुओं का दल नामाकंन जुलूस में सबसे आगे होगा। ढोल-मजीरा और शंख के साथ साधु-संतों की टोली होगी तो कुर्ता पायजामा और गले में केसरिया दुपट्टा पहने युवकों का समूह। नमो ब्रैंड वाली साड़ियों में महिला कार्यकर्ता नजर आएंगी। शहर के विभिन्न इलाकों में बसने वाले अन्य प्रांतों के कार्यकर्ता अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नजर आएंगे। मोदी के नामांकन को भव्य बनाने के लिए शहर के प्रतिष्ठित वकील, डॉक्टर, उद्यमी भी शामिल होंगे। भाजपा ने मलदहिया से लेकर मिंट हाउस तक कदम-कदम पर सड़क किनारे अपने उन कार्यकर्ताओं को टोली के रूप में खड़ा करेगी जो गुलाब की पंखुड़ियों से उन पर बारिश करेंगे।



मिंट हाउस पर भाजपा के पीएम उम्मीदवार का अपने आदर्श यानी स्वामी विवेकानंद से मिलन होगा। मिंट हाउस पर विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट कर मोदी काफिले के साथ अंबेडकर चौराहा पहुंचेंगे। वहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद नामांकन स्थल की ओर बढ़ेंगे। माना जा रहा है कि 11:30 से 12 के बीच वह अपना पर्चा भरेंगे। नामांकन के बाद मोदी सीधे पुलिस लाइन पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए रवाना हो जाएंगे।

गौरतलब है कि वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ही पर्चा दाखिल किया था।

नामांकन भरने के बाद नरेंद्र मोदी रैली के लिए बिहार के दरभंगा के लिए रवाना हो जाएंगे। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 24 अप्रैल। यहां आगामी 12 मई को मतदान होना है। गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस से अजय राय चुनावी मैदान में हैं।

भाजपा नेता ने नाबालिग से की तीसरी शादी

छतरपुर। दो पत्नियां और तीन बेटियां फिर भी तीसरी बार प्रेम विवाह कर डाला वह भी एक नाबालिग से, जिसने भी भाजपा नेता की इस करतूत के बारे में सुना अचंभित रह गया, लेकिन ये सच है।BJP leader did third marriage to minor
पहली ओर दूसरी पत्नी को जब पति की इस हरकत का पता चला तो वे दंग रह गई। एसपी को दिए शिकायती आवेदन में महिलाओं ने पति के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। गिरफ्तारी के भय से आरोपी फरार है।

एसपी को दिए आवेदन में खौंप निवासी महिला ने बताया कि करीब 14 वर्ष पहले उसकी शादी छतरपुर के माधव मिश्रा से हुई थी। कुछ वर्ष बाद पति ने उसे छोड़ दिया था। वह लंबे समय से अपने माता-पिता के यहां खौंप में रह रही है। उसकी दो बेटियां भी हैं। कुछ समय पहले पता चला कि उसके पति ने छतरपुर में ममता सिंह नाम की महिला से शादी कर ली है।

जब वह पति की दूसरी पत्नी से मिली तो पता चला कि माधव ने अपनी पहली शादी के बारे में ममता को कुछ नहीं बताया था। इसके बाद दोनों महिलाओं ने और सुराग जुटाए तो वे अवाक रह गई। उन्हें पता चला कि आरोपी माधव शहर की एक अन्य नाबालिग लकड़ी को भगा ले गया है और उससे शादी कर ली है। किशोरी के माता-पिता ने सिविल लाइन थाने में इसकी लिखित शिकायत भी की है। महिलाओं ने एसपी ललित शाक्यवार को ज्ञापन देकर आरोपी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।

नेतागिरी की धौंस
महिलाओं का कहना है कि आरोपी माधव अपने आप को भाजपा का नेता बताता है। वह अक्सर कहता था कि उसकी बडे-बड़े नेताओं से पहचान है। वह लोगों को अक्सर नेतागिरी की धौंस भी दिखाता था। हालांकि भाजपा के जिला प्रवक्ता प्रदीप खरे का कहना है कि पार्टी में माधव मिश्रा नाम का कोई पदाधिकारी नहीं है। हो सकता है कोई कार्यकर्ता हो। -

मतदान केन्द्र पर "शादी" का नजारा, वोटर्स हुए बाग-बाग



भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान एक मतदान केन्द्र पर रोचक नजारा देखने को मिला। भरतपुर के हीरादास बस स्टैण्ड के पास गोलपुरा रोड पर श्री अग्रसेन माध्यमिक विद्यालय में बनाए मॉडल मतदान केन्द्र का नजारा किसी शादी समारोह स्थल जैसा था। यहां मतदाताओं की सहूलियत के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई।
EC`s model polling booth project attracts voters
मतदान केन्द्र का नजारा देखकर मतदाता ओं ने भी आश्चर्यमिश्रित खुशी जाहिर की। मतदाताओं ने चुनाव आयोग की नई पहल को बेहतर कदम बताया। गौरतलब रहे कि चुनाव आयोग ने इस बार प्रत्येक जिले में एक आदर्श मतदाता (मॉडल) केन्द्र बनाया है, जिसे मतदाताओं के लिए आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया।

केन्द्र प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मॉडल केन्द्र पर मतदाताओं के लिए छाया, शीतल पेयजल, शौचालय, बैठने के लिए शामियाना, मुख्य द्वार से ईवीएम मशीन तक कारपेट, निशक्त:जन मतदाता के लिए व्हीलचेयर, मतदाता सहायता केन्द्र, उपलब्ध सुविधाओं के लिए साइन बोर्ड, बैनर लगाए गए। मतदान केन्द्र पर रंग-रोगन भी किया गया।

केन्द्र में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को सफेद टी-शर्ट व चुनरी का फैटा बांध रखा था। वहीं, बीएलओ मुरारीलाल ने बताया कि पहली बार इस तरह की व्यवस्था देख, कई लोग जिज्ञासावश इसका कारण भी पूछ रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की इस मॉडल केन्द्र की खासियत व व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाती है।