गुरुवार, 27 मार्च 2014

बाड़मेर में जसवंत के लिए जनता दिखा रही दम

बाड़मेर में जसवंत के लिए जनता दिखा रही दम 
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह इस बार बाड़मेर सीट से निर्दलीय मैदान में ताल ठोक रहे हैं। जसवंत बाड़मेर से भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी से होगा। ऐसी स्थिति में जसवंत के लिए जनता दम दिखा रही हें। 
Image Loading
जसवंत बाड़मेर जिले के जसोल गांव के हैं। पिछली बार वह दार्जिलिंग सीट से लोकसभा पहुंचे थे। भाजपा से मनमुटाव के बाद उन्होंने बाड़मेर के स्थानीय मतदाताओं से थाह ली और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। जिले में 1.5 लाख राजपूत मतदाता हैं। इसके अलावा, दूसरी जाति के मतदाताओं पर भी उनका प्रभाव है। लेकिन जसवंत की जीत की राह आसान नहीं दिखती। कांग्रेस से आए सोनाराम दिग्गज जाट नेता हैं और उन्हें वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। खुद वसुंधरा उनके लिए वोट की अपील कर रही हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद सोनाराम इस बार विधानसभा चुनाव हार गए थे।

 फायदा या नुकसान: हालांकि जसवंत ने अभी तक पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन उसे कहीं का छोड़ा भी नहीं है। वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के खिलाफ खुलेआम नाराजगी जता चुके हैं। साथ ही, नरेंद्र मोदी पर भी टिप्पणी करके पार्टी की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं। हालांकि कुछ नेता ‘बाहरी’ सोनाराम को टिकट देने से खफा हैं। इसलिए भीतरखाने जसवंत को समर्थन मिल सकता है।

मुश्किल राह: जसवंत के पुत्र मानवेंद्र सिंह शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, लेकिन वह भी मदद करने में असमर्थ हैं। वसुंधरा के रहते उनकी राह कभी आसान नहीं होगी। विधानसभा में जीत के बाद पार्टी में वसुंधरा का कद काफी बढ़ गया है। वसुंधरा ने चर्चा के लिए बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन मानवेंद्र इससे दूर रहे।

क्या होगा?: जसवंत यह कह कर पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं कि वह भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं। पार्टी ने उन्हें चुनाव के बाद अहम भूमिका सौंपने का प्रलोभन भी दिया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। ऐसी हालत में यदि वह नाम वापस नहीं लेते हैं तो भाजपा उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकती है। जिन्ना पर अपने रुख को लेकर पहले भी निकाले जा चुके हैं।

उपलब्धियां
1980-86 - राज्यसभा सांसद
1990-96 - लोकसभा सांसद
1998-04 - राज्यसभा सांसद

कई समितियों के सदस्य और प्रमुख रहे, योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं
वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्रालय (अतिरिक्त प्रभार) जैसे अहम पदों पर रहे

चौधरी के निधन पर सीएम ने जताया शोक

जयपुर। विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पूर्व राजस्व नेता गंगाराम चौधरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
राजे ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि स्व. चौधरी जीवन पर्यत किसानों और कमजोर वर्गो के हितों के लिए संर्घषरत रहे। उनके निधन से प्रदेश ने एक कुशल राजनेता खो दिया है। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में गांव, गरीब और किसान की बात की। - 

"रानियों की कोख से नहीं अब मतदान बॉक्स से पैदा होते हैं राजा"

चित्तौड़गढ़। "राजा अब रानियों की कोख से नहीं बल्कि मतदाता के बक्से से पैदा होता है।" ये कहना है राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का। राजे गुरूवार को चित्तौड़ दुर्ग पर जौहर श्रद्धाजंलि समारोह को सम्बोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि,"समय अब बदल चुका है। अब लड़ाई शस्त्रों से नहीं बल्कि शब्दों से होती है। चित्तौड़गढ़ अपनी वीरता के लिए पहचाना जाता है। किस वीरता के साथ इस दुर्ग पर लड़ाई लड़ी गई, वह एक जमाना था।""रानियों की कोख से नहीं अब मतदान बॉक्स से पैदा होते हैं राजा"
जौहर स्मृति संस्थान के इस सामाजिक आयोजन में मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक बातें भी की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा ने 163 सीटें जीती, यह किसी एक व्यक्ति की बदौलत नहीं बल्कि इसमें 36 कौमों का योगदान था।

राजस्थानी भाषा का भाजपा निकालेगी समाधान
उन्होंने कहा कि हमनें हर कौम को गले लगाकर साथ लेकर अपने पैरों पर खड़े करने का काम किया है। उन्होंने एक बार फिर भाजपा को राजस्थान में सभी 25 सीटों लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने की आह्वान किया। राजस्थानी भाष को मान्यता दिलाने की मांग पर उन्होंने कहा कि यह लड़ाई बहुत लम्बी है। अगर केन्द्र में भी भाजपा की सरकार बनी तो इस लड़ाई का समाधान निकल आएगा।

राज ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए नामाकंन दाखिल करने का काम बुधवार को ही खत्म हुआ है। इसलिए चुनाव प्रचार आज ही से शुरू हुआ है। यह उनका सौभाग्य है कि त्याग एवं बलिदान की इस धरती से आर्शीवाद लेकर चुनाव प्रचार को जा रहीं है।

मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे सेक्स अड्डे का भंडाफोड़

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में बुधवार रात को पुलिस ने मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया। शहर की सुखेर थाना पुलिस ने इस मामले में चार युवतियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे सेक्स अड्डे का भंडाफोड़
पुलिस उपाधीक्षक गोवर्धन लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के मीरा नगर में दो मंजिला मकान में वेश्यावृत्ति अड्डा चल रहा था। इस संबंध में मुखबिर से खबर मिली। इस पर बुधवार देर रात दो बोगस ग्र्राहकों को भेजा गया। आरोपियों ने इनसे 500-500 रूपये लिए और अंदर ले गए।

इशारा पाकर पुलिस ने अड्डे पर धावा बोल दिया। यहां से पुलिस ने चार युवतियों एवं तीन पुरूषों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में मुख्य संचालक जयपुर शहर के बदनपुरा का रहने वाला है। जबकि एक व्यक्ति अजमेर का रहने वाला है। गिरफ्तार युवतियों में से दो उदयपुर की है। वहीं बाकी की दो अजमेर और अहमदाबाद की रहने वाली है।

एसीबी के शिकंजे में आए दो घूसखोर, वैज्ञानिक और सुपरिटेंडेंट गिरफ्तार

बीकानेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) ने गुरूवार को दो अलग-अलग कार्रवाई करते हुए दो सरकारी अधिकारियों को घूस लेते गिरफ्तार किया। श्रीगंगानगर में जहां आईटीआई के सुपरिटेंडेंट को 15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। वहीं बीकानेर में जूनियर सांइटिस्ट को 4 हजार की घूस लेते पकड़ा गया। एसीबी के शिकंजे में आए दो घूसखोर, वैज्ञानिक और सुपरिटेंडेंट गिरफ्तार
एसीबी ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले के करणपुर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) अधीक्षक प्रेमचंद यादव को 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी ने रायसिंहनगर स्थित एक आईटीआई के प्राचार्य नरेश चन्द्र से सालाना निरीक्षक रिपोर्ट संतोषजनक देने की एवज में 25 हजार रूपये मांगे थे। इसके बाद मामला 15 हजार रूपये पर तय हुआ। इस पर नरेश ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का सत्यापन कराने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीसिंह के नेतृत्व में गुुरूवार को कार्रवाई की गई। एसीबी ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

वहीं बीकानेर में एसीबी ने प्रदूषण मंडल कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पवन कुमार को 4 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में हनुमानगढ़ निवासी मोहन लाल ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार मोहनलाल की पशु आहार बनाने की फैक्ट्री है जिसकी एनओसी चाहिए थी। इसके बदले आरोपी ने 4 हजार रूपये मांगे। इस पर कार्रवाई करते हुए गुुरूवार को आरोपी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।