शनिवार, 1 मार्च 2014

मोदी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी राखी सावंत

मुंबई। बॉलीवुड की आइटम गर्ल राखी सावंत ने आखिरकार पक्का फैसला कर लिया कि वे बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के लिए चुनाव प्रचार में भाग लेंगी।
शनिवार को बीजेपी मुख्यालय भी पहुंची सावंत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी ही देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। वे यह कहने से भी नहीं चूकी कि मैं भाजपा की बेटी हूं, यह मेरा घर है।

सावंत ने कहा कि वे बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मोदी की बहुत इज्जत करती हैं तथा चाहती हैं कि मोदी ही अगले प्रधानमंत्री बनें। मालूम हो कि गाहे बगाहे भी राखी सावंत बीजेपी और मोदी की तारीफ के पूल बांधती रही हैं।

उनका कहना है कि मोदी ही देश को आगे ले जाने में सक्षम है। चुनाव लड़ने के सवाल पर सावंत ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वे एक पैर पर खड़े होकर भी चुनाव लड़ेंगी तथा पीछे नहीं हटेंगी।

जीबी रोड के वैश्यालय पर लटकेगा ताला

जयपुर। दिल्ली की बदनाम जीबी रोड पर स्थित एक वैश्याल पर जल्द ही ताला लटक जाएगा। वैश्यालय को बंद करने का आदेश दिल्ली की ही एक विशेष अदालत ने दिया है। एक साल से विचाराधीन चल रहे मामले में अदालत ने बीते सप्ताह यह फैसला सुनाया है।

क्यों सुनाया गया फैसला
बीते साल मई माह में एक आंध्र प्रदेश की लड़की का अपहरण कर उसे दिल्ली के रेड लाइट इलाके में बेच दिया गया था। वहां स्थित एक वैश्यालय को चलाने वाली महिला ने लड़की को खरीदा था। लड़की की मर्जी के बिना उससे वैश्यावृत्ति कराई गई थी। दिल्ली पुलिस ने वैश्यालय पर छापा मारकर पीडित लड़की को बरामद किया था। पीडिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ केस दर्ज किया था।

यह आया फैसला
न्यायाधीश कावेरी बाजवा ने वैश्यालय चलाने वाली महिला को एक साल की जेल व चार हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है। साथ ही वैश्याल बंद करने का भी आदेश दिया है।

बुर्के पर मचा बवाल! मौलवी हुए नाराज

अलीगढ़। अलीगढ़ में बुर्के पर बवाल मच गया है। महिलाओं के डिजाइन किए गए स्टाइलिश बुर्के पहनने से मौलवी नाराज हो गए हैं। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
अखिल भारतीय इस्लामिक परिषद के उपाध्यक्ष मुफ्ती शमुन काश्मी ने कहा कि महिलाएं जिस डिजाइनर बुर्के का इस्तेमाल कर रही हैं, वो इस्लाम की नजर में ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में महिलाएं कीमती हैं, इसलिए हिफाजत के लिए उनको बुर्के में रहने की परंपरा है। लेकिन इस नए जड़ीदार और फीटिंग बुर्के पहनने से महिलाओं के प्रति लोग आकर्षित होंगे और दुष्कर्मियों को बढ़ावा मिलेगा।

वहीं, एक मदरसे के मुफ्ती अश्जाद ने कहा कि महिलाएं अगर सुरक्षित रहना चाहती हैं तो उनको इस तरह के परिधान नहीं पहनना चाहिए।

क्या कहती हैं महिलाएं?
इस मुद्दे पर महिलाओं का कहना है कि अच्छा दिखने की इच्छा रखने में कुछ भी गलत नहीं है। इस बुर्के को भी पहनने से महिला सिर से पांव तक ढ़की होती है।

एक कॉलेज छात्रा ने कहा कि नए दौर में हर चीजे आधुनिक हो रही हैं तो बुर्के के आधुनिक होने से क्या समस्या है।

वहीं, दुकानदारों का कहना है कि ऎसे बुर्के की डिमांड बाजार में काफी है। कोई पुराने तरीके का बुर्का नहीं खरीदना चाहता है। हर कोई नए स्टाइलिश बुर्के ही मांगता है।

क्या खास है इस बुर्के में
विदेशी गाउन की तर्ज पर बना यह बुर्का स्टाइलिश है। इसे डिजाइनर टच दिया गया है। यह पहले की तरह ढीला-ढाला नहीं है।

पचीस रसद अधिकारियो के तबादले ,भैराराम डिडेल बाड़मेर डी एस ओ


बाड़मेर राजस्थान सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग ने शनिवार को आदेश जारी कर पचीस जिला रसद अधिकारिवो को बदला हें। बाड़मेर के नए रसद अधिकारी भैरा राम डिडेल होंगे। बाड़मेर रसद अधिकारी सुरेश चंद को जोधपुर लगाया हें। देखिये सूचि



बाड़मेर। संसदीय राजनीति 1952 से थार की सियासत में दिग्गजों का रहा दबदबा


बाड़मेर। ये हैं अब तक के हमारे सांसद 

संसदीय राजनीति 1952 से थार की सियासत में दिग्गजों का रहा दबदबा


बाड़मेर। थार की सियासत में दांव पेच की राजनीति ने कई रंग दिखाए। लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर से दिग्गजों के सिर जीत का सेहरा बंधा। लोकतंत्र का आगाज राजपरिवारों को समर्पित रहा, लेकिन लंबी पारी कांग्रेस नेताओं ने खेली। वैसे रामराज्य परिषद, जनता पार्टी, जनता दल के प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। सियासत के सफर में कई उतार चढ़ाव आए। जनसंघ के नेता भैरोंसिंह शेखावत, कांग्रेस नेता खेतसिंह राठौड़ समेत कई बाहरी क्षेत्र के नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। छह दशक के राजनैतिक सफर में एकमात्र जनता दल से चुनाव जीते कल्याणसिंह कालवी को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया गया। यहां से तनसिंह, वृद्धिचंद जैन, अमृत नाहटा दो बार सांसद चुने गए। जबकि कर्नल सोनाराम चौधरी ने लगातार तीन बार चुनाव जीता।

कब कौन जीता किसे हराया
1952 भवानीसिंह निर्दलीय पूनमचंद विश्नोई कांग्रेस


1957 रघुनाथसिंह ((निर्दलीय)) गोवर्धनदास बिन्नानी ((कांग्रेस))


1962 तनसिंह ((रामराज्य परिषद)) ओंकारसिंह ((कांग्रेस))


1967 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) तनसिंह ((स्वतंत्र पार्टी))


1971 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) भैरोसिंह शेखावत ((जनसंघ))


1977 तनसिंह ((जनता पार्टी)) खेतसिंह ((कांग्रेस))


1980 वृद्घिचंद जैन((कांग्रेस)) चन्द्र वीरसिंह((जनता पार्टी))


1984 वृद्घिचंद जैन ((कांग्रेस)) गंगाराम चौधरी ((लोकदल))


1989 कल्याणसिंह कालवी ((जनता दल)) वृद्धिचंद जैन ((कांग्रेस))


1991 रामनिवास मिर्धा ((कांग्रेस)) कमल विजय ((भाजपा))


1996 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) जोगराजसिंह ((भाजपा))


1998 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) लोकेंद्रसिंह कालवी ((भाजपा))


1999 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))


2004 मेजर मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा)) कर्नल सोनाराम ((कांग्रेस))


2009 हरीश चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))


2014 कर्नल सोनाराम चौधरी (भाजपा) जसवंत सिंह (निर्दलीय )

लोकसभा चुनाव का आगाज 1952 में हुआ। छह दशक के चुनावी दंगल में अलग अलग पार्टियों के प्रत्याशी विजयी रहे। सर्वाधिक रिकार्ड मतों से जीत भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह ने सन 2004 के चुनाव में 2 लाख 71 हजार वोटों से दर्ज की। जबकि सबसे कम 17711 मतों से रामराज्य परिषद के प्रत्याशी तनसिंह ने सन 1962 में जीता था।


संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से लगातार तीन बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कर्नल सोनाराम के नाम दर्ज है। कर्नल ने सन 1996 में भाजपा प्रत्याशी जोगराजसिंह राजपुरोहित, 1998 में लोकेंद्रसिंह कालवी व सन 1999 में मानवेन्द्र सिंह को पराजित कर जीत दर्ज की। उन्होंने चार  बार सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया।२०१४ में सोनाराम चौधरी ने निर्दलीय जसवंत सिंह को महत्वपूर्ण मुकाबले में हराया था 



रिकार्ड जीत मानवेन्द्र के नाम सन 2004 के चुनाव में 2 लाखा 71 हजार वोटों से दर्ज की। थार में जीत का दबदबा रहा।अगले चुनावो में कांग्रेस के हरीश चौधरी ने भाजपा के मानवेन्द्र सिंह को हटाकर फिर सीट कांग्रेस कि झोली में डाल दी। इस बार लोक सभा के चुनाव दिलचस्प होंगे