गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013

जसवंत ने फिर कहा, आडवाणी को थी कंधार जाने की जानकारी



भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के दावे का खंडन करते हुए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने कहा है कि 1999 में इंडियन एयरलाइंस के हाइजैक किये गये विमान में बंधक यात्रियों को छोड़ने के बदले में रिहा किये गये तीन आतंकवादियों के साथ कंधार जाने के उनके विवादास्पद फैसले के बारे में तत्कालीन गृहमंत्री आडवाणी को जानकारी थी।
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हालांकि जसवंत ने कहा कि आडवाणी और अरुण शौरी, दोनों तत्कालीन मंत्रियों ने फैसले का विरोध किया था जो उन्होंने खुद लिया था और कैबिनेट को सूचित किया था।

जसवंत सिंह से जब पूछा गया कि क्या आडवाणी को निर्णय के बारे में जानकारी थी तो उन्होंने कहा कि वह कैबिनेट की बैठक में थे। तत्कालीन गृहमंत्री आडवाणी ने दावा किया है कि उन्हें जसवंत के आतंकवादियों के साथ जाने के फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी।

जसवंत सिंह ने अपनी नयी पुस्तक इंडिया एट रिस्क में उक्त घटनाक्रम के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने कहा कि मैंने निर्णय लिया। मैंने कैबिनेट को सूचित किया कि मैं जा रहा हूं। कैबिनेट ने मुझसे कहा, इसलिए मैं गया।

हालांकि किताब में उन्होंने इस बारे में उल्लेख नहीं किया कि विवादास्पद फैसला कैसे लिया गया। जब जसवंत से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने इस फैसले पर अफसोस है जिसकी काफी आलोचना हुई है, उन्होंने साफगोई से कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं।

धनतेरस की परम्परा आज भी है कायम



आधुनिक युग की तेजी से बदलती जीवन शैली में भी धनतेरस की परम्परा आज भी कायम है और समाज के सभी वर्गों के लोग कई महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी के लिए पूरे साल इस पर्व का बेसव्री से इंतजार करते हैं।
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पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धन्वतरि त्रयोदशी मनायी जाती है, जिसे आम बोलचाल में धनतेरस कहा जाता है। यह मूलत: धन्वन्तरि जयंती का पर्व है और आयुर्वेद के जनक धन्वन्तरि के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।



धनतेरस के दिन सोना, चांदी के अलावा बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस पर्व पर बर्तन खरीदने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसका कोई निश्चित प्रमाण तो नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि जन्म के समय धन्वन्तरि के हाथों में अमृत कलश था। इस अमृत कलश को मंगल कलश भी कहते हैं और ऐसी मान्यता है कि देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने इसका निर्माण किया था। यही कारण है कि आम जन इस दिन बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं।



आने वाली पीढ़ियां अपनी परम्परा को अच्छी तरह समझ सकें, इसके लिए भारतीय संस्कृति के हर पर्व से जुड़ी कोई न कोई लोक कथा अवश्य है। दीपावली से पहले मनाए जाने वाले धनतेरस पर्व से भी जुड़ी एक लोककथा है, जो कई युगों से कही सुनी जा रही है।



पौराणिक कथाओं में धन्वन्तरि के जन्म का वर्णन करते हुए बताया गया है कि देवता और असुरों के समुद्र मंथन से धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। वह अपने हाथों में अमृत कलश लिए प्रकट हुए थे। इस कारण उनका नाम पीयूषपाणि धन्वन्तरि विख्यात हुआ। उन्हें विष्णु का अवतार भी माना जाता है।



परम्परा के अनुसार धनतेरस की संध्या को मृत्यु के देवता कहे जाने वाले यमराज के नाम का दीया घर की देहरी पर रखा जाता है और उनकी पूजा करके प्रार्थना की जाती है कि वह घर में प्रवेश नहीं करें और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाएं। देखा जाए तो यह धार्मिक मान्यता मनुष्य के स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन से प्रेरित है।



यम के नाम से दीया निकालने के बारे में भी एक पौराणिक कथा है, एक बार राजा हिम ने अपने पुत्र की कुंडली बनवायी। इसमें यह बात सामने आयी कि शादी के ठीक चौथे दिन सांप के काटने से उसकी मौत हो जाएगी। हिम की पुत्रवधू को जब इस बात का पता चला तो उसने निश्चय किया कि वह हर हाल में अपने पति को यम के कोप से बचाएगी। शादी के चौथे दिन उसने पति के कमरे के बाहर घर के सभी जेवर और सोने, चांदी के सिककों का ढेर बनाकर उसे पहाड़ का रूप दे दिया और खुद रात भर बैठकर उसे गाना और कहानी सुनाने लगी ताकि उसे नींद नहीं आए।



रात के समय जब यम सांप के रूप में उसके पति को डंसने आए तो वह सांप आभूषणों के पहाड़ को पार नहीं कर सका और उसी ढेर पर बैठकर गाना सुनने लगा। इस तरह पूरी रात बीत गई और अगली सुबह सांप को लौटना पड़ा। इस तरह उसने अपने पति की जान बचा ली। माना जाता है कि तभी से लोग घर की सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन अपने घर के बाहर यम के नाम का दीया निकालते हैं ताकि यम उनके परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाए।



भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है, पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया, इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है, जो भारतीय संस्कृति के सर्वथा अनुकूल है।



धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बर्तन, सिक्‍के तथा आभूषण खरीदने की परम्परा रही है। सोना सौंदर्य में वृद्धि तो करता ही है, मुश्किल घड़ी में संचित धन के रूप में भी काम आता है। कुछ लोग शगुन के रूप में सोने या चांदी के सिक्‍के भी खरीदते हैं।



बदलते दौर के साथ लोगों की पसंद और जरूरत भी बदली है, इसलिए इस दिन अब बर्तनों और आभूषणों के अलावा वाहन, मोबाइल आदि भी खरीदे जाने लगे हैं। वर्तमान समय में देखा जाए तो मध्यम वर्गीय परिवारों में धनतेरस के दिन वाहन खरीदने का फैशन सा बन गया है। इस दिन ये लोग गाड़ी खरीदना शुभ मानते हैं। कई लोग तो इस दिन कम्प्यूटर और बिजली के उपकरण भी खरीदते हैं।



रीति, रिवाजों से जुड़ा धनतेरस आज व्यक्ति की आर्थिक क्षमता का सूचक बन गया है। एक तरफ उच्च और मध्यम वर्ग के लोग धनतेरस के दिन विलासिता से भरपूर वस्तुएं खरीदते हैं तो दूसरी ओर निम्न वर्ग के लोग जरूरत की वस्तुएं खरीद कर धनतेरस का पर्व मनाते हैं। इसके बावजूद वैश्वीकरण के इस दौर में भी लोग अपनी परम्परा को नहीं भूले हैं और अपनी ताकत के अनुसार यह पर्व मनाते हैं।

पटना ब्लास्ट का संदिग्ध एनआईए की हिरासत से फरार

मुजफ्फरपुर (बिहार) : पटना श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में एक संदिग्ध मेहरार आलम राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: की हिरासत से फरार हो गया। पुलिस सूत्रों ने आज यह जानकारी दी है।पटना ब्लास्ट का संदिग्ध एनआईए की हिरासत से फरार
सूत्रों ने बताया कि आलम को एनआईए ने दरभंगा से हिरासत में लिया था और उसे कल एक अन्य संदिग्ध मोहम्मद अफताब के घर ले जाया गया था। विस्फोट का एक अन्य संदिग्ध उज्जैर अहमद का रिश्तेदार आफताब अपनी पत्नी को छोड़ने दिल्ली हवाई अड्डे पर गया हुआ था जहां सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ के लिए ले गए।

सू़त्रों ने कहा कि शहर के मोतीझील के गेस्ट हाउस में आलम से पूछताछ की जा रही थी, जहां से कल रात वह फरार हो गया।
उन्होंने कहा कि आलम के फरार होने के बाद एनआईए ने टाउन थाने में एक एफआईआर दर्ज किया है और उनकी तलाशी शुरू कर दी है।

कुछ लोगों ने मेरी सुपारी ले रखी है: मोदी

अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नर्मदा जिले के तट पर सरदार पटेल की मूर्ति की नींव रखी। इस मूर्ति की विशेषता यह है कि यह विश्व में सबसे ऊंची मूर्ति होगी। शिलान्यास के इस कार्यक्रम में मोदी के साथ मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाए जाने का विरोध करने पर मोदी ने कहा कि उस वक्त जब मैंने महात्मा गांधी के नाम पर स्मारक बनाया था, तो किसी ने विरोध क्यों नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि पटेल जैसे महान नेता के बारे में यह कहना कि वे कांग्रेसी थे इसलिए मैं उनकी प्रतिमा नहीं बनवा सकता बिलकुल गलत है।

मोदी ने कहा कि दल से देश बडा होता है। विरासत का बंटवारा नहीं किया जा सकता है। अंबेडकर दलितों के भगवान है, वे यह नहीं पूछते कि अंबेडकर किस दल के थे। मोदी ने कहा कि उन्होंने इस मूर्ति को स्थापित करने का सपना देखा था। शिलान्यास करने पहुंचे मोदी ने कहा कि आज एक नया इतिहास बन रहा है।

मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर का सपना पटेल ने देखा था। देश के लिए मरने वालों का सम्मान होना चाहिए, हमें विरासतों को बांटना नहीं चाहिए और ऎसे कामों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मुझे मारने की सुपारी ले रखी है। अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने पीएम पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने मोदी को खत्म करने की सुपारी ली है।

मोदी ने ब्लॉग पर लिखा कि सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी। क्योंकि हम "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" की आधारशिला रखने जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है 182 मीटर ऊंची स्टेचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल होगी जिसके माध्यम से भारत के लौह पुरूष को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। यह साधु बेट में स्थित होगी जो सरदार सरोवर बांध के नजदीक है।

मोदी के ब्लॉग के अनुसार प्रतिमा का निर्माण आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पीपीपी मॉडल से किया जा रहा है। कुछ महीने पहले मैंने भारत भर के मेरे किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध किया था कि प्रतिमा के निर्माण के लिए अपनी खेती में इस्तेमाल होने वाले लोहे के उपकरणों को दान में दें। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ना केवल लौह पुरूष थे बल्कि एक किसान पुत्र भी थे। मैं एक बार फिर सभी से हमारे इस प्रयास में सहयोग की अपील करता हूं।

14 साल की उम्र में मां बनती हैं लड़कियां



जिनेवा। जो उम्र आमतौर पर गुड्डे गुडियों से खेलने और पढाई लिखाई की होती है, उस उम्र में विकासशील देशों की 14 से कम साल की 20 लाख बच्चियां हर साल मां बनती हैं।

संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकडे बताते हैं कि विकासशील देशों में 70 लाख से अधिक लड़कियां 18 साल से कम उम्र में गर्भवती होती हैं जिनमें से 20 लाख की उम्र 14 साल या उससे भी कम होती है। संयुकत राष्ट्र ने कल ही यह आंकडा जारी किया है जिसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।

वैश्विक स्तर पर महिलाओं की स्थिति सुधारने की लिए मुहिम चलाई जा रही है जिनमें उनके स्वास्थ्य का खास ख्याल रखा जा रहा है। दुनिया भर के विकासशील देशों में महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए तरह तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं और वैश्विक संगठनों इन कामों में देशों को सहायता प्रदान कर रहा है।

लेकिन जब बात किशोरियों के गर्भधारण की आती है तो सारी योजनाएं बेकार नजर आती हैं। किशोरियों के कम उम्र में गर्भधारण के कारण किसी भी देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर बुरा असर तो पड़ता ही है। साथ ही इससे उन गर्भवती किशेरियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा संकट मंडराने लगता है। कम उम्र में मां बनने वाली इन लडकियों के बच्चे भी ज्यादातर स्वस्थ नहीं रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी इस रिपोर्ट में 18 साल से कम उम्र में मां बनने वाली किशोरियों के आंकडे इकटा करने के अलावा उनके गर्भधारण की वजह और इस समस्या से छुटकारा पाने के उपायों पर चर्चा की है। रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र में गर्भवती बनने वाली इन बच्चियों और किशोरियाें को बाद के वर्षो में स्वास्थ्य संबंधी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यकारी निदेशक डाबाबा टुंडे ओसोतिमेहिन ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि किशोरियों और लडकियों के लिए गर्भ धारण हमेशा उनकी पसंद पर नहीं होता है बल्कि यह किसी प्रकार के विकल्प के अभाव का नतीजा है। यह उन परिस्थितियाें के कारण होता है जिस पर उस लड़की का कोई नियंत्रण नहीं होता है।

यह स्कूल,रोजगार, अच्छी सूचना और स्वास्थ्य सुविधा की कमी या उस तक उनकी पहुंच न हो पाने का नतीजा है। इस आंकडे से पता चलता है कि किनलाचारी भरी परिस्थितियाें के कारण किशोरियों में गर्भधारण के अधिक मामले सामने आते हैं। इससे उनकी शक्तिहीनता,गरीबी, पति या प्रेमी, बडों , परिवार और समुदाय के दबाव के बारे में पता चलता है। कई मामले यौन हिंसा से भी जुडे हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर के देशों से ये आंकड़े इकटा किए हैं जिनमें से 95 प्रतिशत मामले विकासशील देशाें के हैं। पश्चिम एशिया की 20 से 24 साल की महिलाओं में से दस प्रतिशत, दक्षिणी एशिया की 22 प्रतिशत और पश्चिमी तथा मध्य अफ्रीका की 28 प्रतिशत महिलाओं ने यह बताया है कि वह 18 साल की उम्र के पहले कम से कम एक बार मां जरूर बनी हैं।



 

विधायक के अहसानो तले विकास अधिकारी ने आचार संहिता कि बात गोल कि। ।मौके पर पुलिस पहुंची ,अब पुलिस कह रही हैम गए नहीं

विधायक के अहसानो तले विकास  अधिकारी ने आचार संहिता कि बात गोल कि। ।मौके पर पुलिस पहुंची ,अब पुलिस कह रही हैम गए नहीं 



बाड़मेर।विधानसभा चुनावों की हलचल तेज होते ही यहां मतदाताओं को रिझाने को दावतों का दौर शुरू हो गया है। पिछले सप्ताह से एक प्रत्याशी की ओर से विभिन्न जाति-बिरादरी के खास लोगों को भोज का सिलसिला जारी है। इस पर बुधवार को एक होटल में चल रही दावत पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत हुई। इस पर प्रशासन की ओर से भेजी गई टीम ने वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी को सौंपी है। रिपोर्ट में शिकायत को सही नहीं माना है।जांच में जांच अधिकारी विकास अधिकारी बाड़मेर विधायक कि डिज़ायर पर बाड़मेर आये हुए थे उन्होंने विधायक कि करतूत का पूरा बचाव किया। मतदाता जागरूकता को लेकर मौके पर विधायक का जाना विकास अधिकारी को आचार संहिता का उलंघन नहीं हें। जांच से पहले विकास अधिकारी का यह कहना कि आचार संहिता का उलंघन नहीं हें शंशय पैदा करता हें। विकास अधिकारी का विधायक के प्रति सॉफ्ट कार्नर साफ़ दिखता हें। 


अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी को इस आशय की शिकायत हुई कि शहर के निकट एक होटल में दावत दी जा रही है। दावत एक प्रत्याशी की ओर से है। इस पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने उपखण्डअधिकारी बाड़मेर को जांच के निर्देश दिए। उपखण्ड अधिकारी ने फ्लाइंग में नियुक्त विकास अधिकारी बाड़मेर को मौके पर भेजा। विकास अधिकारी ने वीडियोग्राफी करवाई। 

ऎसा कुछ नहीं


फ्लाइंग के लिहाज से मौके पर गया था। वहां मतदाता जागरूकता की बात हो रही थी। सौ के करीब युवा एकत्र थे। आचार संहिता उल्लंघन जैसा कुछ नहीं था। रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी को सौंप दी गई है।
- आईदानसिंह भाटी, 
विकास अधिकारी बाड़मेर
नहीं मिली रिपोर्ट 
विकास अधिकारी को भेजा था, उन्होंने अब तक रिपोर्ट नहीं दी है। रिपोर्ट मिलने पर ही कुछ कह सकता हूं।
- राकेश शर्मा, 
उपखण्ड अधिकारी
जांच करवाई 
शिकायत की जांच उपखण्डअधिकारी को सौंपी है। अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
- अरूण पुरोहित, 
अतिरिक्त जिला कलक्टर

विधायक के अहसानो तले विकास अधिकारी ने आचार संहिता कि बात गोल कि। ।मौके पर पुलिस पहुंची ,अब पुलिस कह रही हैम गए नहीं

विधायक के अहसानो तले विकास  अधिकारी ने आचार संहिता कि बात गोल कि। ।मौके पर पुलिस पहुंची ,अब पुलिस कह रही हैम गए नहीं 



बाड़मेर।विधानसभा चुनावों की हलचल तेज होते ही यहां मतदाताओं को रिझाने को दावतों का दौर शुरू हो गया है। पिछले सप्ताह से एक प्रत्याशी की ओर से विभिन्न जाति-बिरादरी के खास लोगों को भोज का सिलसिला जारी है। इस पर बुधवार को एक होटल में चल रही दावत पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत हुई। इस पर प्रशासन की ओर से भेजी गई टीम ने वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी को सौंपी है। रिपोर्ट में शिकायत को सही नहीं माना है।जांच में जांच अधिकारी विकास अधिकारी बाड़मेर विधायक कि डिज़ायर पर बाड़मेर आये हुए थे उन्होंने विधायक कि करतूत का पूरा बचाव किया। मतदाता जागरूकता को लेकर मौके पर विधायक का जाना विकास अधिकारी को आचार संहिता का उलंघन नहीं हें। जांच से पहले विकास अधिकारी का यह कहना कि आचार संहिता का उलंघन नहीं हें शंशय पैदा करता हें। विकास अधिकारी का विधायक के प्रति सॉफ्ट कार्नर साफ़ दिखता हें। 


अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी को इस आशय की शिकायत हुई कि शहर के निकट एक होटल में दावत दी जा रही है। दावत एक प्रत्याशी की ओर से है। इस पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने उपखण्डअधिकारी बाड़मेर को जांच के निर्देश दिए। उपखण्ड अधिकारी ने फ्लाइंग में नियुक्त विकास अधिकारी बाड़मेर को मौके पर भेजा। विकास अधिकारी ने वीडियोग्राफी करवाई।

ऎसा कुछ नहीं


फ्लाइंग के लिहाज से मौके पर गया था। वहां मतदाता जागरूकता की बात हो रही थी। सौ के करीब युवा एकत्र थे। आचार संहिता उल्लंघन जैसा कुछ नहीं था। रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी को सौंप दी गई है।
- आईदानसिंह भाटी,
विकास अधिकारी बाड़मेर
नहीं मिली रिपोर्ट
विकास अधिकारी को भेजा था, उन्होंने अब तक रिपोर्ट नहीं दी है। रिपोर्ट मिलने पर ही कुछ कह सकता हूं।
- राकेश शर्मा,
उपखण्ड अधिकारी
जांच करवाई
शिकायत की जांच उपखण्डअधिकारी को सौंपी है। अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
- अरूण पुरोहित,
अतिरिक्त जिला कलक्टर

सृष्टि बनीं मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्ड

सियोल। अपनी खूबसूरती और बुद्धिमानी से निर्णायक मंडल को सबसे अधिक प्रभावित करने वाली हरियाणा की सृष्टि राणा ने इस साल का मिस एशिया पैसिफिक का ताज जीत लिया है।

कोरिया में आयोजित इस प्रतियोगिता में सृष्टि की जीत के साथ मिस एशिया पैसिफिक का ताज एकबार फिर भारतीय सुंदरी के सिर पर सज गया। बता दें कि पिछले वर्ष यह ताज भारत की ही हिमांगिनी सिहं यादू ने हासिल किया था। ताज जीतने के बाद काफी खुश दिख रही सृष्टि ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है। मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है।


जानकारी के अनुसार कोरिया में सम्पन्न मिस एशिया पैसिफिक-2013 में 30 अक्तूबर को हुए फाइनल मुकाबले में सृष्टि ने 49 देशों की सुंदरियों को पीछे छोड़ते हुए यह प्रतियोगिता जीत ली। इस अवसर पर भारत की ही साल 2012 की मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्ड की विजेता हिमांगिनी सिंह यादू ने उन्हें ताज पहनाया।

पोज,खूबसूरती और बुद्धिमानी

सृष्टि ने प्रतियोगिता के दौरान अपने पोज, खूबसूरती और बुद्धिमानी से निर्णायक मंडल को सबसे अधिक प्रभावित किया। प्रतियोगिता के दौरान राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित विशेष ड्रेस पहनने के लिए उन्हें नेशनल कास्ट्यूम अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

ये भी रह चुकी है मिस एशिया पैसिफिक

इससे पहले दिया मिर्जा ने साल 2000 में यह अवॉर्ड जीता था। साथ ही जीनत अमान, तारा अन्ने फोंसेका भी यह सम्मान हासिल कर चुकी हैं।

कलेक्टर व एसपी ने मतदाताओं को भयमुक्त होकर मतदान करने की अपील की


संवेदनशील मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण

कलेक्टर व एसपी ने मतदाताओं को भयमुक्त होकर मतदान करने की अपील की 


जैसलमेरआगामी विधानसभा चुनाव -2013 को ध्यान मे रखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) एन.एल मीना एवं एसपी अधीक्षक हेमंत शर्मा ने बुधवार को जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र के संवेदनशील मतदान केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने मतदान केंद्रों की व्यवस्थाओं को भी देखा। इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी (एडीएम) माना राम पटेल, एएसपी कृष्ण चन्द यादव, रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) गजेंद्र सिंह चारण, तहसीलदार जैसलमेर पीतांबर राठी, शहर कोतवाल एवं उप अधीक्षक वेदप्रकाश भी साथ में थे। 

जिला निर्वाचन अधिकारी मीना एवं एसपी शर्मा ने अमर सागर संवेदनशील मतदान केंद्र, जैसलमेर शहर में स्थित बबर मगरा तथा इमानुअल मिशन विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अमर सागर में लोगों से भय मुक्त होकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि जबरदस्ती मतदान के लिए उन्हें कोई धमकाता है या डराता है तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम 100 नंबर पर दें। वहीं जिला निर्वाचन विभाग के टोल-फ्री नंबर 180000-180-6028 पर दें ताकि ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने लोगों से कहा कि मतदान के लिए कोई भी पार्टी या अभ्यर्थी उन्हें पैसे का प्रलोभन या शराब आदि उपलब्ध कराए तो उसका वे विरोध करें इस प्रकार की कोई सूचना मिले तो पुलिस एवं जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि मतदान प्रलोभन के लिए पैसा देने एवं लेने वाले दोनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं एसपी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बबर मगरा एवं सामुदायिक सभा भवन मतदान केंद्र पर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। वहीं विद्यालय में पड़े पत्थर एवं अन्य सामग्री हटाने के निर्देश प्रधानाध्यापक एवं बूथ लेवल अधिकारी को दिए। एसपी हेमन्त शर्मा ने कहा कि उनके मतदान केंद्र पर किसी प्रकार की डराने व धमकाने की संभावना हो तो वे नि:संकोच पुलिस को सूचित करें ताकि ऐसे लोगों को समय रहते पाबंद किया जा सके। उन्होंने कहा कि चुनाव में मतदाता भयमुक्त होकर मतदान करे इसी उद्देश्य से वे भ्रमण पर आए हैं एवं यह बता रहे हैं कि सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए हैं।


एसडीएम व डिप्टी ने किया मतदान केंद्रों का निरीक्षण 
पोकरण (आंचलिक). क्षेत्र में मतदान जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को एसडीएम व डिप्टी ने ग्रामीणों का दौरा कर मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 
एसडीएम सी.एम. वर्मा एवं डिप्टी विपिन शर्मा ने शनिवार को विधान सभा क्षेत्र के केलावा, नानणियाई, मोडरडी, रामपुरा, चौक, सनावड़ा, सांकड़ा, भैंसड़ा, लूणा, लूणा खुर्द, राजगढ़, बैतीणा, बोनाड़ा, ओला गांव के मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही गांवों के बीच में लोगों को लाउडस्पीकर से निर्भीक होकर मतदान करने और किसी प्रकार का दबाव में नहीं आने तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। 
उन्होंने बीएलओ को मतदान केंद्रों पर बीएलओ का नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखवाने के निर्देश दिए तथा चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नारों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।