अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नर्मदा जिले के तट पर सरदार पटेल की मूर्ति की नींव रखी। इस मूर्ति की विशेषता यह है कि यह विश्व में सबसे ऊंची मूर्ति होगी। शिलान्यास के इस कार्यक्रम में मोदी के साथ मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाए जाने का विरोध करने पर मोदी ने कहा कि उस वक्त जब मैंने महात्मा गांधी के नाम पर स्मारक बनाया था, तो किसी ने विरोध क्यों नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि पटेल जैसे महान नेता के बारे में यह कहना कि वे कांग्रेसी थे इसलिए मैं उनकी प्रतिमा नहीं बनवा सकता बिलकुल गलत है।
मोदी ने कहा कि दल से देश बडा होता है। विरासत का बंटवारा नहीं किया जा सकता है। अंबेडकर दलितों के भगवान है, वे यह नहीं पूछते कि अंबेडकर किस दल के थे। मोदी ने कहा कि उन्होंने इस मूर्ति को स्थापित करने का सपना देखा था। शिलान्यास करने पहुंचे मोदी ने कहा कि आज एक नया इतिहास बन रहा है।
मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर का सपना पटेल ने देखा था। देश के लिए मरने वालों का सम्मान होना चाहिए, हमें विरासतों को बांटना नहीं चाहिए और ऎसे कामों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मुझे मारने की सुपारी ले रखी है। अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने पीएम पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने मोदी को खत्म करने की सुपारी ली है।
मोदी ने ब्लॉग पर लिखा कि सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी। क्योंकि हम "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" की आधारशिला रखने जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है 182 मीटर ऊंची स्टेचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल होगी जिसके माध्यम से भारत के लौह पुरूष को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। यह साधु बेट में स्थित होगी जो सरदार सरोवर बांध के नजदीक है।
मोदी के ब्लॉग के अनुसार प्रतिमा का निर्माण आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पीपीपी मॉडल से किया जा रहा है। कुछ महीने पहले मैंने भारत भर के मेरे किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध किया था कि प्रतिमा के निर्माण के लिए अपनी खेती में इस्तेमाल होने वाले लोहे के उपकरणों को दान में दें। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ना केवल लौह पुरूष थे बल्कि एक किसान पुत्र भी थे। मैं एक बार फिर सभी से हमारे इस प्रयास में सहयोग की अपील करता हूं।
इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाए जाने का विरोध करने पर मोदी ने कहा कि उस वक्त जब मैंने महात्मा गांधी के नाम पर स्मारक बनाया था, तो किसी ने विरोध क्यों नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि पटेल जैसे महान नेता के बारे में यह कहना कि वे कांग्रेसी थे इसलिए मैं उनकी प्रतिमा नहीं बनवा सकता बिलकुल गलत है।
मोदी ने कहा कि दल से देश बडा होता है। विरासत का बंटवारा नहीं किया जा सकता है। अंबेडकर दलितों के भगवान है, वे यह नहीं पूछते कि अंबेडकर किस दल के थे। मोदी ने कहा कि उन्होंने इस मूर्ति को स्थापित करने का सपना देखा था। शिलान्यास करने पहुंचे मोदी ने कहा कि आज एक नया इतिहास बन रहा है।
मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर का सपना पटेल ने देखा था। देश के लिए मरने वालों का सम्मान होना चाहिए, हमें विरासतों को बांटना नहीं चाहिए और ऎसे कामों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मुझे मारने की सुपारी ले रखी है। अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने पीएम पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने मोदी को खत्म करने की सुपारी ली है।
मोदी ने ब्लॉग पर लिखा कि सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी। क्योंकि हम "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" की आधारशिला रखने जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है 182 मीटर ऊंची स्टेचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल होगी जिसके माध्यम से भारत के लौह पुरूष को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। यह साधु बेट में स्थित होगी जो सरदार सरोवर बांध के नजदीक है।
मोदी के ब्लॉग के अनुसार प्रतिमा का निर्माण आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पीपीपी मॉडल से किया जा रहा है। कुछ महीने पहले मैंने भारत भर के मेरे किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध किया था कि प्रतिमा के निर्माण के लिए अपनी खेती में इस्तेमाल होने वाले लोहे के उपकरणों को दान में दें। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ना केवल लौह पुरूष थे बल्कि एक किसान पुत्र भी थे। मैं एक बार फिर सभी से हमारे इस प्रयास में सहयोग की अपील करता हूं।
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