भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के दावे का खंडन करते हुए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने कहा है कि 1999 में इंडियन एयरलाइंस के हाइजैक किये गये विमान में बंधक यात्रियों को छोड़ने के बदले में रिहा किये गये तीन आतंकवादियों के साथ कंधार जाने के उनके विवादास्पद फैसले के बारे में तत्कालीन गृहमंत्री आडवाणी को जानकारी थी।
हालांकि जसवंत ने कहा कि आडवाणी और अरुण शौरी, दोनों तत्कालीन मंत्रियों ने फैसले का विरोध किया था जो उन्होंने खुद लिया था और कैबिनेट को सूचित किया था।
जसवंत सिंह से जब पूछा गया कि क्या आडवाणी को निर्णय के बारे में जानकारी थी तो उन्होंने कहा कि वह कैबिनेट की बैठक में थे। तत्कालीन गृहमंत्री आडवाणी ने दावा किया है कि उन्हें जसवंत के आतंकवादियों के साथ जाने के फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी।
जसवंत सिंह ने अपनी नयी पुस्तक इंडिया एट रिस्क में उक्त घटनाक्रम के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने कहा कि मैंने निर्णय लिया। मैंने कैबिनेट को सूचित किया कि मैं जा रहा हूं। कैबिनेट ने मुझसे कहा, इसलिए मैं गया।
हालांकि किताब में उन्होंने इस बारे में उल्लेख नहीं किया कि विवादास्पद फैसला कैसे लिया गया। जब जसवंत से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने इस फैसले पर अफसोस है जिसकी काफी आलोचना हुई है, उन्होंने साफगोई से कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं।
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