जिनेवा। जो उम्र आमतौर पर गुड्डे गुडियों से खेलने और पढाई लिखाई की होती है, उस उम्र में विकासशील देशों की 14 से कम साल की 20 लाख बच्चियां हर साल मां बनती हैं।
संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकडे बताते हैं कि विकासशील देशों में 70 लाख से अधिक लड़कियां 18 साल से कम उम्र में गर्भवती होती हैं जिनमें से 20 लाख की उम्र 14 साल या उससे भी कम होती है। संयुकत राष्ट्र ने कल ही यह आंकडा जारी किया है जिसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
वैश्विक स्तर पर महिलाओं की स्थिति सुधारने की लिए मुहिम चलाई जा रही है जिनमें उनके स्वास्थ्य का खास ख्याल रखा जा रहा है। दुनिया भर के विकासशील देशों में महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए तरह तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं और वैश्विक संगठनों इन कामों में देशों को सहायता प्रदान कर रहा है।
लेकिन जब बात किशोरियों के गर्भधारण की आती है तो सारी योजनाएं बेकार नजर आती हैं। किशोरियों के कम उम्र में गर्भधारण के कारण किसी भी देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर बुरा असर तो पड़ता ही है। साथ ही इससे उन गर्भवती किशेरियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा संकट मंडराने लगता है। कम उम्र में मां बनने वाली इन लडकियों के बच्चे भी ज्यादातर स्वस्थ नहीं रहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी इस रिपोर्ट में 18 साल से कम उम्र में मां बनने वाली किशोरियों के आंकडे इकटा करने के अलावा उनके गर्भधारण की वजह और इस समस्या से छुटकारा पाने के उपायों पर चर्चा की है। रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र में गर्भवती बनने वाली इन बच्चियों और किशोरियाें को बाद के वर्षो में स्वास्थ्य संबंधी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यकारी निदेशक डाबाबा टुंडे ओसोतिमेहिन ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि किशोरियों और लडकियों के लिए गर्भ धारण हमेशा उनकी पसंद पर नहीं होता है बल्कि यह किसी प्रकार के विकल्प के अभाव का नतीजा है। यह उन परिस्थितियाें के कारण होता है जिस पर उस लड़की का कोई नियंत्रण नहीं होता है।
यह स्कूल,रोजगार, अच्छी सूचना और स्वास्थ्य सुविधा की कमी या उस तक उनकी पहुंच न हो पाने का नतीजा है। इस आंकडे से पता चलता है कि किनलाचारी भरी परिस्थितियाें के कारण किशोरियों में गर्भधारण के अधिक मामले सामने आते हैं। इससे उनकी शक्तिहीनता,गरीबी, पति या प्रेमी, बडों , परिवार और समुदाय के दबाव के बारे में पता चलता है। कई मामले यौन हिंसा से भी जुडे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर के देशों से ये आंकड़े इकटा किए हैं जिनमें से 95 प्रतिशत मामले विकासशील देशाें के हैं। पश्चिम एशिया की 20 से 24 साल की महिलाओं में से दस प्रतिशत, दक्षिणी एशिया की 22 प्रतिशत और पश्चिमी तथा मध्य अफ्रीका की 28 प्रतिशत महिलाओं ने यह बताया है कि वह 18 साल की उम्र के पहले कम से कम एक बार मां जरूर बनी हैं।
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