मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

प्रेमी ने शादी से किया इनकार, प्रेमिका डाला तेजाब



शादी या प्रेम संबंध से इनकार करने पर सनकी आशिकों द्वारा लड़कियों पर तेजाब डालने के मामले तो आपने सुने होंगे लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें शादी से इनकार करने पर लड़की ने ही प्रेमी पर तेजाब डाल दिया.

मामला उत्तर प्रदेश के बस्‍ती जिले का है. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कप्तानगंज क्षेत्र में शादी से इनकार करने पर एक लड़की ने अपने प्रेमी पर तेजाब डालकर घायल कर दिया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पढ़नी गांव में एक लड़की ने शादी से इनकार करने पर अपने प्रेमी धर्मेन्द्र पर तेजाब फेंककर उसे गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया. युवक को बस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे चिंताजनक हालत के मद्देनजर लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया है.

रेलवे ट्रैक पर करने लगे प्‍यार, लेकिन ट्रेन ने ले ली जान



सेक्‍स एक ऐसी कसरत है, जिसे बेडरूम में किया जाना ही बेहतर समझा जाता है. लेकिन शनिवार सुबह यूक्रेन के एक कपल को ना जाने क्‍या सूझी कि उन्‍होंने सेक्‍स के लिए एक ऐसी जगह ढूंढ निकाली, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के जापोरजाय शहर का रहने वाला यह जोड़ा अपने घर की तरफ जा रहा था कि तभी रास्‍ते में उन्‍हें रेलवे ट्रैक दिखायी दिया. फिर क्‍या था, दोनों ने रेलवे ट्रैक पर ही सेक्‍स करने की ठान ली और वहीं पर लेट गए.

लेकिन तभी वहां अचानक एक ट्रेन आ गई और प्‍यार के हसीन पलों का मजा ले रहे जोड़े के ऊपर से गुजर गई.

इस हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पुरुष ने अपने दोनों पैर गंवा दिए. उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है.

वकील का दावा, आसाराम को बच्चों के यौन शोषण की बीमारी



जोधपुर। नाबालिग के यौन शोषण के इल्जाम में जेल की हवा खा रहे आसाराम की आफत और बढ़ गई है। मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट में सरकारी वकील ने आसाराम को पीडोफीलिया रोग का शिकार बताया। सरकारी वकील ने साफ कहा कि बच्चों से यौन संबंध बनाने की ‘बीमारी’ के चलते ही आसाराम को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि अगर वो बाहर आए तो और नाबालिग बच्चियों को शिकार बना सकते हैं। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की तमाम दलीलों को दरकिनार कर आसाराम की जमानत अर्जी खारिज कर दी।


जोधपुर हाईकोर्ट में आसाराम की जमानत याचिका पर बहस के दौरान सरकारी वकीलों ने दावा किया कि आसाराम पीडोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। बच्चियों के साथ यौन संबंध बनाने की उम्रदराज लोगों की कुंठा को इस मानसिक बीमारी से जोड़कर देखा जाता है।



राजस्थान हाईकोर्ट में सरकारी वकील ने साफ कहा कि आसाराम को कम उम्र के लड़के-लड़कियों के साथ दुराचार की लत है और वो अक्सर नए शिकार की तलाश में रहते हैं। वकीलों ने दावा किया कि अब तक की जांच में जिस तरह के तथ्य सामने आए हैं उससे ये जाहिर होता है कि आसाराम पीडोफीलिक हैं और नाबालिग के यौन शोषण की घटना उनकी इसी मानसिक विकृति का नतीजा है।



दलील दी गई कि अगर आसाराम को जमानत मिलती है तो वो इस विकृति के कारण फिर किसी कम उम्र की लड़की को अपना शिकार बना सकते हैं, लिहाजा उन्हें जमानत न दी जाए। इन दलीलों के बाद जोधपुर हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका रद्द कर दी। एक दिन पहले ही सेशन कोर्ट ने आसाराम की न्यायिक हिरासत 11 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी।



अदालत में दिए दस्तावेज में सरकारी वकील ने पीडोफीलिया बीमारी के बारे में विस्तार से बताया। पीडोफीलिया एक मानसिक विकृति है जो 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में नजर आती है। इस विकृति का मरीज बच्चों में यौन सुख खोजता है। बच्चों का यौन-शोषण करने वालों में ये बीमारी आम है।

फर्जीवाड़े के दोषी कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को 4 साल की जेल, संसद सदस्यता होगी रद्द



23 साल पुराने मेडिकल एडमिशन फर्जीवाड़ा मामले में कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने चार साल कैद की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, संसद सदस्यता गंवाने वाले वह पहले सांसद होंगे. लालू प्रसाद यादव की तरह सजा सुनाए जाने के साथ ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया है और अब वह जेल भेज दिए जाएंगे.
रशीद मसूद

80 तरह की दवाएं लेते हैं रशीद
रशीद को 19 सितंबर को जिन धाराओं में दोषी ठहराया गया था, उन्हें अधिकतम 7 साल कैद की सजा हो सकती थी. उन्हें ज्यादा सजा से बचाने के लिए उनके वकील ने उनकी सेहत का हवाला दिया था. उनके वकील ने कोर्ट को बताया था कि रशीद बहुत बीमार है. उन्हें दिल की बीमारी और डायबिटीज. उन्हें हर रोज इन्सुलिन की जरुरत पड़ती है और वह कुल 80 तरह की दवाएं लेते हैं.


लालू से पहले खोएंगे MP की सीट
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक, अगर किसी सांसद को दो साल कैद से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी और वह जेल से चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा. रशीद मसूद की उम्र को देखते हुए मौजूदा फैसला उनका करियर पूरी तरह खत्म कर सकता है.


19 सितंबर को ठहराए गए थे दोषी
रशीद मसूद ही वह नेता हैं जिन्होंने गरीबों को पांच रुपए में खाना खिलाने का दावा किया था. 1990-91 में मेडिकल कॉलेज में नाकाबिल छात्रों को एडमिशन के लिए सीट देने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 19 सितंबर को रशीद मसूद को दोषी करार दे चुकी है. फर्जीवाड़े के समय रशीद स्वास्थ्य मंत्री थे.


कोर्ट ने मसूद को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 120बी यानी आपराधिक षडयंत्र, 420 में धोखाधड़ी और 468 के तहत फर्जीवाड़े का दोषी माना है.

सियासत में भी किया है खूब खेल
रशीद मसूद कानून की नजर में फर्जीवाड़े के गुनहगार हैं ही, गरीबों को लेकर फर्जीवाड़े जैसे बयान भी देते रहे हैं. सियासत में भी उन्होंने खूब खेल किया है.

मसूद 1990 में मंत्री थे तो फर्जीवाड़ा किया. फिर दिसंबर 2011 में समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गए. कांग्रेस को सब्जबाग दिखाया कि विधानसभा में मुस्लिमों का वोट दिलाकर रहेंगे. खुद तो राज्यसभा के सदस्य बन गए, लेकिन चुनाव में कोई असर नहीं दिखा पाए. हैरानी इस बात की भी है कि कांग्रेस के कई नेताओं को एडमिशन घोटाले का पता ही नहीं था.


खंडवा जेल से सिमी के 7 आतंकी फरार, एक अरेस्ट



खंडवा। मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानि सिमी से जुड़े 7 आतंकी फरार हो गए। ये सभी जेल की बाथरूम की दीवार तोड़कर फरार हुए। घटना आज तड़के सुबह तीन बजे की है। हालांकि इनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन 6 अब भी फरार हैं।


फरार हुए कैदियों में अबुल फैजल, जाकिर, गुडडू, एजाजुददीन और अमजद शामिल हैं। इन कैदियों को सुरक्षा बल के दो जवानों ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने उन पर चाकू से हमला कर दिया गया और एक सुरक्षाकर्मी की रिवाल्वर भी छीन कर ले गए। पकड़े गए कैदी का नाम आदिल मिर्जा है। ये सभी जेल की बाथरूम की दीवार तोड़कर फरार हो गए। इनमें सिमी की मध्य प्रदेश यूनिट का चीफ भी शामिल है।



पुलिस ने खंडवा के साथ इंदौर में भी हाई अलर्ट जारी किया है। जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे ये आतंकी जेल में चाकू लाने में कामयाब रहे और बाथरूम की दीवार को तोड़कर फरार हो गए। सातों सिमी आतंकियों पर एक एएसआई की हत्या का आरोप है। इसके अलावा ये सभी खंडवा में एक स्थानीय अस्पताल में धमाके के आरोपी हैं। पुलिस बाकी आतंकियों की तलाश में जुटी हुई है और जगह-जगह छापेमारी कर रही है।