सोमवार, 30 सितंबर 2013

जोधपुर में बिग बी को डी-लिट की उपाधि आज

जोधपुर।बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सोमवार को जोधपुर आएंगे। दोपहर बजे के बाद बिग बी विशेष चार्टर प्लेन से जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचेगे। अमिताभ बच्चन को जोधपुर में एक निजी विवि की ओर से डी-लिट की उपाधि दी जाएगी। बिग बी ने टि्वटर पर खुद यह जानकारी दी। जोधपुर में बिग बी को डी-लिट की उपाधि आज

उन्होंने टि्वट किया कि "मैं रविवार को जयपुर में और अगले दिन जोधपुर में रहूंगा। वहां यूनिवर्सिटी मुझे सम्मानित करने जा रही है।" सूत्रों ने बताया कि बच्चन को यह उपाधि जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में दी जाएगी। हालांकि विवि ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। उल्लेखनीय है विवि ने पहले दीक्षांत समारोह में पाश्र्वगायिका आशा भोसले को डी-लिट की उपाधि प्रदान की गई थी।

सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार : रोलसाहबसर

सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार : रोलसाहबसर 

बाड़मेर



क्षत्रिय युवक संघ सद्भावना प्रकोष्ठ के तत्वावधान में राणी रुपादे संस्थान सरदारपुरा प्रांगण में एक दिवसीय संघ के प्रति सद्भावना रखने वाले क्षत्रिय बंधुओं का स्नेह मिलन समारोह आयोजित हुआ। जिसमें संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने कहा कि आजादी से पहले समाज की पीड़ा को तनसिंह जी ने अनुभव किया। इस पीड़ा को मिटाने के लिए एक रास्ता खोज निकाला 22 दिसंबर 1946 को क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की गई। संघ की स्थापना के समय उनके साथ 19 व्यक्ति थे। उनमें से भी अधिकांश ने उनके जीवित रहते संघ का व उनका साथ छोड़ दिया। लेकिन तनसिंह अपने कर्म में रत रहे जिसका परिणाम है यह विशाल संघ। यह उनकी तपस्या व समाज के प्रति सद्भाव का प्रतिफल है। उन्होंने कभी ऐसे स्नेह मिलन व सद्भावना प्रकोष्ठों की स्थापना नहीं की। वे अपने कर्म में विश्वास रखते थे। दिन में 18 घंटे संघ के निमित सोचना, लिखना, चिंतन करना व समाजहित में कर्मरत रहना उनकी दिनचर्या थी।

उन्होंने कहा कि जो सद्गुण हमारे जीवन में नहीं है, उन सद्गुणों को जीवन में उतारना ही संस्कार है। यही कार्य क्षत्रिय युवक संघ 1946 से नियमित कर रहा है। कमलसिंह चुली इस कार्यक्रम की नींव के पत्थर है। इन्होंने संघ और छात्रावास दोनों को अपनी जीवन की दिनचर्या बना दी। वर्तमान युग में क्षत्रिय धर्म का पालन अनिवार्य है। संघ यही सिखाता है। इस दौरान शेरसिंह भुरटिया, पृथ्वीसिंह आगोर, कर्नल मानवेंद्रसिंह, छगनसिंह शिवकर, खमाणसिंह सुवाला, महावीरसिंह चूली , रेवंतसिंह राणासर, रुपसिंह चौहटन, कुशलसिंह गडरारोड, मलसिंह उंडखा, नरेन्द्रसिंह भाखरपुरा, राजेन्द्रसिंह भियाड़, नथूसिंह थुम्बली व स्वरूप सिंह खारा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में विक्रमसिंह इंद्रोई ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

ओवरब्रिज उद्घाटन के 7 दिन में ही उखड़ गई सड़क


ओवरब्रिज उद्घाटन के 7 दिन में ही उखड़ गई सड़क 

शाम होने के साथ ही अंधेरे के साये में ओवरब्रिज, हर समय रहती है हादसे की आशंका 




बाड़मेर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित ओवरब्रिज के उद्घाटन को महज सात ही दिन हुए है कि बारिश ने कार्यों की पोल खोलकर रख दी है। नेहरू नगर की तरफ से ओवरब्रिज पर चढऩे के दौरान बिछाया गया डामर बरसात के साथ बह जाने से अब केवल कंकरीट ही शेष रही है। ऐसे में बारिश के बाद कार्यों की पोल खुलने से ओवरब्रिज निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे हैं। 

23 सितंबर 2013 को ओवरब्रिज का उद्घाटन राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कर आमजनता के खोला था। जिसके बाद पिछले दो दिन तक हुई बारिश से ओवरब्रिज के निर्माण कार्य की पोल खुल गई। ओवरब्रिज पर बिछाई गई सड़क का डामरीकरण पानी के साथ बह जाने के बाद अब केवल कंकरीट ही शेष रही है। ऐसे में निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। सवाल ये भी है कि क्या ठेकेदार की ओर सड़क बनाने में लापरवाही बरती गई है? अगर लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है।
पांच साल की गारंटी में है ओवरब्रिज 

नियमानुसार ओवरब्रिज के निर्माण के बाद पांच साल तक सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने या फिर ओवरब्रिज के निर्माण कार्यों में लापरवाही होने की स्थिति में संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी रहेगी। इसके लिए ठेकेदार को पेचवर्क सहित अन्य काम करवाने होते हैं। लेकिन पिछले दो दिनों से ओवरब्रिज की टूटी सड़क को लेकर संबंधित ठेकेदार की ओर से सुध नहीं ली गई है। 



रिपेयर करवाई जाएगी 

॥पांच साल के लिए ओवरब्रिज का निर्माण गारंटी में है। बारिश की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हुई होगी। एक-दो माह तक ट्रायल के रूप में सड़क टूटने की संभावना रहती है। फिर भी ठेकेदार को पाबंद कर रिपेयर करवाया जाएगा। रोड लाइट्स में फॉल्ट आया हुआ है ठेकेदार को सुधारने के लिए कहा था।  
अमृत देवपाल, नोडल अधिकारी आरओबी 
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.इधर, ठेकेदार की सफाई 

॥ओवरब्रिज पर बनाई गई सड़क का काम अधूरा है, उद्घाटन कर दिया था। बारिश के कारण सड़क पूरी नहीं कर पाए थे। अब सोमवार को ही रिपेयर करवा दी जाएगी।  भरत भाई पटेल, ठेकेदार, आरओबी 

शाम होते ही अंधेरे में ओवरब्रिज 

भले ही ओवरब्रिज का उद्घाटन कर वाह-वाही लूटी जा रही हो, लेकिन ओवरब्रिज उद्घाटन के दिन से ही अंधेरे में है। एक-दो दिन बाद जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के निर्देश पर रात्रि में रोड लाइट्स जरूर नजर आई, लेकिन इसके बाद पिछले पांच दिनों से ओवरब्रिज पर अंधेरे का सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसी स्थिति में एक तरफ वाहनों का आवागमन और दूसरी तरफ ओवरब्रिज पर पसरा अंधेरा हादसों को न्योता दे रहा है। करीब तीस फीट तक की ऊंचाई के इस ओवरब्रिज पर रात्रि के समय रोड लाइट्स का होना बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में भी अगर लापरवाही बरती जाती है तो शायद संबंधित अधिकारी कोई बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है। जबकि ओवरब्रिज को रोशन करने के लिए लाखों रुपए का टेंडर जारी कर संबंधित ठेकेदार को ठेका दिया गया। 



बारिश से बही सड़कें, खेतों में फसलें बर्बाद बारिश से चौपट हुई फसलें





बारिश से बही सड़कें, खेतों में फसलें बर्बाद बारिश से चौपट हुई फसलें

कच्चे मकान ढहे, पेड़ उखड़े बारिश से उखड़ी सड़कें, हर डगर पर गड्ढ़े 


बाड़मेर



जिलेभर में दो दिन तक हुई लगातार बारिश ने शहर की तस्वीर बदल दी है। हर तरफ बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है। जहां सड़कें पानी के साथ बह गई है तो किसानों की पक्की-पकाई फसलें नष्ट होने से भूमि पुत्र बर्बाद हो गए। वहीं बारिश के दूसरे दिन भी बाड़मेर शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हुई नजर आई। बरसाती पानी से घिरे घरों से बाहर निकल पाना हर किसी के लिए चुनौती बना रहा है। हालात ये है कि अगर घर से बाहर भी निकल लें तो सड़कों पर चल पाना मुश्किल है। क्योंकि बरसात के बाद सड़कें पानी में बह गई, जगह-जगह गहरे गड्ढ़े बने होने से दुपहिया सहित राहगीरों का पैदल चल पाना भी मुश्किल हो चुका है। हर तरफ पानी और कीचड़ के बीच लोगों को भारी परेशानी भरा सफर तय करना पड़ रहा है। दो दिन तक चली बरसात ने नगर परिषद के दावों की परते खोल दी है।

हर तरफ फसल खराबे के मुआवजे की मांग: बाड़मेर जैसलमेर सांसद हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बाड़मेर जिले में हुए अतिवृष्टि से फसल खराबे का मुआवजा दिलवाने की मांग की है। सांसद चौधरी ने बताया कि हाल ही हुई लगातार बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ है


बाड़मेर शहर में दो दिन तक हुई 30 घंटे तक लगातार बारिश के बाद रविवार को भी शहर की कई कॉलोनियां पानी से जलमग्न हुई नजर आई। बलदेव नगर, महावीर नगर, कृषि उपज मंडी, गांधी नगर सहित कई कॉलोनियों में दूसरे दिन भी बरसाती पानी भरा रहने से लोगों का घर से बाहर तक निकल पाना मुश्किल रहा। हर तरफ भरे पानी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया। महावीर नगर में तो बरसाती पानी से कई मकान घिरे होने से लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। मोहल्ले में करीब एक से डेढ़ फीट तक पानी भरा रहा। इसी तरह बलदेव नगर डूंगर विद्यापीठ के पीछे के इलाके में करीब चालीस सेअधिक कच्चे व पक्के घर पानी से घिरे हुए हंै। 
गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यह पानी बलदेव नगर इलाके के कई घरों में घुस गया। जिससे कई लोग तो घरों को छोड़ गांव तक चले गए। महावीरनगर इलाके में बच्चों के खेलने-कूदने के लिए बनाया पार्क पानी में डूबा हुआ है। जहां झूले व फिसलन पट्टी सहित पूरा मैदान पानी में है। 

कॉलोनियां जलमग्न, सीवरेज फेल 


शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न, घर से बाहर निकलना मुश्किल,किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी, कहीं कच्चे मकान ढहे तो कही पेड़ हुए धराशायी 

बारिश से जहां फसलें तो बर्बाद हुई है साथ ही कच्चे मकान व पेड़ भी धराशायी हो गई। कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों के कच्चे मकान बारिश के साथ ही ढह जाने से अब आसमान तले बसेरा करने को मजबूर है। हालात ये है कि तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से पेड़ों को भी भारी नुकसान हुआ है। सड़कों के किनारे सहित खेतों में खड़े पेड़ तेज हवा के साथ गिर गए। वहीं बाड़मेर शहर के नजदीक बाड़मेर आगोर भीलों की बस्ती में करीब दस से अधिक गरीब परिवारों के कच्चे मकान ढह गए। ऐसे हालात कोई एक कस्बे या गांव के नहीं है, बल्कि जिलेभर में जहां गरीब परिवारों के कच्चे गोबर से बने मकान है वो धराशायी हुए हैं। 

बारिश से बाड़मेर शहर के हर मोहल्ले व गली की सड़कें उखड़ चुकी हंै। सड़कों पर बरसाती पानी की रपट चलने से सड़कों पर गहरे गड्ढ़े बन चुके हैं। हालात ये है कि इन गड्ढों पर सफर तय करना किसी हादसे से कम नहीं है। चाहे शहर का सिणधरी चौराहा हो या कोई गली-मोहल्ला सड़केंं की बदसूरत देख विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ दिन पूर्व ही निर्माण की गई सड़के एक ही बारिश के साथ बह गई। जिससे अब सड़क नहीं हर तरफ गड्ढ़े ही गड्ढ़े नजर आते हंै। बाड़मेर-सिणधरी मार्ग पर तो बरसाती पानी के तेज बहाव से आधा हाइवे ही पानी के साथ बह गया है। जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। 
रात्रि या तेज रफ्तार से आ रहे वाहन कभी भी इस हाइवे से हादसों का शिकार हो सकते हंै। 

तेज व तूफानी बारिश से जिलेभर में किसानों की उम्मीदें व अरमानों पर पानी फिर गया है। किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ तीन माह पूर्व फसलों की बंपर बुवाई की थी कि अच्छी बारिश के बाद लिया कर्ज चुकता कर देंगे। लेकिन दो दिन तक हुई बारिश ने किसानों की पक्की-पकाई फसलों को मिट्टी में मिला दिया। कहीं फसलें पानी में बह गई तो कहीं तेज हवा के साथ ही बारिश से फसलें जमींदोज हो गई। वहीं जिन किसानों ने फसलों की कटाई कर रखी थी वो फसलें भी बरसात से खराब हो गई। 
ऐसे में धरतीपुत्रों को भारी नुकसान होने से अपनी किस्मत को कोसने लगे हंै। हर तरफ किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है। बारिश से बाजरा, मूंग, मोठ, तिल सहित कई फसलों को 50-60 फीसदी नुकसान हुआ है। 

सरकार मुआवजा दें 

॥तुफानी हवा के साथ हुई बारिश से बाजरे की फसल जमींदोज हो गई। वहीं कटाई की गई फसल भी बरसात से खराब होने के साथ ही दाना उग आया है। किसानों को बरसात से भारी नुकसान हुआ है, जिसके लिए सरकार सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाए। 

तगाराम चौधरी, ग्रामीण सनावड़ा 
पटवारियों को सर्वे के निर्देश दिए हैं 

॥जिलेभर में बारिश से नुकसान हुआ है, जिसके लिए सभी पटवारियों को गिरदावरी रिपोर्ट बनाने के निर्देश दे रखे हंै। सोमवार तक सभी पटवारी फसलों के नुकसान को लेकर रिपोर्ट सुपुर्द करेंगे। जिसके बाद उनके नुकसान की भरपाई के लिए रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी 

रामचंद्र पचार, तहसीलदार बाड़मेर 

रविवार, 29 सितंबर 2013

राजस्थानी के बाईस व्याख्याताओ की भर्ती निकली सरकार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया

राजस्थानी के बाईस व्याख्याताओ की भर्ती निकली सरकार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के बेनर तले गत माह राज्य सरकार को जिला कलेक्टर बाड़मेर के माध्यम से ज्ञापन भेज राज्य में राजस्थानी भाषा के रिक्त पड़े पचास पदों पर भर्ती की मांग की थी जिस पर राज्य सरकार ने मांगो पर सकराताक्मक कार्यव्वाही करते हुए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम में राज्य में राजस्थानी भाषा के बाईस व्याख्याताओ के रिक्त पदों पर भर्ती निकाल दी हें। संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा समिति राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के साथ साथ राजस्थानी के विकास के लिए निरंतर अभियान चला रही हें जिसका फायदा राजस्थानी भाषा प्रेमियों को मिल रहा हें ,उन्होंने समिति की मांगो पर सरकार द्वारा सकारात्मक रुख अपना भर्तियाँ निकलने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया।