रविवार, 29 सितंबर 2013

जोधपुर में बारिश से दो की मौत, 10 घायल

जोधपुर। शहर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है जिसके चलते अब तक 5 इंच से अधिक वर्षा हो चुकी है। लगातार हो रही इस बारिश से जोधपुर के उदय मंदिर आसन क्षेत्र में पहाड़ी का एक हिस्सा गिरने से 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तथा 10 घायल हो गये। जोधपुर में बारिश से दो की मौत, 10 घायल
घायलों में से दो की हालत गंभीर है। सभी घायलों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार जारी है। मलबे में अभी भी और लोगों के दबे होने की आशंका है जिन्हें निकालने के लिये बचाव एवं राहत कार्य जारी है।

मनमोहन की नवाज को खरी- खरी, आतंकवाद रोके पाकिस्तान


न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाक पीएम नवाज शरीफ की मुलाकात में भारत की ओर से आतंकवाद सहित कई अहम मुद्दों को उठाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नवाज शरीफ से कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए।



मेनन ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन ने नवाज के सामने मुंबई हमले का मुद्दा उठाया। जिस पर पाक पीएम ने मनमोहन को भरोसा दिलाया कि मुंबई हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हमले के दोषियों पर कार्रवाई होगी।



गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवादी गतिविधियों के संचालन का मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने अभिभाषण के दौरान उठाया था।



मेनन ने बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों की ओर से एक दूसरे को अपने देश में आने का न्यौता दिया गया। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।



बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज, वित्त एवं ऊर्जा मंत्री वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक तारिक फातमी मौजूर रहे। वहीं भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, विदेश सचिव सुजाता सिंह और संयुक्त सचिव जावेद अशरफ मौजूद रहे।

बाड़मेर आसाराम समर्थकों ने निकाला मौन जुलूस

बाड़मेर आसाराम समर्थकों ने निकाला मौन जुलूस
बाड़मेर.

राजस्थान के बाड़मेर जिले में दुष्कर्म के मामले में फंसे संत आसाराम बापू के समर्थन में रविवार को सैकड़ों की संख्या में समर्थकों ने मौन जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। मौन जुलूस बाड़मेर शहर के प्रतापजी की प्रोल से रवाना हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष साधक हाथों में बापू के बचाव को लेकर नारे लिखी तख्तीयां व बैनर लेकर चल रहे थे। मौन जुलूस में भारी संख्या में बापू के समर्थकों ने शिरकत की और बापू को निर्दोश बताते हुए उन्हें विदेशी ताकतों की ओर से फंसाए जाने का आरोप लगाया। समर्थकों का आरोप है कि बापू पर विदेशी ताकतों की ओर से भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का बड़ा षडय़ंत्र चल रहा है। जिसके तहत संस्कृति के आधारस्तभ संतों-महापुरुषों को झूठे, कलोपकल्पित, घिरौने मामलों में फंसाकर लोगों की आस्था व निष्ठा तोडऩे का कार्य किया जा रहा है, जो देशद्रोह है। संत-महापुरुषों के कार्टून बनाकर मजाक उड़ाना इत्यादि असंवैधानिक व निम्र स्तर का कार्य हो रहा है। समर्थकों ने कहा कि बापू पर साजिश रची गई है न्यायपालिका पर भरोसा है और बापू जल्द ही निर्दोश साबित होकर बाहर आएंगे।
मौन जुलूस के दौरान भारी संख्या में समर्थक हाथों में नारे लिखे पोस्टर, बैनर व तख्तीया लिए हुए चल रहे थे। कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद मौन जुलूस की रैली सभा में तब्दील हो गई। जहां साधकों ने रैली का संबोधित करते हुए वर्तान परिपेक्ष्य के बारे में बताया। रविवार को बाड़मेर ही नहीं पूरे देशभर में बापू के समर्थन में रैली का आयोजन हुआ।

सब्जी मंडी व्यापारी तीसरे दिन भी हड़ताल पर


सब्जी मंडी व्यापारी तीसरे दिन भी हड़ताल पर

बाड़मेर.
रेलवे स्टेशन के पास स्थित नई सब्जी मंडी के सैकड़ों व्यापारियों की हड़ताल रविवार को भी जारी रही। व्यापारियों की मांग है कि नई सब्जी मंडी के सामने हाई स्कूल रोड़ के क्रॉस मार्ग पर लगाए अवरोधकों को हटाए जाए ताकि सब्जी मंडी व्यापारियों का व्यापार प्रभावित ना हो। क्रॉस मार्गों को बंद कर दिए जाने से नई सब्जी मंडी तक ग्राहकों को आने के लिए करीब एक किमी. तक का सफर तय करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में सब्जी मंडी से ग्राहकों को मोह भंग हो रहा है, साथ ही ग्राहकों के नहीं आने से करीब चालीस से अधिक सब्जी विक्रेता बेरोजगार हो गए। पिछले तीन दिनों अपना सब्जी व्यापर बंद रखकर व्यापारी हड़ताल पर है और प्रशासन से बंद क्रॉस रास्तों को खोलने की मांग कर रहे है, लेकिन प्रशासन की ओर से तीन दिन बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिससे व्यापारियों में खासा आक्रोश नजर आ रहा है।
क्रॉस रास्ते बंद होने से व्यापारियों को सब्जी व्यापार चौपट हो गए, व्यापारी बेरोजगार होने के साथ ही उनके परिवार पर पालन-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसके बाद भी अगर बेरिकेट्स नहीं हटाए गए तो उन्हें मजबूरन हड़ताल के साथ धरना-प्रदर्शन पर उतरना पड़ेगा।

राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बना



दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अब राजस्थान अभिलेखागार की वेबसाइट पर एक क्लिक कर 35 लाख रियासतकालीन ऐतिहासिक दस्तावेज देखे जा सकते है.
राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बना
राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डा. महेंद्र खडगावत का दावा है कि इतनी संख्या में रियासतकालीन ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक दस्तावेजों को आनलाइन करने वाला राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बन गया है. बल्कि 246 आजादी के परवानों के संस्मरण भी सुने जा सकते हैं.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन दस्तावेजों को आनलाइन किया गया है. उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध करने का कार्य सिर्फ राजस्थान राज्य अभिलेखागार ही कर रहा है. आनलाइन किये गये अभिलेखों में बीकानेर रियासत के तीस लाख, अलवर के दो लाख व जोधपुर रियासत के सात लाख पांच हजार दस्तावेज है.

आनलाइन देखे जाने वाले दस्तावेजों में बीकानेर, हनुमानगढ, चूरू व श्रीगंगानगर जिलों के करीब सवा तीन लाख जमीनों व मकानों के पट्टे भी शामिल है.

खडगावत के अनुसार, आनलाइन किए गए अभिलेखों में बीकानेर महकमा खास (सचिवालय की पत्रावलियां), ऐतिहासिक बहियां, रामपुरिया रिकार्ड, परवाना बहियां, कौंसिल के हुकूम की बहियां शामिल है. जयपुर रियासत के लगभग ग्यारह लाख ऐतिहासिक अभिलेख शामिल हैं, जिनमें मुख्यत: स्याह हुजूर वकील रिपोर्ट्स, अखबारात, अर्जदाश्त, तोजी, रूक्के, परवाने, आमेर अभिलेख, दस्तूर कौमवार, मुगलकालीन ऐतिहासिक फरमान, निशान व मन्सूर, विल्स रिपोर्ट, मुगल राजपूत व राजपूत मराठा से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल है.

खडगावत ने बताया कि अभिलेखागार की साइट से जोधपुर के महत्वपूर्ण 7.5 लाख राजस्व अभिलेखों में जमीनें व मकानों के पट्टे, अलवर राज्य की महत्वपूर्ण रजिस्ट्री अभिलेख तथा ऐतिहासिक मत्स्य रिकार्ड की पत्रावलियां, सिरोही राज्य के ऐतिहासिक फरमान व अभिलेख तथा माउंट आबू स्थित रजवाडा भवनों के अभिलेख शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य अभिलेखागार में उपलब्ध प्रदेश के स्वतंत्रता आंदोलन, प्रजामण्डल आंदोलन के दस्तावेज और समाचार पत्रों की कतरनें, मुगल बादशाह जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब, नूरजहां, बहादुरशाह द्वारा लिखे गये ऐतिहासिक फरमान, निशान और जयपुर, जोधपुर एवं सिरोही के राजाओं को लिखे पत्र आनलाइन किए गए है.

अभिलेखागार ने मुगलकालीन भारत एवं राजपूत शासक भाग-एक व भाग-दो स्वतंत्रता आंदोलन के साक्षी कुछ संस्मरण जयपुर, जोधपुर, हाडौती, उदयपुर, अजमेर व भरतपुर संभाग की पुस्तकों के भी है.

खडगावत ने कहा कि भूतपूर्व रजवाडों के ऐतिहासिक दस्तावेजों के आनलाइन करने से आमजन पूर्व में महीनों अपनी जमीन व मकानों के पट्टे नहीं ढूंढ पाते थे अब एक मिनट में देख सकते है और जरूरत होने पर उसकी प्रति भी निकाल सकते है.

खडगावत ने बताया कि राजस्थान के गोकुल भाई भट्ट, सिद्धराज ढड्डा, रणछोडदास गट्टाणी, मथुरादास माथुर, हीरालाल शास्त्री समेत 246 स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध कर 246 आडियो कैसेट व 303 सीडी बनायी गयी है.

इन सभी संस्मरणों को आनलाइन किया गया है ताकि देश व दुनिया आजादी की कहानी उन्हीं की जुबानी सुन सके.

खडगावत ने बताया कि अक्टूबर 2013 के दूसरे सप्ताह में महरानगढ ट्रस्ट के साथ राजस्थान सरकार की सहमति से समझौता किया जा रहा है, जिसके तहत 40 लाख रियासतकालीन दस्तावेजों को आनलाइन किया जायेगा.

अभिलेखागार की लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों सहित करीब दो सौ से अधिक रियासतों के प्रशासनिक दस्तावेज, मतगणना, 1891 ईस्वी में जाति के आधार पर हुई जनगणना व अकाल की विभिषिका की रिपोर्ट भी शामिल है.

उन्होंने बताया कि जोधपुर रियासत की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक बहियां, जैसे हकीकत बही, पट्टा बही व विवाह की बहियां भी इसमें होंगी। अक्टूबर 2013 के दूसरे सप्ताह में महरानगढ ट्रस्ट के साथ राजस्थान सरकार की सहमति से समझौता किया जा रहा है. इसके तहत 40 लाख रियासतकालीन दस्तावेजों को आनलाइन किया जायेगा.