सोमवार, 29 जुलाई 2013

सायबर पारलर पर छापे कॉपी राईट का मामला दर्ज

सायबर पारलर पर छापे कॉपी राईट का मामला दर्ज


सिवाना सुमेरसिंह उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना सिवाना मय पुलिस पार्टी द्वारा कस्बा सिवाना में मोबार्इल की दुकान में कापीरार्इट के तहत प्रतिबनिधत को अवैध रूप से मेमोरी कार्ड में गाने व वाल पेपर व रिंग टोन भरकर बेचते पाये जाने पर मुलजिम गोतम पुत्र विषनसिंह पुरोहित नि. कुण्डल व तिलोक पुत्र गेमरसिंह पुरोहित नि. पादरू को गिरफतार कर इनके विरूद्व कापीरार्इट एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
 

सड़क हादसे में एक की मौत

सड़क हादसे में एक की मौत


बाड़मेर नेमसिंह पुत्र हरीसिंह राजपूत नि. मजल ने मुलजिम फारूक पुत्र हनीफखां मुसलमान नि. मजल के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा गाड़ी संख्या एमएच 39 ए 1701 को तेजगति व लापरवाही से चलाकर सामने से मोटर सार्इकल के टक्कर मारना जिससे मुस्तगीस की मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कल्याणपुर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

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भारी मात्रा में अवेध बीयर और शराब बरामद


भारी मात्रा में अवेध बीयर और शराब बरामद 

बाड़मेर जिले के धोरिमाना थाना क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी मात्र में अवेध शराब और बीयर बरामद कर सफलता हासिल की वही चालक फरार हो गया जबकि जब्त कर लिया . पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार राजेन्द्र चौधरी उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना धोरीमना मय पुलिस पार्टी द्वारा सरहद कितनोरीया में बिना नम्बरी पीकअप वाहन को दस्तयाब कर पीकअप में भरी अवैध व बिना लार्इसेन्स की हरीयाणा निर्मित शराब से भरे 70 कार्टन व बीयर के 30 कार्टन जब्त कर मुलजिम अज्ञात के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

सड़क हादसे में बाड़मेर विधायक बाल बाल बचे वाहन क्षतिग्रस्त

सड़क हादसे में बाड़मेर विधायक बाल बाल बचे वाहन क्षतिग्रस्त


बाड़मेर बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन के वाहन को त्रिसिंगादी गाँव के समीप एक वाहन चालक ने टक्कर मार दी ,जिससे विधायक के वाहन का संतुलन बिगड़ गया पेड़ से टकरा गयी .विधयक मेवाराम जैन के हाथ के चोट आई ज़ब्कि वाहन क्षतिग्रस्त हो गया .

महिला आयोग की अध्यक्ष आज महिलाओं की सुनवार्इ करेगी


महिला आयोग की अध्यक्ष आज   सुनवार्इ करेगी

बाडमेर, 29 जुलार्इ। राजस्थान राज्य महिला आयोग जयपुर एवं महिला एवं बाल विकास विभाग बाडमेर के संयुक्त तत्वाधान में महिला अधिकार जागरूकता अभियान एवं जिला स्तरीेय महिला जन सुनवार्इ का आयोजन मंगलवार 30 जुलार्इ को प्रात: 10 बजे सये सायं 5.00 बजे तक स्थानीय भगवान महावीर टाउन हाल में किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग उप निदेशक श्रीमती सती चौधरी ने बताया कि यह जन सुनवार्इ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रो0 लाड कुमारी जैन एवं राज्य महिला आयोग के सदस्यों के द्वारा की जाएगी, जिसमें महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा संबंधी समस्याओं, परिवादों पर सुनवार्इ होगी। उन्होने बताया कि जन सुनवार्इ के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी प्रारमिभक एवं माध्यमिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

प्रभारी मंत्री ने बांटे प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को लैपटाप

बायतु, बालोतरा व सिवाना में प्रभारी मंत्री ने बांटे प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को लैपटाप 

बाड़मेर, 29 जुलार्इ। जिले के बायतु, बालोतरा तथा सिवाना में प्रतिभावान छात्र छात्राओं को सोमवार को जिले के प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी ने लैपटाप वितरित किये।

इस अवसर पर चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार की राजीव गांधी विधार्थी डिजिटल योजना के शुभारम्भ होने से मेघावी विधार्थियों को लेपटाप प्राप्त होने का अवसर मिला है। उन्होंने विधार्थियों को इस लेपटाप का पूरा उपयोग कर कम्प्युटर में महारथ हासिल करने की सीख दी। वही अभिभावको से आग्रह किया कि वे इस लेपटाप के संचालन के लिए इंटरनेट सुविधा अपने स्तर से दिलावे ताकि विधार्थी इसका अधिक उपयोग कर सकें। उन्होंने छात्राओं को आवागमन सुविधा के लिए सार्इकिल के लिए 2500 रूपये के चैक मिलने पर बधार्इ दी एवं अभिभावको से कहा कि वे अपनी बालिकाओं को अवश्य ही उच्च शिक्षा अर्जित करावे ताकि वे भी समाज के विकास में अपनी अहम भूमिका अदा कर सके।

चौधरी ने मेघावी विधार्थियों को लेपटाप आने पर अपनी और से हार्दिक बधार्इ देते हुए कहा कि इस योजना के क्रियानिवति से शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक बढावा मिलेंगा और आने वाले समय में विधार्थी इस प्रतिस्पर्धा युग में और अधिक कडी मेहनत कर वे भी लेपटाप पाने की इच्छा पूरी करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में जो भी घोषणा की है उसकी क्रियानिवति समय पर होने से योजना का लाभ संबंधित को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में साढे चार वर्ष के कार्यकाल में हर क्षेत्र में विकास हुआ है।

चौधरी ने कहा कि आज के युग में कम्प्युटर शिक्षा की महती आवश्यकता है, इसलिए विधार्थियों को कम्प्युटर मिलने से वे इस क्षेत्र में और अधिक पारंगत होंगें।

इस अवसर पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने प्रतिभावान विधार्थियों को लेपटाप देने की सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार की योजना के संचालन से विधार्थियों का शिक्षा के प्रति और अधिक मनोबल बढेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के साढे चार वर्ष के कार्यकाल में समाज के अनितम पकित में बैठे गरीब व्यकित के कल्याण को ध्यान में रखते हुए ढेरो योजनाएं संचालित की जिसका पूरा लाभ उनको मिल रहा है।

कार्यक्रम में विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी, मदन प्रजापत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल, प्रधान सिमरथाराम बेनीवाल समेत विभिन्न अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि उनसिथत थें। -0-

जटिया समाज के नवयुवक मण्डल की बैठक सम्पन्न

जटिया समाज के नवयुवक मण्डल की बैठक सम्पन्न 

विभिन्न मुददो पर हुआ विचार-विमर्श


बाड़मेर। जटिया समाज के नवयुवक मण्डल की बैठक कार्यकारी अध्यक्ष चन्दन जाटोल की अध्यक्षता में स्थानीय मां गंगा मैया मंदिर में आयोजित हुर्इ। जहां आगामी नवयुवक मण्डल की कार्यकारिणी गठन को लेकर विचार-विमर्श कर समाज में सामाजिक उत्थान हेतु रक्तदान, वृक्षारोपण, खेलकूद, नशामुकित, स्वास्थ्य, प्रतिभावान छात्र-छात्रा सम्मान समारोह, शैक्षणिक एवं राजनैतिक चेतना को बढावा देने के लिए विचार विमर्श किया गया। जहां युवाओं ने अपने-अपने विचार देकर नवयुवक मण्डल को मजबूत करने की बात कही। 

इस दौरान संगठन के कार्यकारी कोषाध्यक्ष भंवरलाल खोरवाल ने बताया कि कार्यकारिणी के गठन से पूर्व सामाज के युवाओं से और ज्यादा विचार लेने व विभिन्न मुददो को लेकर 31 जुलार्इ को मोटियार चौक, 3 अगस्त को बंदा चौक, 6 अगस्त को जोगमाया मनिदर सभाभवन, 8 अगस्त को जोगियो की दड़ी सभा भवन में बैठके की जायेगी। वही मुख्य बैठक जिसमें अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी का नियमानुसार गठन 11 अगस्त सांय 6.30 बजें रविवार को जटिया समाज के हनुमान मंदिर में आयोजित होगी।

इस बैठक में अखिल भारतीय रैगर महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश जाटोल, मोहनलाल जाटोल, जगदीश मोसलपुरिया, कैलाश फुलवारिया, हरीश चौहान, हीरालाल खोरवाल, ताराचंद वडेरा, श्रवण वडेरा, उम्मेद जाटोल, ओमप्रकाश चौहान, पार्षद रमेश मोसलपुरिया, थानमल सिघाडिया, प्रेम कुमार, श्रवण मुण्डोतिया, दिलीप खोरवाल, खेमराज सुवासिया, केवलचंद बोहरा, भीमराज सुवासिया, दयाल वडेरा, मनोहर कुर्डिया, मुकेश चौहान, नरेन्द्र खोरवाल, प्रकाश फुलवारिया सहित कर्इ युवा उपसिथत थें।

सीडी देवल के बेटे ने वसुंधरा राजे का स्वागत किया, सियासी गलियारों में चर्चा शुरू






सीडी देवल के बेटे ने वसुंधरा राजे का स्वागत किया, सियासी गलियारों में चर्चा शुरू 

पाली कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक सीडी देवल के पुत्र तथा जिला कांग्रेस के महामंत्री अशोक देवल के रविवार को सुराज संकल्प यात्रा लेकर जिले में पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रायपुर में अपने समर्थकों के साथ स्वागत करने से जिले की कांग्रेस राजनीति में एक बार फिर से नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं देवल ने ना केवल रायपुर के समीप वसुंधरा के काफिले को रोककर उनका स्वागत किया,बल्कि दो से तीन मिनट तक बात भी की। जिलाध्यक्ष पद से हटाने के बाद अपने धुर विरोधी सांसद बद्रीराम जाखड़ तथा संसदीय सचिव दिलीप चौधरी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक को अपने बयानों में धृतराष्ट्र की संज्ञा देने वाले सीडी देवल के खिलाफ उनके विरोधियों को एक बार फिर नया मुद्दा मिल गया है। देवल ने हाल ही जैतारण में गहलोत की सभा से भी दूरी बनाए रखी। 

रायपुर से कांग्रेस के विधायक रह चुके तथा कभी कांग्रेस की जिले की राजनीति में एकछत्र राज करने वाले पूर्व आईएएस सीडी देवल को राजनीतिक बियावान में धकेलने की कार्रवाई तब ही शुरू हो गई थी,जब उनको कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से विदा कर उनके सामने किसी वक्त में उनके खासमखास रहे अजीज दर्द को यह कुर्सी संभला दी गई। इसे कांग्रेस की स्थानीय राजनीति में सांसद बद्रीराम जाखड़ की जीत के रूप में देखा जा रहा था। इसके बाद सीडी देवल ने सांसद व जैतारण में अपने खिलाफ निर्दलीय चुनाव जीतकर सरकार में संसदीय सचिव के पद पर आसीन होने वाले दिलीप चौधरी के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया था। उन्होंने स्थानीय स्तर पर सभाओं व जयपुर में हुई कांग्रेस के आला पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी घेर लिया था। गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जैतारण दौरे को भी उन्होंने रद्द कराने के भरसक प्रयास किए। इसमें सफलता नहीं मिलने पर देवल ने मुख्यमंत्री को जाखड़ व चौधरी के मामले में धृतराष्ट्र तक कह डाला था। इसके बाद मुख्यमंत्री के जैतारण दौरे में भी उन्होंने तथा उनके समर्थकों ने किनाराकशी कर लिया था। दोनों पक्षों में छिड़ी यह जंग अभी तक बयानबाजी में ही चल रही थी कि रविवार को अचानक हुए घटनाक्रम में देवल के पुत्र व कांग्रेस टिकट पर जिला परिषद सदस्य रह चुके अशोक देवल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का स्वागत कर बहस का नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। 

अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस महामंत्री अशोक देवल स्वागत करने के लिए पहुंचे
हाईवे पर किया स्वागत


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे का काफिला रविवार को सोजत से जैतारण के लिए निकला तो कांग्रेस के जिला महामंत्री अशोक देवल रायपुर के समीप नेशनल हाइवे पर पहुंच गए थे। उनके साथ काफी समर्थक भी थे। बताया जाता है कि रायपुर पहुंचते ही अपने हाथ में पुष्पगुच्छ लेकर खड़े अशोक देवल ने वसुंधरा के वाहन में जाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान दोनों के बीच दो-तीन मिनट तक बातचीत भी हुई। देवल को अचानक भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष के स्वागत में इंतजार में खड़ा देखकर भाजपा कार्यकर्ताओं को भी हैरत हुई। स्वागत के बाद देवल वहां से चले गए। भास्कर संवाददाता ने उनसे बात करने का प्रयास किया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। देर रात तक उनका फोन नो रिप्लाई रहा। 

मूमल महिंद्रा की अमर प्रेम गाथा का साक्षी लोद्रवा,मूमल की मेडी आज भी अडिग





स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने हें लोद्रवा के मंदिर
मूमल महिंद्रा की अमर प्रेम गाथा मूमल की मेडी आज भी अडिग
ऐतिहासिक स्वर्ण नगरी जैसलमेर देश के पश्चिमांचल का न केवल पर्यटन स्थल है बल्कि स्थापत्य, ज्ञान व मूर्तिकला में विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। जैसलमेर के जैन मंदिर तो शिल्पकला के बेजोड़ नमूने हैं। जैसलमेर में जैन धर्मावलंबियों का लंबे समय तक वर्चस्व रहा, जहां कभी इनके 2700 से अधिक घर-परिवार थे। यहां की समृद्ध जातियों में ओसवाल तो गांवों में पालीवालों का आधिपत्य था। जैसलमेर के आसपास के गांवों में जैन मंदिरों की तो भरमार है जो आज भी आस्था के केंद्र बिन्दु तो हैं ही, पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल भी हैं।

जैसलमेर से 15 कि.मी. दूर काक नदी के किनारे बसा लोद्रवा गांव व यहां के कलात्मक जैन मंदिर तो देखते ही बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि लोद्रवा गांव को लोद्रवा व रोद्रवा नामक राजपूत जातियों ने बसाया था। प्राचीन काल में लोद्रवा अत्यन्त ही हरा-भरा कृषि क्षेत्र था। लोद्रवा नगर सुन्दर होने के साथ-साथ यहां के लोग भी समृद्ध थे।

बारहवीं शताब्दी में जब दिल्ली के मुगल शासक मोहम्मद गौरी ने भारत के मंदिरों को लूटना व नष्ट करना शुरू किया तो यह शहर भी उसकी नजरों से बच न सका। उस समय इस नगर के शासक भुजदेव थे। मोहम्मद गौरी के भयानक आक्रमण के दौरान भुजदेव भी युद्ध में मारे गए थे व यहां के जैन मंदिर भी गौरी ने नष्ट कर दिए थे।
बाद में कुछ वर्षों के पश्चात् यहां के पांचों जैन मंदिरों का पुनर्निर्माण घी का व्यापार करने वाले थारुशाह ने वि.सं. 1675 में करवाया था। इन मंदिरों के निर्माण में प्रयुक्त पत्थरों को सोना देकर खरीदा गया था। लोद्रवा स्थित जैन मंदिरों में भगवान पाश्र्वनाथ की मूर्ति सफेद संगमरमर से निर्मित है। मूर्ति के ऊपर सिर पर हीरे जड़े हुए हैं जिससे मूर्ति अत्यन्त आकर्षक लगती है। मंदिरों को कलात्मक रूप देने के लिए पत्थर के शिल्पियों ने मंदिरों के स्तंभों व दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उत्कीर्ण कर इसके सौंदर्य को बढ़ाया है। मंदिर को अधिक गरिमा प्रदान करने के लिए नौवीं-दसवीं शताब्दी में मंदिर के सम्मुख तोरणद्वार बनाने की भी परंपरा थी। मंदिर के समस्त स्तंभों में मुखमंडप के स्तंभों का घट-पल्लव अलंकरण सर्वाधिक कुशलता एवम् सौंदर्य का परिचय देता है। 

हालांकि मंदिर की मौलिकता तथा वास्तु योजना को ज्यों का त्यों रखा गया है। लोद्रवा का जैन मंदिर वास्तु एवं मूर्तिकला की शैली की शताब्दियों लंबी विकास यात्रा का भी साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
पाश्र्वनाथ मंदिर के समीप एक कलात्मक बनावटी कल्पवृक्ष है, जिसमें चीते, बकरी, गाय, पक्षी व अनेक जानवरों को भी एकसाथ दर्शाया गया है। कल्पवृक्ष जैन धर्मावलंबियों के लिए समृद्धि व शांति का द्योतक है। लोद्रवा स्थित काक नदी के किनारे रेत में दबी भगवान शिव की अनोखी मूर्ति है जिसके चार सिर हैं। यह मूर्ति केवल अर्द्धभाग तक ही दृष्टिगत है। इसके साथ ही नदी के किनारे पर ‘महेंद्र-भूमल’ की प्रेम कहानी को विस्मृत न होने देने के लिए उनकी याद में एक ‘मेढ़ी’ बनी हुई है जो ‘भूमल की मेढ़ी’ के नाम से विख्यात है।
लोद्रवा में प्राचीन काल में बने घर, कुएं, तालाब व कलात्मक स्नान घर के अवशेष देखने को मिलते हैं, जो अतीत के वैभव को दर्शाते हैं। जैसलमेर आने वाले हजारों विदेशी व देशी पर्यटक यहां के मंदिरों का कला-वैभव देखने अवश्य आते हैं।

मूमल महिंद्रा की अमर प्रेम गाथा का साक्षी   

मूमल की मेडी आज भी अडिग

-- लुद्रवा या लोद्रवा कभी भाटी शासकों की राजधानी रहा था लेकिन वक़्त बीता तो एक राजधानी का अस्तित्व समाप्त हुआ और जैसलमेर के माथे पर मुकुट रखे जाने का पथ प्रशस्त हुआ. लुद्रवा आज भी अवशेषों को माध्यम बनाकर अपने प्राचीन वैभव की दास्तान सुनाता है। साथ ही नए निर्माण के कारण अस्तित्व में आये जैन मंदिर की बेहद खूबसूरत जालीदार दीवारें जिनकी हर एक पंक्ति का शिल्प भिन्न-भिन्न होने के कारण रचनात्मक कौशल का बेहतरीन नमूना है किसी के भी आकर्षण का केंद्र बन सकती हैं। इसी मंदिर का तोरण अपने मूल में प्रयुक्त प्राचीन पत्थरों को माध्यम बनाकर इस नगर के शैव होने का प्रमाण देता-सा लगता है। पर मेरे लिए इस नगर के प्राचीन राजधानी होने से अधिक महत्वपूर्ण था इस नगर का राजस्थान की सर्वाधिक चर्चित लोक प्रेम कथाओं में से एक - मूमल की नायिका का यहाँ से जुड़ाव। कभी लुद्रवा में मूमल का घर था और सिंध के सोढा राजपूत महेंद्र ने यहीं मूमल के साथ प्रेम की अमर दास्तान जी थी। मैंने जब राजस्थांनी लोक संगीत की सर्वाधिक चर्चित गायिका अल्लाह जिलाई बाई आवाज में मूमल सुना था तब से ही मैं इस जगह आना चाहता था.. ..............
काली रे काली काजलिये रे रेख जी
कोई भूरो बादल में चमके बीजली
रंग भीणी ऐ मूमल हाले तो ले चालूँ
अमराणे रे देस रे .............
लुद्रवा में मुझे बार-बार यही लगता रहा की ये धरती आज भी वही प्रेम कथा सुना रही है। न जाने कितने योद्धा यहाँ रहे होंगे ,राजधानी का वैभव भी कम नहीं होगा पर काल के प्रवाह में सब कुछ खो गया। आज ये धरती सब नाम भूल चुकी है पर मूमल-महेंद्र का नाम आज भी यहाँ गूंजता है। राजधानियां मिट जाती हैं , राजवंश खो जाते हैं पर मोहब्बत की दास्तान पर वक़्त की रेत कभी पर्दा नहीं डालती बल्कि वहां से गुजरो तो धीरे से कहती है कि इस विकल माडधरा पर कभी सब कुछ भूलकर रोज़ चला आता था महेंद्र क्योंकि तब यहाँ रहती थी मोहब्बत के लिए अपनी जान दे देने वाली अनिंद्य सुन्दरी .... मूमल ......

नारी के यौन शोषण की पौराणिक कथा



एक थी माधवी। बेहद खूबसूरत, अत्यंत आकर्षक। राजा ययाति की यह बेटी किसी गुण में कम नहीं थी।






राजा ययाति ने अपनी बेटी माधवी को उसकी इच्छा के विरूद्ध अपने गुरु गालव को भेंट में दे दिया। यहीं से आरंभ होती है माधवी की बर्बादी की कथा।

ऋषि गालव ने माधवी को तीन राजाओं को एक-एक वर्ष के लिए भेंट में दे दिया। सिर्फ इसलिए कि उसे अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु दक्षिणा में मूल्यवान घोड़े देने थे। हर राजा से गालव ने 200 मूल्यवान घोड़े लिए। जबकि उसे कुल जमा 800 घोड़े देने थे। इधर हर राजा ने माधवी से संतान की उत्पत्ति की।


राजाओं से प्राप्त घोड़ों को उसने अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु दक्षिणा के रूप में दिया।


बचे हुए 200 घोड़ों का इंतजाम नहीं हो सका तो गालव ने माधवी को ही विश्वामित्र को भेंट कर दिया।






माधवी विश्वामित्र के पास तब तक तक रही जब तक उसने एक पुत्र को जन्म नहीं दिया।

जब विश्वामित्र को पुत्र की प्राप्ति हुई तब गालव ने माधवी को वापिस लेकर उसे उसके पिता ययाति को लौटा दिया क्योंकि अब माधवी उसके किसी काम की नहीं थी।

महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि इस दौरान वह खुद भी माधवी के साथ अंतरंग संबंध बनाता रहा।





यह कथा अपने आप में इस बात का उदाहरण है कि नारी की स्थिति उस युग में भी चिंतनीय थी। अगर एक राजा की बेटी, राजकुमारी होकर माधवी इतनी अजीबोगरीब हालात से गुजर सकती है तो उस युग की निम्न वर्ग की नारियों की स्थिति की कल्पना ही की जा सकती है।


घर बैठे करिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

 घर बैठे करिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन
धर्म शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से की गई पूजा मनचाहा फल देती है। ऐसी मान्यता भी है कि इस महीने में यदि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए जाएं तो जन्म-जन्म के कष्ट दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि इस समय भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता हैं।


सावन के इस पवित्र महीने के पहले दिन जीवन मंत्र अपने पाठकों के लिए घर बैठे 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का मौका लाया है।


1- सोमनाथ



सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर कि यह मान्यता है, कि जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्रदेव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है।


2- मल्लिकार्जुन



यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। भारत के अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते है। कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते है।
3- महाकालेश्वर

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है। उज्जैनवासी मानते हैं कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन कि रक्षा कर रहे है।


4- ओंकारेश्वर



ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊँ का आकार बनता है। ऊँ शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊँ के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग औंकार अर्थात ऊँ का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे औंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।
5- केदारनाथ



केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड में स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है।
6- भीमाशंकर

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रद्वा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर होते है तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते है।
7- काशी विश्वनाथ



विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है। इस स्थान की मान्यता है, कि यह स्थान सदैव बना रहेगा अगर कभी पृथ्वी पर किसी तरह की कोई प्रलय आती भी है तो इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को इसके स्थान पर रख देगें।
8- त्रयम्बकेश्वर

यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरु होती है। भगवान शिव का एक नाम त्रयम्बकेश्वर भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।


9- वैद्यनाथ



श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवाँ स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथधाम कहा जाता है। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।


10- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। द्वारका पुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शनों के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
11- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरं नामक स्थान में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है, कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।


12- घृष्णेश्वर मन्दिर

घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएँ इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है।

प्रभारी मंत्री आज बायतु में करेंगे लैपटॉप का वितरण

प्रभारी मंत्री आज बायतु में करेंगे लैपटॉप का वितरण


बायतु(दलपत धतरवाल)--राजीव गाँधी डिजिटल विद्यार्थी योजना के तहत बायतु क्षेत्र के विद्यार्थियों को आज लैपटॉप का वितरण संसदीय सचिव व प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी व विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी करेंगे। जानकारी के अनुसार समारोह राजकीय उच्च माद्यमिक विद्यालय के परिसर में होगा।

किसानो का महापड़ाव आज


किसानो का महापड़ाव आज 
दलपत धतरवाल
बायतु-एश्वर्या आयल फील्ड क्षेत्र में स्थानीय लोगो को रोजगार में
प्राथमिकता नही देने,वाहन अनुबंध पर न लगाने,स्थानीय को टेंडर न देने
सहित कई मांगो को लेकर एश्वर्या किसान संघर्ष समिति कवास के आह्वान पर आज
विशाल महापड़ाव का होगा। जिसमे बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे। गौरतलब है
कि जून माह के अंत में संघर्ष समिति ने एश्वर्या आयल क्षेत्र में धरना भी
दिया। उस दौरान बाड़मेर तहसीलदार तथा केयर्न के अधिकारियो ने पंद्रह दिन
में मांगो पर विचार करने का आश्वासन दिया था लेकिन सवा माह बाद भी किसी
मांग पर विचार न करने से गुस्साए ग्रामीण कल महापड़ाव डाल कर केयर्न के
वेल पेड बंद करवाने की चेतावनी दी है। साथ ही किसानो ने केयर्न के
अधिकारियो पर स्थानीय लोगो व लैंड लूजरो के साथ भेदभाव करने का आरोप भी
जड़ा है।

रविवार, 28 जुलाई 2013

Zihaal-e-miskin (Sunai Deti Hai Jiski Dhadkan) Tumhara Dil ya Hamara Dil...

आप चाहते हैं जवान बने रहना तो रोज कीजिए..


आप चाहते हैं जवान बने रहना तो रोज कीजिए...
आपका मन प्‍यार में डूबना चाहता है, लेकिन आपके साथी करवट बदलकर सो जाते हैं तो आप यह खबर उन्‍हें जरूर पढ़ाएं. जी हां, विशेषज्ञों का दावा है कि नियमित सेक्‍स से आप ज्‍यादा समय तक जवान बने रहते हैं.
Couple
डॉक्‍टर वीक की रिसर्च से पता चला है कि जिन कपल्‍स की सेक्‍स लाइफ काफी एक्विट है वे अपनी असल उम्र से पांच से सात साल छोटे लगते हैं.

ब्रिटेन के रॉयल एडिनबर्ग हॉस्पिटल में ओल्‍ड एज साइकॉलजी विभाग के पूर्व हेड डॉक्‍टर वीक कहते हैं कि हर उम्र के लोगों को अच्‍छी लव लाइफ के फायदे पता होने चाहिए.

मनोवैज्ञानिक वीक ने एक दशक तक हजारों महिलाओं और पुरुषों से सवाल-जवाब किए. इनमें 40 से 50 तक की उम्र के लोग थे. इस रिसर्च के मुताबिक जो लोग अपनी उम्र से ज्‍यादा जवान थे वे औरों की तुलना में 50 फीसदी ज्‍यादा सेक्‍स करते थे. ऐसे लोग एक हफ्ते में तीन बार सेक्‍स करते थे.

डॉक्‍टर वीक कहते हैं कि जवानी बरकरार रखने में सेक्‍स काफी महत्‍वपूर्ण है. दरअसल, सेक्‍स के दौरान एंर्डोफिन नाम का केमिकल निकलता है. यह नैचुरल पेन किलर की तरह काम करता है और आप तनाव मुक्‍त रहने लगते हैं. सेक्‍स एक्‍सरसाइज की तरह है, जिससे रक्‍त संचार बढ़ता है जो दिल की सेहत के लिए बेहद जरूरी है. यही नहीं इससे आपकी त्‍वचा ग्‍लो करने लगती है.

सेक्‍स के दौरान ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन भी रिलीज होता है, जिससे त्‍वचा के रिंकल कम होने लगते हैं. यही नहीं सेक्‍स फैट को कम करने में भी मदद करता है. सेक्‍स के दौरान एक खास तरह का हार्मोन निकलता है जिससे इम्‍यून सिस्‍टम बेहतर होता है. इसके अलावा इससे आपकी थकान भी दूर होती है और आप भरपूर नींद लेने लगते हैं.