गुरुवार, 30 मई 2013

न्यूनतम मजदूरी पर PM ने सोनिया की भी नहीं सुनी: अरुणा राय


Aruna Roy
नई दिल्ली।। सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) को छोड़ने के ऐलान के बाद सोशल वर्कर अरुणा राय ने सनसनीखेज बयान देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोनिया गांधी की भी नहीं सुनते हैं। उन्होंने कहा है कि मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी की सलाह नहीं मानी। राय के इस बयान से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच मतभेद की चर्चाओं को फिर हवा मिल गई है।

राय ने मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी पर काउंसिल की सिफारिशों को न मानने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर कुछ भी नहीं किया।

राय ने कहा वह एनएसी से नाराज नहीं हैं, लेकिन न्यूनतम मजदूरी जैसी चीजों को लागू करवाना बेहदर जरूरी है। यह अकेले एनएसी नहीं करवा सकती। NAC की चेयरपर्सन सोनिया गांधी पीएम को इस बारे में लिख चुकी हैं। उन्होंने कहा,'कर्नाटक और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी अलग-अलग फैसलों में न्यूनतम मजदूरी देने की बात कही है। ऐसे में पीएम को चाहिए था कि वह इस पर अपनी सहमति देते और कोर्ट के बाहर मामले को सुलझा लिया जाता, लेकिन यह बात नहीं हुई।'अरुणा राय के सहयोगी निखिल डे ने भी कहा कि न्यूनतम मजदूरी कई राज्यों में बेहद कम है। ऐसे में केंद्र सरकार को मनरेगा जैसी अपनी योजना में सरकार को न्यूनतम मजदूरी तय कर राज्यों के सामने मिसाल रखनी चाहिए।
गौरतलब है कि NAC मेंबर अरुणा राय का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। राय ने मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी पर काउंसिल की सिफारिशों को न मानने पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अब वह एनएसी का हिस्सा बने रहना नहीं चाहतीं। राय ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया था कि एनएसी में अगले कार्यकाल के लिए उनके नाम पर विचार न किया जाए। सोनिया ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था।

हिंदू धर्म न अपनाने पर अधिकारी ने की दामाद की हत्या


murder
अगरतला।। त्रिपुरा सरकार के एक अधिकारी ने अपने ईसाई दामाद के हिंदू धर्म अपनाने से इनकार करने पर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी गुरुवार को दी।

सीनियर पुलिस ऑफिसर (एसएसपी) चंदन साहा ने बताया, 'गोबिंद जमातिया (55) ने शनिवार की रात कृष्णपद जमातिया की सहायता से अपने दामाद तपस बिन की हत्या कर दी। उन्होंने शव को पश्चिमी त्रिपुरा की एक नदी में फेंक दिया।' पुलिस ने बुधवार की रात कृष्णपद (42) को गिरफ्तार किया। हालांकि गोबिंद घटना के बाद से फरार है। वह राज्य सरकार के साइंस और टेक्नॉलजी डिपार्टमेंट में अधिकारी हैं।

एसएसपी ने कहा कि कृष्णपद ने अपराध कबूल कर इस निर्मम हत्या का पूरा ब्योरा दे दिया है। वह जादू-टोना की प्रैक्टिस करता है।साहा ने कहा, 'शुरुआती जांच के आधार पर पता चला है कि गोबिंद ने कृष्णपद की मदद से तपस की हत्या की। तपस ने ईसाई धर्म को त्याग कर हिंदू धर्म अपनाने से इंकार कर दिया था।' तपस (35) गोबिंद की बेटी जेंतुली को ट्यूशन पढ़ाया करता था। उसने तीन साल पहले उससे शादी कर ली थी। दंपती को एक बेटा भी है।
जेंतुली ने पुलिस को बताया, 'मेरे पिता ने हमारी शादी को मान्यता नहीं दी थी। वह तपस पर हिंदू धर्म अपनाने के लिए दबाव डाल डाल रहे थे, जिससे वह इनकार करता था। मेरे पिता मुझे और मेरे बेटे को मार सकते हैं।'

पुलिस के मुताबिक, गोबिंद और कृष्णपद ने तपस की हत्या करने से पहले पूजा की थी।

एमपी के 'राजा भैया' को उम्रकैद: अपनी ही नातिन को गर्भवती किया फिर कत्‍ल करने के दोषी

एमपी के 'राजा भैया' को उम्रकैद: अपनी ही नातिन को गर्भवती किया फिर कत्‍ल करने के दोषी

भोपाल। पिछले साढ़े 4 साल से सुर्खियों में रहे वसुंधरा हत्याकांड में आरोपी पूर्व विधायक और मध्यप्रदेश के बाहुबली नेताओं में शुमार अशोक वीर विक्रम सिंह उर्फ भैया राजा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों पंकज शुक्ला, भैया राजा के नौकर अभिमन्यु और ड्राइवर हल्के उर्फ भूपेंद्र को भी उम्र कैद की सजा सुनाईगई है। कोर्ट ने भैया राजा की भतीजी रमती बाई और नेहा को बाल संरक्षण गृह भेजने के आदेश दिए हैं।

उल्लेखनीय है 11 दिसंबर 2009 को मिसरोद इलाके के गुडारी घाट में फैशन डिजाइनिंग की छात्रा वसुंधरा की लाशमिली थी। पुलिस ने इस मामले में 18 मार्च 2010 को जिला अदालत में चालान पेश किया था। वसुंधरा की मां भारती ने कोर्ट को बताया था कि उनकी बेटी पर भैया राजा की बुरी नजर थी। इसे देखते हुए उन्होंने वसुंधरा को भोपाल पढ़ने भेजा था। भैया राजा पर आरोप था कि उन्होंने वसुंधरा के साथ जबर्दस्ती संबंध बनाए और इंदौर में उसका गर्भपात भी कराया।

एडीजे संजीव कालगांवकर की कोर्ट ने सुबह 11.30 बजे ये सजा सुनाई। रिंपी उर्फ रोहिणी को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। बहुचर्चित वसुंधरा हत्याकांड में कोर्ट के फैसले के मद्देनजर गुरुवार सुबह से ही कोर्ट परिसर को छावनी बना दिया गया था। यहां हर आने जाने वाले की तलाशी ली जा रही थी। जिस कोर्ट में फैसला सुनाया जा रहा था, वहां पूरे गलियारे में किसी को नहीं जाने दिया जा रहा था। जैसे ही मजिस्ट्रेट ने भैया राजा व अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, भैया राजा मायूस हो गए। कोर्ट रूम के बाहर बैठे उनके परिजन भी निराश हो गए। वे देर तक रोते रहे।
हालांकि जब भैया राजा कोर्ट रूम से बाहर आए तो उनके चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। वे हाथ उठाकर अपने समर्थकों का इस्तकबाल करते देखे गए। फैसले के तुरंत बाद भैया राजा की पत्नी व भाजपा विधायक आशारानी सिंह भी कोर्ट से बाहर निकल गई। उन्होंने इस दौरान मीडिया से भी बातचीत करने से इंकार कर दिया।

आंध्र में कांग्रेस के तीन सांसद छोड़ेंगे पार्टी

आंध्र में कांग्रेस के तीन सांसद छोड़ेंगे पार्टी
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगने वाला है। तेलंगाना से कांग्रेस के बड़े नेता केशव राव ने दो सांसदों डॉक्टर एम.जगन्नाथ और डॉक्टर गद्दम विवेकानंद के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी दी है।

केशव राव ने कहा कि उन्होंने पार्टी को अल्टीमेटम दिया है। 10 और सांसद उनके साथ पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं। केशवराव ने कहा कि 2 जून को वह पार्टी छोड़ने की आधिकारिक घोषणा करेंगे।

जगन्नाथ और विवेकानंद ने कहा कि हमने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। टीआरएस के नेतृत्व में चलने वाले तेलंगाना आंदोलन से जुड़ेंगे। जल्द ही पार्टी को अपने त्याग पत्र सौंप देंगे। केशवराव पहले ही कांग्रेस को चेतावनी दे चुके थे कि अगर अलग तेलंगाना राज्य पर जल्द फैसला नहीं हुआ तो वह पार्टी छोड़ देंगे।

टीआरएस नेता केटी रामाराव ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने वह सब कुछ करके देख लिया जो पार्टी के लिए कर सकते थे। उन्होंने तेलंगाना मुद्दे को लेकर हर कोशिश की। जगन्नाथ और विवेकानंद ने केशव राव के साथ टीआरएस ज्वाइन करने का फैसला किया है।

अब हम अलग तेलंगाना राज्य लेकर रहेंगे। उधर कांग्रेस ने कहा है कि वह नाराज सांसदों से बात करेगी। वहीं भाजपा ने कहा है कि नेताओं के त्यागपत्र कांग्रेस की लोगों को धोखा देने की आदत और देश को धोखे में रखने का नतीजा है।

बाड़मेर शख्शियत ...हरदिल अज़ीज़ और मानवता के पुजारी डॉ रविन्द्र शर्मा

बाड़मेर शख्शियत ...हरदिल अज़ीज़ और मानवता के पुजारी डॉ रविन्द्र शर्मा



बाड़मेर सरहदी जिला बाड़मेर लोगो मकी अपनायत के कारन विश्वभर में जाना जाता हें .यंहा के लोग बेहद सहज और सरल स्वाभाव के हें .बाहरी जिलो से आने वाले लोग भी यहाँ की अपनायत के कायल हो जाते हें ,राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रविन्द्र शर्मा के बाड़मेर के लोग कायल हें .अल्प समय में उन्होंने एक बेहतरीन चिकित्सक और शानदार इंसान होने का अहसास हर उम्र वर्ग के लोगो को कराया .आज के समय ऐसा चिकित्सक मिलना बेहद कठिन हें .शर्मा में मानवता और इंसानियत कूट कूट कर भरी हें ,गरीबो के सच्चे हमदर्द हें शर्मा ,कई मर्तबा मरीज उपचार करने अस्पताल तो पहुँच जाते हें मगर पैसे के आभाव में दवाइयां नहीं खरीद पाते ऐसे लोगो की वो भरपूर मदद करते हें ,उनके घर जाकर दिखने वाले अधिकांस गरीब मरीजों से डॉ रविन्द्र शर्मा फीस नहीं लेते साथ ही दवाईयां भी निःशुल्क देते हें ,अस्पताल परिसर और बहार दोनों जगह शर्मा एक आदर्श के रूप में ख्याति प्राप्त हें .हर उम्र के लोग चाहे पुरुष हो या महिलाऐं सब शर्मा जी का बेहद आदर करते हें .मानवीय गुणों की खान हें डॉ शर्मा ऐसे चिकित्सको की बाड़मेर को बेहद जरुरत हें ,अस्पताल में भर्ती मरीज शर्माजी से बात करके आधे ठीक हो जाते हें .हंसमुख स्वाभाव और बेहद सरल इन्सान के रूप में डॉ शर्मा बाड़मेर वासियों के दिल में बसते हें

अटल चुनावी नैया के अभी भी खेवनहार!

अटल चुनावी नैया के अभी भी खेवनहार!
ग्वालियर। प्रदेश कार्य समिति और भाजपा के महाधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी बेशक सशरीर न हीं हों, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर छाया चित्र के रूप में उनकी उपस्थिति बेहद सशक्त दिखाई देगी।

दरअसल पार्टी वाजपेयी की उदार और सॉफ्ट छवि भुनाना चाहती है। कार्यक्रम स्थल पर लगाई प्रदर्शनी में भाजपा के पित्र पुरूष्ा दीनदयाल उपाध्याय और अन्य के मुकाबले अटल बिहारी वाजपेयी के छायाचित्र कहीं अधिक हैं। उनके पारिवारिक और राजनीतिक जीवन के छाया चित्र बेहद सजीव हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी की फोटो प्रदर्शनी के बारे में विचार आश्चर्यजनक ढंग से संघीय पृष्टभूमि से आया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा की संस्थापक सदस्यों में एक राजमाता विजयाराजे सिंधिया और भाजपा के पित्र पुरूष्ा कुशाभाऊ ठाकरे के फोटो अपवाद ही हैं।

जानकारों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री की कर्म भूमि ग्वालियर में हो रहे पार्टी के महाधिवेशन में उनकी ना-मौजूदगी जरूर खलने वाली है।

सरकार से जुड़े जानकारों के मुताबिक महाधिवेशन के बहाने सूबे की राजनीति में तीसरी बार पार्टी का झंडा बुलंद करने के लिए शिवराज को अटल जी आवश्यकता बन गए लगते हैं।

चाचा ने नाबालिक भतीजी से किया दुष्कर्म

चाचा ने नाबालिक भतीजी से किया दुष्कर्म

जोधपुर। प्रतापनगर की राजीव गांधी कॉलोनी स्थित घर में अकेली नाबालिक भतीजी को देखकर उसके चाचा ने दुष्कर्म कर डाला। पुलिस ने बुधवार शाम को मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया।

थाना प्रभारी देरावरसिंह ने बताया कि कॉलोनी मे रहने वाली बारह वर्षीय एक बालिका मंगलवार को घर में अकेली थी। मजदूरी करने वाला पिता पाली स्थित कपड़ा मिल गया हुआ था। जबकि मां भी किसी काम से घर से बाहर थी। आरोप है कि इस दौरान कॉलोनी की गली-4 निवासी बालिका का चाचा आमीन पुत्र निजामुद्दीन घर आया और अकेली बालिका से दुष्कर्म किया।

बाद में वह वहां से चला गया। मां के घर लौटने पर बालिका ने आपबीती सुनाई। रात को घर पहुंचे पिता को लेकर परिजन थाने पहुंचे और दुष्कर्म व यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया। पुलिस ने पीडिता का मेडिकल परीक्षण करवाया। आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पिता ने बेटे को मारकर कुएं में फेंका

पिता ने बेटे को मारकर कुएं में फेंका

राजगढ़। राजगढ़ थाना इलाके के एक कलयुगी पिता ने अपने नौ माह के बेटे की हत्या कर शव कुएं में फेंक दिया। गुरूवार को आरोपी ने पंचायत में जाकर खुद अपना जुर्म कबूला,जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसकी निशानदेही पर शव कुएं से बरामद किया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है।

पुलिस ने बताया कि राजगढ़ क्षेत्र में पाली पहाड़ी क्षेत्र में शादी समारोह में आई सुशीला देवी का नौ माह को पुत्र गत 23 मई को लापता था। इसकी तलाश भी की गई,लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। इसके बाद बीते दिन गांव बिलावर पुरा गांव में हुई पंचायत में राजू मीणा ने कबूल किया कि उसने अपने पुत्र केशव की हत्या कर दी है और शव कुएं में फेंक दिया है।

पुलिस ने आरोपी व वारदात में शामिल उसके दोस्त राजेन्द्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। मृतक के मामा का आरोप है कि साजिश में आरोपी की बहन ने भी उसका साथ दिया है।

टीचरों के सेक्स स्कैण्डल से चीन में हड़कंप

टीचरों के सेक्स स्कैण्डल से चीन में हड़कंप
बीजिंग। टीचरों के सेक्स स्कैण्डल से चीन में हड़कंप मचा हुआ। हाल के दिनों में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में कई शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया।

स्कैण्डल के खुलासे के बाद अपेक्स कोर्ट को नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों से मजबूती से निपटने का प्रोत्साहन मिला है। हेनान प्रांत के टोंग्बो काउंटी में 55 साल के टीचर यांग सिफू को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। उस पर स्कूली छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है। अधिकारियों के मुताबिक पिछले बसंत से वह अपने स्कूल की छात्राओं का यौन उत्पीड़न कर रहा था। यांगू को 23 मई को हिरासत में लिया गया था।

जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पीडिताओं और पीडित परिवारों से पूछताछ की थी। छात्राओं का मेडिकल चेकअप कराया गया है। इंटरनेट पर पहले आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अभिभावक सामूहिक रूप से अपने बच्चों को मेडिकल चेक अप के लिए अस्पताल ले गए थे। जांच में खुलासा हुआ कि नौ लड़कियों का योनिच्छद हुआ था।

स्कूल के प्रधानाध्यापक को सस्पेंड कर दिया गया है। सोमवार को भी पुलिस ने शेनझेन के एक प्राइमरी स्कूल के टीचर को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया था। 42 साल के संदिग्ध का सरनेम "हू" है। वह होंग्जी प्राइमरी स्कूल में सेकैण्ड ग्रेड टीचर है। वह पिछले अगस्त से अपनी शिष्याओं का यौन उत्पीड़न कर रहा था।

पुलिस ने 12 स्कूली छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में एक और प्राइमरी स्कूल के टीचर को पकड़ा है। हुनान प्रांत के जियाहे काउंटी के अधिकारियों ने मंगलवार को समाचार एजेंसी सिन्हुआ को यह जानकारी दी। पुमान सेंट्रल प्राइमरी स्कूल की 12 छात्राओं ने पुलिस को बताया कि उनके मैथ टीचर जेंग शिंगमिंग ने यौन हमला किया था।

यिन सरनेम वाले एक अधिकारी ने बताया कि जेंग ने पांच छात्राओं के यौन उत्पीड़न की बात कबूल की है। जांच जारी रहेगी। 14 मई को हैनान प्रांत के वानिंग शहर में प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक और सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। इन पर छह छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है।