शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013

जैसलमेर जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान में बेहतर उपलब्धियों का सफर जारी



जैसलमेर जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान में बेहतर उपलब्धियों का सफर जारी

7379 मूल निवास एवं जाति प्रमाण पत्र जारी, सामाजिक सरोकारों में 1621 लाभान्वित

1052 नामांतरण खोल कर तस्दीक किए गए, 919 पासबुकें आदिनांक,

9445 किसानों ने सहकारी योजनाओं में लाभ पाया

जैसलमेर, एक फरवरी/राज्य सरकार द्वारा आम जन की समस्याओं के निराकरण के लिए चलाए जा रहे ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ के शिविरप्रदेश के सरहदी जिले जैसलमेर में आम ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इन शिविरों में ग्रामीणों के व्यक्तिगत लाभ एवं सामुदायिक विकास कीगतिविधियों से जुड़े कामों के होने से ग्रामीण खुश हैं वहीं गांवों तथा ग्रामीणों की समस्याओं के हाथों हाथ समाधान ने गाँववासियों को सुकून का अहसास करायाहै।

अभियान के दौरान ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर लगने वाले शिविरों में ग्रामीणों की तमाम समस्याओं का शिविर में ही समाधान हो रहा है। इसी प्रकारसामजिक सरोकारों से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों में सभी संबंधित विभागों का ध्यान अधिक से अधिक जरूरतमन्दों को लाभान्वित किए जाने पर केन्द्रितहै वहीं पेंशन के पात्र लोगांे के पेंशन स्वीकृति आदेश भी मौके पर ही जारी किये जाकर उनको पेेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

जनवरी में 67 ग्राम पंचायतों में शिविरों की धूम रही

जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने बताया कि जैसलमेर जिले में 10 जनवरी से प्रारम्भ हुए इस अभियान में 31 जनवरी तक 67 ग्राम पंचायत मुख्यालयों परशिविर आयोजित हो चुके हैं। इन शिविरों में राजस्व विभाग द्वारा इस आलोच्य अवधि तक 1052 नामान्तकरण खोलकर तस्दीक किए गए वहीं 12 गैर खातेदारोंको खातेदारी अधिकार प्रदान कर उन्हें भूमि का असली मालिकाना हक प्रदान किया गया। शिविर में 919 पास बुकें आदिनांक की गई वहीं 490 पासबुकंे किसानोंको वितरित की गई। इसके साथ ही शिविर में मौके पर ही राजस्व रिकार्ड की 2122प्रतिलिपियां लोगांे को उपलब्ध कराई गई।

राजस्व विभाग द्वारा 104 प्रकरणों में विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन, 76 अन्य लोक प्रयोजनार्थ तथा 12चिकित्सालयों के लिए भूमि आवंटन केप्रस्ताव तैयार किए गए। कुल मिलाकर 192 संस्थानों के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव तैयार किए गए ।

इसके साथ ही 56 प्रकरणों में जन उपयोगी प्रयोजनार्थ के लिए भूमि का आरक्षण किया गया। 7 चालू रास्तों का राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज किया गयाएवं 262 प्रकरण कृषि जोत विभाजन के निपटाए जाकर उनका राजस्व रिकार्ड में अमल-दरामद किया गया। शिविरों में 2 हजार 985 जाति प्रमाण पत्र, 5 हजार 394मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी किए जाकर संबंधितों को प्रदान किए गए।

शिविरों में उपनिवेशन विभाग द्वारा 486 नामान्तकरण खोल कर तस्दीक किए गए एवं 472 दर्ज शुदा...

30 साल बाद अरबपति बन घर लौटी चंदा

30 साल बाद अरबपति बन घर लौटी चंदा
कोलकाता। यह फर्श से अर्श पर पहुंचने की दास्तां है। चंदा जावेरी 17 साल की उम्र में ही ब्याहे जाने के भय से घर से भाग गई और फिर 30 साल बाद अरबपति बन कर लौटी। एक रूढिवादी मारवाड़ी परिवार में जन्मी इस लड़की की मां शादी करने का दबाव डाल रही थीं वहीं वह अपनी पसंद के खिलाफ जीवन शुरू करने को राजी नहीं थी।


एक्टीवेटर की सीईओ चंदा जावेरी कहती हैं - मैंने अपनी मां को समझाया कि यह मेरा रास्ता नहीं है,मेरी मंजिल कुछ और है। मां ने मेरी नहीं सुनी और कहा अगर तूने शादी नहीं की तो मैं जान दे दूंगी। 17 की उम्र में एक साड़ी और बिना कोई रूपए-पैसे के चंदा अमरीका पहुंच गई। चंदा की जिन लोगों के साथ भारत में दोस्ती हुई उनके साथ वह अमरीका अजनबियों के बीच रहने पहुंची। ये अजनबी बाद में उसका परिवार बन गए। चंदा ने कहा - मैंने अपना घर,देश छोड़ा और वह सबकुछ जो मैं जानती थी। उस समय मुझे आजादी का अहसास हुआ।


वहीं भारत में चंदा को घर से चला जाना परिवार की छवि पर दाग लगने से कम नहीं था। चंदा के भाई अरूण कुमार ने कहा,हमारी खूब बुराई हुई। पड़ोसियों ने हमारा खूब मजाक उड़ाया। आज चंदा पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा है। चार पेटेंट्स के साथ एक सफल मोलीक्यूलर बॉयोलोजिस्ट चंदा अमरीका में एक स्किन केअर कंपनी की सफल सीईओ हैं। वे ऎसा ही जीवन जीना चाहती थीं। चंदा ने कहा - मुझे किसी बात का कोई मलाल नहीं है,दुख नहीं है। अगर फिर ऎसा करना पड़ा तो मैं फिर करूंगी।

बीकानेर में ट्रेलर भिड़े,2 जिंदा जले

बीकानेर में ट्रेलर भिड़े,2 जिंदा जले

बीकानेर। बीकानेर जिले के जामसर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह दो ट्रकों की टककर में दो लोगों की जलने से मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया। पुलिस के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 पर खारा औद्योगिक क्षेत्र में अम्बिका धर्मकांटे के सामने तड़के करीब चार बजे बीकानेर से जामसर की ओर जाने वाले ट्रक को विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक ने गलत दिशा में आकर टक्कर मार दी।

इससे दोनों ट्रकों में आग लग गई। पुलिस के अनुसार इस टक्कर से दोनों ट्रकों में आग लग गई इसमें एक ट्रक में सवार चालक और खलासी निकल नहीं पाए और दोनोंं की जलकर मौत हो गई। दूसरे ट्रक में सवार सुखविंदर सिंह (20) घायल हो गया उसे बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं जबकि चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस के अनुसार दोनों ट्रक पंजाब के हैं। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई हैं।

तिवाड़ी,चतुर्वेदी,कटारिया को बुलाया दिल्ली

तिवाड़ी,चतुर्वेदी,कटारिया को बुलाया दिल्ली

जयपुर। प्रदेश भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष के बाद नेता प्रतिपक्ष को लेकर विवाद शनिवार को सुलझने की संभावना है। इस संबंध में केंद्र्रीय नेतृत्व ने शनिवार को सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया है। बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर अंतिम निर्णय होगा। इस पद के लिए घनश्याम तिवाड़ी के नाम पर आम सहमति बनने की संभावना है। वहीं बैठक में एक धड़ा अभी भी अंतिम दांवपेच के रूप में दबे छुपे तरीके से असहयोग का मंतव्य जाहिर कर सकता है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के आला नेताओं और संघ पदाधिकारियों के बीच गुरूवार को हुई बैठक के बाद विभिन्न मुद्दों पर सहमति में प्रदेशाध्यक्ष पद पर वसुंधरा राजे के नाम को दोनों ही पक्षों ने हरी झंडी दे दी। वहीं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए करीब आधा दर्जन नामों पर विचार हुआ लेकिन सहमति नहीं बन पाई है। इसे देखते हुए प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, गुलाबचंद कटारिया सहित कई नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। अंतिम निर्णय कल आहूत बैठक में होगा।

सामंजस्य का प्रयास
तमाम कवायद के बीच पिछले चार साल से पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी उठापटक को देखते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष निर्विवाद नेता प्रतिपक्ष का चयन टेढ़ी खीर बन गया है। इसको देखते हुए सभी के साथ तालमेल बैठाने वाले नेता पर केंद्रीय नेतृत्व की निगाह है।

जातिगत समीकरण
माना जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष के पद पर वसुंधरा राजे का नाम आने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष के लिए जातिगत समीकरण के आधार पर निर्णय होगा। इसके तहत गैर राजपूत वर्ग में ब्राह्मण-वैश्य और पिछड़े वर्ग में पैठ रखने वाले को प्राथमिकता की पैरवी की जा रही है।

बजट सत्र भी केंद्र में
बैठक में 21 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में राज्य सरकार को घेरने की तैयारी, लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों पर भी बात होने की संभावना है।

मैं आज पारिवारिक कार्यक्रम के तहत सीकर में हूं, केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे शनिवार को दिल्ली बुलाया है, जहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा होगी।
घनश्याम तिवाड़ी,उपनेता प्रतिपक्ष,राजस्थान विधानसभा

केजरीवाल खोलेंगे शीला की पोल

Kejriwal to expose 'connivance' between Dikshit, power companies today

नई दिल्ली। कांग्रेस सरकार की पोल खोलने के बाद अरविंद केजरीवाल अब शीला सरकार का भंडाफोड़ करने की तैयारी में जुट गए हैं। शुक्रवार को केजरीवाल शीला सरकार और अन्य बिजली कंपनियों के रिश्ते पर से पर्दा उठाएंगे। इतने दिनों से बिजली कंपनियों को सरकार की ओर से मिल रही शय का सबूतों के साथ खुलासा करेंगे।

केजरीवाल का यह कदम उस वक्त उठ रहा है जब राजधानी में शुक्रवार से बिजली की दरों में वृद्धि होने जा रही है। दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने बिजली खरीद लागत समायोजन शुल्क (पीपीसीए) में वृद्धि कर दी है। यह वृद्धि एक फरवरी से 30 अप्रैल तक लागू रहेगी।

आयोग द्वारा गुरुवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) डेढ़ प्रतिशत और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) व बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) तीन प्रतिशत पीपीसीए वसूल सकती है।

निजी बिजली कंपनियों ने तर्क दिया था कि बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियां रोजाना अलग-अलग दरों पर बिजली बेचती हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए हर तीन माह पर उनके द्वारा बिजली की खरीद लागत की समीक्षा की जाए। इस प्रस्ताव को आयोग ने स्वीकार कर लिया था।

इसी के चलते निजी बिजली कंपनियों ने आयोग को साल 2012 में अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के दौरान बिजली की खरीद पर खर्च का ब्योरा पेश किया था। इसके मुताबिक टीपीडीडीएल ने 2.80 फीसद, बीवाईपीएल ने 7.44 फीसद और बीआरपीएल ने 9.18 फीसद वृद्धि करने की मांग की थी।

आयोग के अध्यक्ष पी.डी. सुधाकर ने बताया कि कंपनियों की मांगों की समीक्षा के बाद गुरुवार को नई दरों की घोषणा की गई है। उत्तरी दिल्ली व उत्तर पश्चिमी दिल्ली में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनी टीपीडीडीएल को 1.50 प्रतिशत, पूर्वी और मध्य दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी बीवाईपीएल को तीन प्रतिशत, दक्षिण दिल्ली में सप्लाई करने वाली कंपनी बीआरपीएल को तीन फीसद पीपीसीए वसूलने की इजाजत दी गई है।

उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त-सितंबर में बिजली की खरीद लागत में कोई विशेष अंतर न होने के कारण नवंबर में आयोग ने तीन माह तक पीपीसीए न वसूलने के निर्देश दिए थे।