शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013

30 साल बाद अरबपति बन घर लौटी चंदा

30 साल बाद अरबपति बन घर लौटी चंदा
कोलकाता। यह फर्श से अर्श पर पहुंचने की दास्तां है। चंदा जावेरी 17 साल की उम्र में ही ब्याहे जाने के भय से घर से भाग गई और फिर 30 साल बाद अरबपति बन कर लौटी। एक रूढिवादी मारवाड़ी परिवार में जन्मी इस लड़की की मां शादी करने का दबाव डाल रही थीं वहीं वह अपनी पसंद के खिलाफ जीवन शुरू करने को राजी नहीं थी।


एक्टीवेटर की सीईओ चंदा जावेरी कहती हैं - मैंने अपनी मां को समझाया कि यह मेरा रास्ता नहीं है,मेरी मंजिल कुछ और है। मां ने मेरी नहीं सुनी और कहा अगर तूने शादी नहीं की तो मैं जान दे दूंगी। 17 की उम्र में एक साड़ी और बिना कोई रूपए-पैसे के चंदा अमरीका पहुंच गई। चंदा की जिन लोगों के साथ भारत में दोस्ती हुई उनके साथ वह अमरीका अजनबियों के बीच रहने पहुंची। ये अजनबी बाद में उसका परिवार बन गए। चंदा ने कहा - मैंने अपना घर,देश छोड़ा और वह सबकुछ जो मैं जानती थी। उस समय मुझे आजादी का अहसास हुआ।


वहीं भारत में चंदा को घर से चला जाना परिवार की छवि पर दाग लगने से कम नहीं था। चंदा के भाई अरूण कुमार ने कहा,हमारी खूब बुराई हुई। पड़ोसियों ने हमारा खूब मजाक उड़ाया। आज चंदा पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा है। चार पेटेंट्स के साथ एक सफल मोलीक्यूलर बॉयोलोजिस्ट चंदा अमरीका में एक स्किन केअर कंपनी की सफल सीईओ हैं। वे ऎसा ही जीवन जीना चाहती थीं। चंदा ने कहा - मुझे किसी बात का कोई मलाल नहीं है,दुख नहीं है। अगर फिर ऎसा करना पड़ा तो मैं फिर करूंगी।

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