गुरुवार, 31 जनवरी 2013

विश्व की सबसे बड़ा पुस्तकालय भादरिया मंदिर में

विश्व की सबसे बड़ा पुस्तकालय  भादरिया मंदिर में 


श्री भादरिया राय मन्दिर स्थान जैसलमेर से करीब ८० की. मी. जोधपुर रोड धोलिया ग्राम से १० की. मी. उतर की तरफ़ हें ! उक्त स्थान के पास एक भादरिया नमक राजपूत रहता था उसका पुरा परिवार आवड़ा माता का भक्त था ! जिसमे उक्त महाशय की पुत्री जिसका नाम बुली बाई था वह मैया की अनन्य भक्त थी ! उसकी भक्ति की चर्चाए सुनकर माड़ प्रदेश के महाराजा साहब पुरे रनिवास सहित उक्त जगह पधारे , बुली बाई से महारानी जी ने साक्षात रूप मे मैया के दर्शन कराने का निवेदन किया ! उक्त तपस्वनी ने मैया का ध्यान लगाया , भक्तो के वस भगवान होते हें ! मैया उसी समय सातो बहने व भाई के साथ सहित पधार गई ! सभी मे गद गद स्वर मे मैया का अभिवादन किया तब रजा ने मैया से निवेदन किया मैया आप सभी परिवार सहित किस जगह विराजमान हें तब मैया ने फ़रमाया मे काले उचे पर्वत पर रहती हू ! इस प्रकार मैया वहा से रावण हो गई , मैया के दर्शन पाने से सभी का जीवन धन्य हुवा ! उसी स्थान पर भक्त भादरिये के नाम से भादरिया राय मन्दिर स्थान महाराजा की प्रेणना से बनाया गया !
उन दिनोँ बिकानेँर व जैसलमेर के बिच एक युध्द हुआ,जो जैसलमेर की विजय पर खत्म हुआँ। जिस पर महारावल गज सिँह जी ने इस मंदिर का निर्माण कराया ।

बाड़मेर शहर में मिला बम का जखीरा

बाड़मेर शहर में मिला बम का जखीरा

बाड़मेर। बाड़मेर शहर में बुधवार को जमीन में दबे बमों का जखीरा मिलने से सनसनी फैल गई। शहर के बॉर्डर होमगार्ड परिसर में एक साथ साठ बम मिलने से होमगार्ड परिसर के आस-पास आबाद मौहल्लों में भय व्याप्त हो गया। सेना विशेषज्ञों के सहयोग से पुलिस ने सभी बमों को सुरक्षित रखवाया है, जिनका संभवत: गुरूवार को निस्तारण होगा।

बॉर्डर होमगार्ड परिसर में मिनी स्टेडियम के निर्माण के दौरान दस दिन पहले खुदाई में छह बम मिले थे, जिनके निस्तारण के लिए सैन्य स्टेशन जसाई से विशेषज्ञों की टीम बुधवार को होमगार्ड मुख्यालय पहुंची। उन्होंने मौका मुआयना करने के दौरान अनुमान लगाया कि जिस स्थान पर छह बम मिले, वहां और भी बम हो सकते हैं। उनका अनुमान सही निकला और खुदाई में बमों का जखीरा मिला। यहां साठ बम मिले, जिसमें अधिकांश बम पर कैप लगी है और बारूद भरा है। सभी बमों पर 1965 का टेग लगा है। संभवत: 1965 के भारत-पाक युद्ध में बम यहीं दबे रह गए। अब तक होमगार्ड परिसर मे मिले बमों की संख्या छियासठ हो गई है। बमों के मिलने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट मौके पर पहुंचे। उन्होंने सेना विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श कर आवश्यक कार्रवाई हो अंजाम दिया।

गढढ्े में रखवाए बम
होमगार्ड परिसर व आस-पास आबादी के मद्देनजर सभी बमो को सुरक्षित रखवाया गया। एक बड़ा गढढ्ा खोदकर सभी बम उसमें रखवाए। सेना विशेषज्ञो ने होमगार्ड अधिकारियों व जवानों को दिशा निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने चेतक वाहन को गश्त पर रहने के निर्देश दिए।

बर्बाद हो जाता बाड़मेर
बॉर्डर होमगार्ड परिसर के ठीक पास आकाशवाणी केन्द्र है। यहां से 500 मीटर के दायरे में पुलिस लाइन, जेल, कलेक्ट्रेट, कलक्टर-एसपी सहित तमाम अधिकारियों के आवास और आबादी है। बमों का जखीरा यदि फट जाता तो तबाही मच जाती। जानकारों का कहना है कि तबाही का असर करीब ढाई किलोमीटर तक रहता। ऎसे में पूरा बाड़मेर बर्बाद हो जाता।
पूरे परिसर में सर्च करेंगे

साठ बम बुधवार को मिले हैं, जिसमें कई बम जीवित दिखाई दे रहे हैं। सेना विशेषज्ञ गुरूवार को होमगार्ड परिसर में ही बमों का निस्तारण करवाएंगे। सभी बम सुरक्षित रखवाए हैं। पूरे होमगार्ड परिसर में सर्च ऑपरेशन किया जाएगा।

-राहुल बारहट, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर

जवानों को तनाव से छुटकारे का नया तरीका

जवानों को तनाव से छुटकारे का नया तरीका

बाड़मेर। सीमा सुरक्षा बल के बेड़े में जवानों के आत्महत्याओं के ग्राफ में हो रही बढ़ोतरी रोकने के मकसद से नया तरीका इजाद किया गया है। बीएसएफ ने स्वयंसेवी संगठन बी फ्रेण्डर्स इण्टरनेशनल से सम्बद्ध आत्महत्या निवारण केन्द्रों का सहारा लेना शुरू किया है।

ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डवलपमेण्ट (बीपीआर एण्ड डी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले आठ साल में ढाई सौ से ज्यादा जवानों ने अपनी इहलीला समाप्त कर ली। इस रिपोर्ट में जवानों की ओर से की जा रही आत्महत्याओं के कारणों का भी खुलासा किया गया है। जवानों के बीच किए गए सर्वे और विभिन्न हादसों की जांच रिपोर्ट के आधार पर बीपीआर एण्ड डी की इस रिपोर्ट में आत्महत्या करने के दो सबसे बड़े कारण बताए गए है। इनमें पहला यह बताया गया है कि 77 फीसदी जवान कठिन ड्यटी के कारण पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। सर्वे के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि जवान दिन में केवल चार घंटे ही नींद ले पाते है। रिपोर्ट में दूसरा सबसे बड़ा कारण जवानों को सीसुब बेडे की ओर से मिलने वाली सुविधाओं में कमी और उच्चस्थ अधिकारियों का उपेक्षा पूर्ण व्यवहार व भाषा है।

लिसनिंग थैरेपी से समाधान
बीएसएफ ने जवानों के मानसिक तनाव दूर करने के लिए बी फे्रण्ड्स इण्टरनेशनल की मदद ली है। बीएसएफ की कमोबेश हर सीमा चौकी पर बी फ्रेण्ड्स इण्टरनेशनल द्वारा संचालित आत्महत्या निवारण केन्द्रों के अलग-अलग दूरभाष नम्बर अंकित किए है। प्रत्येक सीमा चौकी पर नई दिल्ली,अहमदाबाद, कोलकाता व मुम्बई शहरों में संचालित केन्द्रों के दूरभाष नम्बर लिखे है। इन केन्द्रों पर कॉल करने वाले प्रत्येक जवान का नाम व पहचान गुप्त रखी जाती है। कॉल के अलावा कोई कार्मिक इन केन्द्रों पर जाकर व्यक्तिगत रूप से भी अपनी समस्या बताकर समाधान करवा सकता है।

हम समाधान के तरीके बताते हैं
आत्महत्या निवारण केन्द्रों पर फोन करके अथवा सीधे पहुंचकर समस्याएं बताने वाले सुरक्षा एजेन्सियों के कार्मिकों को हम समाधान के तरीके बताते है। हमारे यहां भावनात्मक रूप से सुनवाई होती है और समाधान के तरीके बताए जाते हैं। इससे मानसिक मजबूती बढ़ती है।
घनश्याम
वालिण्टियर, बी फ्रेण्डर्स इन्टरनेशनल, अहमदाबाद

दूल्हे की उठी डोली, विदा होकर गया ससुराल


groom goes in laws home
पानीपत। हमारी परंपरा रही है कि बेटियों को ही अपने माता-पिता और घर-बार को छोड़कर शादी के बाद ससुराल में बसना पड़ता है और पति के परिजनों में ही प्यार टटोलना पड़ता है, लेकिन अब सिरसा (हरियाणा) स्थित डेरा सच्चा सौदा ने एक अनोखी मुहिम शुरू की है, जिसमें बेटों को ससुराल में जाकर रहना पड़ेगा। दूल्हे को लड़की के माता-पिता को ही अपने माता-पिता मानकर उनकी सेवा करनी होगी।

भू्रणहत्या रोकने व बेटियाें को बेटाें के समान समाज में अधिकार दिलवाने के उद्देश्य से डेरा सच्चा सौदा द्वारा 73वें मानवता भलाई कार्य के रूप में 'कुल का क्रॉउन' मुहिम चलाई गई है। इसके तहत शनिवार को बारात लेकर पहुंचने वाली सिरसा निवासी तुलसी इन्सां रविवार को अपने दूल्हे पवन इन्सां के साथ अपने मायके में पहुंची। नवविवाहित युवक व युवती के परिवारजनाें व रिश्तेदारों के साथ-साथ कॉलोनीवासियाें ने भी उनका जोरदार स्वागत किया। परिवार के सदस्याें ने दूल्हे का परंपरागत रीति -रिवाज से गृह प्रवेश कराया।

इसी तरह पानीपत की सुरुचि भी डेरा सच्चा की मुहिम के तहत दूल्हे को सिरसा से ब्याह कर पानीपत लाई। श्री प्रेम मंदिर के पास रहने वाली सुरुचि अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं और बीकॉम द्वितीय वर्ष में पढ़ती है। शनिवार को सुरुचि बरात लेकर गई और डेरा सच्चा सौदा में सिरसा के निजीया खेड़ा निवासी राजबीर से शादी रचाई। परंपरा के अनुसार, दुल्हन पहले जयमाला डालती है, लेकिन राजबीर ने पहले दुल्हन को जयमाला डाली। सुरुचि का मां सुनीता का कहना है कि वह राजबीर को अपने बेटे की तरह रखेंगी।

नशे में बेटी को बनाया हवस का शिकार!

नशे में बेटी को बनाया हवस का शिकार!
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी शराब के नशे में बेटी को पत्नी समझने की बात कह रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बरगी थानान्तर्गत बढ़ईया खेड़ा निवासी व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी को जान से मारने की धमकी देकर हवस का शिकार बना डाला। पिता-पुत्री के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

बरगी थाना प्रभारी पुरूषोत्तम पांडे ने बुधवार को बताया कि बढ़ईया खेड़ा निवासी 15 वर्षीय किशोरी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को वह कमरे में अपनी मां के साथ सो रही थी तभी उसका पिता दशई लाल उइके कमरे में आया और जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ अनैतिक कार्य किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 376 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

विवेचना अधिकारी व भेडाडाट थाना प्रभारी सुस्मिता नियोगी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हो गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी अपना जुर्म नहीं स्वीकार कर रहा था। बाद में शराब के नशे में बेटी को पत्नी समझकर शारीरिक संबंध बनाने की बात कहने लगा।

वसुंधरा राजे होगी नई प्रदेशाध्यक्षा ..!

वसुंधरा राजे  होगी नई प्रदेशाध्यक्षा ..!

राजस्थान में भाजपा के नए अध्यक्ष और मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने का फैसला अगले तीन-चार दिन में होगा। भाजपा आलाकमान ने वसुंधरा राजे को इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने का मानस बना लिया है।वसुंधरा राजे के नाम की घोषणा किसी भी वक़्त हो सकती हे .उन्हें प्रदेश  का दायित्व  जा रहा हें 

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने केन्द्रीय नेताओं के साथ ही राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद वसुंधरा राजे को चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने का मानस बनाया है। हालांकि संघ और संगठन से जुड़े राजस्थान के कुछ नेता अभी भी चुनाव से पूर्व वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं करने और पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रामदास अग्रवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर अड़े हुए है, लेकिन वसुंधरा राजे की लोकप्रियता एवं पार्टी विधायकों, सांसदों, कार्यकर्ताओं में उनकी पकड़ को देखते हुए आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने को तैयार हो गया। टिकट वितरण की कमान भी वसुंधरा राजे के हाथ में ही रहेगी। चुनाव संचालन समिति तो बनेगी, लेकिन पूरा चुनाव अभियान वसुंधरा राजे ही संभालेगी।

राजस्थान भाजपा के विवाद को देख रहे वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने भी वसुंधरा राजे को चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने में फायदा बताते हुए राजनाथ सिंह से शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया।

दैनिक जागरण से बातचीत में सोलंकी ने कहा कि राजस्थान के बारे इसी सप्ताह में संभवतया फैसला हो जाएगा। सोलंकी ने वसुंधरा राजे को सीएम प्रोजेक्ट करने के सवाल पर कहा कि इस बारे में किसी को शंका या किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष पद संभालने के बाद से ही वसुंधरा समर्थक ओर विरोधी दिल्ली में डेरा डाले हुए है।

वसुंधरा विरोधी खेमे की कमान संभाल रहे वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, घनश्याम तिवाड़ी सहित संघ से जुडे़ कई नेता दिल्ली में डटे हुए है। ये नेता रामदास अग्रवाल को अध्यक्ष बनवाना चाहते है। वहीं वसुंधरा समर्थक चाहते है कि उन्हें ही प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान भी सौंपी जाए। दोनों खेमों की खींचतान के बीच आलाकमान वसुंधरा राजे को सीएम प्रोजेक्ट करने को तो तैयार हो गया,लेकिन अध्यक्ष पद को लेकर निर्णय अगले एक-दो दिन में होगा।

संघ से जुड़े नेताओं को उम्मीद है कि राजनाथ सिंह के वसुंधरा राजे से पूर्व में भी मधुर सम्बन्ध नहीं रहे है, इसलिए अब भी वे दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं करेंगे। वहीं वसुंधरा समर्थकों को उम्मीद है कि प्रदेश अध्यक्ष पद का निर्णय बिना उनकी मर्जी से नहीं होगा। आलाकमान भी यह जानता है कि वसुंधरा ही प्रदेश में एकमात्र जनाधार वाली नेता है,इसलिए या तो उन्हें ही अध्यक्ष बनाया जायेगा अथवा उनकी पसंद के नेता को अध्यक्ष पद की कुर्सी मिलेगी।

राजस्थान को लेकर चल रही कसरत के बीच वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर, घनश्याम तिवाड़ी और गुलाबचंद कटारिया ने दिल्ली में मंगलवार को राजनाथ सिंह से मुलाकात की। वहीं वसुंधरा राजे, अरुण चतुर्वेदी, रामदास अग्रवाल भी मुलाकातों में व्यस्त रहें।

बुधवार, 30 जनवरी 2013

जिफ २०१३ का शुभारंभ किया हेमा मालिनी ने


जिफ २०१३ का शुभारंभ किया हेमा मालिनी ने 

जयपुर, ३० जनवरी. जयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर एक नयी ख्याति दिलाने वाले पांचवें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल का आज शाम शहर के गोलछा सिनेमा हॉल में शुभारंभ हुआ. सुप्रसिद्व सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस पांच दिवसीय समारोह का आगाज किया. इस अवसर पर जिफ की ओर से प्रेम चोपड़ा , हेमा मालिनी एवं ऑस्कर विजेता निर्देशक मार्क बाषित द्वारा अपने दौर की मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टेगौर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया. शर्मिला टेगौर ने इस अवसर पर कहा कि मैं तहेदिल से जयपुर और जयपुरवासियों का शुक्रिया अदा करती हूँ कि उन्होंने मुझे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए यहाँ आमंत्रित किया. गुलाबी नगर ने अपनी संस्कृति और मेहमाननवाजी के लिए देश ही नहीं , विदेशों में भी खास पहचान कायम की है. मैं भी आप सबके बीच यहाँ आकर काफी अभिभूत हूँ. वैसे भी जयपुर सहित पूरे राजस्थान का सिनेमा से गहरा नाता रहा है. यहाँ के किले , महल, और धोरे हमेशा से बड़े परदे की शान रहे हैं. मेरी तरफ से आप सभी को इस आयोजन के लिए ढेरों शुभकामनाएं.सिनेमा को नयी पहचान देने के उद्देश्य से लगाया गया आपका यह पौधा जल्द ही वटवृक्ष का रूप ले ले , साथ ही मैं इस मौके पर देश और विदेशों से आये युवा फिल्म मेकर्स को बढ़ाई देना चाहती हूँ कि वो मुख्यधारा के सिनेमा से इतर अपनी पहचान कायम करने में लगे हैं. हेमा मालिनी ने जिफ में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाये जाने पर आभार व्यक्त किया और फेस्टीवल की सफलता के लिए शुभकामनायें दी. 

जिफ के निदेशक हनुरोज़ ने बताया कि यह गर्व की नहीं पर खुशी की बात अवश्य है कि एक थियेटर से शुरू हुआ जिफ आज पांचवें साल में आठ विभिन्न स्थलों पर ग्यारह स्क्रीन तक पहुँच गया है और इसके फिल्म बाज़ार की गिनती दुनिया के दूसरे बड़े फिल्म समारोहों के साथ होने लगी है. इस बार हमें ९० देशों की चौदह सौ से भी अधिक फ़िल्में मिली थी जिनमें से २१७ फिल्मों का चयन किया गया है. एक और गर्व करने की बात यह है कि जिफ के इस समारोह में जो फ़िल्में दिखाई जा रही है उनमें से १८० फिल्मों के निर्माता-निर्देशक अथवा स्टारकास्ट पांच दिनों में यहाँ अपनी उपस्थिति देने जा रहे हैं. सेमिनार और वर्कशॉप के लिए देश के दिग्गज फिल्म विशेषज्ञ जयप्रकाश चौकसे, कोमल नाहटा, अरुण दत्त, बी बी नागपाल आपके बीच मौजूद हैं.

इस अवसर पर प्रेम चोपड़ा, अरुण दत्त व जयप्रकाश चौकसे सहित जिफ की ज्यूरी के सभी चौदह सदस्यों का भी स्वागत किया गया.

पांचवें इंटर नेशनल फिल्म समारोह की ओपनिंग फिल्म के रूप में इंग्लेंड निवासी संगीता दत्ता की लाइफ गोज ओन को दिखया गया. ओम पुरी व शर्मीला टैगोर अभिनित इस फिल्म में सोहा अली व गिरीश कर्नाड भी हैं एवं इसके गीत जावेद अख्तर ने लिखे हैं. शेक्सपियर के मशहूर नाटक किंग लियर से अभिप्रेरित इस कहानी के केन्द्र में एक आधुनिक भारतीय बंगाली चिकित्सक का परिवार है जो लन्दन में रहता है. डॉ संजय की पत्नी मंजू का अचानक निधन हो जाता है. संजय अपनी दो बेटियों को आधुनिक परिवेश में पालने में अनेक चुनौतियों से जूझता है खासकर अपनी छोटी बेटी रिया जोकि एक मुस्लिम लड़के से प्रेम करती है. संजय को अपना बचपन और बंगाल विभाजन के दौरान हुए हिंदू-मुस्लिम फसाद का दर्द याद आ जाता है. इसके साथ ही एक पांच मिनिट की शॉर्ट फिल्म जन गण मन भी प्रदर्शित की गई जिसमें राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान की भावना को दिखाया गया है.





: जब जवानी में उठा तूफान तो कयामत आ गई!

PHOTOS: जब जवानी में उठा तूफान तो कयामत आ गई!

भोपाल/सागर। पंकज और साधना (परिवर्तित नाम) दोनों सालों से पड़ोसी थे, साथ रहते-रहते बचपन की दोस्ती प्यार में बदल गई। अब दोनों को एक-दूसरे से मिलने के लिए बहाने बनाने पड़ते थे। घर आस-पास होने के कारण मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं आती। लेकिन देखते ही देखते दोनों के प्यार की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और युवती का घर से बाहर आना-जाना बंद हो गया।फिर क्या था प्रेम में असफल युवक-युवतियों ने खुद को मौत के हवाले कर दिया।नाकाम प्यार की कहानी: साधना से मिलने के लिए पंकज ने कई प्लान और बहाने बनाए लेकिन वह कामयाब न हो सका। घर में कैद साधना को भी पंकज की चिंता सता रही थी उधर पंकज साधना से मिलने के लिए परेशान हो रहा था। खुद को प्यार में असफल पा कर साधना ने अपनी जान दे दी। इसके कुछ देर बाद ही पड़ोस में ही रहने वाले उसी समाज के एक युवक पंकज के भी जहर पीने की बात सामने आई। ये थी नाकाम प्यार की कहानी जिसमें प्रेमी-प्रेमिका ने अपने प्यार को समाज की बूरी नजरों से बचाने के लिए खुद को खत्म कर लिया।वादा था साथ निभाने का: जमाने की नजरों से जिस प्यार को दोनों बचाना चाहते थे उसी प्यार के खातिर दोनों को अपनी जान देनी पड़ गई। हमेशा साथ निभाने के वादे के साथ ही दोनों ने एक साथ मरने की भी कसम खाई थी। ऐसे में किसी एक पर हो रहे अत्याचारों को वे कैसे सह पाते। परिजनों ने साधना को घर में कैदियों की तरह बंद कर रखा था वहीं पंकज को भी गांव वालों से ताने सुनने पड़ रहे थे। बस फिर क्या था अपने प्यार पर लग रहे इल्जामों को दोनों सह न सकें और मौत को गले लगा लिया।खुल गया था राज: जैसीनगर संवाददाता के अनुसार हालही में प्रेम-प्रसंग का राज खुलने से गांव में चर्चाएं शुरू हो गई थी। दोनों के परिजनों को भी वह बात पता चल गई थी। प्रेमी-युगल की मौत की घटना के बाद दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। थाना प्रभारी एसएस चौहान का कहना है कि सुसाइड केस में युवक-युवती के बीच प्रेम-प्रसंग की बात सामने आई है। फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है और आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।और समाज से हार मान ली: पंकज से न मिल पाने और खुद को उसका साथ देने में असमर्थ पाने के बाद साधना की जीने की चाह जैसे खत्म सी हो गई थी। जानकारी के अनुसार सोमवार रात करीब 8 बजे जब साधना का पूरा परिवार बाहर बैठ कर बातें कर रहा था। उसने घर के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके फांसी लगा ली।
प्रेमी ने भी तोड़ा दम: जानकारी के अनुसार मेढकी गांव के किसान प्रकाश लोधी की पुत्री साधना(19) ने सोमवार रात करीब 8 बजे अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके फांसी लगा ली। यह बात गांव में तेजी से फैल गई। परिजनों मे जैसीनगर पुलिस को सूचना दी इसी दौरान एक और खबर आई कि पड़ोस में ही रहने वाले किसान गंधर्व लोधी के पुत्र पंकज (20) ने भी जहर पी लिया है। परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद पंकज ने दम तोड़ दिया।पंकज ने भी मान ली हार: साधना की मौत की खबर मिलते ही पंकज ने भी खुद को खत्म करने के इरादे से घर में ही जहर पी लिया। घर वालों ने तुरंत उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला जैसीनगर थाने के मेढकी गांव का है। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। गांव में यह बात फैलने के बाद प्रेमी युगल ने सुसाइड कर ली।

जोधपुर कलेक्टर ने नगर निगम जेडीए सहित डेढ़ दर्जन विभागों के अफसरों को थमाए नोटिस

जोधपुर। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में दर्ज आम जनता की समस्याओं के समाधान में गंभीरता नहीं लेने एवं समय पर समाधान नहीं करने वाले नगर निगम के सीईओ एवं जेडीए सचिव सहित डेढ़ दर्जन विभागीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजे हैं।

कलेक्टर गौरव गोयल ने आम जन से जुड़े विभागों द्वारा ही मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरणों में रूचि नहीं दिखाने तथा समय पर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करने वाले विभागों के प्रमुख अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं। गोयल की अध्यक्षता में सीएम सैल की बैठक ऐसे विभागों के अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है।

इनको दिए नोटिस : सीईओ नगर निगम ,सचिव जेडीए ,प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, उप निदेशक सामजिक न्याय एवं अधिकारिता, बीडीओ मंडोर ,बीडीओ बावड़ी, प्रभारी राजस्व शाखा, एसडीएम फलौदी व लूणी, तहसीलदार बावड़ी,फलौदी,जोधपुर व लूणी, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी जिला वृत, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी नगर वृत जोधपुर, अधीक्षक एमडीएम व अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका फलौदी सहित विभागीय अफसरों को कलेक्टर ने कारण बताओं नोटिस जारी किए हैं।