बाड़मेर न्यूज़ बॉक्स ,,,,,,,,,आज की खबरे विवाहिता ने आत्महत्या की बायतु। क्षेत्र के भोजासर गांव में सोमवार शाम को एक विवाहिता ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि तुलसी (19) पत्नी देदाराम निवासी भोजासर ने सोमवार शाम को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शव पोस्टमार्टम कर मंगलवार को परिजनों को सौंप दिया। इस आशय का मामला मृतका के पिता मूलाराम निवासी शिवकर ने दर्ज करवाया।
सर्पदंश से युवक की मौत बालोतरा। समीपवर्ती आसोतरा गांव में एक कृषि कुएं पर काश्त कार्य के दौरान सर्पदंश से पीडित एक व्यक्ति की मौत हो गई। आसोतरा निवासी अचलाराम (28) पुत्र प्रहलादराम कृषि कुएं पर फसलों को पानी पिलाने का कार्य कर रहा था। इसी दौरान उसे सर्पदंश हो गया। उपचार के लिए उसे बालोतरा रवाना किया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
दुकान के ताले तोड़कर चोरी बाड़मेर। शहर कोतवाली थाने में चोरी का मामला दर्ज हुआ है। रमेशकुमार पुत्र मानमल निवासी सरदारपुरा ने मामला दर्ज कराया कि अज्ञात चोरों ने रात के समय उसकी दुकान के ताले तोड़कर एक तोला सोना, आधा किलो चांदी एवं दो हजार रूपए नकद चुरा लिए। राजकार्य में बाधा-अभयसिंह पुत्र खुमानसिंह हाल वनपाल वन विभाग बाड़मेर ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया कि सम्पतसिंह पुत्र राजूसिंह व तीन अन्य ने मिलकर वन विभाग की वनभूमि पर बन रही चारदीवारी के दौरान के उसके साथ धक्कामुक्की कर राजकार्य में बाधा पहंुचाई।
पैसे देकर लाई गई दुल्हन 5 दिन बाद फुर्र हिसार। हरियाणा के सिरसा जिले के कोरड रोडी गांव के एक युवक के लिए कुछ बिचौलियों द्वारा पैसे देकर लाई गई दुल्हन महज पांच दिन बाद भाग गई। यही नहीं युवक ने बकायदा बिचौलियों को दुल्हन के बदले करीब1.10 लाख रूपए भी दिए लेकिन दुल्हन और बिचौलिए उसे दगा दे गए। युवक ने पुलिस को भी शिकायत दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के कुलविंदर ने बताया कि उसके माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। फिलहाल वह अपनी दादी के साथ रह रहा है और इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। भादडा गांव के एक युवक सुखराज के साथ उसका काफी समय से दोस्ताना है। उसने बताया कि गांव गदराना के कुछ व्यक्ति उसके गांव आए और कहने लगे कि वे उसकी शादी करवा देंगे लेकिन उसके लिए कुछ पैसे देने होंगे। उसने बताया कि ये लोग तीन बार में 80 हजार 20 और 10 हजार रूपए ले गए। विगत 5 जनवरी को उसकी एक लड़की से शादी करवा दी। शादी के बाद पांच दिन ही दुल्हन ही रही और उसके बाद फुर्र हो गई। उसने आरोप लगाया है कि ये लोग ही उसे अपने साथ लग गए हैं। यही नहीं जब उसने इन लोगों से इस बाबत बात की तो उन्होंने मिलकर दोनों पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। शोर मचाने पर वे भाग गए।
दुनिया का एक मात्र मंदिर जहां महिला पुजारी करती हे पूजा क्षेत्रपाल का मंदिर जहां विवाह बंधन सूत्र खुलते हें जैसलमेर अपनी अनूठी संस्कृति और परम्पराओ के निर्वहन के लिए जाना जाने वाले जैसलमेर जिले में स्थानीय लोक देवता क्षेत्रपाल का अनूठा मंदिर जिला मुख्यालय से छ किलोमीटर दूर ,स्थित हें जहां स्थानीय वासिंदे शादी के बाद विवाह सूत्र बंधन जिसे स्थानीय भाषा में कोंकण डोरा कहते हें खोलने आते हें ,इस मंदिर में अब तक लाखो की तादाद में दुल्हा दुलहन धोक देकर कोंकण डोरा खोल , हें खास बात की इस मंदिर की पूजा परम्परागत रूप से माली जाती की महिलाए करती हें ,दुल्हा दुल्हन से विधिवत पूजा पाठ महिला पुजारी कराती हें पूजा पाठ के बाद नव दम्पति के विवाह सूत्र बंधन क्षेत्रपाल को साक्षी मान कर खोले जाते हें ,ताकि क्षेत्रपाल दादे की मेहर टा उम्र दूल्हा दुल्हन पर बनी रहे ,जैसलमेर राज्य की स्थापना के यह परंपरा शुरू हुई थी सेकड़ो सालो से चल रही परम्परा आज भी निर्विवाद रूप से चल रही हें ,इस मंदिर में जैसलमेर के हर जाती धर्म के स्थानीय निवासी निवासी धोक देते हें ,क्षेत्रपाल को शरादालू इच्छानुसार सवा किलो से ले कर सवा मन तक का चूरमा का भोग देते हें ,जैसलमेर में हर जाती ,धर्म में होने वाली शादी के बाद तीसरे या चोथे दिन नव विवाहित जोड़े के कोंकण डोरे खोलने बड़ा बाग़ स्थित क्षेत्रपाल मंदिर परिजनों के साथ आना होता हें ..इस मंदिर में अब तक लाखो लोग अपने विवाह बंधन सूत्र खोल चुके हें ,विश्व का ऐसा एक मात्र मंदिर हें ,इस मंदिर में वर्त्तमान में माली जाती की पचास वर्षीय महिला किशनी देवी पूजा पाठ का जिम्मा संभाल रही हें ,किशनी देवी ने बताया की क्षेत्रपाल मंदिर बड़ा चमत्कारिक और इच्छा पूरी वाला हें ,जैसलमेर में होने वाली हर शादी के नव विवाहित दम्पति की शादी की रश्म कोंकण डोरा क्षेत्रपाल को साक्षी मानकर ही खोले जाते हें ,उन्होंने गत तीन सालो में सेकड़ो नव दम्पतियों के विवाह बंधन सूत्र विधिवत पूजा पाठ करने के बाद ,खुलवाए हें उन्होंने बताया की जैसलमेर के लोग जो बाहरी प्रान्तों या विदेशो में भी हें वे भी कोंकण डोरा खोलने क्शेत्रेअपल मंदिर आते हें ,क्षेत्रपाल को चूरमे का भोग चदता हें ,किसी की मन्नत पूरी होने पर बलि भी हें .पहले मंदिर परिसर में बलि दी जाती थी मगर अब परिसर में बलि करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया हें .उन्होंने बताया की मंदिर की पूजा बड़ा बाग़ के स्थानी माली परिवार ही करते हें इसके लिए निविदा जारी होती हें ,जो ज्यादा विकास के लिए लगते हें उसे क्षेत्रपाल की पूजा का मिलाता हें ,उन्हें दो लाख सत्रह हज़ार में निविदा तीन साल पूर्व मिली थी . भी स्थानीय वन माली परिवार ही पोजा पाठ करते ,आये हें क्षेत्रपाल की पूजा महिलाए ही परंपरागत रूप से करती आई हें .मंदिर में जो भी चढ़ावा आता हें उससे उनके परिवार का भरण पोषण होता हें ,उन्होंने बताया की कोई परिवार विवाह के बाद क्षेत्रपाल की धोक देने की भूल करते हें उससे दादा क्षेत्रपाल जात मांग कर कर ,लेते हें लाखो की तादाद में क्षेत्रपाल के मुरीद परिवार हे जो ही नहीं विदेशो के कोने कोने में बसे हें
पूरे परिवार को मिला योजनाओं का सहारा
नियति ने ढाया कहर, राज ने दिया सुकून भरा सफर
- डॉ. दीपक आचार्यजिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,जैसलमेरगरीबों और जरूरतमन्दों के लिए सरकार की योजनाएं कितनी जीवनदायी होती हैं इसका ज्वलंत प्रमाण है सरहदी जैसलमेर जिले की बोहा ग्राम पंचायत के लाखा गाँव का रहने वाला गोरधनसिंह और उसका परिवार। यह गांवजैसलमेर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी पर है।नियति ने इस परिवार पर निर्ममता से इतना कहर बरपाया कि विपन्नता और अभावों के अंधकार से घिरे इन लोगों का जीना दूभर हो चला था। इस बीच राज्य सरकार की योजनाओं ने इस परिवार को अंधेरों से उबारा और इतनासंबल दे दिया है कि आज यह परिवार आत्मनिर्भर होकर जीवन निर्वाह का सुकून पा रहा है।अभावों की वजह से अभिशप्त रहे इस परिवार को हमेशा यह बात याद रहती है कि कठिन दिनों के दौर में सरकार का संरक्षण नहीं मिलता तो आज हालात कितने पीड़ादायी होते, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती।टूट पड़ा विपत्तियों का पहाड़ एक साथइस गाँव के 28 वर्षीय गोरधन सिंह पर ही है पूरे परिवार को चलाने का जिम्मा। मात्रा चौदह वर्ष की आयु में गोरधनसिंह की नेत्रा ज्योति चली गई। उन दिनों वह छठी कक्षा मंे पढ़ता था कि अचानक दिमाग के तंत्रिका तंत्रा मेंगड़बड़ी आ गई। इससे उसकी आँखें जवाब दे गई तभी से वह पूर्ण नेत्राहीन है। उन दिनों नेत्राहीनों की पढ़ाई के लिए शिक्षा की व्यवस्था होने की जानकारी के अभाव के कारण वह आगे अध्ययन नहीं कर पाया। गोरधनसिंह की जिन्दगी पर विपत्तियों के कई पहाड़ एक साथ टूट पड़े। पिता सगतसिंह का साया भी सर से उठ गया। माताजी एवं तीन भाइयों के पालन-पोषण और घर चलाने का जिम्मा भी उसी पर आ पड़ा।इन सारी विपदाओं की घड़ी में कुछ समय जैसे-तैसे गुजरा। गोरधनसिंह की माँ मेहनत-मजदूरी करके अपना घर चलाने लगी। गोरधनसिंह भी अपनी माँ के काम में मदद कर दिया करता।योजनाओं से आया उजियाराइसी बीच सरकारी योजनाओं की जानकारी उस तक पहुंची। इसके बाद उसने अपने परिचितों से सम्पर्क कर योजनाओं के बारे में जाना तथा आवेदन किया। आज सरकार की योजनाओं की बदौलत गोरधनसिंह को विकलांग पेंशनमिल रही है जबकि उसकी माँ को विधवा पेंशन की सुविधा मिल रही है।गोरधनसिंह के परिवार को चलाने के लिए उसे आत्मनिर्भरता देना जरूरी था। इसी सोच के साथ गोरधनसिंह का चयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विश्वास योजना में किया गया। इस योजना में एक लाख रुपएका ऋण दिए जाने का प्रावधान है जिसमें से 30 प्रतिशत राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से अनुदान के रूप में दी जाती है। गोरधनसिंह को उसकी जरूरत के अनुसार विश्वास योजना में पचास हजार का ऋण स्वीकृत कियागया। जिसमें से उसे पन्द्रह हजार रुपए का अनुदान मिला।इस ऋण से गोरधनसिंह ने गाँव में ही घर पर ही किराणा की छोटी सी दुकान खोल ली। अपनी दुकान के लिए वह सामान जैसलमेर से लाता है।दुकान ने सुधारी माली हालतइस दुकान से उसे औसतन दो हजार रुपए मासिक आय हो जाती है। अपनी दुकान अब गोरधनसिंह के लिए रोजगार का स्थायी और पक्का साधन हो गया है। इससे उसकी तथा परिवार की कई समस्याओं व अभावों का खात्मा होगया है तथा माली
सरहद पर आपरेशन सर्द हवा खत्म लेकिन जबाज है तैयार /बाड़मेर सरहद पर आपरेशन सर्द हवा खत्म लेकिन जबाज है तैयार /भारत -पाक की बीच पूछ में पाक सेना दवारा भारतीय सेना के दो जवाने के सरकाटने की घटना के बाद दोनों देशो के बीच गर्म माहोल के बाद बॉर्डर परहलचल बढ़ाने के बाद अब राजस्थान गुजरात पाक सीमा पर BSF के आपरेशन अलर्टसोमवार को खत्म हुआ इस आपरेशन के दोहरान सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनीड्यूटी को लेकर बड़े चोक्स नजर आए इस आपरेशन के दोहरान BSF के आलअधिकारी भी करीब 14 दिन तक बॉर्डर पैर डेरा डाले हुए थे अब सीमा कीहिफाजत करने वाले जवानो का कहना है कि हम हर पारिस्थि में दुसमन को मुहतोड़ जबाब देने के लिए 24 घंटे तैयार है बॉर्डर पर BSF जवानो के देखकर तोयही लगता है कि अब सीमा पर दुशमन को मुह तोड़ जबाब देने के लिए हमारे जबाजतैयार है.....अब हम आपको विस्तार से बताते है कि बॉर्डर पर आपरेशनसर्द हवा का क्या मतलब होता है दरसल BSF साल दो दफा स्पेशल आपरेशन चलाता है एक आपरेशन सर्द हवा तो दूसरा आपरेशन गर्म हवा सर्दियों में जबबॉर्डर पर तापमान 1 या दो डिग्री हो जाता है और धुंध बढ़ जाती है तोबॉर्डर पर यह खतरा रहता है कि कोहरे की आड़ में कभी भी कोई बड़ी घुसपेठ होसकती है या सीमा पार से कोई भी अवंचिनिय गतिविधि हो सकती है इसलिए BSFभयंकर सर्दियों में जब पार जीरो डिग्री के आस -पास होता है तो अपनेआधुनिक हथियरो और बॉर्डर के अलर्ट कर हेड क्वाटर पैर बेठे जवान औरअधिकारियो को बॉर्डर पर भेज के नफरी के साथ ही उपकरणे से बॉर्डर को पूराखगाला जाता है यह तक BSF बॉर्डर के आस -पास के गावो में MOB लगाकरबॉर्डर पर आने जाने वाले की तलाशी लेती है साथ जीरो लायन पर उपकरणे केसाथ ही डॉग स्कॉट से जीरो लायन के आस पास के इलाके की जाच की जाती हैबॉर्डर पर बेठे जवानो का कहना है कि इन दिनों जब सुबह घाना कोहरा होता हैतो हम उपकरणों से बॉर्डर पर अपनी निगाहों से सीमा पार की हर गतिविधि परनजर रखते है ....... आपरेशन सर्द हवा के दोहरान BSF के आल अधिकारी बॉर्डरपर करीब 15 दिन तक बॉर्डर पर होने वाली हलचल पर नजर रखते है साथ ही अपनेजवानो के साथ रहकर उनका होशाला हफ्जाही करते है इस आपरेशन के दोहरान जोआधुनिक हथियारों के साथ उपकरणों को बॉर्डर पर ले जाकर उसका उपयाग करते हैजोकि आम तोर पर हेड क्वाटर पर होते है आपरेशन के दोहरान ही रूटीन मेंहोने वाली नफरी के साथ ही दिन में जिप्सी से प्त्रोलिग़ ,उठो से पेट्रोलिग,पैदल पेट्रोलिंग और रात के समय में कम्पनी कमांडर के साथ ही कई अधिकारीदेर रात तक तारबंदी के पास पेट्रोलिंग पर जाकर जवानो की मुस्तेदी को चेककरते नजर आते हैवही इस आपरेशन के बारे में BSF के जवानो का कहना है कि जब अधिकारीहमारे साथ रहते है तो हमारा होसला बढ़ता है और आपरेशन में हम अपनी पूरीतयारी के साथ बॉर्डर पर तेनात रहकर दुशमन को मुह तोड़ जबबा देने के लिएतैयार रहते है हमारे ड्यटी पर मोसम का कोई असर नहीं पड़ता है हम हर वक्तचोकश रहकर अपनी ड्यटी करते है ......पूछ की घटना के बाद ही बॉर्डर के उस पार पाक सेना कीगतिविधि सीमा के आस पास बढ़ गयी थी और दोनों देशो के रिश्ते भी बिगड़ गए थेऔर ऐसे समय में आपरेशन शरू होने से हमारे जवान और भी मुस्तेद हो आगे थेअब आपरेशन सर्द हवा सोमवार को खत्म हो गया है लेकिन हमारे जवान बॉर्डर परकरीब दो तिन डिग्री के तापमान में भी अपनी ड्यटी के मुस्तेदी से करते नजरआ रहे है इसलिए तो हम इन BSF के जवानो को ख रहे है जीरो डिग्री के जबाजहम और आप इन जाबाजो के चलते ही तो देश में सुरक्षित ही इसिलए हम इन जवानोको अपने दिल से सलाम करते है-- VIJAY KUMAR BARMER9414383984-- CHANDAN SINGH BHATI