बुधवार, 29 अगस्त 2012

मोदी को झटका,दंगों में पूर्व मंत्री दोषी

मोदी को झटका,दंगों में पूर्व मंत्री दोषी
अहमदाबाद। अहमदाबाद में 28 फरवरी 2002 को भड़के दंगों के आरोपियों पर कोर्ट के फैसले ने नरेन्द्र मोदी सरकार को झटका दिया है। फैसला सुनाते हुए अहमदाबाद की विशेष्ा निचली अदालत ने 32 लोगों को दोषी करार दिया है,इनमें मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी माया कोडनानी का नाम भी शामिल है। साथ ही बीएसपी के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इस मामले में 29 आरोपियों को बरी भी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि जिस समय दंगे हुए माया कोडनानी सिर्फ विधायक थी, लेकिन बाद में मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया दिया गया था। आई विटनेस के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर लोगों को इकट्ठा करना का आरोप है।


ज्ञात हो कि गोधरा कांड के बाद अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया में भड़के दंगों में इससे पूर्व जून में विशेष न्यायाधीश डॉ. ज्योत्सना बेन याçज्ञक ने सुनवाई की थी और फैसले की तारीख 29 अगस्त निर्धारित की थी।


97 लोग मारे गए थे

गोधरा कांड के बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया इलाके में भड़के दंगे में 97 लोग मारे गए थे। इस मामले में नरोडा से भाजपा विधायक व नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल की पूर्व मंत्री माया बेन कोडनानी सहित तीन महिलाएं, पूर्व विहिप नेता बाबू बजरंगी, पूर्व पार्षद विपिन पंचाल, वकील राजकुमार चौमल सहित 61 आरोपी शामिल थे।

2008 में एसआईटी ने शुरू की थी जांच

इस मामले की जांच पहले गुजरात पुलिस ने की थी, लेकिन वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र, हत्या का प्रयास, हथियारों के साथ एकत्रित होने, दंगा भड़काने, लूट-पाट, डकैती सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए।

कसाब की सभी दलीलें खारिज, मौत की सजा बरकरार

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की अपील पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कसाब की अर्जी में उसकी तरफ से रखी गई सभी दलीलें खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा है कि यदि देश की संप्रभुता पर हमला होता है तो इसे बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। इस अपराध की बड़ी सजा मिलनी चाहिए।

कसाब की सभी दलीलें खारिज, मौत की सजा बरकरार

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। इस हमले में मुंबई पुलिस के तीन अफसर हेमंत करकरे, अशोक काम्‍टे और विजय सालस्‍कर भी शहीद हो गए थे।

बाड़मेर में रिफायनरी की कोई संभावना नहीं दो साल तक


बाड़मेर  में रिफायनरी की  कोई संभावना नहीं दो साल तक 

बाड़मेर। राज्‍य के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत बाड़मेर में प्रस्‍तावित रिफायनरी को लेकर कितनी ही बयान बाजियां करते रहे, लेकिन हकीकत में राजस्‍थान सरकार की ढिलाई के कारण ही रिफायनरी अटकी हुई है।रिफायनरी अगले दो साल तक लगने की कोई संभावना नहीं हें .

यह खुलासा बाड़मेर सांसद हरीश चौधरी द्वारा लोकसभा में पुछे गए एक प्रश्‍न के जवाब में हुआ, जिसमें केन्‍द्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेडडी ने रिफायनरी में देरी के राजस्‍थान सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया। केन्‍द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक बाड़मेर में प्रस्‍तावित रिफायनरी के मामलें में ओएनजीसी को राजस्‍थान सरकार के सकारात्‍मक जवाब का इंतजार है।

बाड़मेर सांसद को लिखे पत्र में केन्‍द्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेडडी ने बताया कि राजस्‍थान सरकार ने रिफायनरी के संबध में राजस्‍थान सरकार की 26 फीसदी भागीदारी, 15 वर्ष के लिए बिना ब्‍याज के ग्‍यारह सौ करोड़ रूपए के ऋण और कुछ अन्‍य शर्तो के संबध में अब तक सिद्वातंत: मंजूरी दी है, जबकि ओएनजीसी इस मामलें में किसी भी प्रकार के निवेश से पूर्व सिद्वातंत: मंजूरी के बजाय केबिनेट मंजूरी का इंतजार कर रही है।


उल्‍लेखनीय है कि बाड़मेर में प्रस्‍तावित रिफायनरी के लिए साल 2010 में गठित त्रिपाठी कमेटी ने बाड़मेर में बड़ी रिफायनरी के बजाय 4.5 से 6 मिलीयन टन की रिफायनरी लगाने की बात कही थी। त्रिपाठी कमेटी की रिपोर्ट के बाद रिफायनरी की सबसे बड़ी भागीदार मानी जा रही ओएनजीसी ने बाड़मेर में 4.5 मिलीयन टन रिफायनरी के लिए इंजीनीयर्स इण्डिया लिमिटेड की टीम से तकनीकी रिर्पोट और भारतीय स्‍टेट बैंक से वित्‍तीय रिर्पोट मंगवायी। इस रिर्पोट के बाद ओएनजीसी को बाड़मेर में रिफायनरी लगाना घाटे का सौदा लगा, जिसके बाद कंपनी ने राजस्‍थान सरकार से रिफायनरी में राजस्‍थान सरकार की 26 फीसदी भागीदारी, 15 वर्ष के लिए बिना ब्‍याज के ग्‍यारह सौ करोड़ रूपए के ऋण और कुछ अन्‍य जरूरतों के संबध में शर्त रखी।



ओएनजीसी का कहना है कि राजस्‍थान सरकार उसकी शर्तो पर सिद्वातंत: सहमत है, लेकिन इस मामलें में किसी भी प्रकार के निवेश से पूर्व केबिनेट मंजूरी जरूरी है।

तीन नवजात बालिकाओं की संदिग्ध मौत


तीन नवजात बालिकाओं की संदिग्ध मौत

जैसलमेर जिले में एक बार फिर नवजात बालिकाओं की संदिग्ध मौत का सिलसिला सामने आ रहा है। सोमवार को सीतोड़ाई में दो दिन पूर्व जन्मी एक बालिका की मौत के बाद मंगलवार को नरसिंगों की ढाणी में दो बालिकाओं की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। दो तीन दिन पूर्व जन्मी बालिकाओं की संदिग्ध मौत को कन्या हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसके चलते चिकित्सा महकमा सजग हो गया और मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार नरसिंगों की ढाणी में एक बच्ची जो 25 अगस्त को जन्मी थी उसकी मौत हो गई। वहीं एक बच्ची जिसका जन्म 25 को हुआ था और 26 अगस्त को ही उसकी मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद गोपाल पुरोहित ने बताया कि मंगलवार को सामने आए दो बालिकाओं की संदिग्ध मौत के मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं वहीं एक दिन पूर्व सीतोड़ाई में हुई संदिग्ध मौत के मामलों की जांच मेडिकल टीम द्वारा की जा रही है। अभी तक इन मामलों में मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। सूत्रों के अनुसार इन मामलों में कन्या हत्या की आशंका भी जताई जा रही है।

कहीं हल्की, कहीं मूसलाधार थार में मेघ मल्हार


कहीं हल्की, कहीं मूसलाधार थार में मेघ मल्हार


किसानों के चेहरे खिले गांवों में भी बरसे बदरा


बाड़मेर. जिले में मंगलवार को मानसून एक बार फिर सक्रिय हुआ। कहीं झमाझम तो कहीं हल्की फुहारों से मौसम खुशगवार बन गया। देर रात तक हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। शहर में करीब पंद्रह मिनट तक हुई हल्की बारिश से सड़कें पानी से तरबतर हो गई। इससे पहले दिनभर बादल छाए रहे।



जिले के बालोतरा, रामसर, शिव व चौहटन क्षेत्र में भी मंगलवार शाम को तेज बारिश हुई। इस बारिश से मौसम सुहाना बन गया। रात में मंद शीतल बयार चलने लगी। बालोतरा में दिन भर सावन की झड़ी लगी रही। शाम में एक इंच बरसात दर्ज की गई। रामसर पंचायत के कई गांवों में मूसलाधार बारिश हुई। गलियों में कीचड़ फैल जाने से ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिव कस्बे के मुख्य बाजार, हाइवे, जोरानाडा रोड, गडरा चौराहे आदि जगहों पर पानी भर जाने से राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। चोचरा, भियाड़, समदड़ी व कल्याणपुरा में भी तेज बरसात हुई। बायतु पंचायत समिति के माधासर, बायतु चिमनजी, पनावड़ा, कानोड़ सहित अकदड़ा में भी बरसात हुई।

पिछले कई दिनों से मानसून के रूठने से किसान मायूस हो गए थे, क्योंकि पिछले दिनों की बरसात में बोई फसलें मुरझाने लगी थी। इस बरसात से फिर फसलों को जान मिलने की उम्मीद है। जिले में काफी जगहों पर कम बरसात से अकाल से हालात बने हुए हैं।