मोदी को झटका,दंगों में पूर्व मंत्री दोषी
अहमदाबाद। अहमदाबाद में 28 फरवरी 2002 को भड़के दंगों के आरोपियों पर कोर्ट के फैसले ने नरेन्द्र मोदी सरकार को झटका दिया है। फैसला सुनाते हुए अहमदाबाद की विशेष्ा निचली अदालत ने 32 लोगों को दोषी करार दिया है,इनमें मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी माया कोडनानी का नाम भी शामिल है। साथ ही बीएसपी के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इस मामले में 29 आरोपियों को बरी भी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिस समय दंगे हुए माया कोडनानी सिर्फ विधायक थी, लेकिन बाद में मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया दिया गया था। आई विटनेस के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर लोगों को इकट्ठा करना का आरोप है।
ज्ञात हो कि गोधरा कांड के बाद अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया में भड़के दंगों में इससे पूर्व जून में विशेष न्यायाधीश डॉ. ज्योत्सना बेन याçज्ञक ने सुनवाई की थी और फैसले की तारीख 29 अगस्त निर्धारित की थी।
97 लोग मारे गए थे
गोधरा कांड के बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया इलाके में भड़के दंगे में 97 लोग मारे गए थे। इस मामले में नरोडा से भाजपा विधायक व नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल की पूर्व मंत्री माया बेन कोडनानी सहित तीन महिलाएं, पूर्व विहिप नेता बाबू बजरंगी, पूर्व पार्षद विपिन पंचाल, वकील राजकुमार चौमल सहित 61 आरोपी शामिल थे।
2008 में एसआईटी ने शुरू की थी जांच
इस मामले की जांच पहले गुजरात पुलिस ने की थी, लेकिन वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र, हत्या का प्रयास, हथियारों के साथ एकत्रित होने, दंगा भड़काने, लूट-पाट, डकैती सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए।
अहमदाबाद। अहमदाबाद में 28 फरवरी 2002 को भड़के दंगों के आरोपियों पर कोर्ट के फैसले ने नरेन्द्र मोदी सरकार को झटका दिया है। फैसला सुनाते हुए अहमदाबाद की विशेष्ा निचली अदालत ने 32 लोगों को दोषी करार दिया है,इनमें मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी माया कोडनानी का नाम भी शामिल है। साथ ही बीएसपी के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इस मामले में 29 आरोपियों को बरी भी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिस समय दंगे हुए माया कोडनानी सिर्फ विधायक थी, लेकिन बाद में मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया दिया गया था। आई विटनेस के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर लोगों को इकट्ठा करना का आरोप है।
ज्ञात हो कि गोधरा कांड के बाद अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया में भड़के दंगों में इससे पूर्व जून में विशेष न्यायाधीश डॉ. ज्योत्सना बेन याçज्ञक ने सुनवाई की थी और फैसले की तारीख 29 अगस्त निर्धारित की थी।
97 लोग मारे गए थे
गोधरा कांड के बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोडा पाटिया इलाके में भड़के दंगे में 97 लोग मारे गए थे। इस मामले में नरोडा से भाजपा विधायक व नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल की पूर्व मंत्री माया बेन कोडनानी सहित तीन महिलाएं, पूर्व विहिप नेता बाबू बजरंगी, पूर्व पार्षद विपिन पंचाल, वकील राजकुमार चौमल सहित 61 आरोपी शामिल थे।
2008 में एसआईटी ने शुरू की थी जांच
इस मामले की जांच पहले गुजरात पुलिस ने की थी, लेकिन वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र, हत्या का प्रयास, हथियारों के साथ एकत्रित होने, दंगा भड़काने, लूट-पाट, डकैती सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए।
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