गुरुवार, 31 मई 2012

जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधे भाग एक .. .


जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधे भाग एक ..
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एक बेचा दुसरे पर कब्जा

 पैसा कमाने का साधन बनी कच्ची बस्तियों की जमीनों पर कब्जे 

जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिला मुख्यालय पर बसी कच्ची बस्तियों को भू माफिया जैसे लोगो ने पैसा कमाने का जरिया बना रखा हें .जैसलमेर जिला मुख्यालय पर इस वक़्त आधा दर्जन से अधिक कच्ची बस्तिया बसी हें इन बस्तियों में उन लोगो के कब्जे हें जिनके पास साड़ी सुख सुविधाए मौजूद हें कई भूमाफिया किस्म के लोगो ने कच्ची बस्तियों में कब्जे कर उन्हें अछे मुनाफे में बेचने का गौरख धंधा बना रखा हे गफ्फूर भत्ता ऐसे लोगो के हाथ में हें राजनीती दबाव और नगर पालिका की लापरवाही के चलते धनाढ्य वर्ग के लोगो ने भी इन बस्तियों में कब्जे कर रखे हें इन बस्तियों में प्लाट आवंटन को लेकर पालिका के पास कभी ठोस निति रही नहीं जो आया उसे कब्ज़ा दे दिया ऐसे कई लोग हें जिनके पास आठ आठ दस दस प्लोटो पर कब्जे भाई भतीजो और रिश्तेदारों के नाम कर रखे हें .इन लोगो ने फर्जी कब्जे दरसा पालिका को गुमराह कर रखा हें यह लोग आगे से आगे प्लाट बेचा कर नई जगह पर कब्जे कर लेते हे आज भी सेकड़ो की तादाद में सरकारी कराम्चारियो ने भी कच्ची बस्तियों में कब्जे कर शानदार बंगले बना रखे हें जबकि इन बस्तियों में अत्यंत गरीब परिवारों को ही कब्जा या आवंटन का प्रावधान हें आखिर नगर पालिका इसे अनदेखा क्यों कर रही हें .शायद पालिका कराम्चारियो के खुद के बड़ी तादाद में इन बस्तियों में कब्जे हें जिला कलेक्टर जैसलमेर को चाहिए की भूमाफिया किस्म के लोगो के इस गौरख धंधे पर अंकुश लगाए ताकि वास्तविक गरीब को इसका लाभ मिले .








आडवाणी ने बीजेपी को लिया निशाने पर

नई दिल्ली.बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी ही पार्टी की आलोचना की है। आडवाणी ने कहा है कि पार्टी में उत्साह नहीं है और पार्टी को अपने भीतर झांकना होगा। आडवाणी ने पार्टी को यह सलाह अपने ब्लॉग पर ताज़ा पोस्ट में दी है। ब्लॉग में आडवाणी ने कहा है, पार्टी में आजकल जीत का मूड नहीं है। उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे, मायावती द्वारा हटाए गए मंत्री को पार्टी में लिए जाने, झारखंड और कर्नाटक के मामले में पार्टी के रवैये के चलते पार्टी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को धक्का लगा है।
 

इन मुद्दों पर आडवाणी और पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गया है। माना जा रहा है कि आडवाणी से नाराज हैं। आडवाणी नितिन गडकरी को अध्यक्ष के तौर पर दोबारा कार्यकाल दिए जाने के पक्ष में नहीं है। नरेंद्र मोदी द्वारा दबाव बनाकर मुंबई में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान संजय जोशी का इस्तीफा दिलवाए जाने पर भी आडवाणी गडकरी से नाराज बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने आडवाणी के ब्लॉग पर चुटकी ली है। पार्टी की नेता और केंद्र में मंत्री अंबिका सोनी ने इस मुद्दे पर कहा, 'हम लोग तो पहले से ही कह रहे हैं कि बीजेपी को पहले अपना घर दुरुस्त करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि बीजेपी आडवाणी की बात सुनेगी।'

रिश्वत लेते पुलिस उप निरीक्षक अरेस्ट

रिश्वत लेते पुलिस उप निरीक्षक अरेस्ट

बीकानेर। राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो ने गंगानगर में एक पुलिस उपनिरीक्षक को पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते गुरूवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि एक होटल संचालक के पुत्र मनीष ने 29 मई को ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि गत 21 मई को सदर थाने की रीको पुलिस चौकी क्षेत्र में उसका रेहडी वाले अमित से झगड़ा हो गया था जिस पर अमित ने उसके और दो तीन अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट और रूपए छीनने के तहत धारा 382 का मामला दर्ज करा दिया था।

इस धारा को बदलवाने की एवज में रीको चौकी का प्रभारी सुगन सिंह कडवासरा उससे दस हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा था। सूत्रों के मुताबिक ब्यूरो की गंगानगर चौकी के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानी शंकर मीणा ने उसी दिन शिकायत का सत्यापन कराया तो उसमें सुगन सिंह के साथ सिपाही भजनलाल द्वारा पांच हजार रूपए की रिश्वत लेने संबंधी बातचीत की पुष्टि हो गई। तब ब्यूरो ने गुरूवार को जाल बिछाते हुए रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित चौकी में मनीष को पांच हजार रूपए देकर भेजा जहां मनीष ने सुगन सिंह को उक्त रूपए दे दिए।

उसी समय ब्यूरो के दल ने दबिश देकर उक्त रूपए सुगन सिंह की टेबल से बरामद कर लिए। ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि सुगन सिंह के चूरू जिले के सरदारशहर थाना क्षेत्र के बलरासर गांव में स्थित पैतृक मकान की भी तलाशी ली जा रही है। हालांकि कार्रवाई के दौरान सिपाही भजनलाल मौजूद नहीं था लेकिन टेप में दर्ज बातचीत के आधार पर उसे भी मुल्जिम बनाया गया है।

 जयपुर सहित प्रदेश में बंद का व्यापक असर

  जयपुर  सहित प्रदेश में बंद का व्यापक असर
PHOTOS-VIDEO : भारत बंद के नाम पर हुड़दंग, जनता हुई तंग 
जयपुर। पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के भारत बंद के आह्वान पर राजस्थान में बंद का मिला जुला असर रहा। राजधानी जयपुर में भाजपा कार्यकर्ता टोलियां बनाकर सुबह से ही सड़कों पर निकल पडे तथा दुकानें नहीं खुलने दी।

चारदीवारी में बंद का ज्यादा असर रहा। हालांकि मिनी बसें, लो फ्लोर बसें, रिक्शा आदि चलते रहे। बाहरी क्षेत्रों में दोपहर तक बंद का असर नहीं था, लेकिन बाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद कराई। जगह-जगह तैनात पुलिस के जवान मूक दर्शक बने रहे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ऊंट गाड़ी एवं साईकिलों पर बैठकर पेट्रोल में वृद्धि के असर को प्रदर्शित करने का प्रयास किया। गर्मी की छुटि्यां होने के कारण शैक्षणिक संस्थान पहले से ही बंद है।

जयपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने एमआई रोड पर पांच बत्ती से साईकिल यात्रा का नेतृत्व किया। सीकर में भी पूर्व सांसद सुभाष महरिया साईकिल पर शहर में घूमते हुए पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी पर आक्रोश जताया। छोटी चौपड़ पर भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकारी बसों के संचालन का विरोध किया। बंद को जयपुर व्यापार महासंघ के अलावा फोर्टी और दूसरे व्यापारिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। ट्रांसपोर्टर्स, इंडस्ट्री, श्ौक्षणिक संस्थान, बस-ऑटो ऑपरेटर्स, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, सिनेमाघर संचालकों की ओर से बंद को समर्थन दिया जा रहा है।

अनाज मंडिया भी बंद से प्रभावित
बंद का असर प्रदेश की मंडियों पर भी नजर आया। जयपुर की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी मुहाना में आज फल-सब्जियों की आवक तो हुई लेकिन खरीदार नदारद रहे। सूरजपोल, चांदपोल अनाज मंडी में कारोबार पूरी तरह से बंद रहा।

अजमेर में नहीं रखा बंद

भारतीय जनता पार्टी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के उर्स के अवसर पर आए जायरीन की रवानगी की सुविधा के लिए अजमेर को बंद से अलग रखा। इसके अलावा कोटा में भाजपा नेता ओम बिरला के नेतृत्व में कार्यकर्ता बंद में जुटे रहे। इसी दौरान एक आरएएस अधिकारी को महिला कार्यकर्ता के थपप्पड़ जड़ने से माहौल गर्मा गया। बाद में पुलिस ने महिला कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया। इससे आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। उदयपुर, जोधपुर, भरतपुर में भी बंद का असर रहा।

दारिया एनकाउंटर: पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ दोषमुक्त, जेल से रिहा

 

जयपुर। बहुचर्चित दारिया मुठभेड़ प्रकरण में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को बड़ी राहत मिली है। जयपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को राजेंद्र राठौड़ को आरोप साबित नहीं होने पर दोष मुक्त कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जैन ने चार्ज बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। राठौड़ को आरोप मुक्त किए जाने से भाजपा को भी बड़ी राहत मिली है। राठौड़ और भाजपा ने अदालत के फैसले पर खुशी जताई है। गौरतलब है कि राठौड़ खुद अदालत में कह चुके हैं कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

सीबीआई ने 5 अप्रैल को राठौड़ को गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने राठौड़ को आपराधिक षडयंत्र रचने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिस पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसके सिंघल ने संज्ञान लेते हुए मामले को सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दिया था। फैसला आने के बाद जयपुर सेंट्रल जेल के बाहर राठौड़ समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। दोपहर एक बजे राजेंद्र राठौड़ जेल से बाहर आए और अपने समर्थकों के साथ मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुए।

दो अन्य आरोपियों को मिली जमानत
इससे पहले हाइकोर्ट ने मामले के दो आरोपियों को जमानत दे दी। जस्टिस आरएस राठौड़ ने थानेदार सुरेंद्र सिंह और सरदार सिंह को जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए। दोनों आरोपी करीब सवा साल से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे।

देखिए तस्वीरे  रेगिस्तान की रेत में सफारी

























रेगिस्तान की रेत में सफारी


मौसम गर्म हो रहा है। गर्म हो रही है थार के रेगिस्तान की रेत भी। लेकिन थार के पर्यटन वातावरण में गरमी हाल ही में एक और घटना से आई- और वह थी पहली डेजर्ट सफारी का उद्घाटन। यह हुआ जैसलमेर से 30 किलोमीटर दूर सम में। राजस्थान सरकार और राजस्थान पर्यटन की मदद से दुबई के लामा ग्रुप ने इस डेजर्ट सफारी की शुरुआत की है।

जैसलमेर रेगिस्तान तो है लेकिन शहर के आसपास आपको रेत के टीले उस तरह से नहीं मिलेंगे, जैसे आप फोटो या फिल्मों में देखते हैं। रेत का वह समुद्र देखने के लिए आपको जैसलमेर से 42 किलोमीटर दूर सम जाना पडेगा। सम सैंड ड्यून्स के लिए मशहूर हैं। यहां का अनुभव वाकई बिरला होता है। वैसा ही जैसे कोई दार्जीलिंग जाकर अलस्सुबह सूर्योदय देखने के लिए टाइगर हिल की ओर दौड पडता है या कन्याकुमारी में समुद्र में डूबते सूरज देखने को देखने के लिए जनसमुद्र उमड पडता है। सम सैलानी रेत में पिघलते सूरज को देखने के लिए जाते हैं। रेत का यही आकर्षण है कि अब कई होटल व रिजॉर्ट सम के आसपास बन गए हैं। लामा टूर्स एंड क्रूज प्राइवेट लिमिटेड की डेजर्ट सफारी ऐसे ही सम पर होती है। जैसलमेर से रवाना होकर सफारी सम के रेत टीलों के ठीक मुहाने पर पहुंचकर विराम लेती है- जीपों के टायरों की हवा कम करने के लिए।

सफारी का असली अनुभव यहीं से शुरू होता है जब सम के सुनहरे टीलों पर आपकी जीप चढाइयां चढती और उतरती है। इसी सफर के बाद आप टीलों के बीचों-बीच स्थित लामा हैरिटेज विलेज में पहुंचते हैं। यहां बीचों-बीच का आशय रेगिस्तान के बीचों-बीच से कतई नहीं है क्योंकि सम से तो दरअसल थार के रेगिस्तान का अनंत विस्तार शुरू होता है। हां, लामा हैरिटेज विलेज उसका अहसास जरूर देता है क्योंकि वहां जहां भी आप नजर दौडाएं, रेत ही रेत नजर आती है। यह अनुभव वाकई अद्भुत होता है। उस पर अगर शाम को चांदनी छाई हो तो उसका सुरूर ही अलग होता है। वैसे लामा हैरिटेज विलेज में पहुंचने के बाद ऊंट की सवारी कर सकते हैं (रेगिस्तान में आकर उसका अनुभव न किया तो कोई फायदा नहीं), हुक्का आजमा सकते हैं या केवल राजस्थानी पोशाकें पहनकर फोटो खिंचा सकते हैं। अंधेरा गहराने लगे तो रावणहत्था की मदमस्त तानों और कालबेलिया नाच के बीच खालिस राजस्थानी खाने के स्वाद.. वाह, क्या बात है।

एमबीबीएस छात्रा की आपत्तिजनक फोटो पोर्न साइट पर डाली



गुड़गांव.महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही छात्रा की संदिग्ध जानकारी किसी ने पोर्न साइट पर डाली है। छात्रा राजेंद्रा पार्क इलाके की रहने वाली है। छात्रा के पिता के बयान पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
 


राजेंद्रा पार्क इलाके की रहने वाली छात्रा एमडी यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है। छात्रा ने अपने पिता के साथ राजेंद्रा पार्क थाने पहुंचकर एक लिखित शिकायत दी है। थाना प्रभारी बिजेंद्र हुड्डा के अनुसार छात्रा का सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर अकाउंट है। किसी प्रकार से छात्रा का संदिग्ध फोटो बनाकर पोर्न साइट पर डाला गया है।



जिसके बाद छात्रा ने अपने पिता के साथ थाने आकर मामले की लिखित शिकायत दी है। छात्रा के पिता के बयान पर अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67, 67 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आला-अधिकारियों के निर्देशानुसार मामले की जांच साइबर सैल के इंचार्ज सुरेश कुमार को सौंपी गई है।



आईओ सुरेश कुमार के अनुसार युवती की फोटो से छेड़खानी करते हुए उसे संदिग्ध अवस्था में बनाया गया है। संदिग्ध अवस्था में बनाई गई फोटो को किसी ने पोर्न साइट पर डाल दिया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। अभी तक किसी की भी इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है।

विधवा को दोस्‍त बनाया और वैष्‍णो दर्शन के नाम पर रेप कर बनाया एमएमएस

नई दिल्ली. कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने एक युवक को विधवा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने व उसका एमएमएस बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम रोहन है, जो मूलरूप से यूपी का रहने वाला है। पीडि़त महिला लाजपत नगर स्थित एक शोरूम में बतौर काम करती थी। वहां पर रोहन अक्सर खरीददारी के लिए आता था। दोनों के बीच दोस्ती हुई और एक दूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए। 


रोहन महिला को बहाने से वैष्णो देवी ले गया, जहां उसने एक होटल में न सिर्फ महिला को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी वीडियो क्लिपिंग भी बनाई। इस दौरान युवक ने महिला को कुछ नशीला पदार्थ भी पिलाया था। दिल्ली आने के बाद युवक ने वीडियो क्लिपिंग महिला को दिखाई और फिर उसे ब्लैकमेल कर न सिर्फ उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, बल्कि उससे एक लाख 70 हजार रुपए भी ऐंठ लिए।



युवक की धमकियों से तंग आकर महिला ने मामले की शिकायत कोटला मुबारकपुर थाने में की। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर रोहन को गिरफ्तार कर लिया है।

ड्राइवर को सौंपी 12 हजार करोड़ की विरासत, तिवारी ने की बगावत


मथुरा. बाबा जयगुरुदेव धर्म प्रचार संस्था ने बाबा के ड्राइवर पंकज यादव को उनकी 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति की विरासत संभालने की जिम्‍मेदारी सौंपी है। जय गुरुदेव के फैसले का हवाला देते हुए उन्‍हें ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है, लेकिन इस फैसले से नामदान देने वाले उत्तराधिकारी उमेश तिवारी का गुट बगावती तेवर दिखा रहा है। स्वयं उमेश तिवारी भूमिगत हो गए हैं।
 


पंकज यादव ने बाबा को मुखाग्नि दी थी। बुधवार को बाबा की तेरहवीं थी। बाबा के भक्त फूल सिंह ने सार्वजनिक रूप से एक पत्र पढ़कर सुनाया, जो बाबा द्वारा लिखा बताया गया। पत्र के अनुसार 20 जुलाई 2010 को बाबा ने इटावा की सिविल अदालत में लिखित में दिया था कि उनके बाद पंकज को उत्तराधिकारी बनाया जाए। फूल सिंह ने ट्रस्ट प्रबंधक संतराम चौधरी, रामकृष्ण यादव दददू, चरन सिंह एडवोकेट सहित तमाम पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह पत्र पढ़ा। इसके कुछ ही देर बाद माहौल बदलने लगा।



पंकज यादव के नाम की घोषणा होने से पहले मंदिर के ही एक ट्रस्टी के.बी. चौधरी ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2007 में बाबा जयगुरुदेव ने उन्नाव के सत्संग में उमाकांत तिवारी को नामदान, यानी गुरुमंत्र देने के लिए अधिकृत किया था। ऐसे में पंकज का नाम बतौर उत्‍तराधिकारी घोषित होने के बाद तिवारी समर्थक लामबंद होने लगे। खुद तिवारी ने मंच से घोषणा कर दी कि वह खुद को अभी नामदान देने लायक नहीं मानते। उनका कहना था कि वह अभी ध्यान लगाएंगे और खुद को इस लायक बनायेंगे। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है।



पंकज को जिस तरह और जिन परिस्थितियों में उत्‍तराधिकारी घोषित किया गया, वह भी विवादित लग रहा है। चरन सिंह के मुताकि फूल सिंह जिस पत्र में पंकज को बाबा द्वारा उत्तराधिकारी घोषित करने की बात कह रहे हैं, वह इस तरह घोषणा के लिए नहीं है। उनके मुताबिक कोर्ट में विचाराधीन एक मामले के सिलसिले में बाबा ने यह जिक्र किया था।
उनके नाम की घोषणा से पहले संस्था ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यही कहा था कि शीघ्र ही प्रबंधन समिति की बैठक बुलायी गयी है, उसी में अहम निर्णय होंगे। ऐसे में यह चर्चा भी हो रही है कि पंकज को एक खेमा मोहरे के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है, ताकि फिलहाल तिवारी गुट को उग्र होने से बचाया जा सके और विरासत पर उसका दबदबा बना रहे।



सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पंकज को उत्‍तराधिकारी बनाए जाने को लेकर ट्रस्‍ट प्रबंध समिति के केवल तीन पदाधिकारी ही सहमत हैं। इनमें रामकृष्ण यादव दद्दू, चरण सिंह व संतराम चौधरी के नाम बताए जा रहे हैं। ऐसे में अभी बाबा की विरासत को लेकर खींचतान जारी रहने की आशंका है।