बुधवार, 30 मई 2012

नेशनल कैंप के लिए तीन खिलाडिय़ों का चयन


नेशनल कैंप के लिए तीन खिलाडिय़ों का चयन

बास्केटबॉल खेल छात्रावास के हैं तीनों खिलाड़ी

जैसलमेर भारतीय बास्केटबॉल संघ की ओर से जारी सूची में 16 वर्षीय आयु वर्ग के खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षण शिविर में खेल छात्रावास के तीन खिलाडिय़ों महिपाल सिंह, अखिलेश कुमार तथा योगेश कण्डेरिया को शामिल किया गया है। यह राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर गुरू नानक देव स्टेडियम लुधियाना (पंजाब) में आयोजित किया जाएगा। इसी प्रशिक्षण शिविर में से चयनित खिलाड़ी 4 से 16 जुलाई तक याकुतिया (रूस) में आयोजित होने वाली 5वीं एशियन अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।

जिला बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष रूपा राम धणदे ने खिलाडिय़ों की इस उपलब्धि के लिए खेल छात्रावास के बास्केटबॉल प्रशिक्षक लक्ष्मण सिंह तंवर को बधाई देते हुए उनके प्रयासों की सराहना की ।



चयनित खिलाडिय़ों की उपलब्धियां


महिपाल सिंह :- 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता। इन दोनों प्रतियोगिताओं में राजस्थान टीम के कप्तान रहे तथा दोनों राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। 17 वर्ष आयु वर्ग स्कूल नेशनल 2011-12 पाली के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित, इस उपलक्ष्य में पाली जिला कलेक्टर द्वारा 47 हजार रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है। पायका राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता 2010-11 के स्वर्ण पदक विजेता।

योगेश कण्डेरिया :- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसतांबुल (टर्की) में आयोजित वल्र्ड कप चिल्ड्रन बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले एक मात्र भारतीय खिलाड़ी चुने गए एवं इस प्रतियोगिता के सर्व श्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए। 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता रहे व हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है। पायका राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता 2010-11 के स्वर्ण पदक विजेता। 17 वर्ष आयु वर्ग स्कूल नेशनल 2011-12 पाली के रजत पदक विजेता।

अखिलेश कुमार :- 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता रहे व हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है।

शराब के लिए पैसे नहीं दिए तो दलित के चेहरे पर किया पेशाब

 

रोहतक/महम .महम उपमंडल के मोखरा गांव में तीन दबंग युवकों द्वारा कथित रूप से एक दलित युवक से मारपीट व लूटपाट के बाद उसके चेहरे पर पेशाब कर दिए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।

पीड़ित युवक को पीजीआई रोहतक के वार्ड नंबर आठ में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मामले की संवेदनशीलता और

महम पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित 23 वर्षीय अशोक कुमार ने बताया कि वह गांव के बाहर शराब ठेके के नजदीक अंडों की रेहड़ी लगाता है। सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे गांव के तीन युवक मोनू, कुकू व जोजो आए और शराब के लिए उससे पैसे मांगने लगे। मना करने पर तीनों ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां दी। ठेके से आए दो युवकों ने उसे छुड़वाया। उस समय आरोपी मौके से चले गए। आधा घंटे बाद जब वह रेहड़ी लेकर घर जा रहा था, रास्ते में आरोपी अपने दो अन्य साथियों के साथ आए और धक्का मारकर रेहड़ी पलट दी। उसके साथ पहले जमकर मारपीट की। साथ में जेब से 2500 रुपए निकाल लिए और मोबाइल तोड़ दिया। इसके बाद दो युवकों ने उसके दोनों हाथ पकड़ दिए व तीसरे ने चेहरे पर पेशाब कर दिया। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग आए और उसे छुड़वाया।

आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। अशोक के परिजन रात को ही उसे महम थाने ले गए, जहां शिकायत दर्ज करने के बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल करवा दिया। वहां से मंगलवार दोपहर बाद रोहतक पीजीआई में रैफर कर दिया। महम पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ मारपीट, लूटपाट, जान से मारने की धमकी देने व जाति सूचक गालियां देने का मामला दर्ज किया है।

मोखरा गांव में दलित युवक ने गांव के ही युवकों पर मारपीट, लूटपाट व चेहरे पर पेशाब कर जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाया है। मामला दर्ज कर डीएसपी पृथ्वी सिंह ने केस की जांच शुरू कर दी है। -विकास धनखड़, कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक।

गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूपसिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई


सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

सिद्घिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं।

चतुर्भुजी विग्रह

सिद्धि विनायक की दूसरी विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है। उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है। गणपति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है। मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है। सिद्धि विनायक का विग्रह ढाई फीट ऊंचा होता है और यह दो फीट चौड़े एक ही काले शिलाखंड से बना होता है।

मुंबई का सिद्घिविनायक मंदिर



यूं तो सिद्घिविनायक के भक्त दुनिया के हर कोने में हैं लेकिन महाराष्ट्र में इनके भक्त सबसे ज्यादा हैं। समृद्धि की नगरी मुंबई के प्रभा देवी इलाके का सिद्धिविनायक मंदिर उन गणेश मंदिरों में से एक है, जहां सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। हालांकि इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के 'अष्टविनायकों ’ में गिनती होती है और न ही 'सिद्ध टेक ’ से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सिद्ध टेक के गणपति भी सिद्धिविनायक के नाम से जाने जाते हैं और उनकी गिनती अष्टविनायकों में की जाती है। महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो अष्टविनायक के नाम से प्रसिद्ध हैं। लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं।

आमतौर पर भक्तगण बाईं तरफ मुड़ी सूड़ वाली गणेश प्रतिमा की ही प्रतिष्ठापना और पूजा-अर्चना किया करते हैं। कहने का तात्पर्य है कि दाहिनी ओर मुड़ी गणेश प्रतिमाएं सिद्ध पीठ की होती हैं और मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी की जो प्रतिमा है, वह दाईं ओर मुड़े सूड़ वाली है। यानी यह मंदिर भी सिद्ध पीठ है।

इतिहास

किंवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण संवत् १६९२ में हुआ था। मगर सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक इस मंदिर का १९ नवंबर १८०१ में पहली बार निर्माण हुआ था। सिद्धि विनायक का यह पहला मंदिर बहुत छोटा था। पिछले दो दशकों में इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हो चुका है। हाल ही में एक दशक पहले १९९१ में महाराष्ट्र सरकार ने इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए २० हजार वर्गफीट की जमीन प्रदान की। वर्तमान में सिद्धि विनायक मंदिर की इमारत पांच मंजिला है और यहां प्रवचन ग्रह, गणेश संग्रहालय व गणेश विापीठ के अलावा दूसरी मंजिल पर अस्पताल भी है, जहां रोगियों की मुफ्त चिकित्सा की जाती है। इसी मंजिल पर रसोईघर है, जहां से एक लिफ्ट सीधे गर्भग्रह में आती है। पुजारी गणपति के लिए निर्मित प्रसाद व लड्डू इसी रास्ते से लाते हैं।



गर्भग्रह
नवनिर्मित मंदिर के 'गभारा ’ यानी गर्भग्रह को इस तरह बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक भक्त गणपति का सभामंडप से सीधे दर्शन कर सकें। पहले मंजिल की गैलरियां भी इस तरह बनाई गई हैं कि भक्त वहां से भी सीधे दर्शन कर सकते हैं। अष्टभुजी गर्भग्रह तकरीबन १० फीट चौड़ा और १३ फीट ऊंचा है। गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें सिद्धि विनायक विराजते हैं। गर्भग्रह में भक्तों के जाने के लिए तीन दरवाजे हैं, जिन पर अष्टविनायक, अष्टलक्ष्मी और दशावतार की आकृतियां चित्रित हैं।

वैसे भी सिद्धिविनायक मंदिर में हर मंगलवार को भारी संख्या में भक्तगण गणपति बप्पा के दर्शन कर अपनी अभिलाषा पूरी करते हैं। मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि लाइन में चार-पांच घंटे खड़े होने के बाद दर्शन हो पाते हैं। हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोह पूर्वक मनाया जाता है।

मंगलवार, 29 मई 2012

सुहागरात मना रहे दूल्हे की मौत

सुहागरात मना रहे दूल्हे की मौत

छपरा। बिहार के सारण जिले के एकमा थाना क्षेत्र में सोमवार की रात विवाह के बाद अपनी सुहागरात मना रहे दूल्हे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार रविवार की रात पछुआ गांव निवासी राहुल का विवाह बनियापुर थाना क्षेत्र निवासी शम्भु भगत की पुत्री हीरा कुमारी के साथ धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ था। राहुल सोमवार को दुल्हन की विदाई करा उसे अपने घर ले आया। रात को घर के सभी लोग छत पर सोने के लिए चले गए। मंगलवार की सुबह जब राहुल का शव उसके बिस्तर पर पड़ा मिला तब उसकी पत्नी ने सभी परिजनों को इसकी सूचना दी।

छपरा के पुलिस उपाधीक्षक कैलाश प्रसाद ने बताया कि मृतक के कंधे पर गोली लगने का निशान है, घाव से खून भी बहा है। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवक दिल्ली के एक अस्पताल में वाहन चालक का काम करता था और विवाह करने ही गांव आया था। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

प्रसाद ने कहा कि पुलिस प्रत्येक बिंदु पर जांच कर रही है। पत्नी से पूछताछ की जा रही है। इस मामले की एक प्राथमिकी युवक के पिता ललन भगत के बयान के आधार पर सम्बंधित थाने में दर्ज करा दी गई है।

मिल गई बहादुर शाह जफर की कब्र

मिल गई बहादुर शाह जफर की कब्र

यंगून। भारत के अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर का शव 1991 तक एक अज्ञात कब्र में दफन पड़ा हुआ था। बाद में एक खुदाई के दौरान इस बादशाह के कब्र के बारे में पता चला।

बहादुर शाह जफर का मकबरा म्यांमार की पूर्व राजधानी यंगून में स्थित है। उनके चाहने वाले मकबरे के दर्शन के लिए आते रहते हैं। ब्रिटिश हुकूमत द्वारा निर्वासित किए जाने के बाद जफर का सात नवम्बर, 1862 को निधन हो गया था।

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने बहादुर शाह जफर को देश से निष्कासित कर म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) भेज दिया था। वहां रंगून (अब यंगून) में 87 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया था। 1857 के विद्रोह के बाद जफर दिल्ली में हुमायू के मकबरे में छिप गए थे, जहां से उन्हें पकड़ लिया गया था।

इस मकबरे पर आने वाले कई सारे पर्यटकों का मानना है कि बहादुर शाह जफर अपने अंतिम दिनों में संत बन गए थे। उनकी कब्र के बगल में उनकी पत्नी बेगम जीनत महल और बेटी रौनक जमानी बेगम की कब्र है।

Hum Tere Shaher Main Aaye Hain Musafir Ki Tarah

Best Ghazal-Pankaj Udhas, Ek Taraf Uska Ghar

अब महिलाओं के लिए नया कामसूत्र

वात्स्यायन के कामसूत्र को जहां आज के लाइफस्टाइल के हिसाब से लिखा गया है वही अब इसे महिलाओं के नजरिए से लिखने की कोशिश हो रही है।

यह पहल की है लेखिक के. आर. इंदिरा ने। इंदिरा का मानना है कि वात्स्यायन के कामसूत्र को पुरुष ने लिखा है इसलिए इसमें ज्यादातर पुरुषों की मानसिकता को बयां किया गया है।

इंदिरा का कहना है कि मैंने जब कामसूत्र को गंभीरता से पढ़ना शुरू किया तो पाया कि यह एक पुरुष की लिखी हुई किताब है, जिसमें बताया गया है कि महिलाओं का कैसे इस्तेमाल किया जाए। ' मेरा सोचना है कि महिलाओं को भी सेक्शुअल इंडिपेंडेंस चाहिए।
यह किताब काफी रिसर्च के बाद लिखा गया है।

महिलाओं को कामसूत्र का पाठ पढ़ाने वाली उनकी किताब जून के पहले हफ्ते में रिलीज़ होगी।

भरष्ट लेखाकार का तबादला निरस्त करने में जुटे स्थानीय मंत्री

भरष्ट लेखाकार का तबादला निरस्त करने में जुटे स्थानीय मंत्री



बाड़मेर में मनरेगा में एक भ्रष्ट लेखाकार की मुख्यमंत्री हाउस से जाँच के बाद ट्रांसफर जयपुर किया भ्रष्ट लेखाकार तबादला निरस्त करने जयपुर स्थानीय मंत्रीजी के पास हें ऐसे भ्रष्ट लोगो का तबादला निरस्त न हो बाड़मेर में कई सालो से जमा हे लेखाकार .उसे सजा दे जिस व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए उसे भ्रष्ट नेता शाह देकर तबादला निरस्त कराने में जुटे हें ऐसे भरष्ट नेताओं को ज्ञात रहे इस बार विधान सभा चुनावों में भरष्टाचार और भारश्ताचारियो को शाह देने वालो को नंगा किया जाएगा ..जनता जवाब मांगेगी ...आखिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरष्टाचार हटाने का नारा खोखला नज़र आ रहा हें ..जिस व्यक्ति को पोल खोल नंगा किया उसे सरकार पनाह दे रही हे क्या करे

ब्वॉयफ्रेंड ने नाबालिग को पहले बीवी बनाया, फिर कोठे पर बेचा

नई दिल्ली.पुणे के एक पिता ने दिल्ली की बदनाम गली जीबी रोड से एक एनजीओ की मदद से अपनी नाबालिग बेटी को छुड़वाया। उनकी बेटी ने कर्नाटक के एक युवक से शादी की थी जिसने उसे जीबी रोड के एक कोठे पर बेच दिया।   
सोमवार रात को पुलिस ने एनजीओ शक्तिवाहिनी और रेस्क्यू फाउंडेशन की मदद से जीबी रोड के दो कोठों पर छापा मारकर 6 लड़कियों को मुक्त कराया। कोठे से छुड़ाई गई सभी लड़कियों की उम्र 16-18 के बीच हैं। इन्हें शादी का झांसा देकर लाए प्रेमियों ने तीस-चालीस हजार रुपए के बदले दिल्ली के कोठों पर बेच दिया था। सभी लड़कियों को पिछले आठ महीनों के भीतर ही कोठों पर बेचा गया था।
पुलिस के मुताबिक एनजीओ से सूचना मिलने के बाद कमला नगर थाना पुलिस ने सोमवार देर रात कोठा नंबर 40 और 5211 पर छापा मारकर लड़कियों को मुक्त कराया। इन लड़कियों को तहखाने में रखा गया था और इनसे जबरदस्ती देह व्यापार करवाया जाता था।
सेक्स के बाजार से आजाद करवाई गई इन लड़कियों में चार पश्चिम बंगाल, एक नेपाल और एक महाराष्ट्र के पुणे की हैं। पुणे की लड़की के पिता के मुताबिक उनकी बेटी कर्नाटक के एक युवक से शादी करने के बाद से ही गायब हो गई थी। तलाश करने के दौरान उन्हें बेटी के जीबी रोड के कोठे पर होने का पता चला। उन्होंने एनजीओ की मदद ली जिसके बाद उनकी बेटी को आजाद कराया गया।

सामने आया साइबरवर्ल्ड का सबसे बड़ा वायरस, कंप्यूटर को बना देता है जासूस



मास्को. एक ऐसे साइबर वायरस का पता चला है जो कंप्यूटर पर हमला करके उसे जासूस बना देता है और बिना पकड़ में आए तमाम जानकारियां चुरा लेता है। यह बेहद खतरनाक वायरस पिछले दो साल से साइबर स्पेस में मौजूद था लेकिन इसे हाल ही में पकड़ा गया है।
 

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह वायरस अब तक के सबसे चर्चित कंप्यूटर वायरस 'स्टक्सनेट' और 'डूकू' से भी खतरनाक है। इस वायरस को सबसे पहले मास्को स्थित केस्परस्काई लैब के सुरक्षा विशेषज्ञों ने पकड़ा है।


माना जा रहा है कि इस बेहद खतरनाक वायरस को किसी देश ने बनाया है। केस्परस्काई के विशेषज्ञ एलेक्सेंडर गोस्तोव ने अपने केस्परस्काई की वेबसाइट पर ब्लॉग पर लिखा, 'डूकू और स्टक्सनेट ने मिडिल इस्ट में चल रहे साइबर युद्ध को और भीषण कर दिया था लेकिन अब हमें साइबर स्पेस का सबसे खतरनाक वायरस मिला है।'


मास्को में स्थित केस्परस्काई लैब, ईरान की मेहर कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम को आर्डिनेशन सेंटर और हंगरी की बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इकोनॉमिक्स की क्रिप्टोग्रॉफी एंड सिस्टम सिक्यूरिटी लैब ने साइबर हमलों के अध्ययन के दौरान इस ट्रोजन को पकड़ा।


फ्लेम, फ्लेमर या स्काईवाइपर नाम का यह ट्रोजन हमला करके किसी भी कंप्यूटर को जासूसी मशीन में बदल सकता है।


यह मशीन पर हमला करके उसके नेटवर्किंग ट्रैफिक पर नजर रख सकता है, स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें अपने कमांड सेंटर भेज सकता है, कंप्यूटर के माइक्रोफोन के जरिए इसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की आवाज रिकार्ड कर सकता है, पासवर्ड चुरा सकता है, कीबोर्ड पर कौन से बटन दबाए जा रहे हैं उन्हें पहचान सकता है, ब्लूटूथ के जरिये कंप्यूटर से अन्य डिवाइस को जोड़कर उनका डाटा डिलीट कर सकता है।


इस वायरस के अभी तक सबसे ज्यादा हमले मध्यपूर्व एशिया और अफ्रीका में हुए हैं। ईरान में इसके अब तक 168 हमले हुए हैं।

मेपिंग माइन्ड प्लेन्स ’’असाधारण सोच वाली कृति


मेपिंग माइन्ड प्लेन्स ’’असाधारण सोच वाली कृति 

बाड़मेर 29 मई, ॔॔किसी भी इंसान की सोच उस अनन्त संसार की तरह है जिसमें हर तरह के खयालात और भावात्मक विचार चलते रहते है। आज जहॉ तेजी से दुनिया ने विकास के पथ पर अपने कदम बाये है वैसा ही विकास इंसानी सोच में हुआ है और आज की आवश्यकता इंसानी सोच ओर समझ को सकारात्मक कराना है।’’ यह बात राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर जिला रसद अधिकारी उम्मेदसिंह पूनिया की किताब ॔॔मेपिंग माइन्ड प्लेन्स’’ के विमोचन के अवसर पर कही। सोमवार की रोज मुख्य मंत्री आवास पर ॔॔मेपिंग माइन्ड प्लेन्स’’ के विमोचन के अवसर पर मुख्य मंत्री गहलोत ने पूनिया की इस किताब के बारे बधाई देते हुए कहा कि यकिनी तौर पर यह पुस्तक असाधारण सोच की कृति है। उम्मेदसिंह पूनिया की यह पुस्तक 7 अध्यायों में विभक्त है, जिसमें प्रथम भाग में महापुरूषों के हर कसोटी में खरा उतरने की बात को बड़े ही मार्मीक तरीके से लिखा गया है। 286 पेंज की अग्रेजी भाषा में लिखी गई यह पुस्तक उम्मेदसिंह पूनिया की पहली कृति है जिसकी हिन्दी संस्करण प्रस्तावित है। अपनी किताब के बारे में बताते हुए जिला रसद अधिकारी उम्मेदसिंह पूनिया ने बताया कि यह पुस्तक उन्हें राजसमन्द की पहाड़ियों की एकजुटता और वहां पर मानव के जेहन की तरह विशालता को देखते हुए प्रेरणा मिली और बीते 3 साल का अनवरत्त लेखन इस किताब को पूरा करने मे लगा। अपने विभागीय और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने अनुभवों को इस किताब में सकारात्मक तरीके से लिखा गया है। श्री पूनिया के मुताबिक यह पुस्तक मानव के जेहन की गहराईयों को नापती नजर आती है और यह पुस्तक एक इंसान की जिज्ञासा को शांत करती है साथ ही यह पाठक को सृजनात्मक बनाते हुए गर्व से जीने का अहसास कराती है। पुस्तक का आधार अन्तःकरण से उठने वाली विचार उर्जा की नाजुक तंरगे है। पुस्तक की सबसे बड़ी विशोषता यह है कि इसमें मानव मस्तिष्क की समझने की क्षमता को असीमित होने का दावा किया है। मानव मस्तिष्क की गहराइयों उसके दैनिक निर्णयों व जीवन की गुणात्मकता को किस प्रकार प्रभावित करती है, यह बखूबी ंग से रेखांकित किया है साथ ही यह भी बताया गया है कि विचार शक्ति से ही ईश्वर इस दुनिया को नियंत्रित करता है और एक इंसान के लिए सफल व असफल होना वैचारिक शक्ति का ही नतीजा है। विचार की उर्जा इस दुनिया की सबसे प्रभावशाली और असीमित उर्जा है। ॔॔मेपिंग माइन्ड प्लेन्स’’ के विमोचन के अवसर पर वरिष्ठ आर.ए.एस. अधिकारी गौरव बजाज, देवाराम सैनी और डी.पी.आर. जयपुर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

पाक ने किया हत्फ- 9 का परीक्षण

पाक ने किया हत्फ- 9 का परीक्षण

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कम दूरी की परमाणु हथियारों से संपन्न बैलिस्टिक हत्फ मिसाइल का परीक्षण किया। पाकिस्तान ने मंगलवार को बताया कि हत्फ-9 की मारक क्षमता केवल 60 किलोमीर (37 मील) है।

यह मिसाइल परमाणु व पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है। भारत के पिछले माह लंबी दूरी की अग्नि-5 का परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान ने तीसरी बार बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया है। ब्रिटेन से 1947 में आजादी मिलने के बाद से भारत-पाकिस्तान में तीन युद्ध हो चुके हैं। दोनों ही देश समय समय पर मिसाइल परीक्षण करते रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल किदवई ने इस मौके पर कहा कि यह परीक्षण पाकिस्तान की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में प्रमुख विकास है। पाकिस्तान के हथियार के जखीरे में छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले मिसाइल हैं।

गुजरात में जीप और ट्रक में टक्कर, 13 मरे

गुजरात में जीप और ट्रक में टक्कर, 13 मरे

भुज। गुजरात के कच्छ जिले में एक जीप और ट्रक की आमने सामने की टक्कर में सोमवार रात 13 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार जीप में सवार 21 लोग अबदासा से नालिया जा रहे थे। रामपुर अबादा गांव के समीप चालक के नियंत्रण खो देने के बाद जीप विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक से जा टकराई।

हादसे में 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 3 ने अस्पताल में दम तोड दिया। वहीं घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां चार की हालत गंभीर बताई गई है। मृतकों की पहचान श्यामजी मतंग (26), भगवान परबत (35), श्यात सिंह (35), किशोर थांकी (25), विलास तरारे(30), लोकेश शर्मा (29), विनोद नटराजन (22), नारायण गाधे(35), मकेश जानी (35), जीतू राठौड (28) ,प्यारेलाल यादव (30) और कना सोलंकी के रूप में की गई। एक मृतक की अभी पहचान नहीं की जा सकी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

वेस्टर्न कपड़े पहने पर बीवी को मार डाला

वेस्टर्न कपड़े पहने पर बीवी को मार डाला
रोम। इटली में एक भारतीय ने अपनी गर्भवती बीवी को इसलिए मार दिया क्योंकि वह वेस्टर्न कपड़ने पहनती थी। आरोपी की पहचान एस कुलबीर के रूप में हुई है। उत्तरी इटली के पियासेंचा शहर में रहने वाले कुलबीर ने अपनी 27 वर्षीय पत्नी कौर बलविंदे के शव को "पो" नदी में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि कुलबीर ने भारतीय पंरपरा का उल्लंघन करने पर अपनी पत्नी को मौत की सजा दी।

कुलबीर एक कृषि कंपनी में काम करता है। पुलिस के मुताबिक बलविंद के गायब होने के 153 दिन बाद उसका शव पो नदी में मिला। पांच साल के बच्चे की मां बलविंद प्रेग्नेंट थी। कुछ लोगों का कहना है कि कुलबीर ने पत्नी को खोने के डर से उसकी हत्या की है। मृतका के पिता ने 1 मई को बेटी के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। कुलबीर ने मिलिट्री पुलिस को बताया था कि उसकी बीवी भाग गई है क्योंकि वह उसे छोड़कर जाना चाहती थी। जब उसकी बीवी का शव मिला तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। दो लड़कियों ने कुलबीर की पत्नी के शव को देखकर पुलिस को सूचना दी थी। कुलबीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।