मंगलवार, 31 जनवरी 2012

मादक वस्तुओ के तस्करो के विरूद्ध बडी कार्यवाही 18 ग्राम 600 मिली ग्राम स्मैक बरामद


अवैध रूप स्मैक रखने वाले गिरफतार 


मादक वस्तुओ के तस्करो के विरूद्ध बडी कार्यवाही 


18 ग्राम 600 मिली ग्राम स्मैक बरामद 

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने मादक पदार्थो के तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर बड़ी मात्र में स्मेक बरामद करने में सफलता हासिल की हें ,जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार जिला जैसलमेर में अवैध रूप से मादक पदार्थ रखने वालो के विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाही के क्रम में पुलिस को तब बडी कामयाबी हाथ लगी जब मंगलवार को मुखबीर की विश्वसनीय सूचना पर श्री विरेन्द्रसिंह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर के नेत्त्व में उनकी टीम श्री चिमनाराम उ.नि. मय श्री डामराराम सउनि, श्री प्रेमशंकर मुआ 67, कानि0 माधोसिंह नं0 219, गोपालसिंह नं0 408, विक्रमसिंह नं0 580 चालक श्री अकबरखां नं0 526 के द्वारा नीरज रोड़वेज बस स्टेण्ड जैसलमेर पर अभियुक्त सुनील उर्फ सुदशर्न पुत्र मोहनलाल जाति विश्नोई (खिलैरी) उम्र 20 साल नि0 मगरा नगर हाणिया पुलिस थाना औसिया जिला जोधपुर के कब्जा से बिना वैद्य लाईसेंस व परमिट अवैध मादक पदार्थ स्मैक 18 ग्राम 600 मिली ग्राम बरामद कर एन.डी.एण्ड पी.एस. एक्ट तहत गिरफतार किया जाकर अनुसंधान जारी हैं। उक्त मादक पदार्थ कहां व किससे लाया गया इस सम्बन्ध में पुछताछ जारी हैं। ज्ञात रहे आज दिनांक 31.01.2012 को मुखबीर की विश्वसनीय सूचना पर श्री चिमनाराम उ.नि. मय श्री डामराराम सउनि, श्री प्रेमशंकर मुआ 67, कानि0 माधोसिंह नं0 219, गोपालसिंह नं0 408, विक्रमसिंह नं0 580 चालक श्री अकबरखां नं0 526 के नीरज रोड़वेज बस स्टेण्ड जैसलमेर पर अभियुक्त सुनील उर्फ सुदशर्न पुत्र मोहनलाल जाति विश्नोई (खिलैरी) उम्र 20 साल नि0 मगरा नगर हाणिया पुलिस थाना औसिया जिला जोधपुर के कब्जा से बिना वैद्य लाईसेंस व परमिट अवैध मादक पदार्थ स्मैक 18 ग्राम 600 मिली ग्राम बरामद की जाकर अपराध सं0 37 दिनांक 31.01.12 धारा 8/21 एन.डी.एण्ड पी.एस. एक्ट 1985 पुलिस थाना जैसलमेर में पंजीबद्ध किया जाकर अनुसंधान जारी हैं। उक्त मादक पदार्थ कहां व किससे लाया गया इस सम्बन्ध में पुछताछ जारी हैं। 


अवैध रूप से कारतूस रखने एवं उनका परिवहन करने वाला गिरफतार 


जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने अवेध कारतूस के साथ एक जाने को गिरफ्तार किया 
 पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता विश्नोई के निर्देशनुसार अवैध रूप हथियार रखने वालो के विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाही के क्रम में आज दिनांक 31.01.12 को मुखबीर की सूचना अनुसार श्री शोभसिंह सउनि मय जाब्ता द्वारा होटल सुदशर्न जैसलमेर के सामने मुल्जिम रिछपालसिंह पुत्र अमरसिंह जाति विश्नोई उम्र 24 साल नि0 विष्णुनगर पुलिस थाना बिलाड़ा जिला जोधपुर के कब्जा से बिना अवे़द्य लाईसेंस के दो जिन्दा कारतूस ज्ञण्थ्ण 7ण्65 मार्का के बरामद आम्र्स एक्ट के तहत गिरफतार किया गया। अनुसंधान जारी है। 



बाडमेर,.आज की ताजा खबर. 31 जनवरी


बेहतर प्रासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर 


बाडमेर, 31 जनवरी। जन सुविधाओं को और अधिक कारगर बनाने तथा बेहतर प्रासन के लिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सूचना प्रौद्योगिकी को इस्तेमाल करने के लिए प्रासनिक सुधार, मानव संसाधन एवं जनाक्ति आयोजना समिति के अध्यक्ष डॉ. एन. एम. सिंघवी ने निर्दो दिए है। वह मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य सरकार के जिला स्तरीय विभागों की प्रासनिक कार्य प्रणाली की समीक्षा कर रहे थे। 
इस मौके पर डॉ. सिंघवी ने कहा कि आज के दौर में िक्षा के प्रसार तथा सूचना क्रान्ति के विस्तार से लोगों में जागरूकता बी है तथा वे प्रासनिक सुविधाओं में अधिक पारदिर्ता तथा त्वरिता की अपेक्षा करते है। उन्होने कहा कि वर्तमान दौर में सरकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रोनिक्स सुविधाओं का इस्तेमाल बाने की आवयकता है ताकि ई गर्वनेन्स का सपना साकार हो सकें। उन्होने बताया कि कम्प्यूटर आदि के इस्तेमाल से पेपरलेस कार्यालयों को अधिक कारगर तथा त्वरित बनाया जा सकता है। उन्होने बताया कि कम्प्यूटर समेत इलेक्ट्रोनिक्स युक्तियों के अधिकाधिक इस्तेमाल से कम मानव संसाधनों से भी बेहतर सेवाएं दी जा सकती है। 
डॉ. सिंघवी ने बताया कि जन सुविधाओं से जुडे विभाग तथा उनके विभागाध्यक्ष लोगों को बेहतर प्रासन देने के लिए अपनी विस्तृत कार्य योजना बनाकर अमल में लाए। साथ ही प्रत्येक विभाग का ब्ल्युप्रिन्ट बनाया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि विभागों में अधिकाधिक कार्यो को ऑन लाइन करवाया जाना चाहिए तथा अधिनस्थ विभागों से सूचना संकलन के लिए भी आधुनिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यमों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 
इससे पूर्व जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने जिले में प्रासनिक सुधारों तथा नवाचारों से अवगत कराया तथा ई गर्वनेन्स की दि में उठाये गये कारगर कदमों कीे जानकारी दी। उन्होने बताया कि जिले में सुगम तथा ई मित्र के जरिये प्रासन में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदाय की गारन्टी अधिनियम के अन्तर्गत जन सुविधाओं को तय सीमा में उपलब्ध कराया जा रहा है। 
इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने बताया कि प्रासनिक सुधारों में वर्तमान समय की आवयकताओं तथा जरूरतों को मद्दे नजर रखना अति आवयक है। उन्होने पंचायती राज विभाग तथा जिला परिशद को सुपुर्द पांच विभागों की प्रासनिक कार्यप्रणाली में सुधार की आवयकता जताई। वहीं विधायक मेवाराम जैन ने जिले में जन सुविधाओं से जुडे विभागों में कार्मिकों की कमी से अवगत कराया। 
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप मीणा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। प्रारम्भ में प्रासनिक सुधार समिति के अध्यक्ष ने सभी विभागों के अधिकारियों से उनके विभागों में प्रासनिक सुधारों के संबंध में फीड बैक लिया। 
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उपखण्ड स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक आज 


बाडमेर, 31 जनवरी। उपखण्ड स्तरीय जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक एक फरवरी को प्रातः 11.00 बजे उपखण्ड अधिकारी गुडामालानी मुख्यालय बाडमेर श्रीमती विनितासिंह की अध्यक्षता में तहसील कार्यालय गुडामालानी के सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। 
उक्त बैठक के पचात इसी दिन दोपहर 12.00 बजे तहसील स्तरीय पीडीएस सतर्कता समिति, दोपहर एक बजे पेयजल, विद्युत एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम तथा दोपहर दो बजे बन्धक श्रमिक सतर्कता समिति की बैठके भी तहसील कार्यालय गुडामालानी में आयोजित की जाएगी। 
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रमेश गौड़ राजस्थानी चिन्तन परिद के अध्यक्ष मनोनितः-


रमेश गौड़ राजस्थानी चिन्तन परिद के अध्यक्ष मनोनित


बाड़मेरः- अखिल भारतीय राजस्थानी भाा मान्यता संर्घा समिति बाड़मेर के सह सगंठन राजस्थान चिन्तन परिद बाड़मेर के अध्यक्ष पद पर रमेश गौड़ को जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता ने मनोनित किया है। समिति के जिला संयोजक चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि अखिल भारतीय राजस्थानी भाा मान्यता संघार समिति के सी सगंठन राजस्थानी मोटियार परिद तथा राजस्थानी महिला परिद के गठन के बाद राजस्थानी चिन्तन परिद के जिला अध्यक्ष पद पर समात सेवी एडवोकेट रमेश गौड को जिला अध्यक्षक मनोनित किया गया है। उन्होने बताया कि राजस्थानी भाा को मान्यता दिलाने के लिये चलाये जा रहे अभियान को गति ेदेने तथा पूरे जिले में अभियान को सफल बनाने के उददेश्य से समिति ने अपने सह सगंठनों को ओर अधिक मजबूत बनाने तथा उनसे आम जन को जोड़ने के उददेश्य से विशोा प्रयास किये जा रहे है। उन्होने बताया कि राजस्थानी भाा को मान्यता के लिए चलाये जा रहे अभियान में युवा की महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रही है। जिसके चलते राजस्थानी चिन्तन परिद के जिला अध्यक्ष पद पर समाज सेवा एडवोकेट रमेश गौड़ को जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता द्वारा मनोनित किया गया है। तथा उन्हे सात दिवस में कार्यकारणी गठन के निर्देश दिये गये है। चिन्तन परिद में अधिवक्ता साहित्यकार अअध्यापक कवि तथा पत्रकार वर्ग के लोगो को सम्मिलित किया जावेगा। 






म्हारी जुबान रो खोलो तालो 
आज अस्पताल के बाहर जनता लिखेगी पोस्टकार्ड 


बाड़मेर॔’ अखिल भारतीय राजस्थानी भाा मान्यता संघार समिति तथा राजस्थानी मोटियार परिद के तत्वाधान में म्हारी जुबान रो खोलो तालो पोस्ट कार्ड के तहत राजकिय अस्पताल के बाहर आम जनता पोस्ट कार्ड लिखेगी । समिति संयोजक चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि राजस्थानी भाा को मान्यता दिलवाने के उददेश्य से चलाये जा रहे पोस्ट कार्ड अभियान के तहत बुधवार को राजकिय अस्पताल परिद के बाहर आम जनता से राटपति प्रधानमंत्री व सांसद के नाम पोस्ट कार्ड लिखवाये जावेगें इस कार्य के लिए मोटियार परिद नगर अध्यक्ष रमेशसिंह इंदा तथा जिला अध्यक्ष रघुवीरसिंह तामलोर को प्रभारी नियुक्त किया गया है। 

: बिना पुलिस सत्यापन के ही हथियार लाइसेंस जारी, आखिर इतने सालो बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं


बाड़मेर: बिना पुलिस सत्यापन के ही हथियार लाइसेंस जारी,


आखिर इतने सालो बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं

बाड़मेर: पाकिस्‍तान की सीमा से लगे राजस्‍थान के बाड़मेर जिले में वर्ष 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्वारा हथियार अनुज्ञा पत्र (लाइसेंस) जारी करने में ना केवल भारी अनियमितताएं बरती गईं, बल्कि पुलिस विभाग द्वारा सत्यापन तक नहीं कराया गया। संवाददाता द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि साल 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्वारा छह व्यक्तियों को पुलिस सत्यापन कराए बिना मनमर्जी से अनुज्ञा पत्र जारी कर दिए गए।इस प्रकरण को सामने आये तीन साल गुजर गए मुख्यमंत्री से लेकर जिला कलेक्टर तक ने कार्यवाही ने आदेश जरी किये मगर नतीजा वही धाक के तीन पात .इस प्रकरण के दोषी आज भी आराम से घूम रहे हें वही श्री गंगा नगर में गलत हथ्यार लाईसेन्स जारी करने वाले दो दर्जन से अधिक अधिकारियो और क्रमचारियो के खिलाफ राज्य सरकार ने सख्त कार्यवाही को अंजाम दिया था मगर बाड़मेर के इस गंभीर तथा अति संवेदनशील मुद्दे पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन चुप क्यों बेठे हें मजे की बात हे की अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पास इस प्रकरण की जांच गत तीन सालो से विचाराधीन पडी हें .


अतिरिक्‍त जिला कलेक्टर द्वारा उपलब्ध कराई गई सुचना के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा जोधपुर निवासी राजेन्द्र सिंह, चम्पालाल, गंगाराम, सुजानसिंह, विनोद कुमार तथा बाड़मेर निवासी दिलीप कुमार को पुलिस सत्यापन के बिना हथियार के लाइसेंस जारी किए गए। इनमें से विनोद कुमार तथा दिलीप कुमार शस्‍त्र विक्रेता हैं। श्रीगंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र प्रकरण की तर्ज पर ही बाड़मेर के जिला प्रशासन द्वारा संदिग्ध लोगों को पुलिस सत्यापन कराए बिना अनुज्ञा पत्र जारी करना, पूरे मामलें को संदेह के घेरे में लाता है।आखिर जिला प्रशासन इस प्रकरण में कार्यवाही को अंजाम क्यों नहीं दे रहा सबसे बड़ा सवाल हें .


जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष चालके ने बताया कि शस्‍त्र अनुज्ञा पत्र में आवेदनकर्ता का पुलिस सत्यापन कराए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद यह जिला कलेक्टर के विवेक पर निर्भर करता है कि बिना पुलिस सत्यापन के भी अनुज्ञा पत्र जारी कर दें। श्रीगंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र जारी करने को लेकर मचे बवाल के बावजूद बाड़मेर जिला प्रशासन द्वारा बिना पुलिस सत्यापन के लाइसेंस जारी करने की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये ताकि इस प्रकरण की सच्चाई सामने आ सके।

म्हनै रमतां ने काजल टकी लाधी ऐ मांकोरो काजलियो















म्हनै रमतां ने काजल टकी लाधी ऐ मां कोरो काजलियो



पूरे राजस्थानी में जनजीवन में काजल को विशेष महत्व है। यह यहाँ के लोगों की दैनिक श्रृंगार का हिस्सा है। इसे अंजण, कज्जल, दीय- सुत, नैनसनेह, पाटणमुखी, मोहणगती आदि कई नामों से भी जाना जाता है। जिस दीये से गृहणियां काजल बनाती हैं, उसे "काजलकर' कहा जाता है। साथ- साथ अपने आप में एक बहुत बड़ा सांकेतिक अर्थ भी रखना है। राजस्थानी लोक गीतों में भी काजल की कई बार चर्चा आ जाती है :-


काली काली काजरिया री रेखज्यूं भूरोड़े भाख्र में चमके बीजली


ढ़ोले री मूभल हाले तो ले चालू मुरधर देश, कोई विरहिगी अपने प्रियतम को गीत के माध्यम से समझाती है कि किस स्थिति में काजल सुखदायी होता है :-


काजल भरियो कूंपालो जी कोई पड़यो पिलंग अध बीचउनाला री रुत बुरी, थांनै खेलत गरभी होम कोरो काजलियोचौमासा री रुत बुरी, खेलत रल गावे काजरियोकाजरियो मत सार चौमासे - कोरो का जलियोनैणों नें समायो रे सियाला री रात का जलियो थांने आणन्द छाय- कोरो काजलियो


नायिका जब अपने प्रेमी से रुठ जाती है, तो बिना कुछ बोले अपने व्यथा का प्रदर्शन अपने काजलभरे नयनों से कर देती है :-


ना वे गावै ना हँसै, मुख बोले बोल।नैणां काजल ना दियो, ना गल पऋयों हार।।


एक नवविवाहिता, जो घूंघट की ओट से तिरछी नजरों से देखती हैं, के लिए एक कवि ने लिखा है:-


बेसर बणी मांग सिर ऊपर, मोत्यां बिंदी झलकै।काजल रेख नैणां में, घूंघट मच्छियां पलकै।।


मारवाड़ क्षेत्र में घर- घर में "घूमर' गीत गाया जाता है। जसोल वाले भटियाणी जी का एक घूमर इस प्रकार है :-


म्हनै रमतां ने काजल टोकी लाधी ऐ मांम्हारी घूमर है नखराली है ऐ मांम्हनै राठौड़ा रै घर भल दीजो ऐ मांम्हनै राठौड़ां रो पेय प्यारो लागे ऐ मां


भक्त कवयित्री मीरां ने काजल के संदर्भ में कहा है :-


गैणा गांठा राणा हम सब त्याग्या,लाग्यो कर रो चूड़ो।काजल टीकी हम सब त्याग्या,त्याग्यो बांधणा जूड़ो।।


इसका तात्पर्य यह है कि मीरा ने कृष्ण विरह में सारे सांसारिक श्रृंगारों का त्याग कर दिया है। काजल इसलिए त्यागा कि श्री कृष्ण का श्याम- सलोना रुप नयनों में रच- बस गया है।वैसे तो काजल सौभाग्यवती स्रियों का श्रृंगार है, परंतु इतिहास गवाह है कि कई बार मृत पति के शव के पास बैठकर यहाँ की वीरांगनाओं ने एक प्रतिज्ञा के ओज के साथ काजल की रेख का अंजन किया। सती का श्रृंगार भी काजल के बिना अधुरा माना जाता था।काजल के साथ-साथ काजलिया रंग भी महत्वपूर्ण है। मारवाड़ क्षेत्र में "काजली तीज' सुहागिनों का त्योहार है। इस दिन सुहागिन स्रियाँ व्रत - उपवास रखती है और सुहाग के प्रतीक के रुप में कागज, टीकी, चूड़ियाँ, मेंहदी और मजीठ आदि का दान करती है। काजल के बिना कई धार्मिक व सामाजिक कृत्य अधूरे माने जाते हैं।