बुधवार, 30 नवंबर 2011

पाकिस्तान जाने की फिराक में दो बंगलादेशी पकडे सरहद पर

पाकिस्तान जाने की फिराक में दो बंगलादेशी पकडे सरहद पर 


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव गडरा रोड में खुफिया एजेंसी ने आज पकिस्तान जाने की फिराक में सरहद पर पन्हुंचे दो बंगलादेशी युवको को गिरफ्तार किया हें सूत्रों ने बताया की आज सुबह गडरा में संदिग्ध दो युवको को विचरण करते देखा तो उन्हें एजेंच्य के जवानों ने पकड़ लिया प्रारम्भिक पूछताछ में उन्होंने अपने नाम अब्दुल सुमार तथा अब्दुल सम्मिम बताये दोनों शुभंगंज बंगलादेश के रहने वाले हें उन्होंने बताया की वे बंगलादेश से पकिस्तान जाना चाहते थे वे कलकत्ता देहली  जयपुर अजमेर होते हुए बाड़मेर पंहुचे थे वे एक दलाल के साथ बाड़मेर तक आये बाड़मेर से उन्हें बस में बिठाकर गायब हो गए बस से गडरा पंहुचे उन्होंने बताया की उन्हें दलाल ने बताया की पकिस्तान में रोजगार की अधिक संभावना हें इसके लिए पश्चिम राजस्थान की पकिस्तान से लगाती सरहद से आसानी से पकिस्तान जाया जा सकता हें दलाल में उनसे पांच पांच हज़ार रुपये लिए .दोनों को बाड़मेर लाया जायेगा जन्हा उनसे विभिन सुरक्षा और खुफिया  एजेंसिया संयुक्त पूछताछ करेगी .

लात घूंसों से हुई थी भंवरी की पिटाई



लात घूंसों से हुई थी भंवरी की पिटाई

जयपुर। भंवरीदेवी प्रकरण की जांच की धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ने के साथ ही कई सनसनीखेज मामलों का खुलासा हो रहा है। इस बहुचर्चित प्रकरण में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि अपहरण के बाद न केवल अपहर्ताओं ने भंवरी के साथ बुरी तरह मारपीट कर खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए, बल्कि भंवरी का काम तमाम करने की रिकार्डिग भी की। जांच में इन तथ्यों का खुलासा होने के बाद सीबीआई और पुलिस की संयुक्त टीम भी भंवरी की अपहरण के बाद हत्या के मामले में सबूतों की कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुटी हुई है। बताया जाता है कि अपहर्ताओं ने भंवरी को लात-घूसों से बुरी तरह मारा था, जिससे भंवरी के मुंह से खून का फौव्वारा छूट पड़ा था।

बोलेरो से खून के नमूने भी उठाए
भंवरी देवी प्रकरण में सीबीआई और पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त शहाबुद्दीन तथा सोहन लाल से पूछताछ में भंवरी के मामले में काफी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई हैं, जिनकी तस्दीक भी करवाई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि अपने अपहरण का पता लगने पर भंवरी ने बोलेरो से कू दने का प्रयास भी किया।

इस पर शहाबुद्दीन और अन्य अपहर्ताओं ने भंवरी को गाड़ी में पैरों तले पटक लिया और उसकी लात घूसों से जम कर पिटाई कर डाली। घूसों से भंवरी के मुंह से खून का फौव्वारा फूट गया था और बोलेरो में काफी खून फैल गया था। सूत्रों ने बताया कि भंवरी प्रकरण के मुख्य ष्ाड़यंत्रकर्ता सहीराम ने भंवरी की लाश को ठिकाने लगाने का काम दूसरे गिरोह को सौंपा था।

इसके चलते अपहर्ता भंवरी की हत्या करने के बाद लाश को सौंपने के लिए दूसरे गिरोह के इंतजार मे भटकते रहे। इस दौरान अपहर्ता करीब तीन घंटे तक भंवरी की लाश को बोलेरो में लेकर इधर-उधर भटकते रहे। हालांकि, इन सबके बाद एक बार फिर बात सहीराम पर आकर ही टिक रही है, जिसकी गिरफ्तारी के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि सारा पेचोखम दुरूस्त हो जाएगा।

बोलेरों को धोया भी गया था
बताया जाता है कि बोलेरो मे काफी खून फैल जाने से शहाबुद्दीन घबरा गया था और उसने बोलेरो से सबूत मिटाने की नीयत से एक वर्कशॉप में गाड़ी की धुलवाई भी करवा ली थी। इसके बावजूद सीएफएसएल टीम को बोलेरो की जांच-पड़ताल के दौरान खून के नमूने उठाने में सफलता मिल ही गई। जांच के दौरान खून के धब्बों और भंवरी के सिर के बाल मिलने को भी हत्या के मामले में अहम सबूत माना जा रहा है।

भंवरी की तलाश में नहर ने उगली 30 लाशें

भंवरी की तलाश में नहर ने उगली 30 लाशें
जयपुर। एक भंवरी की तलाश में एक नहर ने 30 से भी अधिक लाशें उगल दीं। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन शव तो महिलाओं के हैं। यह हैरत भरा वाकया इंदिरा नहर में एएनएम भंवरी देवी की लाश तलाशने के दौरान का है, जिसमें भंवरी की लाश तो बरामद नहीं हो सकी। अलबत्ता 30 से भी अधिक अन्य लाशें जरूर मिल गई, जिनकी पहचान भी हो पाना मुश्किल है।

दिन-ब-दिन इन आंकड़ों में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। पुलिस की मानें, तो पड़ोसी राज्य से नहर में फेंके जाने वाले शव या आत्महत्या करने वाले लोगों की लाशें भी राजस्थान की सीमा में ही बहाव के साथ आ जाती हैं। अगर औसत निकालें तो हर महीने में 8-10 और पूरे साल में करीब सौ या उससे अधिक लाशें इस नहर में समा जाती हैं। इनमें से अधिकांश को अंतिम क्रिया भी नसीब नहीं होती।

गौरतलब है कि सीबीआई व पुलिस के अनुसंधान के दौरान एएनएम भंवरी का अपहरण कर हत्या कर दिये जाने की बात सामने आ रही है। इसी के चलते शेखावाटी व मारवाड़ स्थित नहरों से मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है। सीबीआई की ओर से भंवरी को अपहरण कर हरियाणा ले जाए जाने की भी बात कही जा रही है। इसी आंशका के मद्देनजर हरियाणा से राजस्थान में आने वाली इंदिरा गांधी नहर में तलाश जारी है। मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है।

शिनाख्त नहीं होने पर दाह संस्कार
इंदिरा गांधी नहर में प्रतिमाह औसतन करीब दस अज्ञात शव पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब से बह कर यहां आ जाते हैं। यहां पुलिस शवों की पहचान आसपास के क्षेत्र में कराने के साथ समीपवर्ती पड़ोसी राज्य को सूचना दे दी है लेकिन कोई जबाब नहीं आने और शवों की पहचान नहीं होने पर तीन दिन की औपचारिक कार्रवाई के बाद शवों का दाह संस्कार कर दिया जाता है।

शव ठिकाना लगाने का जरिया बनी नहर
मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्र की जीवन दायिनी इंदिरा गांधी नहर पड़ोसी राज्य के बदमाशों के लाश ठिकाने लगाने का जरिया बनी हुई है। हनुमानगढ़ पुलिस ने प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतिवष्ाü नहर से करीब सौ से अधिक ऎसे शव बरामद किए जाते हैं, जिनकी शिनाख्तगी नहीं हो पाती। जानकारी के मुताबिक, यह नहर राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रवेश करते हुए बीकानेर, चुरू होते हुए जोधपुर में जाकर समाप्त होती है। इस नहर में करीब पांच से अधिक जिलों की नहरें भी आकर मिलती हैं। आंकड़ों पर नजर डालें, तो इंदिरा नहर से प्रतिवष्ाü करीब सौ से अधिक अज्ञात शवों को बाहर निकाला जाता है। इसमें अधिकांश शव महिलाओं के होते हैं।

भारत के 48 प्रतिशत पुरुषों की खराब है नीयत


क समय था जब परंपरा के तहत लोग सेक्‍स व्‍यवहार करते थे। इसकी एक उम्र होती थी कुछ रिवाज होते थे। लेकिन हाल ही में भारत में हुए सर्वे ने बड़ा खुलासा किया है।

सर्वे में पाया गया है कि आज भारतीय समाज में पुरुष और महिला संबंधों के मामलों में काफी स्‍वछंद विचार रखते हैं।

सर्वे में पाया गया है कि 48 प्रतिशत पुरुष एक से अधिक महिलाओं से संबंध रखते हैं। जबकि 71 फीसदी महिलाओं के पूरे सेक्स जीवन में केवल एक ही पुरुष रहा है।

लगभग आधी आबादी अब भी शादी से पहले सेक्स को गलत मानती है। पुरुष सेक्स के नजरिए से महिलाओं के मुकाबले ज्‍यादा संतुष्ट जिंदगी जी रहे हैं।

महिलाएं आज भी अपने पुरुष मित्र, प्रेमी या पति के प्रति अपेक्षाकृत ज्‍यादा वफादार हैं।

मारवाड़ व मेवाड़ का पहला राष्ट्रीय उद्यान होगा कुंभलगढ़ नेशनल पार्क


वन्यजीव गणना के आंकड़े जारी, जरख, नीलगाय समेत कई वन्यजीवों की संख्या भी हुई कम

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में सत्र 2011 में हुई गणना के आंकड़ों में पेंथर की संख्या घट गई है। इसके अलावा जरख व नीलगाय समेत कई अन्य वन्यजीवों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। पिछले साल की गणना के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस साल कुल 3279 वन्यजीवों में कमी दर्ज की गई है। अभयारण्य क्षेत्र में 2011 में कुल मिलाकर जंगली जानवरों की तादाद 16 हजार 12 दर्ज की गई, जो सालभर पहले वर्ष 2010 में यहां 19 हजार 291 जानवरों की गिनती की गई थी।
28 मई को हुई थी गणना : पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले की सीमा में 610 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुंभलगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में 28 मई को बुद्ध पूर्णिमा की चांदनी रात में जंगली जानवरों की आंखों देखी गणना की गई थी। इस गणना के लिए अभयारण्य क्षेत्र में 75 कृत्रिम व 75 प्राकृतिक वाटर हॉल वन विभाग द्वारा चिह्नित किए गए थे। करीब 250 वन कर्मियों, पर्यावरण प्रेमियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुप्त तरीके से वाटर हॉल के समीप बैठकर अपनी प्यास बुझाने पहुंचे जंगली जानवरों की आंखों देखी गणना की। इस गणना में जंगली जानवरों के फुट प्रिंट भी लिए गए। दोनों विधि से तुलनात्मक गणना में जंगल में वन्य जीवों के साथ ही पक्षियों की करीब कुल तादाद 16 हजार 12 रही।
पिछले वर्ष इतने थे वन्यजीव
गत वर्ष 2010 में कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में पेंथर 95, भालू 221, जरक 185, सियार 411, चौसिंगा 122, सांभर 222, नीलगाय 2037, चिंकारा 15, जंगली सुअर 666, भेडिय़ा 53, लोमड़ी 98, सेही 112, बिज्जू 87, जंगली बिल्ली 92, जंगली मुर्गा 1992, बंदर 7857, नेवला 189, मगरमच्छ 11 वहीं कठफोड़वा, जल मुर्गा, तोता, करेवा, कछुआ, मोर, घडिय़ाल, भूमि कछुआ, मोर, गोह, बाज, गिद्ध, ईगल, झापटा, हरियल, काला बगुला, धनेश, गाय बगुला, बरबर, कील कीला की तादाद 2613 थी।


मारवाड़ व मेवाड़ का पहला राष्ट्रीय उद्यान होगा कुंभलगढ़ नेशनल पार्क

पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले की 508.60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की सीमा पर पसरे कुंभलगढ़ व टांडगढ़ अरावली क्षेत्र अभयारण्य को मिलाकर बनने वाले कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद मारवाड़ व मेवाड़ क्षेत्र का यह प्रथम राष्ट्रीय उद्यान होगा। इस बात की पूरी संभावना है कि रणकपुर, परशुराम महादेव एवं कुंभलगढ़ फोर्ट के बाद अब कुंभलगढ़ अभयारण्य देशी व विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। जब इस क्षेत्र में पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी तो पर्यटन पर आधारित उद्योग-धंधे बढ़ेंगे। पर्यटकों के आवागमन से होटल व्यवसाय, ऊंट सफारी, हॉर्स सफारी, जंगल विजिट के नाम से जहां एक ओर रोजगार के साधन बढ़ेंगे, वहीं सरकार को भी अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होगा। कुंभलगढ़ को राष्ट्रीय उद्यान की कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही क्षेत्र के वाहन चालक, होटल मालिक, रणकपुर मंदिर प्रशासन में खुशी की लहर छा गई है। विश्व प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन ने गोडवाड़ महोत्सव व रणकपुर फेस्टिवल की शुरुआत की है। अब कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के बन जाने के बाद पर्यटक रणकपुर, परशुराम महादेव व कुंभलगढ़ के अवलोकन के बाद अब वे राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कर जंगली जानवरों को समीप से देखने का भी लुत्फ उठा सकेंगे।

उद्यान में सबसे अधिक भूभाग पाली जिले का : हाल ही में कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को मंजूरी मिलने के बाद एक नजर डालें तो पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले की सीमा में 508.60 वर्ग किलोमीटर की सीमा में पसरे कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में पाली जिले का भूभाग सबसे अधिक रहेगा । कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में उदयपुर जिले का 82.52, राजसमंद जिले का 167.28 एवं पाली जिले का 258.78 वर्ग किलोमीटर का भूभाग इस उद्यान में आएगा। कुंभलगढ़ का 401.51 वर्ग किमी एवं टांडगढ़ रावली का 107 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को मिलाकर कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बनना है।

उद्यान से गुजर रहे तीन स्टेट हाइवे : कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से तीन स्टेट हाइवे गुजर रहे हैं। वन विभाग के अनुसार देसूरी से चारभुजा साढ़े छह किलोमीटर, रणकपुर से सायरा साढ़े सात किलोमीटर, दिवेर से कोट 7 किलोमीटर स्टेट हाईवे इसी उद्यान से गुजरेगा। देसूरी से चारभुजा वाला मार्ग नेशनल हाइवे व मेगा हाइवे में तब्दील हो चुका है ।

उद्यान क्षेत्र में आए हुए हैं 36 मंदिर

कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में विश्व प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर, प्रदेश का प्रमुख परशुराम महादेव कुंडधाम मंदिर, अमर गंगा, परशुराम महादेव गुफा मंदिर, परशुराम महादेव फूटा देवल मंदिर, रणकपुर के समीप स्थित शक्ति माता मंदिर, पिपरोली माता, खीमज माता, कोड माता, मंडावरी माता, सूरज कुंड मंदिर, नागदेवता मंदिर, सेजिया महादेव मंदिर, कालिया महादेव मंदिर, रूपनगर, गडरी महादेव, नाल माता, सेली नाल जंबुमाता, गणपति मंदिर आदि पूजा-स्थलों के साथ हाथी पुलिया झरना, कुंडधाम का झरना, भमर कुंड का झरना, परशुराम महादेव गुफा स्थल का झरना इस राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे।

वर्ष 2010 में प्रस्ताव भेजा था

कुंभलगढ़ को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देने के लिए वन विभाग ने वर्ष 2010 में प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा था। वन अधिकारियों ने आग्रह किया था कि कुंभलगढ़ व टांडगढ़ रावली अभयारण्य क्षेत्र को मिलाकर राष्ट्रीय उद्यान बनाया जाए। इससे यहां पर्यटकों की तादाद बढऩे के साथ ही सरकार को अच्छा राजस्व प्राप्त होगा। विभाग ने अरावली राष्ट्रीय उद्यान एवं कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान दो नाम सरकार को सुझाए थे। अंत में वन मंत्री जो स्वयं पाली जिले का नेतृत्व करती हैं, उन्होंने पहल कर कुंभलगढ़ नाम से राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिलाया।

सुमेरपुर. शिकायत पर जांच करते तहसीलदार व अन्य।

सादड़ी, कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में 28 मई 2011 को संपन्न हुई वन्य जीवों की गणना के अनुसार पेंथर 83, सियार 340, जरक 159, जंगली बिल्ली 72, मरू बिल्ली 5, लोमड़ी 105, भेडिय़ा 45, भालू 185, बिज्जू 74, सियागोश 1, चीतल 0, सांभर 209, नीलगाय 1803, चिंकारा 11, चौसिंगा 134, जंगली सुअर 405, सेही 95, सारस 20, गिद्ध 26, जंगली मुर्गा 1606, मगरमच्छ 22, बंदर 6513, मोर 2260, रस्टी केट, रूडी नेवला 11, छोटा नेवला 37, खरगोश 184, बजर्ड 8, रेड स्पर फ्राउल 140, हरियल 360, उल्लू 78, जंगली मुर्गा 1594, काला बिज्जू 67, जाऊ चूहा 4, केटेकल 3, लंबी चोंच वाला गिद्ध 12, ईगल 20, कोयल 10, हरियल 154, तीतर 320, बटेर 121, टिटहरी 12, बगुला 21, सारस क्रेन 4, आड़ 10, बार्बलर 140, किलकिला 13, गाय बगुला 39, तोता 110, कबूतर 47, कौआ 28, काला बगुला 2, धनेश 7, चमगादड़ 10, मगरमच्छ 22, कछुआ 37, भूमि कछुआ 13, गोह 53, अजगर 2 हैं।

वन्यजीव गणना के आंकड़े जारी, जरख, नीलगाय समेत कई वन्यजीवों की संख्या भी हुई कम

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में सत्र 2011 में हुई गणना के आंकड़ों में पेंथर की संख्या घट गई है। इसके अलावा जरख व नीलगाय समेत कई अन्य वन्यजीवों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। पिछले साल की गणना के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस साल कुल 3279 वन्यजीवों में कमी दर्ज की गई है। अभयारण्य क्षेत्र में 2011 में कुल मिलाकर जंगली जानवरों की तादाद 16 हजार 12 दर्ज की गई, जो सालभर पहले वर्ष 2010 में यहां 19 हजार 291 जानवरों की गिनती की गई थी।

28 मई को हुई थी गणना : पाली, राजसमंद व उदयपुर जिले की सीमा में 610 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुंभलगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में 28 मई को बुद्ध पूर्णिमा की चांदनी रात में जंगली जानवरों की आंखों देखी गणना की गई थी। इस गणना के लिए अभयारण्य क्षेत्र में 75 कृत्रिम व 75 प्राकृतिक वाटर हॉल वन विभाग द्वारा चिह्नित किए गए थे। करीब 250 वन कर्मियों, पर्यावरण प्रेमियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुप्त तरीके से वाटर हॉल के समीप बैठकर अपनी प्यास बुझाने पहुंचे जंगली जानवरों की आंखों देखी गणना की। इस गणना में जंगली जानवरों के फुट प्रिंट भी लिए गए। दोनों विधि से तुलनात्मक गणना में जंगल में वन्य जीवों के साथ ही पक्षियों की करीब कुल तादाद 16 हजार 12 रही।

पिछले वर्ष इतने थे वन्यजीव

गत वर्ष 2010 में कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में पेंथर 95, भालू 221, जरक 185, सियार 411, चौसिंगा 122, सांभर 222, नीलगाय 2037, चिंकारा 15, जंगली सुअर 666, भेडिय़ा 53, लोमड़ी 98, सेही 112, बिज्जू 87, जंगली बिल्ली 92, जंगली मुर्गा 1992, बंदर 7857, नेवला 189, मगरमच्छ 11 वहीं कठफोड़वा, जल मुर्गा, तोता, करेवा, कछुआ, मोर, घडिय़ाल, भूमि कछुआ, मोर, गोह, बाज, गिद्ध, ईगल, झापटा, हरियल, काला बगुला, धनेश, गाय बगुला, बरबर, कील कीला की तादाद 2613 थी।




बाड़मेर .....न्यूज़ इनबॉक्स .....क्राइम डायरी

शराब के नशे में धुत्त मिला शिक्षक निलंबित

बाड़मेर जिले के रा.उ.प्रा.वि. खेतसिंह की ढाणी में कार्यरत शिक्षक शराब के नशे में धुत्त मिलने पर एसीओ की रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर ने उसे निलंबित कर दिया। जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप सोमवार को आकस्मिक निरीक्षण करने रा.उ.प्रा.वि. खेतसिंह की ढाणी पहुंचे। वहां पर कार्यरत शिक्षक रायसिंह सोढ़ा शराब के नशे में धुत्त मिला। साथ ही स्कूल में अनियमितताएं सामने आई। इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला शिक्षाधिकारी को सौंपी गई। इस पर मंगलवार को जिला शिक्षाधिकारी पृथ्वीराज दवे ने शिक्षक रायसिंह को निलंबित कर दिया। उसका मुख्यालय बीईईओ कार्यालय सिणधरी कर दिया है।

अवैध शराब सप्लाई के आरोपियों को पांच दिन रिमांड पर भेजा


बालोतरा  मेगा हाइवे पर स्थित मूंगड़ा चौराहे पर ट्रक से जब्त की गई अवैध शराब की खेप सप्लाई करने के आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

पचपदरा थानाधिकारी उगमराज सोनी ने बताया कि सोमवार को ट्रक से 100 कार्टन अवैध शराब बरामद करने के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिन्हें मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां पर आरोपी चालक वकील खां पुत्र जंगबाज खां निवासी बरखेड़ा व सह चालक इशाक खां पुत्र मुंशी खां निवासी सादल खेड़ा चित्तौडगढ़़ को पूछताछ के लिए पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपने के निर्देश दिए गए। दोनों आरोपियों को पुन: 3 दिसंबर को न्यायालय में पेश किया जाएगा।



'वो अपने बेटे संग मुझे जबरन सुलाती थी, कराती थी गलत काम'!

अम्बाला सिटी.असम की मासूम प्रतिमा (काल्पनिक नाम) की किडनैपिंग के बाद दुष्कर्म के मामले में फंसी एक महिला सहित तीन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार सुनाया है जबकि इसी मामले में फंसी दो अन्य महिलाओं को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। कोर्ट ने आरोपियों की सजा के लिए आज का दिन मुकर्रर किया है।



सिटी सदर पुलिस ने सात अक्टूबर 2010 को असम की नाबालिग प्रतिमा की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ किडनैपिंग, गलत धंधे में धकेलना, नशा देना व दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया था। प्रतिमा ने बताया कि करीब दो साल पहले वह अपने घर के नजदीक रेलवे स्टेशन के पास खेल रही थी। तब उसे रोजीना बेगम उर्फ रोजी व उसका बेटा मोहित रमन उर्फ राज जबरदस्ती पकड़कर ट्रेन से दिल्ली ले आए थे जहां ये दोनों किराए के मकान में रहते थे। उस समय रोजी जबरदस्ती अपने बेटे राज को उसके साथ सुलाती थी।



तब राज ने कई बार उसके साथ गलत काम किया। बाद में वह उसे नशा देकर गलत काम करने लगा। करीब सात-आठ दिन बाद यह दोनों उसे दिल्ली में पूनम और उसके बेटे राजू तथा उसकी पत्नी मुस्कान के पास छोड़ दिया। फिर राजू उसके साथ गलत काम करने लगा।



बाद में यह लोग उसे अम्बाला सेक्टर दस स्थित मीना के मकान पर छोड़कर चले गए जहां से दो लड़के उसे कैंट के एक होटल में ले गए जहां उसे जबरन शराब पिलाई गई और उसके साथ गलत काम किया। अगली सुबह दोनों उसे होटल पर छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह वह मीना के घर पहुंची।



उसके शोर मचाने पर वहां से गुजर रही एक महिला ने उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने 25 अक्टूबर 2010 को दिल्ली की पूनम, राजू और राजू की पत्नी मुस्कान को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर 27 अक्टूबर 2010 को मोहित रमन उर्फ राज और रोजीना बेगम उर्फ रोजी को हिरासत में लिया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए मोहित रमन उर्फ राज, रोजीना बेगम और राजू को दोषी करार सुनाया है जबकि पूनम और मुस्कान को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।



इसलिए हुई दोनों महिलाएं बरी: मामले में पूनम और मुस्कान की तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे एडवोकेट सुनील आनंद और शैलेंद्र शैली ने बताया कि इन दोनों महिलाओं पर नाबालिग को गलत धंधे में धकेलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।



छोटी सी उम्र में गर्भवती हो गई थी प्रतिमा



मासूम प्रतिमा पर एक के बाद एक आरोपियों ने इतने जुल्म ढहाए कि छोटी सी उम्र में वह गर्भवती हो गई थी। यही कारण था कि पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्म की साजिश और जुर्म करने वाले आरोपियों को एक के बाद एक गिरफ्तार किया था। इधर, प्रतिमा के बयान रिकार्ड होने के बाद उसे रोहतक ऑब्जरवेशन होम में भेज दिया था। हालांकि मेडिकल चेकअप के बाद प्रतिमा का बच्चा किसी कारण गिर गया था।



तेजो ने की थी प्रतिमा की मदद



उस रोज प्रतिमा सेक्टर दस स्थित मीना के मकान में थी। जब प्रतिमा रो रही थी जिसकी आवाज सुनकर वहां से गुजर रही तेजो मकान में दाखिल हुई और उसने प्रतिमा को सिटी सिविल अस्पताल में दाखिल कराया। प्रतिमा पर हुए अत्याचार की कहानी सुनकर तेजो ने पुलिस को बताया था।

थार में बोफोर्स के धमाके


थार में बोफोर्स के धमाके

पश्चिम सरहद पाकिस्तान को दहलाने के लिए पश्चिम सरहद पर चल रहे युद्धाभ्यास सुदर्शन शक्ति अपने चरम पर पहंुच गया हैं। कमान की डेजर्ट कोर तथा स्ट्राइक कोर के जवान पूरी क्षमता के साथ आधुनिक हथियारों से युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके तहत रेत के समंदर में बोफोर्स तोपों के धमाके भी गूंज रहे हैं। युद्धाभ्यास के इस चरण में युद्ध की संचार प्रणाली के परखा जा रहा है।

दुश्मन की निगाह से बचने के साथ ही उसकी गतिविधियों पर आधुनिक संचार उपकरणों से नजर रखी जा रही है। नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर के तहत वार रूम में बैठे सैन्य अधिकारी दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने का अभ्यास कर रहे हैं। ऑपरेशन विजय के दौरान पाकिस्तान को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली बोफोर्स तोप इस काल्पनिक युद्ध में भी दूर-दूर तक ब्लू फोर्स व रेड फोर्स के बीच सटीक निशाने साध रही है।

दुश्मन को खदेड़ने के लिए मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री के जवान तोप तथा अन्य हथियारों से दुश्मन के तबाह कर रहे हैं। रेतीलों धोरों में टैंक पूरी क्षमता के साथ दिए गए लक्ष्य पर गोले दागकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। दुश्मन की निगाह से बचाने के लिए इन टैंकों तथा अन्य साजों-समान को विशेष जाली से ढका गया है। आने वाले दिनों में इस युद्धाभ्यास के दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमान अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे। अभी वायुसेना के लड़ाकू विमान पूरी पश्चिमी सीमा पर ऑपरेशन महा गुजराज के दौरान अपनी क्षमता प्रदर्शन कर रहे हैं।

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जिस्म का सौदा कराने वाली एक और अभिनेत्री का उठा 'घूंघट'!


पुणे.मराठी फिल्मों की 80-90 दशक की मशहूर अभिनेत्री पद्मजा बापट (54) को पुणे पुलिस ने सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बापट के साथ सेक्ट रैकेट में शामिल दो अन्य महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। मगर उनके नाम का खुलासा नहीं किया है।


पुणे पुलिस को शहर के पॉश इलाके उंद्री में सेक्स रैकेट चलने की जानकारी मुखबिर से मिली थी। इस सूचना की दफ्तीश करने पर अभिनेत्री पद्मजा बापट द्वारा एक रो-हाउस से सेक्स रैकेट चलाये जाने की पुष्टि हुई। पुलिस का कहना है कि बापट अपने ग्राहकों से पहले मोबाइल के जरिए संपर्क करती थी और ग्राहक के रईस होने का विश्वास होने पर ही बात आगे बढ़ाती थी।

बता दें कि हाल के दिनों में पुणे में सक्रिय सेक्स रैकेट के पर्दाफाश होने की यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले 20 नवंबर को पुणो पुलिस के सामाजिक सुरक्षा सेल (एसएससी) ने राजा बहादुर मिल रोड स्थित एक फाइवस्टार होटल में छापा मारकर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया था।

इस छापे में पुलिस ने बॉलीवुड की फिल्म ‘लम्हा’ और टीवी सीरियल ‘कसौटी जिंदगी की’ में अभिनय करने वाली अजहरा जान उर्फ जारा (21) और उसके दलाल नीरज भदानी (27) को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि जारा अपने ग्राहक को सर्विस देने के बदले प्रतिघंटे डेढ़ लाख रुपये लेती थी।


इससे पहले 1 नवंबर को पुणे पुलिस ने ही अंतर्राष्ट्रीय कॉलगर्ल रैकेट का भी भंडाफोड़ किया था। इस सेक्स रैकेट में पुलिस ने तुर्कीमिनिस्तान (रशिया) की जे.होवाजाल सहित दो अन्य विदेशी महिला को गिरफ्तार किया गया था। ये तीनों विदेशी महिला भारत में टुरिस्ट विजा पर आई हुईं थी और दिल्ली, बैंगलोर व पुणो में कॉलगर्ल का रैकेट चला रही थीं।