भंवरी की तलाश में नहर ने उगली 30 लाशें
जयपुर। एक भंवरी की तलाश में एक नहर ने 30 से भी अधिक लाशें उगल दीं। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन शव तो महिलाओं के हैं। यह हैरत भरा वाकया इंदिरा नहर में एएनएम भंवरी देवी की लाश तलाशने के दौरान का है, जिसमें भंवरी की लाश तो बरामद नहीं हो सकी। अलबत्ता 30 से भी अधिक अन्य लाशें जरूर मिल गई, जिनकी पहचान भी हो पाना मुश्किल है।
दिन-ब-दिन इन आंकड़ों में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। पुलिस की मानें, तो पड़ोसी राज्य से नहर में फेंके जाने वाले शव या आत्महत्या करने वाले लोगों की लाशें भी राजस्थान की सीमा में ही बहाव के साथ आ जाती हैं। अगर औसत निकालें तो हर महीने में 8-10 और पूरे साल में करीब सौ या उससे अधिक लाशें इस नहर में समा जाती हैं। इनमें से अधिकांश को अंतिम क्रिया भी नसीब नहीं होती।
गौरतलब है कि सीबीआई व पुलिस के अनुसंधान के दौरान एएनएम भंवरी का अपहरण कर हत्या कर दिये जाने की बात सामने आ रही है। इसी के चलते शेखावाटी व मारवाड़ स्थित नहरों से मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है। सीबीआई की ओर से भंवरी को अपहरण कर हरियाणा ले जाए जाने की भी बात कही जा रही है। इसी आंशका के मद्देनजर हरियाणा से राजस्थान में आने वाली इंदिरा गांधी नहर में तलाश जारी है। मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है।
शिनाख्त नहीं होने पर दाह संस्कार
इंदिरा गांधी नहर में प्रतिमाह औसतन करीब दस अज्ञात शव पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब से बह कर यहां आ जाते हैं। यहां पुलिस शवों की पहचान आसपास के क्षेत्र में कराने के साथ समीपवर्ती पड़ोसी राज्य को सूचना दे दी है लेकिन कोई जबाब नहीं आने और शवों की पहचान नहीं होने पर तीन दिन की औपचारिक कार्रवाई के बाद शवों का दाह संस्कार कर दिया जाता है।
शव ठिकाना लगाने का जरिया बनी नहर
मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्र की जीवन दायिनी इंदिरा गांधी नहर पड़ोसी राज्य के बदमाशों के लाश ठिकाने लगाने का जरिया बनी हुई है। हनुमानगढ़ पुलिस ने प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतिवष्ाü नहर से करीब सौ से अधिक ऎसे शव बरामद किए जाते हैं, जिनकी शिनाख्तगी नहीं हो पाती। जानकारी के मुताबिक, यह नहर राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रवेश करते हुए बीकानेर, चुरू होते हुए जोधपुर में जाकर समाप्त होती है। इस नहर में करीब पांच से अधिक जिलों की नहरें भी आकर मिलती हैं। आंकड़ों पर नजर डालें, तो इंदिरा नहर से प्रतिवष्ाü करीब सौ से अधिक अज्ञात शवों को बाहर निकाला जाता है। इसमें अधिकांश शव महिलाओं के होते हैं।
जयपुर। एक भंवरी की तलाश में एक नहर ने 30 से भी अधिक लाशें उगल दीं। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन शव तो महिलाओं के हैं। यह हैरत भरा वाकया इंदिरा नहर में एएनएम भंवरी देवी की लाश तलाशने के दौरान का है, जिसमें भंवरी की लाश तो बरामद नहीं हो सकी। अलबत्ता 30 से भी अधिक अन्य लाशें जरूर मिल गई, जिनकी पहचान भी हो पाना मुश्किल है।
दिन-ब-दिन इन आंकड़ों में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। पुलिस की मानें, तो पड़ोसी राज्य से नहर में फेंके जाने वाले शव या आत्महत्या करने वाले लोगों की लाशें भी राजस्थान की सीमा में ही बहाव के साथ आ जाती हैं। अगर औसत निकालें तो हर महीने में 8-10 और पूरे साल में करीब सौ या उससे अधिक लाशें इस नहर में समा जाती हैं। इनमें से अधिकांश को अंतिम क्रिया भी नसीब नहीं होती।
गौरतलब है कि सीबीआई व पुलिस के अनुसंधान के दौरान एएनएम भंवरी का अपहरण कर हत्या कर दिये जाने की बात सामने आ रही है। इसी के चलते शेखावाटी व मारवाड़ स्थित नहरों से मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है। सीबीआई की ओर से भंवरी को अपहरण कर हरियाणा ले जाए जाने की भी बात कही जा रही है। इसी आंशका के मद्देनजर हरियाणा से राजस्थान में आने वाली इंदिरा गांधी नहर में तलाश जारी है। मिले अज्ञात महिलाओं के शवों की पड़ताल भी जोर पकड़े हुए है।
शिनाख्त नहीं होने पर दाह संस्कार
इंदिरा गांधी नहर में प्रतिमाह औसतन करीब दस अज्ञात शव पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब से बह कर यहां आ जाते हैं। यहां पुलिस शवों की पहचान आसपास के क्षेत्र में कराने के साथ समीपवर्ती पड़ोसी राज्य को सूचना दे दी है लेकिन कोई जबाब नहीं आने और शवों की पहचान नहीं होने पर तीन दिन की औपचारिक कार्रवाई के बाद शवों का दाह संस्कार कर दिया जाता है।
शव ठिकाना लगाने का जरिया बनी नहर
मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्र की जीवन दायिनी इंदिरा गांधी नहर पड़ोसी राज्य के बदमाशों के लाश ठिकाने लगाने का जरिया बनी हुई है। हनुमानगढ़ पुलिस ने प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतिवष्ाü नहर से करीब सौ से अधिक ऎसे शव बरामद किए जाते हैं, जिनकी शिनाख्तगी नहीं हो पाती। जानकारी के मुताबिक, यह नहर राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रवेश करते हुए बीकानेर, चुरू होते हुए जोधपुर में जाकर समाप्त होती है। इस नहर में करीब पांच से अधिक जिलों की नहरें भी आकर मिलती हैं। आंकड़ों पर नजर डालें, तो इंदिरा नहर से प्रतिवष्ाü करीब सौ से अधिक अज्ञात शवों को बाहर निकाला जाता है। इसमें अधिकांश शव महिलाओं के होते हैं।
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