मंगलवार, 29 नवंबर 2011

महिला इंस्पेक्टर का किसी ने खींचा दुपट्टा तो किसी ने उड़ाए पर्स

अमृतसर. मजीठा रोड गुरु नानक देव अस्पताल के सामने कैमिस्टों की इंस्पेक्शन के लिए पहुंची सेल्स टैक्स विभाग की टीम को लेकर दुकानदारों ने खूब हंगामा किया। अधिकारियों के पहुंचते ही दुकानदार एकत्र हो गए। विभागीय कार्रवाई को रोकने के लिए हलका विधायक का दबाव डलवाने का भी प्रयास किया। इस दौरान वहां दुकानदारों ने विभागीय अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की तक कर डाली।


सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारी जब मामला थाना लेकर गए तो दुकानदारों, भाजपा नेताओं और वर्करों ने थाने के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी। थाना पहुंचे विधायक अनिल जोशी ने अधिकारियों को भ्रष्ट कहते हुए खरी-खोटी सुनाई। जाते हुए विधायक कारोबारियों के साथ सर्किट हाउस में बैठक कर भविष्य के लिए रणनीति तैयार करने की सलाह भी दे गए। दूसरी तरफ एक्साइज टेक्सेशन विभाग के अतिरिक्त कमिश्नर (पंजाब) ने देर शाम विभागीय अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार दुकानदारों और वर्करों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक एक्साइज टेक्सेशन के सहायक कमिश्नर पी कुमार की हिदायतों पर चार ईटीओ के नेतृत्व में चार टीमों को मजीठा रोड पर दवा दुकानों की इंस्पेक्शन के लिए भेजा। जैसी ही इंस्पेक्शन की बात कहते हुए दुकानदारों से स्टॉक और सेल-परचेज बिल मांगे गए उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान वहां खड़े लोगों में से किसी ने विभाग की महिला इंस्पेक्टर का दुपट्टा खींच लिया और किसी ने उसके पर्स ही गायब कर दिया।

बात पुलिस में पहुंचने पर भाजपा नेता और वर्कर इकट्ठा हो गए और थाने के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच सहायक एक्साइज टेक्सेशन कमिश्नर-2 (एईटीसी) पी कुमार और एईटीसी-1 बीके विरदी घटनास्थल पर पहुंच गए। विधायक अनिल जोशी भी वहां पहुंचे और सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारियों को भ्रष्ट कहते हुए खरी-खोटी सुनाई। इसके साथ ही विधायक ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह विभागीय अधिकारियों की भी जांच करवाएंगे। इस बीच महिला अधिकारी का पर्स पुलिस के पास पहुंच गया, जिसमें से नकदी और दो एटीएम गायब पाए गए।

दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश

शाम को घटना की जानकारी उनके पास पहुंची। इस संबंध में एक्साइज टैक्सेशन कमिश्नर पंजाब वेणु गोपाल, जो दिल्ली में हैं, को सूचना दे दी गई है। विभाग के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की करने, सरकारी दस्तावेजों को फाड़ने और ड्यूटी में रुकावट करने के आरोप में जिम्मेदार दुकानदारों/लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाने संबंधी अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।

मनस्वी कुमार, अतिरिक्त एक्साइज टैक्सेशन कमिश्नर पंजाब।

दोपहर को मजीठा रोड पर दुकानदारों के साथ सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारियों के हंगामे की उन्हें सूचना आई थी। जो शिकायत उनके पास आती है उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अब तक उनके पास शिकायत मिलने की कोई पुख्ता सूचना नहीं है।
आरपी मित्तल,पुलिस कमिश्नर

सरकार व्यापारियों के सिर से चलती है, क्योंकि वे लोग उनके वोटर हैं तो वह उनके साथ धक्का नहीं होने देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच करवाएंगे।

अनिल जोशी, विधायक हलका दक्षिण, अमृतसर

बरामद नमूने जांच को एफएसएल भेजे

बरामद नमूने जांच को एफएसएल भेजे

बाड़मेर के निम्बला साजीतड़ा में तीन चिंकारों के शिकार के बाद मांस पकाते पकड़े गए पांच आरोपी सैन्यकर्मी दूसरे दिन सोमवार को भी वन विभाग में पेश नहीं किए जा सके। क्षेत्र के उपवन संरक्षक बीआर भादू ने लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस चंदेल को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा-50 के तहत समन जारी कर मंगलवार सुबह 10 बजे तक आरोपियों को पेश करने के लिए पाबंद किया है।

उधर सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वारी के तहत दूसरी बार उपवन संरक्षक भादू को समन भेजकर शिकार मामले में एकत्रित सभी साक्ष्य, प्रपत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट, सीजर मेमो तथा मौका पंचनामा मांगा है। लिखित जवाब में उपवन संरक्षक ने कहा कि शिकार प्रकरण की जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सीधे न्यायालय में पेश कर दी जाएगी। इस बीच सोमवार शाम 4 बजे सेना अधिकारी अतुल्य बामजाई बिग्रेडियर के साथ उपवन संरक्षक कार्यालय पहुंचे। सैन्य अधिकारियों ने वन विभाग की जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

वनविभाग ने 25 नवम्बर को सैन्य युद्धभ्यास के दौरान इलेक्ट्रिकल मेकेनिकल इंजीनियरिंग विंग के 88 आम्र्ड आर्टलरी वर्कशाप यूनिट में बरामद तीन चिंकारों के सिरों के एकत्रित अलग-अलग विसरा, मामले में प्रयुक्त जिप्सी से मिला खून, बाल, मांस रखने के लिए प्रयुक्त रक्त से सने हुए पात्रों के सैम्पल मंडोर स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिए हैं।

आर्मी एक्ट में सख्त सजा का प्रावधान
इस बारे में सेना प्रवक्ता एस.डी. गोस्वामी का कहना है कि आर्मी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर सात साल से भी कड़ी सजा का प्रावधान है। आर्मी एक्ट की धारा 69 के तहत हत्या व बलात्कार जैसे संगीन अपराध को छोड़ किसी भी प्रकरण को टेक ओवर कर सकती है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी डीएफओ के बयान के अभाव में अटकी हुई है। इसमें दोषी पाए जाने पर सेना तुरन्त ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

आरोपी मिलिट्री कस्टडी में
संभागीय आयुक्त रमेश कुमार जैन की अध्यक्षता में उनके कक्ष में सोमवार को जोधपुर में थल सेना एवं वन विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें सैन्य अधिकारियों ने बताया कि घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जा रही है। आरोपियों को कस्टडी में ले लिया है। इधर, वन अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने भी आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई है। बैठक में सेना के उच्चाधिकारियों के अलावा मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सहित सेना के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।


चालीस लाख की अवैध शराब बरामद

चालीस लाख की अवैध शराब बरामद

बालोतरा। पचपदरा पुलिस ने मेगा स्टेट हाइवे पर सोमवार शाम नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक में परिवहन कर ले जाए जा रहे अवैध अंग्रेजी शराब के एक हजार कार्टन बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हरियाणा निर्मित इस शराब की बाजार कीमत 40 लाख रूपए आंकी गई है।

पुलिस अधीक्षक संतोष्ा चालके के निर्देशानुसार पचपदरा थानाधिकारी उगमराज सोनी के नेतृत्व में एएसआई हरलालसिंह, रेवंतसिंह रड़वा व लादूराम, पचपदरा चौकी प्रभारी भाखरसिंह कोटडिया मय जाप्ता ने सोमवार शाम मेगा स्टेट हाइवे के मूंगड़ा चौराहे पर नाकाबंदी की।

इस दौरान पचपदरा की ओर से आ रहे ट्रक को रूकवाया गया। ट्रक के केबिन में बैठे चालक व एक अन्य से पूछताछ करने पर वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। तिरपाल हटाकर तलाशी लेने पर ट्रक में हरियाणा निर्मित विभिन्न ब्रांडों की अवैध अंग्रेजी शराब के एक हजार कार्टन लदे पाए गए। पुलिस ने आरोपी वकील खां पुत्र जंगबाज खां निवासी बर खेड़ा, छोटी सादड़ी प्रतापगढ़ तथा चालक इसाक खां पुत्र मुंशी खां निवासी सादलखेड़ा चितौड़गढ़ को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया। गौरतलब रहे कि पचपदरा पुलिस ने बीते दो वर्षो में अवैध शराब की धरपकड़ में बड़ी कामयाबी हासिल की है।

गुजरात पहुंचाई जा रही थी खेप
हरियाणा से भरी गई शराब की यह खेप गुजरात की तरफ ले जाई जा रही थी। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि मेगा स्टेट हाइवे के रास्ते से होकर सांचौर होते हुए उन्हें गुजरात की तरफ जाना था।

दुष्कर्म पीडिताओं की पीड़ा हरेगी सरकार

दुष्कर्म पीडिताओं की पीड़ा हरेगी सरकार

बाड़मेर। दुष्कर्म पीडित महिलाओं की सहायता के लिए राज्य सरकार ने जिला स्तर पर बोर्ड गठित करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में पहली बार जिला स्तर पर बोर्ड का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष जिला कलक्टर होंगे। पुलिस अधीक्षक सहित सात अन्य इस बोर्ड के सदस्य होंगे। बोर्ड द्वारा पीडिताओं को आर्थिक सहायता एवं संरक्षण देने संबंधी निर्णय किए जाएंगे।

बलात्कार पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं सहायक सेवाएं योजना भारत सरकार की एक योजना है, जिसमें दुष्कर्म पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं संरक्षण का प्रावधान है। राज्य सरकार ने इस योजना का अनुसरण करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापन बोर्ड गठित करने की स्वीकृति राज्यपाल द्वारा दी जा चुकी है। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी जिला कलक्टर को बोर्ड गठित करने के आदेश दिए हैं।

शक्तिशाली होगा जिला बोर्ड
दुष्कर्म पीडित महिलाओं को जिला बोर्ड द्वारा पूर्ण सहयोग व संरक्षण प्रदान किया जाएगा। पीडिताओं को बोर्ड के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत करना होगा। बोर्ड द्वारा दावे का निस्तारण किया जाएगा। बोर्ड के पास वित्तीय सहायता एवं प्रभावित महिला के शारीरिक क्षति, मानसिक आघात एवं संरक्षण की दृष्टि से आवश्यक सेवाएं प्रदान किए जाने के आदेश देने की शक्ति होगी। वित्तीय सहायता भी जिला बोर्ड ही तय करेगा। दो माह में कम से कम एक बार बोर्ड की बैठक होगी। आवश्यकता होने पर इससे पहले भी बैठक बुलाई जा सकेगी।

राज्य स्तर पर भी होगा बोर्ड
राज्य स्तर पर राज्य आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापना बोर्ड होगा। जिला बोर्ड अपने सुझाव राज्य बोर्ड को दे सकेंगे। जिला बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष इस योजना के अंतर्गत प्रतिवेदन राज्य बोर्ड को भिजवाना होगा। जिला व राज्य बोर्ड स्थाई प्रकृति के होंगे। उपरोक्त बोर्ड का प्रशासनिक विभाग महिला अधिकारिता विभाग होगा।

ये होंगे जिला बोर्ड के सदस्य
जिला आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापन बोर्ड में जिला पुलिस अधीक्षक (जयपुर एवं जोधपुर जिलों में संबंधित पुलिस कमिश्नर द्वारा मनोनीत पुलिस अधिकारी, जो पुलिस अधीक्षक स्तर से कम न हो), मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नामांकित प्रतिनिधि (यथासंभव महिला प्रतिनिधि), जिला बोर्ड अध्यक्ष द्वारा मनोनीत जानी पहचानी महिला प्रतिनिधि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का जिलाधिकारी, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सदस्य होंगे। उपनिदेशक सदस्य सचिव होंगे। सदस्यों का कार्यकाल तीन
वर्ष का होगा।

दिशा निर्देश मिले हैं:बलात्कार पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं संरक्षण के लिए जिला बोर्ड के गठन संबंधी दिशा निर्देश मिले हैं। इस योजना से पीडिताओं को राहत मिलेगी।
संतोष चालके, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर

घाणियों में तैयार होने लगा सर्दी का ‘मारवाड़ी मेवा’


घाणियों में तैयार होने लगा सर्दी का ‘मारवाड़ी मेवा’

बाड़मेर सहित आसपास के गांवों में बैलों से चलाई जाने वाली घाणियों में तिल्ली की सेली बनाने का कार्य शुरू




बाड़मेर सर्दी की दस्तक के साथ ही शहर सहित क्षेत्र के कुछ गांवों में वर्षों पुरानी परंपरा के चलते बैलों से चलाई जाने वाली घाणियां शुरू हो गई हैं। हल्की सर्दी के प्रारंभ होते ही इन घाणियों में तिल्ली की पिसाई कर उसका तेल निकालने के साथ (मारवाड़ी मेवा) सेली तैयार की जाती है। वैसे पहले के मुकाबले अब इन घाणियों का चलन काफी कम हुआ है, लेकिन शुद्धता व जायकेदार स्वाद को लेकर आज भी इसमें पीसी जाने वाली तिल्ली की सेली को ही अधिकांश लोग पसंद करते हैं। बैलों से चलने वाली घाणियों का क्रेज कम होने की वजह यह बताई जा रही है कि उसमें तिलों की पिसाई धीमी गति से होने पर समय अधिक व्यतीत होता है। इलेक्ट्रिक मोटर व डीजल इंजन से संचालित घाणियों में इसके लिए बहुत कम समय लगता है। इसके बावजूद सर्दी के मौसम में अधिकांश लोग आधुनिक घाणियों के बजाय बैल की घाणी से पीसी जाने वाले तिल्ली तेल व उसकी सेली को ही पसंद करते हैं। इन दिनों शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में सेली की मांग बढ़ी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए घाणी संचालक इस कार्य को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।

सेली का निर्यात गुजरात व महाराष्ट्र में भी
शहर एवं आसपास के गांवों में तिल्ली से बनी हुई खाद्य सामग्रियों में सेली का उपयोग ही अधिक हो रहा है। मारवाड़ क्षेत्र में यह सर्वाधिक प्रचलित है। घाणी से निर्मित फीकी सेली 160 रुपए तथा मीठी सेली 140 रुपए के भाव से बिक रही है। यहां निर्मित होने वाली सेली पड़ोसी राज्य गुजरात व महाराष्ट्र के मुंबई पुना सहित विभिन्न शहरों में खरीद कर लोग ले जाते है। तिल्ली की इस सेली को सर्दी का मारवाड़ी मेवा भी कहते हैं। यहां परंपरागत तरीकों से सेली बनाने वाले व्यक्तियों की संख्या पूर्व में एक दर्जन के करीब थी, लेकिन घाणियां बंद हो जाने से इस समय इसकी संख्या घट कर अब एक-दो ही रह गई है।

कम हो रही संख्या

सर्दी के दौरान कई लोग तो बाजरा व मक्की की रोटियां भी तिल्ली के तेल के साथ चूरमा बनाकर खाते थे, लेकिन धीरे-धीरे आधुनिक मशीनों की चलन बढऩे से इन घाणियों की संख्या घटती गई और वर्तमान में तो इक्का-दुक्का ही यह घाणियां रह गई हैं। घाणियों से निकाले जाने वाले तिल्ली के तेल व सेली के बारे में बाड़मेर निवासी सफी तेली ने बताया कि बैलों से चलाई जाने वाली सभी घाणियां लकड़े से बनी हुई होती हैं, साथ ही इसमें तिल्ली की पिसाई के समय भी पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि शुद्ध तेल व सेली तैयार हो सके। ऐसे तैयार की जाती है सेली
बैल की घाणी में पिसाई होने से बनने वाली तिल्ली सेली पौष्टिक होती है। इसे बनाने के लिए पहले तिल्ली की सफाई की जाती है, इसके बाद उसे घाणी में पिसाई के लिए डाला जाता है तथा जरूरत अनुसार उसमें गर्म पानी मिलाया जाता है ताकि उसकी पिसाई पूरी तरह से हो सके। घाणी से तेल को अलग कर शेष रहने वाले अवशेष को ही सेली कहते हैं। हालांकि सेली से पूरा तेल नहीं लिया जाता है, ताकि खाने में स्वादिष्ट और लजीज हो सके। सेली में गुड़ व शक्कर मिलाकर उसे मीठा किया जाता है। इसके तेल की बिक्री प्रति किलो की दर 240 रुपए वर्तमान में चल रही है। शहर में तेलियो का वास पर सफी तेली

की घाणी तो पिछले लंबे समय से अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए है।