मंगलवार, 29 नवंबर 2011

दुष्कर्म पीडिताओं की पीड़ा हरेगी सरकार

दुष्कर्म पीडिताओं की पीड़ा हरेगी सरकार

बाड़मेर। दुष्कर्म पीडित महिलाओं की सहायता के लिए राज्य सरकार ने जिला स्तर पर बोर्ड गठित करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में पहली बार जिला स्तर पर बोर्ड का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष जिला कलक्टर होंगे। पुलिस अधीक्षक सहित सात अन्य इस बोर्ड के सदस्य होंगे। बोर्ड द्वारा पीडिताओं को आर्थिक सहायता एवं संरक्षण देने संबंधी निर्णय किए जाएंगे।

बलात्कार पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं सहायक सेवाएं योजना भारत सरकार की एक योजना है, जिसमें दुष्कर्म पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं संरक्षण का प्रावधान है। राज्य सरकार ने इस योजना का अनुसरण करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापन बोर्ड गठित करने की स्वीकृति राज्यपाल द्वारा दी जा चुकी है। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी जिला कलक्टर को बोर्ड गठित करने के आदेश दिए हैं।

शक्तिशाली होगा जिला बोर्ड
दुष्कर्म पीडित महिलाओं को जिला बोर्ड द्वारा पूर्ण सहयोग व संरक्षण प्रदान किया जाएगा। पीडिताओं को बोर्ड के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत करना होगा। बोर्ड द्वारा दावे का निस्तारण किया जाएगा। बोर्ड के पास वित्तीय सहायता एवं प्रभावित महिला के शारीरिक क्षति, मानसिक आघात एवं संरक्षण की दृष्टि से आवश्यक सेवाएं प्रदान किए जाने के आदेश देने की शक्ति होगी। वित्तीय सहायता भी जिला बोर्ड ही तय करेगा। दो माह में कम से कम एक बार बोर्ड की बैठक होगी। आवश्यकता होने पर इससे पहले भी बैठक बुलाई जा सकेगी।

राज्य स्तर पर भी होगा बोर्ड
राज्य स्तर पर राज्य आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापना बोर्ड होगा। जिला बोर्ड अपने सुझाव राज्य बोर्ड को दे सकेंगे। जिला बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष इस योजना के अंतर्गत प्रतिवेदन राज्य बोर्ड को भिजवाना होगा। जिला व राज्य बोर्ड स्थाई प्रकृति के होंगे। उपरोक्त बोर्ड का प्रशासनिक विभाग महिला अधिकारिता विभाग होगा।

ये होंगे जिला बोर्ड के सदस्य
जिला आपराधिक क्षतिपूर्ति एवं पुनस्üथापन बोर्ड में जिला पुलिस अधीक्षक (जयपुर एवं जोधपुर जिलों में संबंधित पुलिस कमिश्नर द्वारा मनोनीत पुलिस अधिकारी, जो पुलिस अधीक्षक स्तर से कम न हो), मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नामांकित प्रतिनिधि (यथासंभव महिला प्रतिनिधि), जिला बोर्ड अध्यक्ष द्वारा मनोनीत जानी पहचानी महिला प्रतिनिधि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का जिलाधिकारी, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सदस्य होंगे। उपनिदेशक सदस्य सचिव होंगे। सदस्यों का कार्यकाल तीन
वर्ष का होगा।

दिशा निर्देश मिले हैं:बलात्कार पीडित महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं संरक्षण के लिए जिला बोर्ड के गठन संबंधी दिशा निर्देश मिले हैं। इस योजना से पीडिताओं को राहत मिलेगी।
संतोष चालके, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर

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