शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

बाड़मेर। अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा बाड़मेर जिला कार्यकारणी का हुआ गठन

बाड़मेर। अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा बाड़मेर जिला कार्यकारणी का हुआ गठन




बाड़मेर। 
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्रसिंह रावणा के निर्देशानुसार बाड़मेर जिला अध्यक्ष नारायण सिंह पंवार ने अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा बाड़मेर की कार्य कारणी का किया गठन। कार्य कारणी में  महामंत्री - प्रकाश सिंह राठौड़ उपाध्यक्ष - गणपत सिंह साँखला, नरपत सिंह विदा,किशन सिंह गोहिल,कल्याण सिंह वाघेला,प्रेम सिंह खोखर, लूण सिंह सोढ़ा,शेर सिंह चौहान, वैल सिंह चौहान,सवाई सिंह साँखला कोषाध्यक्ष - वीर सिंह सोलंकी सहकोषाध्यक्ष - शैतान सिंह चौहान सचिव -  रघुवीर सिंह राठौड़,प्रेम सिंह सोलंकी,हिन्दू सिंह गोहिल,हरि सिंह राठौड़,बादल सिंह दईया खेल मंत्री - गोपाल सिंह गोहिल ,जयमल सिंह पड़िहार संगठन मंत्री - मान सिंह चौहान,पदम् सिंह राठौड़,खिम सिंह सोढा,ईश्वर सिंह राठौड़,लाभु सिंह पड़िहार,शंकर सिंह सोलंकी, मदन सिंह राठौड़,अभिषेक सिंह दईया प्रचार मंत्री - कमलेश  सिंह चौहान,श्याम सिंह परिहार,रमेश सिंह पंवार सांस्कृतिक मंत्री - सुरेन्द्र सिंह चौहान,बिहारी सिंह पड़िहार,सुरेन्द्र सिंह गोहिल कार्यकारणी सदस्य - विक्रम सिंह राठौड़,भीम सिंह पंवार,मेघ सिंह गहलोत,विरध सिंह पड़िहार,गिरधारी सिंह पंवार,जयवीर सिंह राठौड़ आमंत्रित सदस्य-चून सिंह जी भाटी,गोरधन सिंह जी सोढ़ा,नीम सिंह जी पंवार, उगम सिंह जी सोलंकी,इंद्र सिंह जी राठौड़,शंकर सिंह जी परमार

जल्द ही तहसीलस्तर पर संगठन का विस्तार किया जाऐगा । अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा का एक ही लक्ष्य है की ढाणी से गाँव, गाँवो से तहसील,तहसीलो से जिला व् जिलो से प्रदेश तक एक पारदर्शी मजबूत संगठन बने जिससे समाज के हर सदस्य को संगठन का सहयोग मिल सके ।

bnt के लिए चित्र परिणाम

राजस्थान में 'मिलावटी' शराब का खेल, 20 फ़ीसदी नमूने FAIL

राजस्थान में 'मिलावटी' शराब का खेल, 20 फ़ीसदी नमूने FAIL


बाड़मेर में शराब दुखांतिका ने एक बार फिर से पूरे प्रशासन को हिला दिया है। इसके बावजूद मिलावट का खेल प्रदेश के कई जिलों में बड़े स्तर पर चल रहा है। सरकार हर साल कंपनियों की शराब की जांच अपने स्तर पर कराती है, लेकिन उसके बाद भी शराब में मिलावट का खेल जारी है। एक अप्रेल 2014 से लेकर 15 सितंबर 2015 तक प्रदेश भर के सभी जिलों में शराब के 9 हज़ार 891 नमूनों की जांच की गई है। इन नमूनों की जांच में करीब 20 फ़ीसदी नमूने फेल हुए हैं। इनमें नागौर, बाड़मेर, पाली, झुंझुनुं जैसे जिलों में देशी शराब में मिलावट का स्तर बहुत ज्यादा पाया गया है।



जयपुर-अलवर की शराब 'खरी'इन नमूनों की जांच में जयपुर शहर में शराब शत-प्रतिशत सही मिली है। वहीं सबसे ज्यादा करीब छह हजार नमूने अलवर से उठाए गए हैं जिसमे भी सभी नमूने जांच में सही पाए गए हैं।


इन जिलों में बिक रहा 'ज़हर'
लेकिन ज़्यादातर जिले ऐसे हैं जहां शराब के नमूनों में भारी मिलावट सामने आई है। जानकारी के मुताबिक बारां में 12 में से 12 फेल, जोधपुर में 379 में से 108 फेल, बीकानेर में 204 में से 80 फेल, चूरु में 98 में से 54 फेल, डूंगरपुर में 6 में से 6 फेल, उदयपुर में 108 में से 106 फेल, जयपुर ग्रामीण में 176 में से 83 फेल, नागौर में 150 में से 124 नमूने फेल हो गए हैं।अन्य जिलों में से कई में भी यही हाल है। हालांकि धौलपुर, भरतपुर, अलवर और जयपुर जैसे कई जिले ऐसे हैं, जहां पर शत-प्रतिशत जांच सही पाई गई है। जयपुर शहर में 321 नमूनों की जांच में 321 नमनूे सही पाए गए हैं।

जालोर। आयुक्त से शिकायत की तो ठेकेदार ने परिषद में ही कर दी पार्षद की धुनाई

जालोर। आयुक्त से शिकायत की तो ठेकेदार ने परिषद में ही कर दी पार्षद की धुनाई


जालोर। शहर के वार्ड नंबर 29 के पार्षद को वार्ड में रुके पड़े निर्माण कार्यों की आयुक्त से शिकायत करना महंगा पड़ गया। शिकायत से नाराज ठेकेदार ने पार्षद को नगरपरिषद परिसर में बुलाकर जमकर धुनाई कर दी। बाद में वहां मौजूद अन्य पार्षदों और लोगों ने उसे छुड़ाया। जानकारी के अनुसार वार्ड 29 में निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदार की ओर से डाली गई सामग्री के कारण नालियां अट गई थी और इससे पानी ओवरलो होकर मार्ग पर फैल रहा था। वहीं सामग्री डालने के काफी समय बाद भी काम शुरू नहीं होने पर भाजपा समर्थित निर्दलीय पार्षद जितेंद्र प्रजापत ने नगरपरिषद आयुक्त अर्जुनदान देथा के घर जाकर उन्हें यह समस्या बताई। जिस पर उन्होंने जेईएन शैलेंद्र यादव को मौके पर जाकर संबधित ठेकेदार से काम शुरूकरवाने की बात कही। इसके कुछ ही देर बाद जेईएन ने पार्षद को फोन कर नगरपरिषद में बुलाया। इस पर जैसे ही पार्षद प्रजापत वहां पहुंचा तो ठेकेदार व अन्य लोगों ने मिलकर उसकी जोरदार पिटाई कर दी। सूचना पर आयुक्त देथा, पार्षद ओमप्रकाश माली, भरत मेघवाल व हंसमुख नागर समेत पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायलावस्था में पार्षद को अस्पताल ले जाया गया।



बीच-बचाव कर छुड़ाया
नगरपरिषद में पार्षद से हाथापाई के दौरान मौके पर पार्षद चंदनसिंह व एक पार्षद पति भी मौजूद थे। जिनका कहना है कि जेईएन, ठेकेदार व उसके साथ कुछ लोगों ने मिलकर पार्षद की पिटाई शुरू कर दी। बाद में बीच-बचाव कर उसे छुड़ाया गया।

फाड़ दिए कपड़े
सरकारी दफ्तरों व नगरपरिषद की भी रामनवमी को लेकर शुक्रवार को छुट्टी थी। पार्षद का कहना है कि छुट्टी के बावजूद उसे जेईएन ने फोन कर नगरपरिषद में बुलाया और ठेकेदार के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की। मारपीट के दौरान पार्षद के कपड़े तक फाड़ दिए। वहीं उसे गले, मुंह, पेट और पैर पर चोटें आई हैं।

अस्पताल में लगी भीड़
ठेकेदार की ओर से नगरपरिषद परिसर में पार्षद के साथ मारपीट की घटना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। पार्षद को अस्पताल ले जाने के बाद अस्पताल में शहरवासियों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान अस्पताल की गैलेरी में खड़े लोग आपस में चर्चा करते नजर आए।

जेईएन ने फोन किया बंद
मारपीट में जेईएन के शामिल होने के आरोप लगने पर जेईएन से सपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था। रामनवमी का अवकाश होने के कारण वे परिषद में भी नहीं दिखे।

मेरे सामने की मारपीट
जेईएन शैलेंद्र यादव व ठेकेदार समेत कुछ लोगों ने मेरे सामने ही पार्षद जितेंद्र प्रजापत से मारपीट की। जिसके बाद मैंने और मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने उसे छुड़वाया था। बाद में उसे घायलावस्था में अस्पताल ले गए। जहां से उसे जोधपुर रेफर किया गया है।- चंदनसिंह, भाजपा पार्षद, वार्ड 11

दर्ज करवाया मामला

जेईएन शैलेंद्र यादव और ठेकेदार शकूर खान ने मुझे फोन पर धमकियां देते हुए कहा कि निर्माण कार्य को लेकर किसी से शिकायत ना करें। बाद में एईएन ने फोन कर मुझे नगरपरिषद बुलाया और सभी ने मिलकर मेरे साथ मारपीट की। - जितेंद्र प्रजापत, भाजपा समर्थित पार्षद, वार्ड 29

की जाएगी कार्रवाई
पार्षद के साथ मारपीट की सूचना पर मैं मौके पर पहुंच गया था। साथ ही उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। संबधित  के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाईकी जाएगी। अगर जेईएन शामिल है तो जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।- अर्जुनदान देथा, आयुक्त, नगरपरिषद जालोर

झालावाड़ । 17 अप्रेल से जल स्वावलम्बन सप्ताह का होगा आयोजन


झालावाड़ । 17 अप्रेल से जल स्वावलम्बन सप्ताह का होगा आयोजन 


झालावाड़ । झालावाड़ जिले में 54 ग्राम पंचायतों के 180 गांवों में चलाये जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत आगामी 17 अप्रेल से 24 अप्रेल तक जल स्वावलम्बन सप्ताह मनाया जायेगा।जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अंतर्गत इस सप्ताह के दौरान जिला स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी। साथ ही ग्राम स्तर पर ग्रामवासियों के साथ बैठकों का आयोजन करके उनके क्षेत्र में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की जायेगी तथा उन्हें जल स्वावलम्बन अभियान में भागीदारी की प्रतिज्ञा दिलवायी जायेगी। सप्ताह के दौरान विभिन्न कार्यस्थलों का भ्रमण एवं निरीक्षण भी किया जायेगा। साथ ही पूर्ण किये गये कार्यों के उद्घाटन कराये जायेंगे एवं विभिन्न कार्य स्थलों पर श्रमदान आयोजित कराये जायेंगे।

जिला कलक्टर ने बताया कि सप्ताह के दौरान जल स्वावलम्बन अभियान वाले गांवों में ग्रामवासियों, महिलाओं, विद्यार्थियों एवं युवकों की जल स्वावलम्बन सामूहिक रैलियों का आयोजन किया जायेगा। अभियान के दौरान विभिन्न दान-दाताओं द्वारा जनसहयोग देने की जो घोषणा की गई थी, उसमें एकत्रित राशि की भी इस सप्ताह के दौरान समीक्षा की जायेगी तथा दानदाताओं को सम्मानित किया जायेगा। दस हजार से अधिक का सहयोग, नगद, सामग्री एवं मशीन के रूप में देने वाले दानदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।

जिला कलक्टर ने बताया कि जल स्वावलम्बन सप्ताह के दौरान आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों, पंचायती राज प्रतिनिधियों, ग्रामवासियों धार्मिक ट्रस्टों एवं सामाजिक संगठनों की भी भागीदारी रहेगी।

भारत में व्हाट्सऐप पर जल्द लग सकता है बैन

भारत में व्हाट्सऐप पर जल्द लग सकता है बैन


जयपुर। पिछले साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने व्हाट्ऐप, स्नैपचैट, आई-मेसेज पर बैन लगाने की इच्छा जाहिर की थी। अब जबकि व्हाट्ऐप ने एंड टु एंड इंक्रिप्सन फीचर पेश कर दिया है तो सरकार और व्हाट्ऐप के बीच तनातनी बढ़ सकती है।एंड टु एंड इंक्रिप्सन के आने से व्हाट्ऐप किसी भी देश की सरकार की पहुंच से दूर हो गया है। इससे कई देश इसे बैन करने का मन बना रहे हैं। इन देशों में भारत भी शामिल है।


भारत में इस पर प्रतिबंध लगने की खबर आ रही है। भारत में WhatsApp पर प्रतिबंध इसलिए हो सकता है क्योंकि Whatsapp ने अपने फीचर में एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन जोड़ा है। यह फीचर भारतीय टेलीकॉम नियमों के खिलाफ बताया गया है।Whatsapp में यूजर्स सिर्फ 40-बीट इनक्रिप्शन का ही इस्तेमाल कर सकते है पर इसे 256-बीट इनक्रिप्शन का यूज किया जा रहा है।जो लोग भारत में इसका इस्तेमाल कर रहे है उसे गैरकानूनी तरीका माना जा रहा है। जो यूजर्स Whatsapp के इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करना चाहते है उन्हें पहले सरकार से अनुमति लेना पड़ेगा।जानकारी के मुताबिक सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

बाड़मेर। रामनवमी पर श्रीराम की निकली विशाल शोभा यात्रा, सर्व समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

बाड़मेर। रामनवमी पर श्रीराम की निकली विशाल शोभा यात्रा, सर्व समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर। बाड़मेर में रामनवमी महापर्व धूमधाम से मनाया गया। इस क्रम में शुक्रवार को बाड़मेर मुख्यालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में भव्य झांकी व जुलूस निकाले गए। जुलूस में महावीरी पताकों के साथ लोग जय श्री राम का उदघोष कर रहे थे। इस अवसर पर जुलूस में शामिल लोगों ने परंपरागत हथियारों को परिचालन का शानदार प्रदर्शन किया। रामनवमी जुलूस को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थ। रामनवमी के मौके बाड़मेर में विभिन्न क्लबों द्वारा रामनवमी की झाकिया निकाली गई । झाकिया करीब दोपहर 1 बजे तक बाड़मेर के मुख्य मार्गो पर भ्रमण करती रहीं। जुलूस में शामिल भक्तगण राम नाम का जयकारा लगाते रहे। झांकी देखने जगह- जगह लोग जमे रहे। झाकी में शामिल आयोजकों के अलावा युवा डीजे एवं ताशा की आवाज में थिरकते रहे। विभिन व्यवस्था को लेकर पुलिस सजगरही।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

जोधपुर| ममेरे भाई ने 6 साल की बहन का किया रेप

जोधपुर| ममेरे भाई ने 6 साल की बहन का किया रेप


जोधपुर| जोधपुर के रातानाडा थाना क्षेत्र के पाबूपुरा में छह वर्षीय मासूम बालिका से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता के ममेरे भाई पर ही दुष्कर्म का आरोप है। दुष्कर्म के बाद वह कोटा भाग गया। रातानाडा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दल कोटा भेजा है।पाबूपुरा निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को दी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसका कोटा में इंदिरा कॉलोनी निवासी प्रमोद कुछ दिन यहां ठहरने के बाद मंगलवार को कोटा चला गया। इसके बाद उसकी छह वर्षीय पुत्री को पेट में दर्द हुआ। बालिका को उम्मेद अस्पताल में चिकित्सकों को दिखाया तो दुष्कर्म की बात सामने आई। पीडि़त बालिका ने प्रमोद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है।
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सरकारों-पार्टियों के दलित उत्थान के दावों की सच्चाईः राजस्थान में 82 फीसदी दलित ग्रामीण परिवार 5000 रूपए महीने से कम पर गुजारे को मजबूर

सरकारों-पार्टियों के दलित उत्थान के दावों की सच्चाईः राजस्थान में 82 फीसदी दलित ग्रामीण परिवार 5000 रूपए महीने से कम पर गुजारे को मजबूर




— हर पार्टी अंबेडकर को अपना रही, दलितों का मसीहा बनने का दावा कर रही
— ग्रामीण इलाकों के 3.93 फीसदी दलित परिवार ही सरकारी नौकरी में
— 74,408 ग्रामीण दलित परिवार ही ऐसे हैं जिनमें सरकारी नौकरी में है
— नौकरियों में आरक्षण का लाभ पूरे दलित वर्ग को नहीं मिला
— निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी एक फीसदी की ही हिस्सेदारी
— आरक्षण हो या योजनाएं उनका लाभ चुनिंदा दलित परिवारों को ही मिला
— आम दलित को आरक्षसण और योजनाओं दोनों का फायदा नहीं मिला



जयपुर। सरकारें और पार्टियां बाबा साहब अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाकर दलितों की मसीहा होने के दावे भले करें, लेकिन आजादी के 68 साल बाद भी दलितों की हालत मेंं कोई सुधार नहीं आ पाया है। राजस्थान में 82 फीसदी दलित ग्रामीण परिवार आज भी पांच हजार रुपए महीना भी नहीं कमा पाते, यह आय अगर प्रति व्यक्ति के हिसाब से गिनी जाए तो हजार रुपए प्रति व्यक्ति भी नहीं बैठेगी।

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68 साल में दलितों के लिए कितनी ही योजनाएं बनी और सरकारों ने दलित हितैषी होने का खूब ढिंढोरा पिटा। अब जरा कुछ आंकड़ों पर नजर दौड़ा लीजिए, हालात खुद ब खुद पता लग जाएंगे कि हमारी सरकारों की नीतियों से दलित कितना उपर उठ पाए हैं। 2011 में हुई सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़ें बताते हैे कि राजस्थान के 18.50 लाख ग्रामीण एससी दलित परिवारों में से महज 18 फीसदी परिवारों की मासिक आय ही पांच हजार रुपए या इससे उपर है। 82 फीसदी ग्रामीण दलित परिवार पांच हजार रुपए भी नहीं कमा पाते।



सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में महज 74, 408 दलित परिवार ही सरकारी नौकरी में हैं यानी कुल ग्रामीण दलित परिवारों का महज 3.93 फीसदी। महज 2.18% दलित परिवार ही आयकर देते हैं। आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि सरकारों के तमाम दावों के बावजूद दलितों की स्थिति अमें कोई सुधार नहीं आया है। आरक्षण का लाभ चंद परिवारों को ही मिल पाया है। ऐसे में अंबेडकर के नाम पर दलितों के हितेषी होने का दावा करने वाली पार्टियों और सरकारों के दावों पर सवालिया निशान लग जाता है। सवाल यह उठता है कि दलितों के नाम पर चलाई जा रही भारी भरकम योजनाओं का पैसा आखिर कहां गया, आरक्षण हो या योजनाएं उसका फायदा आम दलित तक तो नहीं पहुंचा, ये आंकड़े बता रहे हैं।



सामाजिक आर्थिक जनगणना में ग्रामीण एससी परिवारों के हालात :

— ग्रामीण एससी परिवार : 18 लाख 91 हजार 189
— प्रदेश के कुल परिवारों का 18.50 फीसदी
— 41189 एससी परिवार यानी 2.18% आयकर देते हैं
— 74408 यानी 3.93% परिवार सरकारी नौकरी वाले हैं
— 15 लाख 66 हजार 817 यानी 82.85% परिवार 5 हजार से कम मासिक आय पर गुजारा कर रहे हैं

अलवर। ज़हरीली चाय पीने से 150 मज़दूर हुए अचेत

अलवर। ज़हरीली चाय पीने से 150 मज़दूर हुए अचेत


अलवर। भिवाड़ी के खुशखेड़ा स्थित FIEM कम्पनी में विषाक्त चाय पीने से करीब 150 मजदूर अचेत हो गए। कंपनी ने मामले को छुपाने के लिए सभी मरीजों को अलग अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया।बताया जा रहा है की अभी तक किसी भी प्रकार का ना ही तो कोई मामला दर्ज हुआ है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि पीड़ितों से मिलने पंहुचा है। आपको बता दें कि कुछ मरीजों की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है तो कुछ को गंभीर बताया जा रहा है।
150-labors-felt-unconscious-after-consuming-poisonous-tea-in-bhiwadi-rajasthan-65898