बाड़मेर। स्थानीय रावणा राजपूत छात्रावास में गणतंत्र दिवस व हैफा हिरो विक्ट्रोरिया क्रोस अमर शहीद मेजर दलपतसिंह देवली की 123 वी जयंति का कार्यक्रम समाज के जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़ के मुख्य अतिथि, अमोलखसिंह दईया नगर अध्यक्ष, राष्ट्रीय कवि डाॅ. गोरधनसिंह जहरीला, नगर महामंत्री हरिसिंह राठौड़, युवा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह दईया, मेजर दलपत शक्ति संगठन के जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह पंवार, व्यवस्थापक शंकरसिंह सौलंकी के विषिष्ठ आतिथ्य एवं छात्रावास अध्यक्ष मुकनसिंह परमार की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाया गया।
मेजर दलपत शक्ति संगठन के नगर अध्यक्ष गोविन्दसिंह सोढा ने बताया कि छात्रावास कार्यक्रम के बाद मेजर दलपतसिंह देवली की जयंति को लेकर जितेन्द्रसिंह मेड़तीया निरक्षक एसीबी व समाज के जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़ नगर अध्यक्ष अमोलखसिंह दईया, वरिष्ठ समाजसेवी नाथुसिंह राठौड़, पार्षद बादलंिसह दईया के सानिध्य एवं संगठन के जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह पंवार के नेतृत्व में राजकीय चिकित्सालय में फल वितरण किये गये एवं उसके बाद सत्य साई अंध एवं मुक बधिर विद्यालय में फल व बिस्किट वितरण किये गये तथा संगठन कि तरफ से मेजर दलपतसिंह देवली की जयंति पर संगोष्ठी का आयेाजन किया गया, जिसमें गोरधनसिंह राठौड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि दलपतसिंह हमारे समाज के ही नहीं पुरे देष के गर्व थे। उन्होनें हैफा नगर पर विजय फताका लेहरा के पुरे देष का नाम रोषन किया है। हमें आज गौरव है, कि ऐसे वीर सपूत ने हमारे समाज में जन्म लिया। हमें उनकी जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। राष्ट्रीय कवि गोरधनसिंह जहरीला ने मेजर साहब की जीवनी पर प्रकाष डाला एवं युवाओं को संगठित रहने की बात कही। मेजर दलपत शक्ति संगठन के जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह पंवार ने कहा कि मेजर दलपत सिंह ने राष्ट्र हित के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था, हमे उनसे प्रेरणा लेकर संगठन को मजबूत करना है व कुरितियों एवं बुराईयों को समाज से दूर करना है युवाओं को षिक्षा पर जोर देकर समाज को नई उचाईयों प्रदान करनी है। कानसिंह कोटड़ा ने कहा कि महिला षिक्षा को बढावा देना होगा।
कार्यक्रम में बाबूसिंह चैहान, नरपतसिंह भाटी, दुर्जनसिंह गुडीसर, लिखमसिंह गोयल, कमलसिंह देवड़ा, जितेन्द्रसिंह राठौड़, जववंतसिंह आगौर, आसुसिंह परमार, सवाईसिंह सोढा, रमेसिंह पडिहार, शंभूसिंह सोलंकी, मांगसिंह, भवानीसिंह राठौड़, पार्षद दिलीपसिंह गोगादे, सांगसिंह, ओमसिंह दईया, हाथीसिंह, ललितसिंह, छोटूंिसह पंवार, भाखरसिंह सोनड़ी, आदि कई समाज के गणमान्य लोग व संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।