रविवार, 8 नवंबर 2015

बाड़मेर,जिला स्तरीय जन सुनवाई एवं सतर्कता समिति की बैठक सोमवार को



बाड़मेर,जिला स्तरीय जन सुनवाई एवं सतर्कता समिति की बैठक सोमवार को 


बाड़मेर, 08 नवंबर। आम जन की परिवेदनाओं की सुनवाई एवं समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय जन सुनवाई तथा जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक का आयोजन सोमवार को प्रातः 10 बजे से कलक्ट्रेट स्थित अटल सेवा केन्द्र में किया जाएगा।

जिला कलक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशों की पालना में जिला स्तरीय जन सुनवाई के साथ ही जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय जन सुनवाई में जिला स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे एवं संभव होने पर मौके पर ही प्राप्त होने वाली परिवेदनाओं एवं समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। साथ ही जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक में समिति के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों पर चर्चा की जाएगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल. नेहरा ने बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।

बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार शाम को मायड़ भाषा प्रेमी डीप जलाएंगे मान्यता की कामना के साथ

बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार शाम को

मायड़ भाषा प्रेमी डीप जलाएंगे मान्यता की कामना के साथ

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघरशा समिति बाड़मेर द्वारा हर साल की भांति दिवाली के पावन पर्व पर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार को आयोजित करेगा ,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलने तक दिवाली पर्व पर मायड़ भाषा प्रेमी मान्यता की कामना को लेकर दीपक जलाएंगे ,उन्होंने बताया सोमवार को गांधी चौक में शाम पांच बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमरे समिति के समस्त पदाधिकारी और सदस्य भाग लेंगे .

जयपुर।युवती के साथ रेप,चार महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज



जयपुर।युवती के साथ रेप,चार महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज


जयपुर के जवाहर सर्किल थाना इलाके में एक युवती को घर से बाजार जाने के दौरान अगवा कर बलात्कार करने का मामला सामने आया है। इस्तगासे से दर्ज मामले में चार महिलाओं को आरोपी बनाया गया है।

पुलिस के अनुसार मनोहर पुरा कच्ची बस्ती निवासी 18 युवती घर से बाजार जा रही थी। इसी दौरान ऑटो में सवार होकर अनिता, मलाइका,शाफिया और आफरीन आई। वे उसे किसी बहाने से अपने साथ बिठाकर ले गए। कुछ दूरी आगे चलते उनका जानकार वसीम नाम का शख्स मिला।



वह भी उनके साथ हो गया। वहां पर आरोपी ने उसके साथ रेप किया। इसके बाद उसे बदहवास हालत में छोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

बिहार में हैट्रिक लगाने को तैयार नीतीश: रुझानों में महागठबंधन को बहुमत, BJP वाले गुलाल झाड़ लौटे!

बिहार में हैट्रिक लगाने को तैयार नीतीश: रुझानों में महागठबंधन को बहुमत, BJP वाले गुलाल झाड़ लौटे!


बिहार चुनाव के नतीजों के शुरुआती रुझान से बीजेपी समर्थकों में जबरदस्त खुशी का माहौल देखा जा रहा था, जो अब ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। बीजेपी दफ्तर में बज रहे ढोल-नगाड़ों का शोर थम गया है। वहीं महागठबंधन खेमें में बढ़त के साथ जबरदस्त खुशी का माहौल है। रुझानों में महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ दिखा रहा है। 11 बजे महागठबंधन ने 138 सीटों पर बढ़त बना ली।

हालांकि शुरुआती रुझानों में एनडीए आगे रही थी, लेकिन वोटों की गिनती जैसे ही पहले दौर से आगे बढ़ी, महागठबंधन भी सत्ता की दौड़ में आगे निकल गया। महागठबंधन को मिल रही बढ़त को देखते हुए नीतीश का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना तय लग रहा है।

मिठाई और पटाखों के दिए गए थे ऑर्डर

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पांच चरणों में हुए मतदान के बाद रविवार को जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बढ़त के बाद पार्टी में जश्न का माहौल है। पार्टी ने 100 किलोग्राम लड्डू और पटाखों के ऑर्डर दिए हैं। पार्टी ने मिठाइयों और पटाखों के आर्डर पहले नहीं दिए थे, लेकिन शुरुआती रुझान में पार्टी की बढ़त के बाद यह ऑर्डर दिया गया।

बीजेपी का दावा

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत का दावा किया है। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि रविशंकर प्रसाद ने राजग की जीत का दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार विधानसभा का चुनाव जीतेगी, क्योंकि लोग राज्य में बदलाव चाहते हैं। हम निर्णायक बहुमत से जीतेंगे। बिहार के लोगों को बदलाव की जरूरत है।'

पिछड़ा एनडीए

राज्य विधानसभा के लिए पांच चरणों में हुए मतदान के बाद रविवार को जारी मतणना के शुरुआती रुझानों में राजग को बढ़त मिलते दिखाया गया था, हालांकि बाद में यह जनता दल (युनाइटेड) के नेतृत्व वाले महागठबंधन से पिछड़ता नजर आया।

जयपुर।जयपुर: स्पा सेंटर पर जिस्मफरोशी, 10 थाईलैंड युवतियां पकड़ी



जयपुर।जयपुर: स्पा सेंटर पर जिस्मफरोशी, 10 थाईलैंड युवतियां पकड़ी 

शहर के सबसे चर्चित और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनीपार्क क्षेत्र के एक मॉल में एक साल से स्पा सेंटर के नाम पर जिस्मफरोशी का खेल चलता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। शनिवार को सदर पुलिस ने मॉल की पहली मंजिल पर चल रहे दो स्पा सेंटर पर कार्रवाई की। दोनों सेंटरों से एक-एक कर 10 विदेशी युवतियां बाहर निकलीं। इन युवतियों के साथ ही आठ युवकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया और देर शाम भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इनको बनीपार्क थाने में भेजा। जहां इनसे पूछताछ की जा रही है।



कार्रवाई एसीपी सदर नीरज पाठक और एसीपी झोटवाड़ा जगमोहन शर्मा की अगुवाई में द थाई हार्मोनी और क्रिस्टल स्पा सेंटर में हुई। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) करन शर्मा ने बताया कि मॉल के स्पा सेंटर में अनैतिक गतिविधियों की शिकायत पर एक थानाधिकारी के जरिए इसकी तस्दीक कराई गई। पुष्टि पर दो टीमें बनाकर एक साथ कार्रवाई की गई।



स्पा संचालक शशांक मौके पर नहीं था। पुलिस ने यहां से थाईलैंड मूल की चार युवतियां, मैनेजर संगरूर (पंजाब) निवासी संदीप सिंह, कर्मचारी मंगलसिंह व गुरमीत को गिरफ्तार किया। मुरलीपुरा के श्रीराम जांगिड़ को भी आपत्तिजनक स्थिति में पाए जाने पर गिरफ्तार किया। वहीं, क्रिस्टल स्पा सेंटर से थाईलैंड मूल की छह युवतियां, वीरेंद्र वैद्य, समीर खत्री, अक्षत जैन को पकड़ा।







मसाज के नाम पर एंट्री
पूछताछ में पता चला कि इन सेंटर पर ग्राहक को रिसेप्शन पर केवल स्पा और मसाज की रेट बताई जाती थी। भीतर अनैतिक कार्य के लिए युवतियों से बातचीत में 5000 से 10 हजार में सौदा तय होता था। ग्राहक से वसूली गई रकम संबंधित युवती लेती थी, लेकिन यह राशि सेंटर संचालक के पास पहुंचती थी।







बिजनेस वीजा पर आईं
पुलिस के अनुसार पकड़ी गई सभी 10 युवतियां थाईलैंड की हैं। क्रिस्टल स्पा सेंटर से पकड़ी गई युवतियां पहले इसी मॉल पर स्थित थाई हार्मोनी में कार्यरत थीं। इनके नौकरी छोडऩे पर थाई हार्मोनी में चार नई युवतियां नौकरी पर रखी गईं। लेकिन, इनके पास वर्र्किंग के बजाय बिजनेस श्रेणी का वीजा मिला। पासपोर्ट और वीजा श्रेणी में गड़बड़ी करने पर विदेश मंत्रालय और थाईलैंड के दूतावास में जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी।

कहानी शृंग ऋषि और भगवान राम की बहन "शांता" की


कहानी शृंग ऋषि और भगवान राम की बहन "शांता" की
श्रीराम के माता-पिता, भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि राम की एक बहन भी थीं जिनका नाम शांता था। वे आयु में चारों भाइयों से काफी बड़ी थीं। उनकी माता कौशल्या थीं। उनका विवाह कालांतर में शृंग ऋषि से हुआ था। आज हम आपको शृंग ऋषि और देवी शांता की सम्पूर्ण कहानी बताएँगे।


शृंग ऋषि राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थी शांता
ऐसी मान्यता है कि एक बार अंगदेश के राजा रोमपद और उनकी रानी वर्षिणी अयोध्या आए। उनके कोई संतान नहीं थी। बातचीत के दौरान राजा दशरथ को जब यह बात मालूम हुई तो उन्होंने कहा, मैं मेरी बेटी शांता आपको संतान के रूप में दूंगा।

रोमपद और वर्षिणी बहुत खुश हुए। उन्हें शांता के रूप में संतान मिल गई। उन्होंने बहुत स्नेह से उसका पालन-पोषण किया और माता-पिता के सभी कर्तव्य निभाए।

एक दिन राजा रोमपद अपनी पुत्री से बातें कर रहे थे। तब द्वार पर एक ब्राह्मण आया और उसने राजा से प्रार्थना की कि वर्षा के दिनों में वे खेतों की जुताई में शासन की ओर से मदद प्रदान करें। राजा को यह सुनाई नहीं दिया और वे पुत्री के साथ बातचीत करते रहे।

द्वार पर आए नागरिक की याचना न सुनने से ब्राह्मण को दुख हुआ और वे राजा रोमपद का राज्य छोड़कर चले गए। वे इंद्र के भक्त थे। अपने भक्त की ऐसी अनदेखी पर इंद्र देव राजा रोमपद पर क्रुद्ध हुए और उन्होंने पर्याप्त वर्षा नहीं की। अंग देश में नाम मात्र की वर्षा हुई। इससे खेतों में खड़ी फसल मुर्झाने लगी।

इस संकट की घड़ी में राजा रोमपद शृंग ऋषि के पास गए और उनसे उपाय पूछा। ऋषि ने बताया कि वे इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करें। ऋषि ने यज्ञ किया और खेत-खलिहान पानी से भर गए। इसके बाद शृंग ऋषि का विवाह शांता से हो गया और वे सुखपूर्वक रहने लगे।

कश्यप ऋषि पौत्र थे शृंग ऋषि
पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋष्यशृंग विभण्डक तथा अप्सरा उर्वशी के पुत्र थे। विभण्डक ने इतना कठोर तप किया कि देवतागण भयभीत हो गये और उनके तप को भंग करने के लिए उर्वशि को भेजा। उर्वशी ने उन्हें मोहित कर उनके साथ संसर्ग किया जिसके फलस्वरूप ऋष्यशृंग की उत्पत्ति हुयी। ऋष्यशृंग के माथे पर एक सींग (शृंग) था अतः उनका यह नाम पड़ा।



शृंग ऋषि का आश्रमबाद में ऋष्यशृंग ने ही दशरथ की पुत्र कामना के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया था। जिस स्थान पर उन्होंने यह यज्ञ करवाये थे वह अयोध्या से लगभग 39 कि.मी. पूर्व में था और वहाँ आज भी उनका आश्रम है और उनकी तथा उनकी पत्नी की समाधियाँ हैं।


शृंग ऋषि की समाधी
हिमाचल प्रदेश में है शृंग ऋषि और देवी शांता का मंदिर



हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में शृंग ऋषि का मंदिर भी है। कुल्लू शहर से इसकी दूरी करीब 50 किमी है। इस मंदिर में शृंग ऋषि के साथ देवी शांता की प्रतिमा विराजमान है। यहां दोनों की पूजा होती है और दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

शिवपुराण में वर्णित है मृत्यु के ये 12 संकेत


शिवपुराण में वर्णित है मृत्यु के ये 12 संकेत
धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को महाकाल भी कहा गया है। महाकाल का अर्थ है काल यानी मृत्यु भी जिसके अधीन हो। भगवान शिव जन्म-मृत्यु से मुक्त हैं। अनेक धर्म ग्रंथों में भगवान शंकर को अनादि व अजन्मा बताया गया है। भगवान शंकर से संबंधित अनेक धर्मग्रंथ प्रचलित हैं, लेकिन शिवपुराण उन सभी में सबसे अधिक प्रामाणिक माना गया है।

इस ग्रंथ में भगवान शिव से संबंधित अनेक रहस्यमयी बातें बताई गई हैं। इसके अलावा इस ग्रंथ में ऐसी अनेक बातें लिखी हैं, जो आमजन नहीं जानते। शिवपुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को मृत्यु के संबंध में कुछ विशेष संकेत बताए हैं। इन संकेतों को समझकर यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती है। ये संकेत इस प्रकार हैं-

1- शिवपुराण के अनुसार जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है।

2- जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें। उसकी आयु एक महीना ही शेष जाननी चाहिए।

3- शिवपुराण में भगवान शिव ने बताया है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह एक महीने के भीतर ही मर जाता है। ऐसा शिवपुराण में बताया गया है।

4- यदि अचानक किसी व्यक्ति का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी। जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, शिवपुराण के अनुसार उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है।

5- जिस मनुष्य को चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है। अरूंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दे अथवा जिसे अन्य तारे भी ठीक से न दिखाई दें, ऐसे मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है।

6- त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता। यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने बीत-बीतते उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।

7- जब किसी व्यक्ति को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है। जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रहता।

8- जब किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है, ऐसा जानना चाहिए। जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब वह मनुष्य एक मास तक ही जीवित रहता है।

9- जिस मनुष्य को ध्रुव तारा अथवा सूर्यमंडल का भी ठीक से दर्शन न हो। रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 महीने से अधिक नहीं होती। ऐसा शिवपुराण में बताया गया है।

10- जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहू से ग्रस्त देखता है (चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घुमती दिखाई देती हैं, उसकी मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है।

11- शिवपुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता, उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है। जिसे आकाश में सप्तर्षि तारे न दिखाई दें, उस मनुष्य की आयु भी 6 महीने ही शेष समझनी चाहिए।

12- शिवपुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दे तो उसका जीवन भी 6 महीने के भीतर समाप्त हो जाता है।

भारत के 7 धार्मिक स्थल जहाँ महिलाओं के प्रवेश पर है पाबंदी

स्त्री-पुरुष समानता की जोर-शोर से बात करने वाले हम भारतीयों की इससे बड़ी विडंबना क्या होगी की हमारे भारत में स्त्री-पुरुषों में भेदभाव धार्मिक स्थलों पर भी होता है। प्रत्येक इंसान उस भगवान की संतान है फिर भी हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहाँ स्त्रियों के प्रवेश पर पाबंदी है। आज इन लेख में हम आपको भारत के 7 ऐसे ही धार्मिक स्थलों के बारे में बता रहे है।

1. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल (Padmanabhaswamy Temple, Kerala) -


पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर की एक अन्य विशेषता यह है की यह भारत का सबसे अमीर मंदिर है।




2. सबरीमला श्री अयप्पा केरल (Sabarimala Sri Ayyappa Temple)-



सबरीमला श्री अयप्पा केरल के सबसे प्राचीन और भव्य मंदिरों में से एक है। अयप्पा मंदिर में देश ही नहीं विदेशों से भी हर साल भारी संख्या में श्रृद्धालु आते हैं, लेकिन इस मंदिर के भीतर 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

3. कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर, राजस्थान (Kartikaye Temple, Pushkar, Rajastahn) -


राजस्थान का प्रसिद्ध तीर्थस्थल पुष्कर शहर वैसे तो ब्रह्माजी के एक मात्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां का कार्तिकेय मंदिर भी बहुत दर्शनीय है। इस मंदिर में भी महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

 
4. मुक्तागिरी जैन मंदिर, मध्यप्रदेश (Muktagiri Jain Temple, Madhy Pradesh)-


मुक्तागिरी तीर्थ मध्यप्रदेश राज्य के गुना शहर में स्थित है। यह जैनों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में कोई भी महिला पाश्चात्य परिधान पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती। मंदिर परिसर में ऐसे पहनावे पर पूर्ण प्रतिबंध है।

5. हाजी अली दरगाह, मुंबई (Haji Ali Dargah, Mumbai)-


बाबा हाजी अली शाह बुखारी की दरगाह पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। इस दरगाह पर सभी धर्मों के लोग अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए बाबा से मन्नते मांगते हैं। ये दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रसिद्ध है। दरगाह से युक्त ये मस्जिद मुंबई के वर्ली समुद्र तट के छोटे द्वीप पर स्थित है। हाजी अली दरगाह का सबसे भीतरी हिस्से में औरतों का प्रवेश वर्जित है। दरगाह श्राइन बोर्ड की मानें तो इस्लाम शरीयत कानून के अनुसार किसी भी पवित्र कब्र के निकट महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। हाजी अली ट्रस्ट की स्थापना 1916 में कुट्ची मेमन समुदाय के सदस्यों द्वारा की गई। यह ट्रस्ट ही दरगाह के रखरखाव का कार्य करता है।

6. हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह, दिल्ली (Hazrat Nizamuddin Auliya Dargah, Delhi)-


दक्षिणी दिल्ली में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया (1236-1325) का मकबरा सूफी काल का एक पवित्र दरगाह है। इस दरगाह में औरतों का प्रवेश निषेध है। हजरत निज़ामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की। कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए।

7. जामा मस्जिद, दिल्ली (Jama Masjid, Delhi)-


भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद में भी सूर्यास्त के बाद महिलाओं का प्रवेश निषेध है।

 

शनिवार, 7 नवंबर 2015

जैतारणः थानाधिकारी पर अस्मत मांगने का आरोप



जैतारणः थानाधिकारी पर अस्मत मांगने का आरोप



पिता को बचाने की एवज में मांगी अस्मत

एक सिपाही भी शामिल

पीड़िता ने इस्तगासे के जरिये कराया केस दर्ज

कोर्ट ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने के दिए आदेश

पीड़िता के पिता पर 420 का मामला दर्ज

उसी की जांच में गए थे दोनों पीड़िता के घर