कोटा. महावीर नगर थाना क्षेत्र स्थित किराए के मकान में रहकर पीएमटी की तैयारी कर रहे पाली निवासी एक छात्र ने शुक्रवार को फंदे पर लटककर खुदकुशी कर ली। इससे पहले उसने मोबाइल पर परिजनों के नाम सुसाइडल नोट के रूप में मैसेज लिखा।
थानाधिकारी भंवरसिंह ने बताया कि पाली जिले के देवलीकलां निवासी ताराचंद सीरवी (17) पुत्र सोहनलाल महावीर नगर द्वितीय में सूर्यप्रकाश गुप्ता के मकान में किराए से रहता था। मकान में 3-4 अन्य छात्र भी रहते हैं। वह तीन माह पहले ही कोटा आया था।
थानाधिकारी भंवरसिंह ने बताया कि पाली जिले के देवलीकलां निवासी ताराचंद सीरवी (17) पुत्र सोहनलाल महावीर नगर द्वितीय में सूर्यप्रकाश गुप्ता के मकान में किराए से रहता था। मकान में 3-4 अन्य छात्र भी रहते हैं। वह तीन माह पहले ही कोटा आया था।
यहां एक कोचिंग से पीएमटी की तैयारी कर रहा था। शुक्रवार को जब वह कमरे से बाहर नहीं आया तो मकान मालिक देखने गया। कमरे की कुंडी लगी थी। उन्होंने छात्रों की सहायता से कुंडी तोड़कर देखा तो ताराचंद पंखे पर लटका हुआ था।
उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतारकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस ने उसके परिजनों को सूचना दी। इस पर रात को ही छात्र के पिता सोहनलाल कोटा पहुंच गए।
सपने पूरे नहीं कर पाऊंगा...
पुलिस ने बताया कि छात्र ने खुदकुशी करने से पहले अपने मोबाइल पर माता-पिता व बहन ललिता के नाम एक मैसेज लिखा। इसमें कहा कि 'वह उनका व अपना सपना साकार नहीं कर पाएगा। आप मेरे बारे में जैसा सोचते थे, मैं वैसा नहीं था। वैसे मैंने कुछ गलत काम नहीं किया, लेकिन कुछ सही काम भी तो नहीं किया। मैंने आपका विश्वास तोड़ा है। आपने मेरी पढ़ाई के लिए सब कुछ किया, लेकिन मैंने कुछ मेहनत नहीं की।
मैंने केवल एक बार स्मार्ट फोन की मांग की और आपने दूसरे दिन दिलवा दिया। मैंने कोचिंग छोड़कर बोर्ड की तैयारी के लिए प्रवेश लिया तो आपसे 22 हजार 300 रुपए के लिए कहा। आपने तीसरे ही दिन 25 हजार रुपए भेज दिए। आपने मेरी हर मांग पूरी की, लेकिन मैंने आपको और पूरे परिवार को आज तक केवल एक ही चीज दी है, वह टेंशन। मुझे लगता है कि मेरा हर निर्णय गलत था। इसलिए मुझे ऐसा करना पड़ा, लेकिन मेरे निर्णय मैंने लिए, लेकिन वह गलत थे। उनका परिणाम भी मुझे मिल गया। खुदकुशी के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। इसके लिए किसी को परेशान नहीं किया जाए।Ó
बहन को गिफ्ट नहीं देने का मलाल
उसने लिखा कि 'उसका मोबाइल बहन ललिता को दे देना, ताकि वह मुझे हर पल अपने साथ पाए, क्योंकि मैंने उसे राखी पर इस बार कुछ गिफ्ट नहीं दिया। उन्हें यह दे देना।Ó
दोस्त हेमंत के नाम लिखा
पुलिस ने बताया कि छात्र ने दोस्त हेमंत के नाम डायरी में एक मैसेज लिखा। इसमें मोबाइल का कोड नम्बर भी लिखा, ताकि वह मोबाइल का लॉक खोलकर संदेश पढ़ सके।
उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतारकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस ने उसके परिजनों को सूचना दी। इस पर रात को ही छात्र के पिता सोहनलाल कोटा पहुंच गए।
सपने पूरे नहीं कर पाऊंगा...
पुलिस ने बताया कि छात्र ने खुदकुशी करने से पहले अपने मोबाइल पर माता-पिता व बहन ललिता के नाम एक मैसेज लिखा। इसमें कहा कि 'वह उनका व अपना सपना साकार नहीं कर पाएगा। आप मेरे बारे में जैसा सोचते थे, मैं वैसा नहीं था। वैसे मैंने कुछ गलत काम नहीं किया, लेकिन कुछ सही काम भी तो नहीं किया। मैंने आपका विश्वास तोड़ा है। आपने मेरी पढ़ाई के लिए सब कुछ किया, लेकिन मैंने कुछ मेहनत नहीं की।
मैंने केवल एक बार स्मार्ट फोन की मांग की और आपने दूसरे दिन दिलवा दिया। मैंने कोचिंग छोड़कर बोर्ड की तैयारी के लिए प्रवेश लिया तो आपसे 22 हजार 300 रुपए के लिए कहा। आपने तीसरे ही दिन 25 हजार रुपए भेज दिए। आपने मेरी हर मांग पूरी की, लेकिन मैंने आपको और पूरे परिवार को आज तक केवल एक ही चीज दी है, वह टेंशन। मुझे लगता है कि मेरा हर निर्णय गलत था। इसलिए मुझे ऐसा करना पड़ा, लेकिन मेरे निर्णय मैंने लिए, लेकिन वह गलत थे। उनका परिणाम भी मुझे मिल गया। खुदकुशी के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। इसके लिए किसी को परेशान नहीं किया जाए।Ó
बहन को गिफ्ट नहीं देने का मलाल
उसने लिखा कि 'उसका मोबाइल बहन ललिता को दे देना, ताकि वह मुझे हर पल अपने साथ पाए, क्योंकि मैंने उसे राखी पर इस बार कुछ गिफ्ट नहीं दिया। उन्हें यह दे देना।Ó
दोस्त हेमंत के नाम लिखा
पुलिस ने बताया कि छात्र ने दोस्त हेमंत के नाम डायरी में एक मैसेज लिखा। इसमें मोबाइल का कोड नम्बर भी लिखा, ताकि वह मोबाइल का लॉक खोलकर संदेश पढ़ सके।