रविवार, 27 सितंबर 2015

नाबालिग का अपहरण कर ज्यादती के दो आरोपितों को सजा

नाबालिग का अपहरण कर ज्यादती के दो आरोपितों को सजा

भीलवाड़ा। एक नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म करने के तीन वर्ष पुराने मामले में शनिवार को विशिष्ट न्यायाधीश (अजा/जजा/ अत्याचार निवारण) प्रकरण न्यायाधीश अजयकुमार शुक्ला ने शाहपुरा क्षेत्र के रूपपुरा निवासी रणजीत खां को अपहरण व दुष्कर्म और छोटू बलाई को अपहरण के आरोप में सजा से दंडित किया है।

रणजीत को 10 साल कैद व 15 हजार रुपए जुर्माना व छोटू को 5 साल कैद व 10 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। वहीं एक अन्य आरोपित नारायण गुर्जर को बरी कर दिया।

एटीएस ने दी आनंदपाल के घर दबिश, पत्नी और बेटी से की पूछताछ

एटीएस ने दी आनंदपाल के घर दबिश, पत्नी और बेटी से की पूछताछ

anandpal
जयपुर राजस्थान के कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के जयपुर के मानसरोवर स्थित मकान पर रविवार एटीएस नें दबिश दी । एटीएस पुलिस अधिकारियों ने मानसरोवर स्थित नारायण विहार में रह रही आनंदपाल सिंह की पत्नी ,बेटा और बेटी से गहन पुछताछ कर रही है ।

आनंदपाल के फरार होने के मामला एसओजी को सौंपा गया है। रविवार को एटीएस ने अजमेर और जयपुर में आनंदपाल की तलाशी को लेकर परिजनों और रिश्तेदारों के यहां दबिश दी है ।एटीएस ने इससे पहेल करधनी स्थित आनंदपाल के चाचा के मकान पर भी दबिश दी और चाचा से आनंदपाल के बार में पुछताछ की । पुलिस को चाचा के यंहा से आनंदपाल के बारे कुछ महत्वपुर्ण जानकारियां भी मिली होनें का जानकारी सामने आ रही है ।आपको बता दे कि राजस्थान का कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह 3 सितंबर को पुलिस कस्टडी से फरार हो गया । अजमेर पुलिस आनंदपाल के पेशी के लिए नागौर के डीडवाना जैल लकर आय़ी थी । पैशी से वापस लौटते समय आनंदपाल के गूर्गों नें पुलिस वैन पर हमला कर आनंदपाल सहित दो साथियों को फरार करवा दिया था ।

बाड़मेर मंे चिन्हित होंगे पर्यटन स्थल,मिलेगा प्रोत्साहन

जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने की अनूठी पहल 

बाड़मेर मंे चिन्हित होंगे पर्यटन स्थल,मिलेगा प्रोत्साहन
बाड़मेर मंे पर्यटन को बढावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने पहल करते हुए गणमान्य नागरिकांे से पर्यटन स्थलांे के बारे में जानकारी भिजवाने का अनुरोध किया है। उन्हांेने प्रषासनिक अधिकारियांे को तीन दिवस मंे पर्यटन स्थलांे के बारे मंे जानकारी मय फोटो भिजवाने के निर्देष दिए है।

बाड़मेर, 27 सितंबर। बाड़मेर जिले मंे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने अनूठी पहल करते हुए समस्त अधिकारियांे को पर्यटन स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए है। ताकि अधिकाधिक प्रचार-प्रसार के साथ टयूरिज्म मेप पर बाड़मेर की अलग छवि स्थापित करते हुए पर्यटकांे को आकर्षित किया जा सके। उन्हांेने आमजन एवं गणमान्य नागरिकांे से भी सहयोग की अपील करते हुए पर्यटन स्थलांे का विवरण मय फोटोग्राफ जिला कलक्टर, बाड़मेर के नाम भिजवाने का अनुरोध किया है।

जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि समस्त उपखंड अधिकारियांे, विकास अधिकारियांे, तहसीलदारांे एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियांे को निर्देश दिए गए है कि वे आगामी तीन दिनांे पर अपने क्षेत्र के पर्यटन स्थल जिनसे पर्यटन विकास को बढावा मिलने की संभावना हो, का विस्तृत विवरण मय फोटोग्राफ भिजवाना सुनिश्चित करवाएं। जिला स्तर पर पर्यटन स्थलांे के विवरण को सहेजने के साथ पर्यटन विकास की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्हांेने बताया कि पर्यटन विकास समिति के जरिए बाड़मेर के पर्यटन को नई दिशा देने का प्रयास किया जाएगा।

जिला कलक्टर के मुताबिक बाड़मेर के गांव ऐतिहासिक विरासत को समेटने के साथ सदियों से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। जो विशेष रूप से विदेशी पर्यटकांे को आकर्षित कर सकता है। इसके मददेनजर गांवों की संस्कृृति,ऐतिहासिक स्मारक,परंपरागत कला, हस्तशिल्प और विरासत के बारे मंे विस्तार से जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद पर्यटन को बढावा देने के लिए विशेष प्रकार के जोन भी स्थापित करने की योजना है। ताकि पर्यटक वहां पहुंचकर ऐतिहासिक विरासत, ग्रामीण संस्कृति को नजदीक से देख सके। उनके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन जनित रोजगार को भी बढावा देने के प्रयास किए जाएंगे। इससे परम्परागत कला, कौशल विकास हस्तशिल्प और ग्रामीण दस्तकारी को भी बढ़ावा मिलेगा। जो ग्रामीण युवाओं के पलायन को रोकने में मददगार साबित होगा।

क्या है भविष्य की कार्य योजनाः जिला कलक्टर के मुताबिक जिन गांवांे मंे पर्यटन स्थल चिन्हित होंगे, वहां पर परंपरागत रूप से पर्यटकांे के स्वागत के लिए पर्यटन स्वागत केंद्र, प्रसाधन, पेयजल और मार्ग की व्यवस्था पहली प्राथमिकता पर कराई जाएगी। इको फ्रेंडली परिवहन व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। हवेली, पुरातात्विक, ऐतिहासिक और परंपरागत महत्व वाले स्थलों का पुनरुद्धार कराकर उन्हें पर्यटन के लिए तैयार किया जाएगा। हस्तकला एवं अन्य स्थानीय उत्पादांे की बिक्री के लिए इंतजाम होंगे।

जयपुर आरक्षण की आग: अब सवर्ण उतरेंगे आंदोलन की राह पर, 2 अक्टूबर से करेंगे शंखनाद

जयपुर आरक्षण की आग: अब सवर्ण उतरेंगे आंदोलन की राह पर, 2 अक्टूबर से करेंगे शंखनाद

प्रदेश के सवर्ण जाति के लोग एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। सवर्ण जातियों की मांग है कि सरकार ने जो आर्थिक आधार पर पिछडे सर्वणों को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित किया है, उनको पहले केंद्र को भेजा जाए।
सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर मंथन करने और आगामी आंदोलन की रणनीति तय करने के मकसद से आज जयपुर में ब्राह्मण महासभा की एक अहम बैठक हुई। बैठक में सवर्ण जातियों ने सामुहिक रूप से आंदोलन करेने पर सहमति जताई।


2 अक्टूबर से आंदोलन का होगा शंखनाद
सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा के अनुसार 2 अक्टबूर गांधी जयंती से आंदोलन का आगजा होगा।
आंदोलन के तहत पहले चरण में गांधीवादी तरीके से मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से बात की जाएगी और मांग पत्र का ज्ञापन दिया जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि संविधान संशोधन के बिना आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण सम्भव नहीं है। राज्य सरकार जो बिल विधानसभा में लाई है, वो कानूनी पेचीदगियों में उलझ जाएगा।
बैठक में सवर्ण समाज से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश और केन्द्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सरकार को संविधान में संशोधन करके सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।
इन समाजों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
सवर्ण जातियों की इस संयुक्त बैठक में ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत, कायस्थ, सिन्धी और पंजाबी समाजों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने सामुहिक रूप से इस आन्दोलन को तेज करने की शपथ ली।

तिरुवनंतपुरम।PAK हैकरों ने की केरल सरकार की वेबसाइट हैक



तिरुवनंतपुरम।PAK हैकरों ने की केरल सरकार की वेबसाइट हैक


पाकिस्तान के कुछ संदिग्ध हैकरों ने केरल सरकार की आधिकारिक वेबसाइट हैक कर ली। सरकार की वेबसाइट 'केरलाजीओवी डॉट इन' हैक होने के बाद पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए।

पुलिस की साइबर शाखा ने हैकिंग की इस वारदात की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक़ पाकिस्तान के हैकरों ने वेबसाइट को हैक करके उस पर जलते हुए तिरंगे और पाकिस्तान समर्थित नारे पोस्ट किए थे।

मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने हैकिंग की इस घटना को 'गंभीर मुद्दा' बताया है।

पटना।बिहार चुनाव: BJP विधायक का दावा- पार्टी ने 2 करोड़ में बाहुबली शहाबुद्दीन के शूटर को दिया टिकट

पटना।बिहार चुनाव: BJP विधायक का दावा- पार्टी ने 2 करोड़ में बाहुबली शहाबुद्दीन के शूटर को दिया टिकट  

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लग रहा है। यह आरोप बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बीजेपी सांसद और पूर्व होम सेक्रेटरी आरके सिंह के आरोप के बाद आज पार्टी के एक विधायक ने भी टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने शहाबुद्दीन के शूटर को 2 करोड़ रुपए में टिकट बेचा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीवान के रघुनाथपुर से विधायक विक्रम कुंवर ने बीजेपी पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने शहाबु्द्दीन के शूटर को 2 करोड़ रुपए में टिकट बेच दिया है। बीजेपी ने इस बार कुंवर विक्रम सिंह का टिकट काटकर मनोज सिंह को उनकी सीट से खड़ा किया है।
जान को बताया खतरा
विक्रम ने बीजेपी कैंडिडेट मनोज सिंह पर माफिया होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उसने जमीन हड़पने का काम किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी जान को मनोज सिंह से खतरा है, वह कभी भी उनकी हत्या करवा सकता है।
बीजेपी सांसद आरके सिंह ने लगाया था आरोप
इससे पहले शनिवार को बीजेपी के आरा से सांसद और पूर्व होम सेक्रेटरी रहे आरके सिंह ने बीजेपी पर पैसे लेकर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाया था। आरके सिंह ने कहा- पार्टी में पैसे लेकर क्रिमिनल्स को टिकट बांटे जा रहे हैं और बिहार बीजेपी के सीनियर लीडर सुशील मोदी फोन का जवाब नहीं दे रहे हैं। कई सीटिंग विधायकों को टिकट नहीं दिया गया और अपराधियों को टिकट दे दिया गया।


कौन है शहाबुद्दीन
बिहार के सबसे चर्चित बाहुबली और आतंक के पर्याय रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन की हनक पूरे राज्य में दिखाई देती थी। कॉलेज के दिनों से ही इनकी दबंगई के चर्चे आम थे। महज 21 साल की उम्र में शहाबुद्दीन के खिलाफ सीवान के एक थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था। देखते ही देखते शहाबुद्दीन सीवान के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बन गए। शहाबुद्दीन पर उम्र से भी ज्यादा 56 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 6 में उन्हें सजा हो चुकी है। सजा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद राजद ने शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सीवान सीट से टिकट दिया था।

परीक्षा देने जा रहे भाई-बहन को ट्रेलर ने कुचला, गंभीर हालत में भर्ती

परीक्षा देने जा रहे भाई-बहन को ट्रेलर ने कुचला, गंभीर हालत में भर्ती

जयपुर रविवार को राजधानी के बीटू बायपास पर सड़क हादसे में परीक्षा देने जा रहे भाई बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में भाई के का पैर और बहन का हाथ बूरी तरह कुचल गया । दुर्घटना थाना पुलिस ने दोनों घायलों के धनवंतरी अस्पताल में भर्ती करवाया है जंहा दोनों का इलाज चल रहा है ।

मामले की जानकारी देते हुए दुर्घटना थानाधिकारी नारायान सिंह ने बताया कि रविवार को पोस्ट ऑफिस के लिए होने वाले एक्जाम के लिए दो भाई बहन हरमाडा से मानसरोवर के प्रधान वाटिका आ रहे थे ।हरमाडा निवासी भाई अजय(20) बाईक चला रहा था और बहन निशा(25) पिछे बैठी थी । दोनों परीक्षा देने के लिए प्रधानवाटिका चौराहे से गुजर रहे थे कि पिछे से एक ट्रेलर ने दोनों को कुचलते हुए निकल गया।

हादसे में दोनों भाई बहन को काफी गंभीर चोटे आई है । भाई का दाहिना हाथ कुचला गया और बहन का दाहिना पैर । हादसे की सूचना मिलने पर दुर्धटना थाना दक्षिण मौके पर पहुंची और दोनों को धंवंतरी अस्पताल में भर्ती कराया जंहा दोनों का इलाज चल रहा है । आरोपी ट्रेलर चालक मौके से फरार हो गया ।

तारानगर रात को घर में घुसकर कुल्हाड़ी से काटी युवक की गर्दन



तारानगर रात को घर में घुसकर कुल्हाड़ी से काटी युवक की गर्दनगांव झोथड़ा में शनिवार देर रात एक युवक ने नींद में सो रहे गांव के ही एक युवक की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी। इससे गांव में सनसनी फैल गई। हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से भाग गया। मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप गांव के महादेव मेघवाल पर लगाया है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं करवाया गया।



पुलिस के अनुसार गांव झोथड़ा निवासी राजवीर (30) घर में कमरे के बाहर तथा उसका पिता रामकुमार कमरे के अंदर सो रहा था। रात करीब एक बजे महादेव उनके घर आया और सोए हुए राजवीर की गर्दन कुल्हाड़ी से काट दी। हमला होने पर राजवीर की एकबार चीख निकली, जिसे सुनकर उसके पिता की नींद खुल गई।







पिता का आरोप है कि उन्होंने आरोपी महादेव को पकडऩे का प्रयास भी किया, मगर वह भाग गया। हत्या की सूचना पर थानाधिकारी संदीप शर्मा मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण कर शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। रविवार सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

अजमेर।गुमनाम है जगह..नाथद्वारा जाते समय यहां रुके थे श्रीनाथजी



अजमेर।गुमनाम है जगह..नाथद्वारा जाते समय यहां रुके थे श्रीनाथजी


साभार। निखिल शर्मा
किशनगढ़ से लगभग 8 किलोमीटर दूर सिलोरा पर स्थित पर्यटन केंद्र पीताम्बर की गाल में श्रीनाथजी ने रात्रि विश्राम किया था। मुगल काल में मंदिरों की मूर्तियों पर किए जा रहे हमलों से श्रीनाथजी की प्रतिमा को बचाने के लिए पीताम्बर की गाल ने ही आश्रय दिया। धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह पर्यटन स्थल आज सरकार व विभागीय उपेक्षा के चलते गुमनामी में है।

नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी का मंदिर देश के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र हैं। श्रीनाथजी की प्रतिमा के सुरक्षित मेवाड़ पहुंचने में अजमेर का बड़ा योगदान है। मुगलकाल में मथुरा में श्रीनाथजी की मूर्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका के समाचार के बाद मेवाड़ के शासक ने अपने साम्राज्य में सुरक्षित रखने का आश्वासन देते हुए मूर्ति को अपने राज्य में पहुंचाने का आग्रह किया। इसके बाद भक्त लवाजमे के साथ ब्रज से श्रीनाथजी की प्रतिमा लेकर मेवाड रवाना हुए। अजमेर की सरहद में पहुंचने एवं रात्रि होने के चलते पहाड़ों के मध्य स्थित पीताम्बर की गाल में प्रतिमा के साथ भक्तों ने रात्रि विश्राम किया। अगले दिन प्रतिमा मेवाड़ सुरक्षित मेवाड़ के लिए रवाना करवाई गई।

साक्ष्य देता शिलापट्ट

प्रतिमा के पीताम्बर की गाल लाए जाने का उल्लेख यहां स्थित एक शिलापट्ट में वर्णित है। शिलापट्ट के अनुसार सन् 1483 में ब्रज से मेवाड़ जाते समय चैत्र माह की बसंत पंचमी को भक्त श्रीनाथ प्रतिमा के साथ यहां ठहरे थे। जयकिशन दास ने पीताम्बर की गाल में सन् 1914 में बैठक का निर्माण कराया था। यहां चित्रों के माध्यम से प्रतिमा को लेकर रवाना हुए भक्तों व मूर्ति को दर्शाया गया है। गौरतलब है कि पीले वस्त्र धारण करने वाले भगवान विष्णु को पीताम्बर भी कहा जाता है। इसलिए इस स्थान को पीताम्बर की गाल नाम दिया गया है।




विकसित किए जाने की दरकार

कांग्रेस शासनकाल में ग्रामीण पर्यटन विकास के तहत पीताम्बर की गाल के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। पर्यटन विभाग ने पीताम्बर की गाल के जीर्णोद्धार के लिए 25 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही भाजपा सरकार ने कांग्रेस के पिछले छह माह के कार्यों को रद्द कर दिया। उसके बाद से यह ऐतिहासिक स्थल उपेक्षा का शिकार है। जबकि पीताम्बर की गाल को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।

पीताम्बर की गाल का पौराणिक महत्व अद्भुत है। इसके महत्व को दुनिया को बताना आवश्यक है। इसके संरक्षण व पर्यटकों में प्रचार-प्रसार के लिए पर्यटन विभाग व अन्य संस्थाओं को आगे आना चाहिए। Ó

महेन्द्र विक्रम सिंह, संयोजक, इन्टैक