जयपुर आरक्षण की आग: अब सवर्ण उतरेंगे आंदोलन की राह पर, 2 अक्टूबर से करेंगे शंखनाद
प्रदेश के सवर्ण जाति के लोग एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। सवर्ण जातियों की मांग है कि सरकार ने जो आर्थिक आधार पर पिछडे सर्वणों को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित किया है, उनको पहले केंद्र को भेजा जाए।
सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर मंथन करने और आगामी आंदोलन की रणनीति तय करने के मकसद से आज जयपुर में ब्राह्मण महासभा की एक अहम बैठक हुई। बैठक में सवर्ण जातियों ने सामुहिक रूप से आंदोलन करेने पर सहमति जताई।
2 अक्टूबर से आंदोलन का होगा शंखनाद
सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा के अनुसार 2 अक्टबूर गांधी जयंती से आंदोलन का आगजा होगा।
आंदोलन के तहत पहले चरण में गांधीवादी तरीके से मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से बात की जाएगी और मांग पत्र का ज्ञापन दिया जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि संविधान संशोधन के बिना आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण सम्भव नहीं है। राज्य सरकार जो बिल विधानसभा में लाई है, वो कानूनी पेचीदगियों में उलझ जाएगा।
बैठक में सवर्ण समाज से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश और केन्द्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सरकार को संविधान में संशोधन करके सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।
इन समाजों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
सवर्ण जातियों की इस संयुक्त बैठक में ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत, कायस्थ, सिन्धी और पंजाबी समाजों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने सामुहिक रूप से इस आन्दोलन को तेज करने की शपथ ली।
प्रदेश के सवर्ण जाति के लोग एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। सवर्ण जातियों की मांग है कि सरकार ने जो आर्थिक आधार पर पिछडे सर्वणों को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित किया है, उनको पहले केंद्र को भेजा जाए।
सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर मंथन करने और आगामी आंदोलन की रणनीति तय करने के मकसद से आज जयपुर में ब्राह्मण महासभा की एक अहम बैठक हुई। बैठक में सवर्ण जातियों ने सामुहिक रूप से आंदोलन करेने पर सहमति जताई।
2 अक्टूबर से आंदोलन का होगा शंखनाद
सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा के अनुसार 2 अक्टबूर गांधी जयंती से आंदोलन का आगजा होगा।
आंदोलन के तहत पहले चरण में गांधीवादी तरीके से मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से बात की जाएगी और मांग पत्र का ज्ञापन दिया जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि संविधान संशोधन के बिना आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण सम्भव नहीं है। राज्य सरकार जो बिल विधानसभा में लाई है, वो कानूनी पेचीदगियों में उलझ जाएगा।
बैठक में सवर्ण समाज से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश और केन्द्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सरकार को संविधान में संशोधन करके सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।
इन समाजों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
सवर्ण जातियों की इस संयुक्त बैठक में ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत, कायस्थ, सिन्धी और पंजाबी समाजों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने सामुहिक रूप से इस आन्दोलन को तेज करने की शपथ ली।
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