जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने की अनूठी पहल
बाड़मेर मंे चिन्हित होंगे पर्यटन स्थल,मिलेगा प्रोत्साहन
बाड़मेर मंे पर्यटन को बढावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने पहल करते हुए गणमान्य नागरिकांे से पर्यटन स्थलांे के बारे में जानकारी भिजवाने का अनुरोध किया है। उन्हांेने प्रषासनिक अधिकारियांे को तीन दिवस मंे पर्यटन स्थलांे के बारे मंे जानकारी मय फोटो भिजवाने के निर्देष दिए है।
बाड़मेर, 27 सितंबर। बाड़मेर जिले मंे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने अनूठी पहल करते हुए समस्त अधिकारियांे को पर्यटन स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए है। ताकि अधिकाधिक प्रचार-प्रसार के साथ टयूरिज्म मेप पर बाड़मेर की अलग छवि स्थापित करते हुए पर्यटकांे को आकर्षित किया जा सके। उन्हांेने आमजन एवं गणमान्य नागरिकांे से भी सहयोग की अपील करते हुए पर्यटन स्थलांे का विवरण मय फोटोग्राफ जिला कलक्टर, बाड़मेर के नाम भिजवाने का अनुरोध किया है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि समस्त उपखंड अधिकारियांे, विकास अधिकारियांे, तहसीलदारांे एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियांे को निर्देश दिए गए है कि वे आगामी तीन दिनांे पर अपने क्षेत्र के पर्यटन स्थल जिनसे पर्यटन विकास को बढावा मिलने की संभावना हो, का विस्तृत विवरण मय फोटोग्राफ भिजवाना सुनिश्चित करवाएं। जिला स्तर पर पर्यटन स्थलांे के विवरण को सहेजने के साथ पर्यटन विकास की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्हांेने बताया कि पर्यटन विकास समिति के जरिए बाड़मेर के पर्यटन को नई दिशा देने का प्रयास किया जाएगा।
जिला कलक्टर के मुताबिक बाड़मेर के गांव ऐतिहासिक विरासत को समेटने के साथ सदियों से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। जो विशेष रूप से विदेशी पर्यटकांे को आकर्षित कर सकता है। इसके मददेनजर गांवों की संस्कृृति,ऐतिहासिक स्मारक,परंपरागत कला, हस्तशिल्प और विरासत के बारे मंे विस्तार से जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद पर्यटन को बढावा देने के लिए विशेष प्रकार के जोन भी स्थापित करने की योजना है। ताकि पर्यटक वहां पहुंचकर ऐतिहासिक विरासत, ग्रामीण संस्कृति को नजदीक से देख सके। उनके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन जनित रोजगार को भी बढावा देने के प्रयास किए जाएंगे। इससे परम्परागत कला, कौशल विकास हस्तशिल्प और ग्रामीण दस्तकारी को भी बढ़ावा मिलेगा। जो ग्रामीण युवाओं के पलायन को रोकने में मददगार साबित होगा।
क्या है भविष्य की कार्य योजनाः जिला कलक्टर के मुताबिक जिन गांवांे मंे पर्यटन स्थल चिन्हित होंगे, वहां पर परंपरागत रूप से पर्यटकांे के स्वागत के लिए पर्यटन स्वागत केंद्र, प्रसाधन, पेयजल और मार्ग की व्यवस्था पहली प्राथमिकता पर कराई जाएगी। इको फ्रेंडली परिवहन व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। हवेली, पुरातात्विक, ऐतिहासिक और परंपरागत महत्व वाले स्थलों का पुनरुद्धार कराकर उन्हें पर्यटन के लिए तैयार किया जाएगा। हस्तकला एवं अन्य स्थानीय उत्पादांे की बिक्री के लिए इंतजाम होंगे।
बाड़मेर मंे चिन्हित होंगे पर्यटन स्थल,मिलेगा प्रोत्साहन
बाड़मेर मंे पर्यटन को बढावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने पहल करते हुए गणमान्य नागरिकांे से पर्यटन स्थलांे के बारे में जानकारी भिजवाने का अनुरोध किया है। उन्हांेने प्रषासनिक अधिकारियांे को तीन दिवस मंे पर्यटन स्थलांे के बारे मंे जानकारी मय फोटो भिजवाने के निर्देष दिए है।
बाड़मेर, 27 सितंबर। बाड़मेर जिले मंे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने अनूठी पहल करते हुए समस्त अधिकारियांे को पर्यटन स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए है। ताकि अधिकाधिक प्रचार-प्रसार के साथ टयूरिज्म मेप पर बाड़मेर की अलग छवि स्थापित करते हुए पर्यटकांे को आकर्षित किया जा सके। उन्हांेने आमजन एवं गणमान्य नागरिकांे से भी सहयोग की अपील करते हुए पर्यटन स्थलांे का विवरण मय फोटोग्राफ जिला कलक्टर, बाड़मेर के नाम भिजवाने का अनुरोध किया है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि समस्त उपखंड अधिकारियांे, विकास अधिकारियांे, तहसीलदारांे एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियांे को निर्देश दिए गए है कि वे आगामी तीन दिनांे पर अपने क्षेत्र के पर्यटन स्थल जिनसे पर्यटन विकास को बढावा मिलने की संभावना हो, का विस्तृत विवरण मय फोटोग्राफ भिजवाना सुनिश्चित करवाएं। जिला स्तर पर पर्यटन स्थलांे के विवरण को सहेजने के साथ पर्यटन विकास की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्हांेने बताया कि पर्यटन विकास समिति के जरिए बाड़मेर के पर्यटन को नई दिशा देने का प्रयास किया जाएगा।
जिला कलक्टर के मुताबिक बाड़मेर के गांव ऐतिहासिक विरासत को समेटने के साथ सदियों से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। जो विशेष रूप से विदेशी पर्यटकांे को आकर्षित कर सकता है। इसके मददेनजर गांवों की संस्कृृति,ऐतिहासिक स्मारक,परंपरागत कला, हस्तशिल्प और विरासत के बारे मंे विस्तार से जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद पर्यटन को बढावा देने के लिए विशेष प्रकार के जोन भी स्थापित करने की योजना है। ताकि पर्यटक वहां पहुंचकर ऐतिहासिक विरासत, ग्रामीण संस्कृति को नजदीक से देख सके। उनके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन जनित रोजगार को भी बढावा देने के प्रयास किए जाएंगे। इससे परम्परागत कला, कौशल विकास हस्तशिल्प और ग्रामीण दस्तकारी को भी बढ़ावा मिलेगा। जो ग्रामीण युवाओं के पलायन को रोकने में मददगार साबित होगा।
क्या है भविष्य की कार्य योजनाः जिला कलक्टर के मुताबिक जिन गांवांे मंे पर्यटन स्थल चिन्हित होंगे, वहां पर परंपरागत रूप से पर्यटकांे के स्वागत के लिए पर्यटन स्वागत केंद्र, प्रसाधन, पेयजल और मार्ग की व्यवस्था पहली प्राथमिकता पर कराई जाएगी। इको फ्रेंडली परिवहन व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। हवेली, पुरातात्विक, ऐतिहासिक और परंपरागत महत्व वाले स्थलों का पुनरुद्धार कराकर उन्हें पर्यटन के लिए तैयार किया जाएगा। हस्तकला एवं अन्य स्थानीय उत्पादांे की बिक्री के लिए इंतजाम होंगे।
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