मंगलवार, 29 जुलाई 2014

चित्तौडगढ़। देवर ने लूटी भाभी की अस्मत, पति ने छोड़ा

चित्तौडगढ़। राजस्थान के चित्तौडगढ़ जिले में एक विवाहिता के अपहरण और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म का ऎसा मामला सामने आया है जिसमें विवाहिता को उसके पति व सभी ससुरालजनों ने भी दोषी बताते हुए उसकी जमकर पिटाई कर उसका तिरस्कार कर दिया।
bhabhi raped by brother in law in chittorgarh rajasthan

जिले की चंदेरिया थाना पुलिस के अनुसार क्षेत्र के ग्राम घोसुंडा निवासी बाईस वर्षीया विवाहिता ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष सोमवार को अपने मामा के साथ उपस्थित होकर परिवाद दिया।

पीडिता ने बताया कि उसका पति यहां से सैकडों किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश में आईस्क्रीम की लारी लगाता है। उसके साथ उसकी भुआ सास का लड़का जिले के कन्नौज निवासी रतनलाल भी वहीं काम करता है।

गत 15 जुलाई को घोसुंडा उसके घर आया और उसे अपने साथ यह कहकर ले गया कि उसके पति ने उसे बुलाया है।

देवर था इसी वजह से वह विश्वास कर अपने ससुर को बता उसके साथ चली गई। पीडिता ने बताया कि रतनलाल शंभूपुरा ले गया व वहां से बस में बिठाकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ले गया।

वहां उसके सगे भाई के मकान पर रखा, इसका भाई भी वहां आईस्क्रीम बेचता है। वहां रतनलाल ने उसे बंधक बना अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर तीन दिन तक हवस का शिकार बनाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भाजपा के जिलाध्यक्षों की घोषणा 3 अगस्त को

जयपुर। भाजपा के जिलाध्यक्षों की घोषणा 3 अगस्त को होने की संभावना हैं। जानकारी के अनुसार जिलाध्यक्षों को नियुक्ति की सूची तैयार है, बस घोषणा का इंतजार है। rajasthan bjp new districts president list ready
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी दिल्ली दौरे के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य पदाधिकारियों से मिलकर पहले ही नामों को अंतिम रूप दे चुके हैं।

पार्टी सूत्रों की मानें तो जयपुर शहर जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र भार्गव का बदला जाना तय है। माना जा रहा है कि इस पद पर वैश्य समाज के किसी नेता को नियुक्ति दी जाएगी। जबकि जयपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष एवं चौमूं विधायक रामलाल शर्मा को बरकरार रखा जा सकता है।

जानकारी के अनुसार इस बार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में विधायकों की राय को महत्व दिया गया है। जहां पर संगठन में प्रभावी नेता नहीं है वहां विधायक को भी जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

बड़े पदों पर नियुक्ति बाद में
प्रदेश भाजपा में संगठन महामंत्री की नियुक्ति को लेकर लम्बे समय से अटकलों का दौर चल रहा है, लेकिन संगठन महामंत्री और हाल ही में कप्तान सिंह सोलंकी को राज्यपाल बनाए जाने के बाद रिक्त हुए प्रदेश प्रभारी के पदों पर नियुक्तियां भी बाद में होंगी।

प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को मंत्रिमंडल में शामिल कर उनकी जगह नया प्रदेशाध्यक्ष बनाने की चर्चाएं भी चल रही है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

इस्लामिक स्टेट: आतंकियों को नहीं मिल रही दुल्हनें, खोला "मैरिज ब्यूरो" -



बैरूत। इराक और सीरिया में सक्रिय आईएसआईएस आतंकी ग्रुप ने अपने लड़ाकों के लिए इस्लामिक स्टेट में मैरिज ब्यूरो खोला है। यह वही इस्लामिक स्टेट है जो कि अश्लीलता फैलाने पर सार्वजनिक तौर पर पत्थर मारने की सजा देने की वकालत करता है। आईएस मैरिज ब्यूरो के माध्यम से अपने आतंकियों के लिए दुल्हनें ढूंढेगाॉ, जो महिलाएं सीरिया और इराक में आतंकियों के क्षेत्र में इनसे शादी करना चाहती हैं, वह मैरिज ब्यूरो आकर अपनी इच्छा जाहिर कर सकती है।
Islamic State opens ‘marriage bureau’ for its jihadist fighters
एक मानवअधिकार संगठन से जुड़े सूत्र ने बताया कि आतंकी अपने ग्रुप का दफ्तर नोर्थन सीरिया के अलेप्पो राज्य के अनबाब शहर से चला रहे हैं। और इन्होंने उन महिलाओं के लिए मैरिज ब्यूरो खोला है, जो कुंवारी या तलाकशुदा हैं और आतंकियों से शादी करना चाहती हैं। ब्रिटेन की एक मॉनिटरिंग संस्था का कहना है कि जिस महिला को आतंकियों से शादी करने में रूचि है, वह अपना नाम और पता मैरिज ब्यूरो में दे जाए और आतंकी उसके घर जाकर अपने आप संपर्क करेंगे और उससे आधिकारिक तौर पर शादी करने की बात करेंगे।

इतना ही नहीं इन आतंकियों को शादी के बाद हनीमून टूर पर भी भेजा जा रहा है। इन्हें अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में दूसरे हिस्सों में घुमाने ले जाया जाता है। सप्ताह में दो बार जाने वाले टूर में इन आतंकियों को सीरिया के राका से इराक के अनबार लेकर जाती है। टूर पर ले जाने वाली बस पर चारों ओर काले झंडे लगे होते हैं और उनके ही गाने चल रहे होते हैं।

दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम, आतंकी लश्कर का सदस्य गिरफ्तार

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आला सदस्य को गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर युवकों का मन बदलकर उन्हें भर्ती करने और देशभर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने तथा उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि अब्दुल सुभान को पिछले सप्ताह सराय काले खां बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था और पूछताछ के दौरान उसने राजस्थान, हरियाणा तथा बिहार के युवकों की सोच बदलकर उन्हें प्रभावित करने के बारे में खुलासा किया।दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम, आतंकी लश्कर का सदस्य गिरफ्तार
उसका नाम हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले दो आरोपियों मोहम्मद शाहिद और कारी राशिद से पूछताछ के दौरान सामने आया था। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों ने बताया कि सुभान लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से भर्ती करता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए व्यापक तलाश शुरू कर दी गयी। सूत्रों ने कहा कि कडिय़ों को जोड़ा गया और पता चला कि 2013 में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान के आतंकवादी ने राजस्थान और हरियाणा के कुछ फोन नंबरों पर बात की थी और राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवादी हमले को अंजाम देने की साजिश पर बातचीत का पता चला।

इन नंबर से बात करने वाला शख्स लगातार दिल्ली आता रहता था जिसके बाद सघन तलाशी अभियान छेड़ा गया और मेवात जिले के गुमत बिहारी गांव के 42 वर्षीय सुभान की गिरफ्तारी की जा सकी। उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ से दिल्ली पुलिस तथा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा देश के अन्य हिस्सों में हमले करने की लश्कर-ए-तैयबा की साजिश का खुलासा करने में मदद मिली।

मुस्लमान ने की तीर्थों के तीर्थ की खोज जानें कैसे

अमरनाथ हिन्दी के दो शब्द अमर अर्थात अनश्वर और नाथ अर्थात भगवान को जोडने से बनता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थों में से एक अमरनाथ यात्रा है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ भी कहा जाता है। इस गुफा में भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। भगवान शिव का प्रकृति द्वारा रचित हिमशिवलिंग में प्रकट होना अपने में ही एक आश्चर्य है। अमरनाथ गुफा में बर्फ के शिवलिंग के साथ मां पार्वती और श्री गणेश का भी बर्फ से प्राकृतिक स्वरुप बनता है। प्राकृतिक रूप से निर्मित हिमलिंग के दर्शन कर भक्तों का जीवन सफल हो जाता है।मुस्लमान ने की तीर्थों के तीर्थ की खोज जानें कैसे
श्री अमरनाथ की गुफा में हिम द्वारा ही श्री गणेश पीठ तथा एक पार्वती पीठ भी बनता है। यह पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। इस स्थान पर भगवती सती का कण्ठ भाग गिरा था। श्री अमरनाथ की पावन गुफा के नीचे अमरगंगा में स्नान करके गुफा में दर्शन के लिए जाते हैं। गुफा के पास एक स्थान पर सफेद भस्म जैसी मिट्टी निकलती हैं। यात्री इसको अपने शरीर पर लगाकर श्री अमरनाथ के दर्शन करते हैं तथा प्रसाद रूप में घर को भी लाते हैं।

इस गुफा में जहां-तहां बूंद-बूंद करके जल टपकता रहता है। कहा जाता है कि श्री अमर नाथ गुफा के ऊपर पर्वत पर श्री राम कुण्ड है। धरती की जन्नत कहलाने वाले कश्मीर की बर्फिली वादियों में श्री अमरनाथ जी की गुफा समुद्र सतह से 12729 फीट की ऊंचाई पर, पर्वतों के मध्य, 60 फीट लंबी, 30 फीट के करीब चैड़ी तथा 15 फीट ऊंची, प्रकृति निर्मित गुफा है।

इस पावन गुफा की खोज एक मुस्लमान गडरिए ने की थी। बूटा मलिक बहुत ही नेक और दयालु इंसान था। एक दिन भेड़ों को चराते-चराते बहुत दूर निकल गया और जंगल में पंहुच गया वहां उसकी भेंट एक साधु के साथ हुई। साधु ने उसे कोयले से भरी एक कांगड़ी दे दी। घर पंहुच कर बूटा ने कोयले के स्थान पर सोना पाया वह बहुत हैरान हो गया। वह उल्टे पांव वापिस साधु को धन्यवाद करने लौट पड़ा परंतु उस जगह साधु को न पाकर उसके स्थान पर एक विशाल गुफा को देखा। उसी दिन से यह स्थान एक तीर्थ बन गया।

अमरनाथ गुफा इतनी ऊंची होने के कारण यहां ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम होती है। तब भी भक्त बड़ी श्रद्धा से शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते है। हांलांकि यहां घोड़े, खच्चर की सुविधा उपलब्ध है पर फिर भी श्रद्धालुओं को कुछ रास्ता पहलगाम से पैदल तय करना पड़ता है। 1947 से पहले तक केवल चार-पांच हजार श्रद्धालु ही इस यात्रा में भाग लेते थे। बाद में सरकारी सुविधाओं और यातायात के साधनों के विकास से यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी।

सोमवार, 28 जुलाई 2014

बिस्किट कारोबारी की बहू की चाकू से गोद कर हत्या, अंगुली काटकर ले गए हत्यारे



कानपुर। कानपुर में एक बिस्किट निर्माता कंपनी के मालिक की बहू ज्योती (25) की हत्या की कर दी गई। हादसा रविवार की रात 12 बजे नबाबगंज इलाके में हुआ। हत्यारों ने पहले महिला का अपहरण किया, फिर बड़ी बेरहमी से 17 बार चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी, हत्यारे मृतका की अंगुली काट कर भी ले गए जिसमें उसने हीरे की अंगूठी भी पहन हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद महिला की मौत की गुत्थी उलझती जा रही है।
Biscuit company owner daughter in law killed

पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतका ज्योति के शरीर पर करीब डेढ़ दर्जन घाव मिले हैं। चाकू से गोदने केचार निशान पेट पर, चार निशान गर्दन पर, दो सिर के पिछले हिस्से में, चार पैर पर और दो कमर के पास मिले हैं। जिस अंगुली में ज्योती ने डायमंड की अंगूठी पहनी हुई थी बदमाश उसे भी काट कर ले गए । अंगूठी भी गायब है। ज्योति के शरीर से कोई अन्य गहना गायब नहीं हुआ है। उसका महंगा मोबाइल भी कार में ही पड़ा मिला। हत्या के इस मामले में पुलिस ने इस ककरीब एक दर्जन लोगों को पकड़ा पूछताछ के लिए पकड़ा है। पुलिस इन लोगों से किसी गोपनीय स्थान पर पूछताछ कर रही है। पुलिस इस घटना को प्रेम-प्रसंग में हुई हत्‍या का मामला मान कर चल रही है।


घटनाक्रम मे मुताबिक स्वाति बिस्किट कंपनी के मालिक ओमप्रकाश के बेटे पीयूष श्यामदशानी (27) अपनी पत्नी ज्योति (25) के साथ कार से घर लौट रहे थे। नवाबगंज इलाके के पास रात करीब 12 बजे चार बाइक पर सवार आठ अज्ञात बदमाशों ने उन्‍हें रोका। पीयूष ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसको जम कर मारा पिटा । इसके बाद बदमाश ज्‍योति को उनकी ही कार में अगवा करके फरार हो गए। चार बदमाश उनको कार में अगवा करके चले गए और बाकी चार बाइक से कार के पीछे चलते रहे।

पीयूष ने घटना की जानकारी परिजनों को दी । परिजनों तुरंत घटना के बारे पुलिस को बताया । इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस ने रात करीब दो बजे पनकी इलाके में कार बरामद करली। कार के अंदर ज्‍योति का शव पड़ा लहूलुहान अवस्था में पड़ा हुआ था । पुलिस को जब बारह बजे ज्योति के अगवा होने की जानकारी मिली, तो पुलिस ने ज्योती के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया मोबाइल ऑन था। इस वजह से पुलिस को लगातार ज्योति का लोकेशन का पता चलता रहा । हालांकि पुलिस यह नहीं बता पा रही है कि इसके बावजूद उसे ज्योति तक पहुंचने में दो घंटे कैसे लग गए ।

मृतका के ससुर कानपुर के नामी उद्योगपतियों में शामिल हैंं। दादानगर में उनकी बिस्किट बनाने की चार और कानपुर देहात के रनिया में दो फैक्ट्रियां हैं। वह स्वाति ब्रांड का बिस्किट बनाते हैं। उनकी कंपनी ठेके पर पारले-जी के लिए भी बिस्किट बनाती है। पीयूष और ज्योती की शादी करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। ज्योति जबलपुर (मध्य प्रदेश) की रहने वाली थी। वारदात से पहले रविवार रात को होटल में डीनर के दौरान पीयूष और उसकी पत्नी के बीच बहस हुई थी। होटल से बाहर आने के बाद भी दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद ज्योति भागकर हीरो शोरूम के पीछे अंधेरे में छिप गई थी। ज्योति रात में लांग ड्राइव पर जाने की जिद कर रही थी। इसको लेकर पीयूष ने मना कर दिया था।

फेसबुक पर दोस्त बने इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर से किया रेप



इंदौर। इंदौर पुलिस ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट को 23 वर्षीय सॉफ्ट वेयर इंजीनियर की अश्लील वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करने और बाद में बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गुजरात के भावनगर के रहने वाले सिविल इंजीनियरिंग स्टूडेंट ऋषभ काटोदिया को रविवार को गिरफ्तार किया गया।
Facebook friends raped, made MMS, blackmailed software engineer
पीडिता ने रविवार को आरोपी के खिलाफ लिखित में शिकायत की थी। भंवर कुंआ पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर के मुताबिक पीडिता ने आरोप लगाया था कि ऋषभ पिछले कई माह से उसे ब्लैकमेल कर रहा था। पीडिता ने बताया कि सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के जरिए उसकी ऋषभ से दोस्ती हुई थी। दोस्ती इंदौर में पढ़ाई के दौरान हुई थी। पीडिता ने बताया कि इस साल 4 जनवरी को ऋषभ इंदौर आया था। वह उसे घूमाने के लिए ले गया।

उसने कॉफी ऑफर की,जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था। कॉफी पीते ही वह बेहोश हो गई। इसके बाद ऋषभ ने अपने मोबाइल फोन से उसका अश्लील वीडियो बना लिया। दो महीने बाद ऋषभ ने उसे कॉल किया और वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी दी। ऋषभ ने पीडिता को वडोदरा आने के लिए कहा,जब पीडिता वहां गई तो ऋषभ ने उससे तीन दिन तक बलात्कार किया।

पीडिता ने अपनी शिकायत में बताया कि जब वह इंदौर लौटी तो ऋषभ ने अपने मोबाइल फोन से उसकी कुछ तस्वीरें डिलीट कर दी। कुछ वक्त बाद ऋषभ ने उसे कुछ अश्लील फोटोग्राफ्स भेजे। उस पर शादी के लिए दबाव बनाया। जब पीडिता ने शादी करने से मना कर दिया तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। एसआई के मुताबिक ऋषभ ने पीडिता के माता-पिता को उसके अश्लील फोटो दिखा दिए।

प्रताडित महिला ने पुलिस को शिकायत की और मुलाकात के लिए रविवार को ऋषभ को इंदौर बुलाया। ऋषभ जैसे ही इंदौर पहुंचा,पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376,354,506 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया। मामले की विस्तृत जांच जारी है।

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ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार

ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़े रखकर अर्थात भूखे-प्यासे रहकर पूरा महीना अल्लाह की इबादत में गुज़ार देते हैं। इस पूरे महीने को अल्लाह की इबादत में गुज़ार कर जब वे रोज़ों से फ़ारिग हो जाते हैं तो चांद की पहली तारीख़ अर्थात जिस दिन चांद दिखाई देता है, उस रोज़ को छोड़कर दूसरे दिन ईद का त्योहार अर्थात ‘बहुत ख़ुशी का दिन’ मनाया जाता है। इस ख़ुशी के दिन को ईद-उल-फ़ितर कहते हैं।
ईद-उल-फ़ित्‌र का अर्थ


'ईद-उल-फ़ित्‌र' दरअसल दो शब्द हैं। 'ईद' और 'फ़ित्‌र'। असल में 'ईद' के साथ 'फ़ित्‌र' को जोड़े जाने का एक खास मक़सद है। वह मक़सद है रमज़ान में ज़रूरी की गई रुकावटों को ख़त्म करने का ऐलान। साथ ही छोटे-बड़े, अमीर-ग़रीब सबकी ईद हो जाना। यह नहीं कि पैसे वालों ने, साधन-संपन्न लोगों ने रंगारंग, तड़क-भड़क के साथ त्योहार मना लिया व ग़रीब-गुरबा मुंह देखते रह गए। शब्द 'फ़ित्‌र' के मायने चीरने, चाक करने के हैं और ईद-उल-फ़ित्‌र उन तमाम रुकावटों को भी चाक कर देती है, जो रमज़ान में लगा दी गई थीं। जैसे रमज़ान में दिन के समय खाना-पीना व अन्य कई बातों से रोक दिया जाता है। ईद के बाद आप सामान्य दिनों की तरह दिन में खा-पी सकते हैं। 


फ़ितरा


ईद-उल-फ़ित्‌र अथवा 'ईद-उल-फ़ित्र' इस बात का ऐलान है कि अल्लाह की तरफ़ से जो पाबंदियां माहे-रमज़ान में तुम पर लगाई गई थीं, वे अब ख़त्म की जाती हैं। इसी फ़ित्र से 'फ़ितरा' बना है। फ़ित्रा यानी वह रक़म जो खाते-पीते, साधन संपन्न घरानों के लोग आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को देते हैं। ईद की नमाज़ से पहले इसका अदा करना जरूरी होता है। इस तरह अमीर के साथ ही ग़रीब की, साधन संपन्न के साथ साधनविहीन की ईद भी मन जाती है। असल में ईद से पहले यानी रमजान में ज़कात अदा करने की परंपरा है। यह ज़कात भी ग़रीबों, बेवाओं व यतीमों को दी जाती है। इसके साथ फ़ित्रे की रक़म भी उन्हीं का हिस्सा है। इस सबके पीछे सोच यही है कि ईद के दिन कोई ख़ाली हाथ न रहे, क्योंकि यह खुशी का दिन है। 







कैसे मनाते हैं?



ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान किसी पाक साफ़ जगह पर जिसे 'ईदगाह' कहते हैं, वहाँ इकट्ठे होकर दो रक्आत नमाज़ शुक्राने की अदा करते हैं। 'ए अल्लाह, आपका शुक्रिया कि आपने हमारी इबादत कबूल की।' इसके शुक्राने में हम दो रक्आत ईद की नमाज़ पढ़ रहे हैं। आप इसे क़बूल भी करें। ईद की नमाज़ का हुक्म भी अल्लाह तआला की तरफ से है। ईदगाह में नमाज़ पढ़ने के लिए जाने से मुसलमान लोग 'फ़ितरा' अर्थात 'जान व माल का सदक़ा' जो हर मुसलमान पर फ़र्ज होता है, वह ग़रीबों में बांटा जाता है। सदक़ा अल्लाह ने ग़रीबों की इमदाद का एक तरीक़ा सिखा दिया है। ग़रीब आदमी भी इस इमदाद से साफ़ और नये कपड़े पहनकर और अपना मनपसन्द खाना खाकर अपनी ईद मना सकते हैं। अमीर-ग़रीब एक साथ मिलकर नमाज़ पढ़ सकते हैं।


रोज़ा क्या है?


  रोज़ा
क़ुरान शरीफ़ के शब्दों में 'ए ईमान वालों, हमने तुम पर रोज़े पाक कर दिये हैं, जैसा कि तुमने पिछली उम्मतों (अनुयायियों) पर फ़र्ज किए थे ताकि तुम मुत्तफ़िक़ अर्थात फ़रमाबरदार बन जाओ। यह गिनती के चन्द दिन हैं अगर तुम में से कोई मरीज़ है या सफ़र में है, तो उस वक़्त रोज़े छोड़कर ईद के बाद में अपने रोज़े पूरे कर सकता है। रमज़ान के पूरे महीने में मुस्लिम लोग भूखे-प्यासे रहकर और इन्द्रियों पर नियंत्रण रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। वह शबे-क़द्र की रात को सारी रात जाग कर अल्लाह की इबादत करते हैं।


रमज़ान क्या है?


 
रमज़ान महीने का नाम है, जिस प्रकार हिन्दी महीने चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ, फाल्गुन होते हैं और अंग्रेज़ी महीने जनवरी, फ़रवरी, मार्च, अप्रॅल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर होते हैं । उसी प्रकार, मुस्लिम महीने, मुहर्रम, सफ़र, रबीउल अव्वल, रबीउल आख़िर, जमादी-उल-अव्वल, जमादी-उल-आख़िर, रजब, शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़िलक़ाद, ज़िलहिज्ज ये बारह महीने आते हैं।


शबे-क़द्र


रमज़ान के महीने में अल्लाह की तरफ़ से हज़रत मोहम्मद साहब सल्लहो अलहै व सल्लम पर क़ुरान शरीफ़ नाज़िल (उतरा) था। इस महीने की बरकत में अल्लाह ने बताया कि इसमें मेरे बंदे मेरी इबादत करें। इस महीने के आख़री दस दिनों में एक रात ऐसी है जिसे शबे-क़द्र कहते हैं। 21, 23, 25, 27, 29 वें में शबे-क़द्र को तलाश करते हैं। यह रात हज़ार महीने की इबादत करने से भी अधिक बेहतर होती है। शबे-क़द्र का अर्थ है, वह रात जिसकी क़द्र की जाए। यह रात जाग कर अल्लाह की इबादत में गुज़ार दी जाती है।


ख़ुशी का दिन


यह ख़ुशी ख़ासतौर से इसलिए भी है कि रमज़ान का महीना जो एक तरह से परीक्षा का महीना है, वह अल्लाह के नेक बंदों ने पूरी अक़ीदत (श्रद्धा), ईमानदारी व लगन से अल्लाह के हुक़्मों पर चलने में गुज़ारा। इस कड़ी आजमाइश के बाद का तोहफ़ा ईद है। पुस्तकों में आया है कि रमज़ान में पूरे रोज़े रखने वाले का तोहफ़ा ईद है। इस दिन अल्लाह की रहमत पूरे जोश पर होती है तथा अपना हुक़्म पूरा करने वाले बंदों को रहमतों की बारिश से भिगो देती है। अल्लाह पाक रमज़ान की इबादतों के बदले अपने नेक बंदों को बख्शे जाने का ऐलान फ़रमा देते हैं। ईद की नमाज़ के जरिए बंदे ख़ुदा का शुक्र अदा करते हैं कि उसने ही हमें रमज़ान का पाक महीना अता किया, फिर उसमें इबादतें करने की तौफ़ीक दी और इसके बाद ईद का तोहफ़ा दिया। तब बंदा अपने माबूद (पूज्य) के दरबार में पहुंचकर उसका शुक्र अदा करता है। सही मायनों में तो ये मन्नतें पूरी होने का दिन है। इन मन्नतों के साथ तो ऊपर वाले के सामने सभी मंगते बनने को तैयार हो जाते हैं। उस रहीमो-करीम (अत्यंत कृपावान) की असीम रहमतों की आस लेकर एक माह तक मुसलसल इम्तिहान देते रहे। कोशिश करते रहे कि उसने जो आदेश दिए हैं उन्हें हर हाल में पूरा करते रहें। चाहे वह रोज़ों की शक्ल में हो, सहरी या इफ़्तार की शक्ल में। तरावीह की शक्ल में या जकात-फ़ित्रे की शक्ल में। इन मंगतों ने अपनी हिम्मत के मुताबिक अमल किया, अब ईद के दिन सारे संसार का पालनहार उनको नवाजेगा। 

हरियाली तीज : शिव-पार्वती का त्योहार सावन और तीज







सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में राजस्थान और मध्यप्रदेश खासतौर पर मालवांचल की महिलाएँ बहुत श्रद्धा और उत्साह से मनाती हैं। आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव हमारे सर्वप्रिय पौराणिक युगल शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

तीज का महत्व : दो महत्वपूर्ण तथ्य इस त्योहार को महत्ता प्रदान करते हैं। पहला शिव-पार्वती से जुड़ी कथा और दूसरा जब तपती गर्मी से रिमझिम फुहारें राहत देती हैं और चारों ओर हरियाली छा जाती है। यदि तीज के दिन बारिश हो रही है तब यह दिन और भी विशेष हो जाता है।

जैसे मानसून आने पर मोर नृत्य कर खुशी प्रदर्शित करते हैं, उसी प्रकार महिलाएँ भी बारिश में झूले झूलती हैं, नृत्य करती हैं और खुशियाँ मनाती हैं। तीज के बारे में हिन्दू कथा है कि सावन में कई सौ सालों बाद शिव से पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। पार्वतीजी के 108वें जन्म में शिवजी उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए और पार्वतीजी की अपार भक्ति को जानकर उन्हें अपनी पत्नी की तरह स्वीकार किया।



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महिला होने का गर्व : तीज का त्योहार वास्तव में महिलाओं को सच्चा आनंद देता है। इस दिन वे रंग-बिरंगे कपड़े, लकदक करते गहने पहन दुल्हन की तरह तैयार होती हैं। आज कल तो कुछ विशेष नजर आने की चाह में ब्यूटी पार्लर जाना एक आम बात हो गई है। नवविवाहिताएँ इस दिन अपने शादी का जोड़ा भी चाव से पहनती हैं। वैसे तीज के मुख्य रंग गुलाबी, लाल और हरा है। तीज पर हाथ-पैरों में मेहँदी भी जरूर लगाई जाती है।

वट वृक्ष का महत्व : एक समय महत्वपूर्ण परंपरा है वट वृक्ष के पूजन की। इसकी लटकती शाखों के कारण यह वृक्ष विशेष सौभाग्यशाली माना गया है। औरतें वट वृक्ष पर झूला बाँधती हैं और बारिश की फुहारों में भीगते-नाचते गाते हुए तीज मनाती हैं।

तीज के रीति-रिवाज :-
- पार्वतीजी का आशीष पाने के लिए महिलाएँ कई रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। विवाहित महिलाएँ अपने मायके जाकर ये त्योहार मनाती हैं।

- जिन लड़कियों की सगाई हो जाती है, उन्हें अपने होने वाले सास-ससुर से सिंजारा मिलता है। इसमें मेहँदी, लाख की चूड़ियाँ, कपड़े (लहरिया), मिठाई विशेषकर घेवर शामिल होता है।

- विवाहित महिलाओं को भी अपने पति, रिश्तेदारों एवं सास-ससुर के उपहार मिलते हैं। इस दिन महिलाएँ उपवास रखती हैं।

- आकर्षक तरीके से सभी माँ पार्वती की प्रतिमा मध्य में रख आसपास महिलाएँ इकट्ठा होकर देवी पार्वती की पूजा करती हैं। विभिन्न गीत गाए जाते हैं।