गुरुवार, 25 अगस्त 2011

'इस्लाम का फरमान है, भ्रष्टाचार हराम है

मुंबई॥ मौलाना बुखारी की अन्ना हजारे के आंदोलन को इस्लाम विरोधी बताने की नसीहत को मुंबई के मुस्लिम समाज ने बेवजह और नासमझी भरा बताया है।

बुधवार को हजारों की तादाद में मुसलमान आजाद मैदान में इकट्ठा हुए और अण्णा को हर हाल में समर्थन देने की घोषणा की। मुंबई अमन कमेटी सहित करीब आधा दर्जन मुस्लिम संगठनों ने कहा कि जब देश की बात हो तो संप्रदाय को अलग रख जाता है। यह लोग नारा लगा रहे थे 'इस्लाम का फरमान है, भ्रष्टाचार हराम है।' मुंबई अमन कमिटी के प्रेजिडेंट मोहम्मद फरीद शेख ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों कुरान के हिसाब से पाप है, और अन्ना फिलहाल हमें इससे बचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने अण्णा की अच्छी सेहत की दुआ भी मांगी।

थर की थळी में विख्यात स्वादिष्ट हैं गडरा के लड्डू,


थर की थळी में विख्यात स्वादिष्ट हैं गडरा के लड्डू,



सीमावर्ती जिला बाड़मेर जिसकी 227 किमी लम्बी सीमा पाकिस्तान से सटी हैं। भारत विभाजन के बाद बाड़मेर जिले के कई गांव दो हिस्सों में बंट गए। एक ही परिवार के दो टुकडे हो गए। राम भारत में तो श्याम पाकिस्तान में।अल्लाह भारत में तो अकबर पाकिस्तान में। पाक सीमा से एक किमी पहले ही गडरारोड़ भारत में हैं। गडरा सीटी नाम का कस्बा था जो 1947 में विभाजित हो गया।

गडरारोड़ भारत में तथा गडरा सीटी पािकस्तान में रह गया। अविभाजित गडरा सीटी के तिजारा के लड्डू बड़े ही स्वादिष्ट होते थे। गडरा के लड्डू पूरे राजपूताना में प्रसिद्ध थे। बंटवारे के बाद भारतीय सीमा में गडरारोड़ हो गया।गडरा में ढाटी माहेश्वरीयों के काफी परिवार रहते थे जों हलवाई का काम करते थे।रेगिस्तानी इलाकें में ऐसी मिठाईयॉ ही बनती थी जो लम्बे समय तक खराब ना हो।ऐसी ही मिइाई गडरा के अमोलख माहेश्वरी बनाते थे जो पूरे थर की थळी में विख्यात थी।

गडरारोड़ में रह रहे माहेश्वरी परिवार लड्डू बनाने में माहिर थे। 1965 के युद्व के पश्चात् के गडरा सीटी से सैंकडो परिवार भारतीय सीमा में आकर बस गए। इनमें से ढाटी माहेश्वरी जाति के परिवार गडरारोड़ आकर बस गए। इन परिवारों में एक परिवार अमोलख भूतडा का भी था। जो पहले वहां लड्डुओं के निर्माता थे। गडरारोड़ आकर अपना पुश्तैनी कार्य लड्डू बनाना आरम्भ किया। गडरा के लड्डू मुख्य रूप से उडद की दाल से बनाये जाते हैं। पिसी हुई उड़द की दाल में गोंद, मावा शक्कर, देशी घी डालकर सेका जाता हैं। इस अत्यधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें बादाम, काजू, दाख, काली मिर्च डाली जाती हैं। एक सौ पच्चास रूपये प्रति किलो के भाव से बिकने वाले लड्डुओ का लाजवाब स्वाद मुंह में पानी ले आता हैं।

गडरा के लड्डुओ का स्वाद लाजवाब होने के कारण सर्वप्रिय हैं। सीमा पर तैनात जवानों, स्थानीय नागरिकों में गडरा के लड्डू सर्वप्रिय हैं। इन लड्डुओ की प्रसिद्धी सीमार पार में भी बराबर हैं।

तारबन्दी से पूर्व आसानी से पाकिस्तान भेजे जाने वाले ये लड्डू अब थार एक्सपेस के माध्यम से पाक ले जाए जाते हैं। ये लड्डू एक महीने तक खराब नहीं होते। यहां के लड्डू साम्प्रदायिक सद्भावना के प्रतीक हैं।दोनो देशो की अवामों कें बीच गडरा के लडडू आज भी पारिवारिक सदभाव बनाऐ रखे हैं

बाड़मेर सांसद के जोधपुर आवास पर प्रदर्शन



अन्ना के समर्थन में रैली निकाली और बाड़मेर सांसद के घर पहुंचे प्रदर्शनकारी



जोधपुर। अन्ना हजारे के समर्थन में जोधपुर में लोगों का जुडऩा जारी है। गुरुवार को इंडिया अगेस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज से रैली निकाल कर पावटा स्थित बाड़मेर से कांग्रेस के सांसद हरीश चौधरी के घर के बाहर प्रदर्शन किया। हाथों में तिरंगा लिए प्रदर्शनकारी सांसद चौधरी के घर के सामने जाकर बैठ गए और जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में नारे लगाए और फूल रख दिए।



इससे पहले मेडिकल कॉलेज से रवाना कार्यकर्ताओं की रैली के रास्ते में कई दूसरे संगठन भी शामिल हुए। इसके अलावा शहर में सुबह दस बजे पुस्तक एवं स्टेशनरी विक्रेता संघ की ओर से पावटा से वाहन रैली निकाली गई। मिनी डोर टेम्पो यूनियन (इंटक) की ओर से भी दोपहर में वाहन रैली निकाली गई। शाम को मेडिकल कॉलेज के बाहर अन्ना के स्वास्थ्य के लिए यज्ञ किया जाएगा। गौरतलब है कि जोधपुर में भी दिल्ली की तर्ज पर ही 16 अगस्त से प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। पहले पांच दिन कुछ लोगों ने अनशन भी रखा था। अब यहां क्रमिक अनशन पर लोग बैठ रहे हैं।

चेकिंग के लिए रोका,तो हो गई न्यूड

चेकिंग के लिए रोका,तो हो गई न्यूड

लंदन। बरमूडा के एक एयरपोर्ट पर एक महिला ने उस वक्त सरेआम अपने कपड़े उतार दिए, जब कस्टम अधिकारियों ने चेकिंग के लिए उसे रोकने की कोशिश की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 36 वर्षीय लोकाई फिलिप्स लंदन जा रही थी। फ्लाइट में बैठने से पहले कस्टम अधिकारियों ने जब एयरपोर्ट पर सामान्य लगेज चेक के दौरान चेकिंग के लिए महिला को रोका, तो बौखला उठी। फिलिप्स ने अधिकारियों पर झल्लाते हुए कहा कि "आप मुझे न्यूड देखना चाहते हैं, तो यहीं देख लीजिए।" इतना कहते हुए महिला ने सबके सामने अपने कपड़े उतार दिए।

डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक यह घटना गत शनिवार की है। महिला के इस तरह सरेआम न्यूड हो जाने से एयरपोर्ट पर मौजूद दूसरे यात्री हक्के-बक्के रह गए। घटना के समय एयरपोर्ट पर मौजूद यात्रियों में कई बच्चे भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर न्यूड होने वाली महिला मूल रूप से बरमूडा की रहने वाली थी और फिलहाल लंदन में रह रही है। वो एक निजी वित्तीय मामले के सिलसिले में लंदन वापस जा रही थी।

इस घटना के सिलसिले में बीते मंगलवार को फिलिप्स को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान फिलिप्स ने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि "मैंने गुस्से में यह सब किया। एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा बार-बार हो रही चेकिंग से मैं उकता गई थी और गुस्से में आकर मैंने इस तरह का व्यवहार किया।" महिला ने अदालत को आश्वस्त किया, कि वो फिर कभी ऎसा नहीं करेगी, जिसके बाद अदालत ने उसे सशर्त रिहाई दे दी।

मनमोहन का आवास घेरने पहुंचे 50 अन्‍ना समर्थक हिरासत में, 4 मेट्रो स्‍टेशन बंद

नई दिल्ली. सरकार की ओर से नाउम्‍मीद टीम अन्‍ना के आह्वान पर गुरुवार को उनके समर्थक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आवास घेरने पहुंचे। इन्‍हें रोकने के लिए दिल्‍ली पुलिस ने चार मेट्रो स्‍टेशन बंद करवा दिए। इसके बावजूद अन्‍ना समर्थक पहुंचे। 50 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। समर्थकों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में महिला प्रदर्शनकारियों ने तुगलक रोड थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों को चूडि़यां भेंट कीं।

टीम अन्‍ना ने सवेरे ही अपील की थी कि लोग शाम पांच बजे पीएम हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर उनसे जन लोकपाल बिल पारित कराने का निवेदन करें। इसके मद्देनजर दिल्‍ली पुलिस ने तीन बजे ही चार मेट्रो स्‍टेशन (जोरबाग, खान मार्केट, उद्योग भवन और रेस कोर्स) बंद करवा दिए। यही नहीं, प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस की ओर से टीम अन्‍ना को चिट्ठी भेज कर आगाह किया गया कि उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्‍लंघन है। साथ ही, यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री निवास के बाहर धारा 144 लगी हुई है। लेकिन टीम अन्‍ना ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया।

रामलीला मैदान में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रामलीला मैदान में पुलिस की संख्‍या बढ़ गई है। पुलिसकर्मियों को अन्‍ना के मंच के आसपास भी देखा जा रहा है। पुलिस की तैनाती रामलीला मैदान के बाहर भी बढ़ गई है। पुलिस ने शहर के अन्‍य स्‍थानों से रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे अन्‍ना समर्थकों को रोकने की कोशिश शुरू कर दी है। मैदान के मेन गेट पर भी दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी तादाद में तैनात हैं। गुरुवार को मैदान में बम निरोधक दस्‍ता भी पहुंच गया और मंच के आसपास जांच की।

दिल्‍ली पुलिस ने अन्ना हजारे के अनशन के दसवें दिन हजारे और उनकी टीम पर शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अन्‍ना हजारे ने शर्तों का उल्‍लंघन किया है। दिल्ली पुलिस ने अन्ना और उनकी टीम पर पांच आरोप लगाए हैं। इसमें मंच से भड़काऊ भाषण देना, कार्यकर्ताओं पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप के अलावा रात दस बजे के बाद भी लाउडस्‍पीकर के इस्तेमाल का आरोप शामिल है।

दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना से यह भी शिकायत की है कि सरकारी डॉक्‍टर को अन्ना हजारे की जांच से रोका गया है। सड़क पर अन्‍ना समर्थकों द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने के भी आरोप लगे हैं। हालांकि रामलीला मैदान के मंच से बार-बार अपील की जा रही है कि भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाए और ना ही किसी नेता के खिलाफ व्‍यक्तिगत टिप्‍पणी की जाए।

दरअसल, बुधवार रात 9 बजे एम्‍स के तीन डॉक्‍टरों की टीम रामलीला मैदान पहुंची थी। लेकिन टीम अन्‍ना ने इनसे अन्‍ना हजारे की जांच कराने से मना कर दिया। टीम अन्‍ना का आरोप है कि इन डॉक्‍टरों के बहाने अन्‍ना हजारे को अस्‍पताल ले जाने की कोशिश की जा रही थी। एम्‍स के डॉक्‍टरों और डॉ. नरेश त्रेहन की टीमें रामलीला मैदान में डटी हुई हैं।

दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर सुधीर यादव रामलीला मैदान पहुंचकर टीम अन्ना से बात की, जिसके बाद दिल्ली पुलिस का रुख सामने आया है। 16 अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार अन्ना हजारे को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जहां से रिहाई के आदेश आने के बाद भी अन्ना अड़ गए थे और कहा था कि उन्हें अनशन की इजाजत मिले। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ अन्ना हजारे को शांतिपूर्ण अनशन की इजाजत दे दी थी।

अन्‍ना ने ठुकराई संसद की अपील, कहा-धोखेबाज है सरकार



नई दिल्‍ली. जनलोकपाल बिल के लिए 10 दिनों से अनशन पर बैठे अन्‍ना हजारे ने पीएम मनमोहन सिंह की ओर से अनशन तोड़ने की अपील ठुकरा दी है। उन्‍होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि शुक्रवार से ही उनकी शर्तों पर संसद में चर्चा होगी तभी वह अनशन तोड़ेंगे। अन्‍ना की तीन शर्तें हैं- 1. सभी दफ्तरों को लोकपाल के दायरे में लाया जाए। 2. राज्‍यों में लोकायुक्‍तों की नियुक्ति की जाए। 3. सिटिजन चार्टर बनाया जाए।

सरकार को धोखेबाज करार देते हुए अन्‍ना ने कहा, ‘पीएम की प्रशंसा से झांसे में नहीं आने वाला हूं। कभी-कभी प्रशंसा में धोखा हो जाता है। यदि पीएम को मेरी सेहत की चिंता है तो उन्‍होंने 10 दिनों का वक्‍त क्‍यों लगाया। कल से ही संसद में जनलोकपाल पर चर्चा शुरू हो तभी मैं अनशन तोडूंगा। विपक्ष को भी अपना मौन तोड़ना होगा। तमाम राजनीतिक दल जनलोकपाल बिल से डरे हुए हैं।’

अन्‍ना हजारे ने साफ कर दिया कि यदि संसद में उनकी मांगों पर चर्चा शुरू हो गई तो केवल अनशन ही टूटेगा, लेकिन वह रामलीला मैदान में धरना जारी रखेंगे। उन्‍होंने कहा, ‘पुलिस ने हमें तीन सितंबर तक मैदान में धरना की अनुमति दी है लेकिन जब तक समस्‍या का हल नहीं होता है तब तक हमें रामलीला मैदान में बैठने की इजाजत दी जाए।’ अपने समर्थकों से जेल भरो आंदोलन का आह्वान करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘समाज की भलाई के लिए जेल में जाना अच्‍छी बात है। बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर हमारा संघर्ष जारी है।’

अन्‍ना ने कहा कि केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख उनके पास सरकार की ओर से संदेश लेकर आए थे जिसके जवाब में उन्‍होंने पीएम के पास अपनी तीन शर्तें भेज दी हैं। महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम देशमुख रामलीला मैदान में अन्‍ना हजारे से मुलाकात करने पहुंचे थे। गौरतलब है कि अनशन के 10वें दिन देशमुख के रुप में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिनिधि अन्‍ना हजारे से मिलने पहुंचा। अन्‍ना हजारे से मिलने के बाद देशमुख के आवास पर कांग्रेस सांसदों संदीप दीक्षित, सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा की बैठक हुई। इसके बाद देशमुख पीएम के पास अन्‍ना का जवाब लेकर गए। अभी वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी की संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से मीटिंग हो रही है। शाम छह बजे वित्‍त मंत्री पीएम आवास पर मनमोहन सिंह से मीटिंग करेंगे। इसके बाद सरकार की ओर से अन्‍ना की मांगों पर कोई बयान आने की उम्‍मीद है।

अन्‍ना की विपक्ष की ओर से स्थिति साफ किए जाने की मांग पर भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार विपक्ष की अनुमति से लोकपाल बिल वापस ले। उन्‍होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जनलोकपाल बिल को आधार बनाकर संसद में चर्चा शुरू की जानी चाहिए।

इससे पहले अहमदनगर के भाजपा सांसद दिलीप गांधी ने अन्‍ना हजारे से बातचीत करने का दावा किया है। उन्‍होंने कहा, 'अगर अन्‍ना हजारे का जनलोकपाल बिल संसद में रखा जाता है और उस पर चर्चा होती है तो वह अनशन तोड़ सकते हैं।'

स्वतन्त्राता सैनानी सोनी का राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार


स्वतन्त्राता सैनानी सोनी का राजकीय 
सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार
बाडमेर, 25 अगस्त। स्वतन्त्राता सैनानी कानजीमल सोनी का गुरूवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ स्थानीय मोक्षधाम शमशान घाट में अन्तिम संस्कार किया गया। सोनी का बुधवार रात्रि 9.00 बजे निधन हो गया था। वे 90 वर्ष के थे। 
गुरूवार दोपहर में रायकालोनी में तकीया नीम स्थित उनके निवास से सोनी की अन्तिम शव यात्रा पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ निकाली गई। उनका शव तिरंगे में लपेटा गया था। उनके निवास स्थान पर जाकर जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने पुष्पचक्र अर्पित किया तथा राज्य सरकार की ओर से श्रद्धांजलि दी। प्रातः से ही स्वतन्त्राता सैनानी को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। जिला पुलिस अधीक्षक सन्तोष चालके समेत कई लोगों तथा जन प्रतिनिधियों ने सोनी को श्रद्धांजलि दी। लोगों ने पुष्प अर्पित किए तथा स्वतन्त्राता सैनानी की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। बाद में सोनी की शव यात्रा तनसिंह सर्किल होते हुए मोक्षधाम पहुंची। शव यात्रा में बडी संख्या में शहर के निवासियों, प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया। मोक्षधाम में सोनी को 21 बन्दुकों से गोली दागकर सलामी दी गई तथा स्वतन्त्राता सैनानी सोनी अमर रहे के नारे लगाए।
स्वतन्त्राता सैनानी सोनी का जन्म 12 जनवरी 1921 को पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के न्यू छोर में हुआ था। उन्होने भारत की आजादी की लडाई में भाग लिया था तथा आजादी की लडाई में जेल भी गए। उन्होने महात्मा गांधी के सम्पर्क के पश्चात् विभिन्न आन्दोलनों में सक्रिय योगदान दिया था।  उन्हें आजादी के बाद भारत सरकार ने स्वतन्त्राता सैनानी घोषित किया तथा राजस्थान सरकार ने वर्ष 2001 में स्वतन्त्राता सैनानी का विधिवत सम्मान देते हुए ताम्रपत्रा भेट किया तथा  पेंशन प्रारम्भ की। 
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मुख्यमंत्राी की स्वतन्त्राता सेनानी 




 कानजीमल के निधन पर संवेदना
बाडमेर, 25 अगस्त। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने बाड़मेर के स्वतन्त्राता सेनानी  कानजीमल सोनी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्राी ने अपने शोक सन्देश में कहा कि आजादी के आन्दोलन में स्वर्गीय कानजीमल सोनी के योगदान को सदैव याद किया जाएगा। गहलोत ने ईश्वर से दिवगंत की आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
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जनलोकपाल बिल चर्चा के लिए संसद में रखने को तैयार: मनमोहन सिंह

 lokpal bill anna hazare hunger strike manmohan singhनई दिल्ली। लोकसभा में गुरूवार को प्रधानमंत्री ने अन्ना हजारे से सदन के माध्यम से एक बार फिर अनशन खत्म करने की अपील करते हुए कहा है कि वह अन्ना के मसौदे समेत जनलोकपाल बिल मसौदे चर्चा के लिए संसद में रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल बिल के साथ ही सरकार बिल, अरूणा रॉय और जयप्रकाश नारायण का बिल सदन में रखा जाए और इस पर गंभीर चर्चा की जाए ताकि एक सशक्त लोकपाल की स्थापना हो सके।

Issue of cross-border mobile signals to be taken up: Deora



New Delhi, The department of telecommunications has asked the external affairs ministry to discuss with Islamabad and Dhaka the issue of mobile signals being available in Indian territory even though telecom operators are not allowed to provide cellular service within 500 metres of the international border, parliament was told Wednesday.

'The mobile signals of Pakistani service provider such as Ufone, Mobilink, Zim Telenor, Oasis, Warid are available inside Indian territory in Barmer (Jaisindhar, Munabao, Rohiri, Khalifon Ki Baori, PS-Gadra Road etc),' said Minister of State for Communications and IT Milind Deora in a written reply to the Lok Sabha.

According to inputs received by the government, mobile towers have been set up by Ufone, Telenor, Yuang approximately 10 km from the international border in Rajasthan. On the Bangladesh side of the border, presence of signals from Bangladeshi mobile service company Axiata had also been detected in some districts of West Bengal.

'Similarly in some of the border towns of Jammu and Kashmir, the Pakistan mobile service providers' signals are present,' he added.

The spillover of mobile signals from foreign countries allows the use of mobile communication of corresponding countries from within the territory of India without having to pass through Indian telecom network infrastructure.

The ministry also said illicit use of SIM cards of service providers of foreign countries by people inside Indian territories along border areas had been reported.

The DoT said that radio signals propagation was a natural phenomenon and could only be minimised but not completely eliminated.

It had mulled the option of blocking mobile signals using jammers, but these were effective only for about 3-4 km.

'It is practically impossible to deploy so many jammers to block the mobile signals of the neighbouring countries.'

Deora said the DoT had submitted a concept paper to the South Asian Association for Regional Cooperation (SAARC) secretariat on the issue and it would be discussed in the next meeting of the group.