नई दिल्ली. जनलोकपाल बिल के लिए 10 दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने पीएम मनमोहन सिंह की ओर से अनशन तोड़ने की अपील ठुकरा दी है। उन्होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि शुक्रवार से ही उनकी शर्तों पर संसद में चर्चा होगी तभी वह अनशन तोड़ेंगे। अन्ना की तीन शर्तें हैं- 1. सभी दफ्तरों को लोकपाल के दायरे में लाया जाए। 2. राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाए। 3. सिटिजन चार्टर बनाया जाए।
सरकार को धोखेबाज करार देते हुए अन्ना ने कहा, ‘पीएम की प्रशंसा से झांसे में नहीं आने वाला हूं। कभी-कभी प्रशंसा में धोखा हो जाता है। यदि पीएम को मेरी सेहत की चिंता है तो उन्होंने 10 दिनों का वक्त क्यों लगाया। कल से ही संसद में जनलोकपाल पर चर्चा शुरू हो तभी मैं अनशन तोडूंगा। विपक्ष को भी अपना मौन तोड़ना होगा। तमाम राजनीतिक दल जनलोकपाल बिल से डरे हुए हैं।’
अन्ना हजारे ने साफ कर दिया कि यदि संसद में उनकी मांगों पर चर्चा शुरू हो गई तो केवल अनशन ही टूटेगा, लेकिन वह रामलीला मैदान में धरना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने हमें तीन सितंबर तक मैदान में धरना की अनुमति दी है लेकिन जब तक समस्या का हल नहीं होता है तब तक हमें रामलीला मैदान में बैठने की इजाजत दी जाए।’ अपने समर्थकों से जेल भरो आंदोलन का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ‘समाज की भलाई के लिए जेल में जाना अच्छी बात है। बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर हमारा संघर्ष जारी है।’
अन्ना ने कहा कि केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख उनके पास सरकार की ओर से संदेश लेकर आए थे जिसके जवाब में उन्होंने पीएम के पास अपनी तीन शर्तें भेज दी हैं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देशमुख रामलीला मैदान में अन्ना हजारे से मुलाकात करने पहुंचे थे। गौरतलब है कि अनशन के 10वें दिन देशमुख के रुप में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिनिधि अन्ना हजारे से मिलने पहुंचा। अन्ना हजारे से मिलने के बाद देशमुख के आवास पर कांग्रेस सांसदों संदीप दीक्षित, सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा की बैठक हुई। इसके बाद देशमुख पीएम के पास अन्ना का जवाब लेकर गए। अभी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से मीटिंग हो रही है। शाम छह बजे वित्त मंत्री पीएम आवास पर मनमोहन सिंह से मीटिंग करेंगे। इसके बाद सरकार की ओर से अन्ना की मांगों पर कोई बयान आने की उम्मीद है।
अन्ना की विपक्ष की ओर से स्थिति साफ किए जाने की मांग पर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार विपक्ष की अनुमति से लोकपाल बिल वापस ले। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जनलोकपाल बिल को आधार बनाकर संसद में चर्चा शुरू की जानी चाहिए।
इससे पहले अहमदनगर के भाजपा सांसद दिलीप गांधी ने अन्ना हजारे से बातचीत करने का दावा किया है। उन्होंने कहा, 'अगर अन्ना हजारे का जनलोकपाल बिल संसद में रखा जाता है और उस पर चर्चा होती है तो वह अनशन तोड़ सकते हैं।'
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