नई दिल्ली. सरकार की ओर से नाउम्मीद टीम अन्ना के आह्वान पर गुरुवार को उनके समर्थक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आवास घेरने पहुंचे। इन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने चार मेट्रो स्टेशन बंद करवा दिए। इसके बावजूद अन्ना समर्थक पहुंचे। 50 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। समर्थकों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में महिला प्रदर्शनकारियों ने तुगलक रोड थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों को चूडि़यां भेंट कीं।
टीम अन्ना ने सवेरे ही अपील की थी कि लोग शाम पांच बजे पीएम हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर उनसे जन लोकपाल बिल पारित कराने का निवेदन करें। इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने तीन बजे ही चार मेट्रो स्टेशन (जोरबाग, खान मार्केट, उद्योग भवन और रेस कोर्स) बंद करवा दिए। यही नहीं, प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस की ओर से टीम अन्ना को चिट्ठी भेज कर आगाह किया गया कि उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। साथ ही, यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री निवास के बाहर धारा 144 लगी हुई है। लेकिन टीम अन्ना ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया।
रामलीला मैदान में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रामलीला मैदान में पुलिस की संख्या बढ़ गई है। पुलिसकर्मियों को अन्ना के मंच के आसपास भी देखा जा रहा है। पुलिस की तैनाती रामलीला मैदान के बाहर भी बढ़ गई है। पुलिस ने शहर के अन्य स्थानों से रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे अन्ना समर्थकों को रोकने की कोशिश शुरू कर दी है। मैदान के मेन गेट पर भी दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी तादाद में तैनात हैं। गुरुवार को मैदान में बम निरोधक दस्ता भी पहुंच गया और मंच के आसपास जांच की।
दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे के अनशन के दसवें दिन हजारे और उनकी टीम पर शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अन्ना हजारे ने शर्तों का उल्लंघन किया है। दिल्ली पुलिस ने अन्ना और उनकी टीम पर पांच आरोप लगाए हैं। इसमें मंच से भड़काऊ भाषण देना, कार्यकर्ताओं पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप के अलावा रात दस बजे के बाद भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का आरोप शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना से यह भी शिकायत की है कि सरकारी डॉक्टर को अन्ना हजारे की जांच से रोका गया है। सड़क पर अन्ना समर्थकों द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने के भी आरोप लगे हैं। हालांकि रामलीला मैदान के मंच से बार-बार अपील की जा रही है कि भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाए और ना ही किसी नेता के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की जाए।
दरअसल, बुधवार रात 9 बजे एम्स के तीन डॉक्टरों की टीम रामलीला मैदान पहुंची थी। लेकिन टीम अन्ना ने इनसे अन्ना हजारे की जांच कराने से मना कर दिया। टीम अन्ना का आरोप है कि इन डॉक्टरों के बहाने अन्ना हजारे को अस्पताल ले जाने की कोशिश की जा रही थी। एम्स के डॉक्टरों और डॉ. नरेश त्रेहन की टीमें रामलीला मैदान में डटी हुई हैं।
दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर सुधीर यादव रामलीला मैदान पहुंचकर टीम अन्ना से बात की, जिसके बाद दिल्ली पुलिस का रुख सामने आया है। 16 अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार अन्ना हजारे को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जहां से रिहाई के आदेश आने के बाद भी अन्ना अड़ गए थे और कहा था कि उन्हें अनशन की इजाजत मिले। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ अन्ना हजारे को शांतिपूर्ण अनशन की इजाजत दे दी थी।
टीम अन्ना ने सवेरे ही अपील की थी कि लोग शाम पांच बजे पीएम हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर उनसे जन लोकपाल बिल पारित कराने का निवेदन करें। इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने तीन बजे ही चार मेट्रो स्टेशन (जोरबाग, खान मार्केट, उद्योग भवन और रेस कोर्स) बंद करवा दिए। यही नहीं, प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस की ओर से टीम अन्ना को चिट्ठी भेज कर आगाह किया गया कि उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। साथ ही, यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री निवास के बाहर धारा 144 लगी हुई है। लेकिन टीम अन्ना ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया।
रामलीला मैदान में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रामलीला मैदान में पुलिस की संख्या बढ़ गई है। पुलिसकर्मियों को अन्ना के मंच के आसपास भी देखा जा रहा है। पुलिस की तैनाती रामलीला मैदान के बाहर भी बढ़ गई है। पुलिस ने शहर के अन्य स्थानों से रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे अन्ना समर्थकों को रोकने की कोशिश शुरू कर दी है। मैदान के मेन गेट पर भी दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी तादाद में तैनात हैं। गुरुवार को मैदान में बम निरोधक दस्ता भी पहुंच गया और मंच के आसपास जांच की।
दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे के अनशन के दसवें दिन हजारे और उनकी टीम पर शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अन्ना हजारे ने शर्तों का उल्लंघन किया है। दिल्ली पुलिस ने अन्ना और उनकी टीम पर पांच आरोप लगाए हैं। इसमें मंच से भड़काऊ भाषण देना, कार्यकर्ताओं पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप के अलावा रात दस बजे के बाद भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का आरोप शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना से यह भी शिकायत की है कि सरकारी डॉक्टर को अन्ना हजारे की जांच से रोका गया है। सड़क पर अन्ना समर्थकों द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने के भी आरोप लगे हैं। हालांकि रामलीला मैदान के मंच से बार-बार अपील की जा रही है कि भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाए और ना ही किसी नेता के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की जाए।
दरअसल, बुधवार रात 9 बजे एम्स के तीन डॉक्टरों की टीम रामलीला मैदान पहुंची थी। लेकिन टीम अन्ना ने इनसे अन्ना हजारे की जांच कराने से मना कर दिया। टीम अन्ना का आरोप है कि इन डॉक्टरों के बहाने अन्ना हजारे को अस्पताल ले जाने की कोशिश की जा रही थी। एम्स के डॉक्टरों और डॉ. नरेश त्रेहन की टीमें रामलीला मैदान में डटी हुई हैं।
दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर सुधीर यादव रामलीला मैदान पहुंचकर टीम अन्ना से बात की, जिसके बाद दिल्ली पुलिस का रुख सामने आया है। 16 अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार अन्ना हजारे को गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जहां से रिहाई के आदेश आने के बाद भी अन्ना अड़ गए थे और कहा था कि उन्हें अनशन की इजाजत मिले। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ अन्ना हजारे को शांतिपूर्ण अनशन की इजाजत दे दी थी।
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