बुधवार, 10 अगस्त 2011

आंसू रोके और भाई के शव को लेकर खुद ही चल पड़ा



इंदौर। शहर..नहीं, प्रदेश का बड़ा अस्पताल..एमवायएच। स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया भी इसी शहर के हैं और आए दिन वे इसका दौरा ही करते रहते हैं। संभागायुक्त प्रभात पाराशर भी बीते सप्ताह में दो बार एमवाय अस्पताल पहुंच कर डॉक्टरों से लेकर निचले स्टाफ तक को नसीहत दे आए। सोमवार को भी दोनों ने देर रात तक बैठकें लीं, लेकिन मंगलवार दोपहर को यह सब बेमानी साबित हो गया, जब एक भाई को अपनी भाई के ही शव को स्ट्रेचर पर रखकर खुद मॅच्र्यूरी तक ले जाना पड़ा।

बरसते पानी में एक व्यक्ति स्ट्रेचर पर भाई के शव को खींचकर मॅच्र्यूरी तक ले जा रहा था। उसके आंसू बारिश के पानी के साथ बहते जा रहे थे, लेकिन बेशर्मी की हद तो यह हुई कि इस अमानवीय व्यवहार पर अस्पताल के ऊपर से लेकर निचले स्टाफ तक किसी को भी अफसोस नहीं था।




खंडवा जिले के रोहनी गांव के भगवान के भाई अशोक पिता प्यार सिंह ने नि:संतान होने के दु:ख में जहर खा लिया था। मंगलवार को एमवायएच में ही उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करवाने की परची लिख दी, लेकिन लगभग आधे घंटे तक कोई वार्डबॉय नहीं आया। भाई की मौत का गम सीने में दबाकर भगवान ने स्ट्रेचर खींचा और भाई का शव रखा।




अशोक के रिश्तेदार हरिसिंह चंदेल ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उसे कहां ले जाएं। अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी को पीएम रूम के बारे में पूछा, तो उन्होंने रास्ता बता दिया। पांचवी मंजिल से खींचते हुए तल मंजिल तक उतरा और फिर बरसते पानी में अस्पताल परिसर से मॅच्र्यूरी तक लगभग 10 मिनट तक उसे खींचते हुए ले गया।




उसकी आंखों में यह सवाल था कि क्या मौत के बाद भी भाई को दर्द (अव्यवस्थाओं का) सहना पड़ेगा? नियम कहता है कि शव को मॅच्र्यूरी तक ले जाने के लिए शव वाहन होते हैं, लेकिन एक भी गाड़ी अस्पताल के टीन सेट से बाहर नहीं निकली। शाम 4 बजे जाकर पोस्टमार्टम हो पाया। शव सुपुर्द करने के समय पोस्टमार्टम कर रहे कर्मचारियों ने भगवान से कफन के लिए 700 रुपए मांगे। मरने के बाद भी सौदा..भगवान ने बताया जब तक हमने 500 रुपए नहीं दिए तब तक भाई का शव नहीं मिला।




आंखों देखी
एमवाय अस्पताल के नियमों के अनुसार किसी भी शव को वार्ड से भूतल तक लाने के जिम्मेदारी वार्ड बॉय की होती है। परिसर से मॅच्र्यूरी तक ले जाने के लिए शव वाहन होते हैं, लेकिन अशोक का शव ले जाने के लिए एक भी गाड़ी अस्पताल के टीन सेट से बाहर नहीं निकली।

बिहार की यह महिला बन गई दुनिया में अजूबा...

पटना. वह करोड़ों में एक है। भगवान ने ही उसे कुछ खास बनाया है। सब महिलाओं में एक बच्चेदानी होती है। उसके दो हैं। उसे यह बात पहले बच्चे के जन्म के दौरान पता चली। जब डॉक्टरों ने बताया तो उसे खुशी हुई पर ये नहीं पता था कि अगली बार उसके दोनों गर्भाशयों में भ्रूण पल रहे होंगे।

पटना की 28 साल की रिंकू के एक बेटा है। दूसरी बार जब वह गर्भवती हुई तो उसे बताया गया कि उसे अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी क्योंकि उसकी दोनों बच्चे दानियों में भ्रूण है। इतनी ही नहीं यह खबर विदेश की कई साइटों और अखबारों में भी प्रमुखता से छपी है। और हर जगह इस खबर पर हैरानगी जाहिर की गई है। इस बार रिंकू ने प्रीमेच्योर बच्चों को जन्म दिया है।



एक बेटा डेढ़ किलो का है और दूसरा 2 किलो का। डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर दीप्ति सिंह ने कहा कि ऐसा बहुत कम होता है। रिंकू के दोनों बच्चों का जन्म सिजेरियन सर्जरी से हुआ। ऑप्रेशन एक घंटा चला, लेकिन यह बेहद दुर्लभ मामला है। रिंकू तो हैरान है ही लेकिन उसके विचित्र शरीर ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया।

जोधपुर: वकीलों ने किया पंजीयन कार्यालय पर हंगामा



पंजीकरण प्रक्रिया के संबंध में जारी नए दिशा निर्देश लागू करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने दिया धरना

जोधपुर। कचहरी स्थित उपमहानिरीक्षक पंजीयन एवं पदेन कलक्टर मुद्रांक कार्यालय पर वकीलों ने बुधवार सुबह से धरना दिया तथा कार्यालय में पंजीयन करवाने जाने वालों को रोका तथा उनके साथ धक्का मुक्की भी की। वकीलों ने कार्यालय में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ डाले तथा कार्यालय परिसर के सामने नारेबाजी की।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के सह सचिव अनिल गौड़ तथा पूर्व महासचिव नाथूसिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले माह तक पंजीयन कार्यालय में प्रदेश विधान सभा में पारित एनीव्हेयर रजिस्ट्रेशन नीति से पंजीयन किया जा रहा था, जिससे एक रजिस्ट्री करवाने में आधे से पौन घंटा भी नहीं लगता था।


लेकिन अब पंजीकरण प्रक्रिया बदलने के साथ ही सभी रजिस्ट्रियों के लिए सिर्फ एक स्थान पर दस्तावेज जमा करवाने होते हैं जिन्हें उपमहानिरीक्षक चैक करने के बाद मार्क करते हैं तथा बाद में रजिस्टर में इन्द्राज कर विभिन्न क्षेत्राधिकार वाले पंजीयक के पास भेजा जाता है। इससे पूरा दिन खराब होता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने पूर्व में जिला कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दिया था, लेकिन विभाग की ओर से हठधर्मिता दिखाए जाने पर वकीलों के सामने संघर्ष के अलावा कोई चारा नहीं रहा।
इधर उपमहानिरीक्षक पंजीयन बीआर चौधरी ने कहा कि उनके सामने महानिरीक्षक की ओर से जारी निर्देश मानने की बाध्यता है तथा विदिन फ्रेम वर्क वे अधिवक्ताओं के सभी तरह के सुझाव मानने को तैयार हैं।

कलयुगी मां ने बेच डाली नाबालिग बेटी!

कलयुगी मां ने बेच डाली नाबालिग बेटी!

उदयपुरवाटी। गुढ़ागौड़जी थाना क्षेत्र में एक महिला पर अपनी ही नाबालिग बेटी को बेचने के आरोप लगे हैं। यह आरोप किशोरी की ओर से आपबीती बताए जाने के बाद उसके मामा ने लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि बुधवार सुबह तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

पुलिस के मुताबिक अभी तक जो मामला सामने आया है, उसके मुताबिक बीते सत्र में कक्षा छह की परीक्षा पास करने वाली 15 वर्षीय किशोरी को उसकी मां 24 जून 2011 को कपड़े दिलाने के बहाने घर से बाजार ले गई। आरोप है कि गुढ़ागौड़जी के घूमचक्कर के पास की गली में पहले से मोहनलाल बगडिया निवासी गुढ़ागौड़जी, अशोक निवासी ठिकरिया सहित कुछ लोग गाड़ी लिए खड़े थे। मां बेटी जब गाड़ी से होकर गुजरे तो वहां मौजूद लोगों ने किशोरी को गाड़ी में डालकर मुंह पर कपड़ा बांध दिया और पहाड़ की ओर लेकर चले गए।

फिर उसे जबरदस्ती नए कपड़े पहनाए और पहाड़ी पर स्थित मंदिर में पीपल के पेड़ के नीचे थोड़ी आग जलाकर दो चक्कर लगवाए। उसके बाद वे लोग उसे ठिकरिया अशोक के घर लेकर चले गए। उसे वहां सात-आठ दिन रखा एवं वहां अशोक ने जबरदस्ती ज्यादती की। अशोक ने किशोरी को बताया कि उसकी मां व दलाल को उसने दो लाख 15 हजार रूपए देकर उसे खरीद लिया है। उसे अब यहीं पर रहना होगा। कुछ दिन बाद किशोरी ने अशोक से अपने वृद्घ दादा से मिलवाने का आग्रह किया। अशोक इसके लिए तैयार हो गया और जब किशोरी अपने दादा के पास पहुंची तो आप बीती सुनाई। उसने अपने मामा को भी पूरी घटना बताई। मामला खुलने के बाद किशोरी के मामा ने पुलिस को सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई।

रेगिस्तान में मेघ मल्हार .....सुंदर नज़ारे देखिये


रेगिस्तान में मेघ मल्हार .....सुंदर नज़ारे देखिये 


























रे गिस्तान में मेघ मल्हार .....सुंदर नज़ारे देखिये 
.मंगलवार को शुरूहुई बरसात बुधवार को भी जारी रही ,...रेगिस्तानी इलाको की प्राकृतिक  सुन्दरता बरसात की बूंदों में देखते बनती हें.....रेगिस्तान में बरसात के नज़ारे आपको दिखाते हें.....

कोर्ट परिसर की दीवार फांद भागा गैंगस्टर

कोर्ट परिसर की दीवार फांद भागा गैंगस्टर

जोधपुर/फलोदी। हत्या के मामले में जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा शातिर गैंग लीडर प्रदीप गोदारा मंगलवार अपराह्न फलोदी में न्यायालय परिसर की दीवार फांद कर भाग निकला। पुलिस ने पूरे राज्य में नाकाबंदी करवाई, लेकिन गैंगस्टर का कोई सुराग नहीं लग पाया।

पुलिस के अनुसार बीकानेर में बज्जू थानांतर्गत नगरासर गांव निवासी प्रदीप गोदारा पुत्र रामेश्वर विश्नोई शातिर गैंग लीडर है। उसके खिलाफ जोधपुर, बीकानेर व अन्य जिलों में पुलिस पर फायरिंग, जानलेवा हमला, हत्या व वाहनों को आग लगाने सहित करीब तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।

वह हत्या के एक मामले में जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा है। बाप थाना क्षेत्र में ट्रक जलाने के एक मामले में मंगलवार को फलोदी के एसीजेएम कोर्ट में उसकी पेशी थी। इसके लिए जोधपुर ग्रामीण पुलिस के दो हथियारबंद सहित आठ चालानी गार्ड प्रदीप व चार अन्य बंदियों को लेकर फलोदी कोर्ट पहुंचे।

पेशी के दौरान अपराह्न सभी कोर्ट परिसर के खुले भाग में बैठे थे। इसी बीच, प्रदीप चालानी गार्ड की आंखों में धूल झोंकते हुए चम्पत हो गया। इससे पहले कि चालानी गार्ड कुछ समझ पाते, वह दीवार फांद कर कुछ दूर खड़ी मोटरसाइकिल पर बैठ कर आंखों से ओझल हो गया।

नागौर की तरफ फरार
प्रदीप के भाग निकलने की सूचना के बाद फलोदी के कार्यवाहक थाना प्रभारी भंवरसिंह राजपुरोहित घटना स्थल पहुंचे और जिले भर में नाकाबंदी करवा कर तलाश शुरू की। पुलिस का कहना है कि मोटरसाइकिल पर भागने के बाद प्रदीप ने रास्ते में वाहन बदल लिया। वह बोलेरो कैम्पर में बैठ कर नागौर की तरफ भागा। देर रात तक आरोपी की तलाश जारी थी।

फरार प्रेमी युगल के खिलाफ मौत का फरमान

फरार प्रेमी युगल के खिलाफ मौत का फरमान

मुजफ्फरनगर। प्रेम विवाह और सगोत्र विवाह पर समाज के ठेकेदार अपना "तुगलकी फरमान" अक्सर सुनाते रहते हैं। इसी क्रम में एक पंचायत ने समान जाति और गोत्र के प्रेमी युगल के फरार हो जाने पर प्रेमी के परिजनों को सजा के तौर पर समाज से अलग कर दिया है। इतना ही नहीं, प्रेमी के परिजनों को घर से बाहर निकलने, बच्चों के स्कूल जाने, सरकारी नल से पानी पीने और प्रेमी युगल के गांव लौटने पर मौत का फरमान जारी कर दिया।

यह मामला मुजफ्फरनगर जनपद के तितावी थाना क्षेत्र के गांव हैदरनगर का है जहां के रहने वाले नीटू और संतेश पिछले पांच साल से एक-दूसरे से मोहब्बत करते हैं लेकिन इनकी बेपनाह मोहब्बत प्रेमिका संतेश के परिजनों और गांव के लोगों को मंजूर नहीं थी, इसलिए कि दोनों एक ही गांव और एक ही बिरादरी के साथ-साथ एक ही गोत्र के हैं। लिहाजा, प्रेमिका के घर वालों ने प्रेमिका की शादी प्रेमी से न कर दूसरी जगह तय कर दी।

प्रेमिका को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, इसलिए नीटू और संतेश ने घर और समाज की परवाह किए बगैर घर और गांव से भागकर मेरठ में "कोर्ट मैरिज" कर ली। दोनों के बालिग होने के कारण अदालत ने शादी के दस्तावेजों पर मुहर लगा दी। प्रेमी युगल की शादी की बात जब गांव के लोगों को पता चला तो पिछले रविवार को गांव में 36 कौम की पंचायत बुलाई गई जिसमें सभी बिरादरी के मुखियाओं ने प्रेमी युगल के साथ प्रेमी नीटू के परिजनों को सजा सुनाई।

सजा के तौर पर नीटू के घर के लोगों को समाज से दूरी बनाए रखने, गांव में किसी भी दुकान से सामान न खरीदने, बच्चों को स्कूल न भेजने, सरकारी नल या कहीं से पानी न भरने के साथ-साथ प्रेमी युगल के गांव में लौटने पर मौत का फरमान जरी कर दिया। इतना ही नहीं, इन लोगों से बात करने या मदद करने वाले पर पचीस हजार रूपये का आर्थिक दंड भी सुनाया गया।

तितावी के पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय कुमार ने कहा कि प्रेम युगल को सुरक्षा दी जाएगी तथा मामले की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। पंचायत के इस फरमान को प्रेमिका पक्ष के लोगों की रजामंदी तो मिल गई मगर नीटू की बूढ़ी मां और भाई-भाभी के साथ-साथ छोटे बच्चों को खाने-पीने और स्कूल जाने के लाले पड़ गए। अब यह पीडित परिवार अपने ही घर में सिमट कर रह गया है। पंचायत के इस फरमान से जहां प्रेमी पक्ष के लोगों में दहशत है, वहीं प्रेमिका के परिजन पंचायत के फरमान को सही बता रहे हैं। वे नीटू पर युवती संतेश को बहला-फुसला कर भगाने का आरोप लगा रहे हैं।

Hoga Tumse Pyara Kaun

अरे होगा तुमसे प्यारा कौन हमको तो तुमसे है है कँचन है कँचन प्यार ऊँचे घरवाली हो या गलियों की रानी कोई भी हो तुम रहती हो कहीं तुमसे बढ़के यारा कौन हमको तो तुमसे है हे .

ड्रेस बदलती छात्रा की बनाई अश्लील क्लिपिंग, मचा हंगामा



अम्बाला. कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में मंगलवार को एक छात्र ने स्वतंत्रता दिवस समारोह की रिहर्सल के बाद ड्रेस बदल रही छात्रा की मोबाइल के जरिये वीडियो क्लिप बना ली।


कुछ छात्राओं ने उसे ऐसा करते देख लिया और शोर मचाते हुए उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन छात्र वहां से भाग निकला। इसके बाद छात्राओं ने घटना की जानकारी मौके पर मौजूद अपनी टीचर को दी।


टीचर ने घटना की जानकारी तुरंत स्टेडियम में मौजूद पुलिस टीम को दी जिसने नाटकीय घटनाक्रम के बाद आरोपी छात्र को पकड़ लिया और मोबाइल फोन से वीडियो क्लिप डिलीट करवा दी।


मंगलवार को वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में लड़कों के जिलास्तरीय खेलकूद मुकाबले चल रहे थे जिनमें शहजादपुर गवर्नमेंट स्कूल की टीम भी आई हुई थी। उधर सुबह इसी स्टेडियम में अम्बाला कैंट के एक स्कूल की छात्राएं भी स्वतंत्रता दिवस समारोह की रिहर्सल कर रही थीं।


रिहर्सल के बाद जब एक छात्रा स्टेडियम की सीढ़ियों के पीछे जाकर ड्रेस बदल रही थी तो मैदान में खड़े एक छात्र ने उसकी वीडियो क्लिप बना ली। उसी समय दूसरी छात्राओं की नजर छात्र पर पड़ गई।


जब उन्होंने छात्र को रुकने के लिए तो वह भाग निकला और जाते समय वीडियो क्लिप इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी भी दे गया। छात्राओं ने शोर मचाया और घटना की जानकारी स्टेडियम में ही मौजूद अपनी टीचर को दी।


टीचर ने तुरंत स्टेडियम में ड्यूटी दे रहे सब इंस्पेक्टर प्रेमपाल व अन्य स्टाफ से संपर्क किया। शक के आधार पर पुलिस ने तीन-चार युवकों को पकड़कर उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए। इन्हीं युवकों से पुलिस को पता चला कि वीडियो क्लिप बनाने वाला छात्र शहजादपुर स्कूल का स्टूडेंट है।


उधर आरोपी छात्र थोड़ी देर बाद कमीज की जगह टी-शर्ट पहनकर दोबारा स्टेडियम पहुंच गया ताकि कोई उसे पहचान न सके। हालांकि वह अपने मकसद में सफल नहीं हुआ और छात्राओं ने देखते ही उसे पहचान लिया।


पुलिस ने जब छात्र को पकड़कर पूछताछ की तो वह शुरू में इसी बात पर अड़ा रहा कि उसने कोई वीडियो क्लिप नहीं बनाई। जब उससे उसका मोबाइल फोन मांगा गया तो छात्र ने कहा कि मोबाइल फोन उसके दोस्त का था और वह अपना फोन वापस ले गया है।


पुलिस ने जब उसके दोस्त का नंबर मांगा तो वह नंबर नहीं बता पाया। जब पुलिस ने शहजादपुर से टीम के साथ आए स्कूल इंचार्ज को बुलाकर आरोपी छात्र के माता-पिता को बुलाने के लिए कहा तो छात्र घबरा गया और अपनी गलती मान ली।


उसके बाद पुलिस ने मोबाइल फोन मंगवाकर उससे क्लिप डिलीट कराई। एसआई प्रेमपाल ने बताया कि कोई लिखित शिकायत न होने के कारण छात्र को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।