हाईकोर्ट का निर्णय लागू होगा
जयपुर। हाल में हाईकोर्ट से मिली अवमानना की चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने नौकरियों में पदोन्नति में री-गेनिंग के मामले में हाईकोर्ट केपांच फरवरी 10 के निर्णय की पालना की कवायद तेज कर दी है। इस बारे में हाल ही कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास फाइल भेजी थी। सूत्रों का कहना है कि इसे मुुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के अनुसार, विभाग ने फाइल भेज मुख्यमंत्री को बताया था कि पांच फरवरी 10 के आदेश की पालना नहीं होने के मामले में अवमानना याचिका पर 23 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई है। अवमानना कार्यवाही से बचने के लिए सरकार को 18 अगस्त तक जवाब तैयार करना है क्योंकि 19 से 22 अगस्त तक अवकाश है। मुख्यमंत्री की ओर से टिप्पणी भेजी गई कि न्यायालय के निर्णय का पालन किया जाए। माना जा रहा है निर्णय की पालना से वर्ष 1997 से अब तक जारी अधिकारियों-कर्मचारियों की वरिषता सूचियां प्रभावित होंगी।
सरकार मान रही है षड्यंत्र : सरकार पदोन्नति-रीगेनिंग मामले में मोबाइल एसएमएस अभियान को षड्यंत्र के रूप में देख रही है।
शुक्रवार रात को एक अधिकृत सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में अभी भटनागर समिति की रिपोर्ट नहीं आई है, जो अदालती फैसला लागू करने के तरीके पर अपनी सिफारिश देगी। कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए षड्यंत्रपूर्वक कर्मचारियों में गलतफहमी और विद्वेष फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। मामले में शुक्रवार को एसएमएस चलाए गए हैं, जो उसी शरारत का हिस्सा है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इसे षड्यंत्र से जोड़कर देख रही है।
जयपुर। हाल में हाईकोर्ट से मिली अवमानना की चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने नौकरियों में पदोन्नति में री-गेनिंग के मामले में हाईकोर्ट केपांच फरवरी 10 के निर्णय की पालना की कवायद तेज कर दी है। इस बारे में हाल ही कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास फाइल भेजी थी। सूत्रों का कहना है कि इसे मुुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के अनुसार, विभाग ने फाइल भेज मुख्यमंत्री को बताया था कि पांच फरवरी 10 के आदेश की पालना नहीं होने के मामले में अवमानना याचिका पर 23 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई है। अवमानना कार्यवाही से बचने के लिए सरकार को 18 अगस्त तक जवाब तैयार करना है क्योंकि 19 से 22 अगस्त तक अवकाश है। मुख्यमंत्री की ओर से टिप्पणी भेजी गई कि न्यायालय के निर्णय का पालन किया जाए। माना जा रहा है निर्णय की पालना से वर्ष 1997 से अब तक जारी अधिकारियों-कर्मचारियों की वरिषता सूचियां प्रभावित होंगी।
सरकार मान रही है षड्यंत्र : सरकार पदोन्नति-रीगेनिंग मामले में मोबाइल एसएमएस अभियान को षड्यंत्र के रूप में देख रही है।
शुक्रवार रात को एक अधिकृत सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में अभी भटनागर समिति की रिपोर्ट नहीं आई है, जो अदालती फैसला लागू करने के तरीके पर अपनी सिफारिश देगी। कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए षड्यंत्रपूर्वक कर्मचारियों में गलतफहमी और विद्वेष फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। मामले में शुक्रवार को एसएमएस चलाए गए हैं, जो उसी शरारत का हिस्सा है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार इसे षड्यंत्र से जोड़कर देख रही है।