शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

किसानों का बकाया विद्युत शुल्क माफ


फ्लेट रेट उपभोक्ताओं पर बिजली कंपनियों ने निकाल रखी थी बकाया राशि, सरकार ने पहले की थी किसानों से बढ़ी हुई दर नहीं लेने की घोषणा

जयपुर। राज्य सरकार ने उन किसानों पर विद्युत शुल्क की बकाया राशि माफ कर दी है जो बिना मीटर यानी फ्लेट रेट पर बिजली का उपयोग कर रहे थे। इस फैसले से राज्य के करीब 2.50 लाख किसानों को 2.75 प्रति हार्स पावर के हिसाब से फायदा होगा।

वित्त विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार 1 जनवरी, 2005 से 6 जुलाई 2010 तक की अवधि में जिन कृषि उपभोक्ताओं पर बिजली बिल में विद्युत शुल्क की दर 4.25 रुपए प्रति हार्स पावर से ज्यादा लगाई गई है, उसे कम कर दिया गया है।इस तरह अब ऐसे उपभोक्ताओं को बकाया राशि जमा नहीं करानी होगी।

बिजली कंपनी के अनुसार फ्लेट रेट किसानों के लिए पहले 85 रुपए प्रति हार्स पावर की टैरिफ रेट थी। जनवरी, 2005 में इसे बढ़ाकर 140 रुपए कर दिया गया था। बाद में राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि बढ़ी हुई दर में बाकी राशि राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में देगी, किसानों पर इसका भार नहीं आएगा।इस तरह राज्य सरकार ने अंतर की राशि 55 रुपए की दर से बिजली कंपनियों को सब्सिडी दे दी। परन्तु इस पर लगने वाले विद्युत शुल्क में कोई राहत नहीं दी गई थी।

बिजली कंपनियों ने फ्लेट रेट उपभोक्ताओं के बिल में 140 रुपए के टैरिफ पर 5 प्रतिशत के हिसाब से विद्युत शुल्क 7 रुपए जोड़ दिया। जबकि इससे पहले 85 रुपए पर 4.25 रुपए प्रति हार्स पावर प्रतिमाह लिए जा रहे थे।
किसानों की आपत्ति के बाद बिजली कंपनियों ने 7 जुलाई 2010 को विद्युत शुल्क को भी घटाकर 4.25 रुपए कर दिया था। परन्तु 1 जनवरी, 2005 से 6 जुलाई 2010 की बकाया राशि बिलों में जोड़ी जाती रही।राज्य सरकार ने अब इस राशि को भी माफ कर दिया है।

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