शनिवार, 9 मार्च 2019

बाड़मेर सुनीता 'राष्ट्रीय नारी गौरव 2019 अवार्ड' से सम्मानित

बाड़मेर सुनीता 'राष्ट्रीय नारी गौरव 2019 अवार्ड' से सम्मानित

बाड़मेर। बाड़मेर की बेटी सुनीता को जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम में 'राष्ट्रीय नारी गौरव 2019 अवार्ड' से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम स्टील भवन शास्त्री सर्किल पर कैवल्य संस्थान जोधपुर द्वारा आयोजित करवाया गया। कार्यक्रम में प्रदेश भर की 51 मगिलाओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईपीएस पंकज चौधरी, विशिष्ट अतिथि मुकुल चौधरी व विक्रमसिंह राजपुरोहित ने महिलाओं को 'राष्ट्रीय नारी गौरव के पुरुस्कार से सम्मानित किया। संस्थान की अध्यक्ष निशा राठौड़ ने बताया कि राजस्थान ने विभिन्न जिलों की 51 महिलाओं को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। जिसमें बाड़मेर की सुनीता चौधरी को संगीत के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम, मतदाता जागरूकता, सड़क सुरक्षा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अहम कार्यक्रमो में आमजन को जोड़ने के के लिए सम्मानित किया गया। सुनीता चौधरी जैसलमेर में महिला कांस्टेबल के पद पर तैनात है। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि आईपीएस पंकज चौधरी ने कहा कि आज की नारी पुरुषों से कहीं कम नही है। उन्होंने कहा कि महिलाओ को सम्मान के साथ अधिकार मिले।

शुक्रवार, 8 मार्च 2019

मानवेंद्र पर बोले गहलोत...मेरी नजर में विनिंग कैंडिडेट ही क्राइटेरिया है...

मानवेंद्र पर बोले गहलोत...मेरी नजर में विनिंग कैंडिडेट ही क्राइटेरिया है...


जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उनसे मानवेंद्र के बाड़मेर से चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल किया गया. इस पर गहलोत ने एक बात साफ कर दिया कि उम्मीदवार उसी को बनाया जाएगा जो जिताऊ हो.

गहलोत से जब पूछा गया कि पार्टी ने घोषणा की थी कि किसी भी विधायक और हारे हुए उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया जाएगा तो क्या ऐसी स्थिति में हरीश चौधरी या मानवेंद्र को बाड़मेर से उम्मीदवार बनाया जाएगा. इस पर गहलोत का कहना था कि किसे टिकट मिलेगा या नहीं. यह आलाकमान तय करता है लेकिन मेरी नजर में उम्मीदवार की योग्यता जीतना ही सबसे बड़ी है. यह कह कर गहलोत ने यह साफ कर दिया कि पार्टी को जीतने वाले उम्मीदवार चाहिए. विधायक हो या हारे हुए उम्मीदवार.


इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी यह कह चुके हैं कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा. और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे साफ कर दिया. इसका मतलब है कि इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस वर्तमान विधायक या हारे हुए उम्मीदवार को भी टिकट दे सकती है. इसी ऐलान के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस बाड़मेर-जैसलमेर सीट से प्रत्याशी बना सकती है.


इस बीच जब अशोक गहलोत मीडिया से बात कर रहे थे तो उनसे पूछा गया कि क्या वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव लड़ाया जा रहा है. तो उनका कहना था कि मैंने 15 साल से उन्हें रोक रखा था लेकिन अब कह रखा है वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन मेरे खाते से नहीं. वे पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कहीं से भी चुनाव लड़ें. 25 सदस्य किसी भी सीट से चुनाव लड़े मेरी कोई बाध्यता नहीं है. मेरी तरफ से हां है लेकिन वह चुनाव कहां से लड़ेंगे यह आलाकमान को ही तय करना है.


गहलोत ने कहा कि वैभव पार्टी के 15 साल से काम कर रहे हैं. विभिन्न पदों के साथ विधानसभा चुनाव में भी वो सक्रिय रहे हैं. कैंपेन में गए हैं. मेरे चुनाव प्रचार में भी आए थे और जिन्होंने भी बुलाया है उनके चुनाव प्रचार में वह जाते रहते हैं. ऐसे में आलाकमान को तय करना है उनको चुनाव लड़ना है या नहीं.

मानवेन्द्र सिंह की अशोक गहलोत के साथ लम्बी मन्त्रणा*

मानवेन्द्र सिंह की अशोक गहलोत के साथ लम्बी मन्त्रणा*


*जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व सांसद विधायक मानवेन्द्र सिंह के बीच सर्किट हाउस में लम्बी राजनीतिक मन्त्रणा चली।।आज सर्किट हाउस में पश्चिमी राजस्थान के दिग्गज नेता मानवेन्द्र सिंह के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्षेत्र की राजनीतिक हालातो पे लम्बी मन्त्रणा की।।सर्किट हाउस में गहलोत से मिलने केबिनेट मंत्री साले मोहम्मद भी मौजूद थे।।इस दौरान मानवेन्द्र सिंह से आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर लम्बी चर्चा हुई।।*

बाड़मेर,12 पाक विस्थपितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित

बाड़मेर,12 पाक विस्थपितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित

बाड़मेर, 08 मार्च। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता द्वारा बाड़मेर जिले में निवासरत 12 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता के मूल नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इसमें सात महिलाओं एवं पांच पुरूषों सहित कुल 12 नागरिक शामिल थे।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र वितरण के लिए आयोजित शिविर के दौरान पाक विस्थापित  हमीरसिंह पुत्र उदयसिंह, पदमसिंह पुत्र कल्याणसिंह, दलपतसिंह पुत्र डूंगरसिंह, श्रीमती लक्ष्मीबाई पत्नी हितेंद्रसिंह, दरबारसिंह पुत्र कल्याण सिंह, श्रीमती पारस बाई पत्नी भीमसिंह, श्रीमती एवनबाई पत्नी राजपालसिंह, श्रीमती कविता बाई पत्नी सुरेन्द्रसिंह, श्रीमती उगम उर्फ पुस्त बाई पत्नी देवेन्द्रसिंह, मोहरसिंह पुत्र गोकुल सिंह, श्रीमती नखतकंवर पुत्री गोरधन सिंह एवं श्रीमती लालूबाई पुत्री वाघो जी को भारतीय नागरिकता के मूल नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने सभी को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि भारतीय नागरिकता मिलने के बाद उन्हें पहली बार मतदान करने का अवसर मिलेगा तथा भारत के नागरिक के सभी अधिकार मिलेंगे। उन्होने सभी से आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान आवश्यक रूप से मतदान करने को कहा। उन्होने उपस्थित बीएलओं से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले सभी लोगांे के आवश्यक रूप से मतदाता सूची में नाम जोडने के निर्देश दिए। शिविर के दौरान जिला कलक्टर ने नागरिकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले दलपतसिंह, दरबारसिंह, हमीरसिंह आदि से भारत में निवास की अवधि, व्यवसाय आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होने कहा कि चुनाव की दृष्टि से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वालों मे से आईकॉन नियुक्त किया जाएगा। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, उपखण्ड अधिकारी नीरज मिश्र, सहायक निदेशक नानकचन्द चन्द्रोदय, गृह विभाग के कार्मिक रवि सिंह राजपूत सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

महिला दिवस: राष्ट्रपति ने बाड़मेर की बेटी रूमा को प्रदान किया 'नारी शक्ति पुरस्कार'

महिला दिवस: राष्ट्रपति ने बाड़मेर की बेटी रूमा को प्रदान किया 'नारी शक्ति पुरस्कार'


अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने महिला सशक्तीकरण में विशेष योगदान करने के लिए शुक्रवार को 44 महिलाओं और संस्थानों को नारी शक्ति पुरस्कार 2018 प्रदान किए. इनमें में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटे थार के बाड़मेर जिले की बेटी रूमादेवी को हस्तशिल्प के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए 'नारी शक्ति पुरस्कार' से नवाजा गया. मरुधरा की बेटी को यह सम्मान आगामी राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया.


रूमा ने साधारण कपड़ों पर अपनी कड़ी मेहनत से रंगबिरंगे धागों से जो स्वर्णिम इबारत बनाई वह देश ही नहीं दुनियाभर में छा गई. कपड़े पर बारीक कारीगरी और रंगों के अद्भुत संयोजन के जरिए रूमा देवी ने सात समंदर पार तक अपने काम की पहचान बनाई है. वर्ष 2008 में महज आठ महिलाओं के साथ शुरू किया गया रूमा का यह सफर आज 22 हजार महिलाओं के विशाल कारवां के रूप में दुनिया के सामने है.बाड़मेर के सांगाणा कुंआ- रावतसर की बेटी और मंगले की बेरी की बहू रूमादेवी की इस बेहतरीन कारीगरी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पहचाना और उसका चयन राष्ट्रीय सम्मान के लिए कर लिया. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले विशेष सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्वारा रूमा को सम्मानित किया गया. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि के लिए ग्रामीण विकास एंवम चेतना संस्थान की अध्यक्ष रूमादेवी को एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.