मानवेंद्र पर बोले गहलोत...मेरी नजर में विनिंग कैंडिडेट ही क्राइटेरिया है...
जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उनसे मानवेंद्र के बाड़मेर से चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल किया गया. इस पर गहलोत ने एक बात साफ कर दिया कि उम्मीदवार उसी को बनाया जाएगा जो जिताऊ हो.
गहलोत से जब पूछा गया कि पार्टी ने घोषणा की थी कि किसी भी विधायक और हारे हुए उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया जाएगा तो क्या ऐसी स्थिति में हरीश चौधरी या मानवेंद्र को बाड़मेर से उम्मीदवार बनाया जाएगा. इस पर गहलोत का कहना था कि किसे टिकट मिलेगा या नहीं. यह आलाकमान तय करता है लेकिन मेरी नजर में उम्मीदवार की योग्यता जीतना ही सबसे बड़ी है. यह कह कर गहलोत ने यह साफ कर दिया कि पार्टी को जीतने वाले उम्मीदवार चाहिए. विधायक हो या हारे हुए उम्मीदवार.
इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी यह कह चुके हैं कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा. और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे साफ कर दिया. इसका मतलब है कि इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस वर्तमान विधायक या हारे हुए उम्मीदवार को भी टिकट दे सकती है. इसी ऐलान के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस बाड़मेर-जैसलमेर सीट से प्रत्याशी बना सकती है.
इस बीच जब अशोक गहलोत मीडिया से बात कर रहे थे तो उनसे पूछा गया कि क्या वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव लड़ाया जा रहा है. तो उनका कहना था कि मैंने 15 साल से उन्हें रोक रखा था लेकिन अब कह रखा है वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन मेरे खाते से नहीं. वे पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कहीं से भी चुनाव लड़ें. 25 सदस्य किसी भी सीट से चुनाव लड़े मेरी कोई बाध्यता नहीं है. मेरी तरफ से हां है लेकिन वह चुनाव कहां से लड़ेंगे यह आलाकमान को ही तय करना है.
गहलोत ने कहा कि वैभव पार्टी के 15 साल से काम कर रहे हैं. विभिन्न पदों के साथ विधानसभा चुनाव में भी वो सक्रिय रहे हैं. कैंपेन में गए हैं. मेरे चुनाव प्रचार में भी आए थे और जिन्होंने भी बुलाया है उनके चुनाव प्रचार में वह जाते रहते हैं. ऐसे में आलाकमान को तय करना है उनको चुनाव लड़ना है या नहीं.
जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उनसे मानवेंद्र के बाड़मेर से चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल किया गया. इस पर गहलोत ने एक बात साफ कर दिया कि उम्मीदवार उसी को बनाया जाएगा जो जिताऊ हो.
गहलोत से जब पूछा गया कि पार्टी ने घोषणा की थी कि किसी भी विधायक और हारे हुए उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया जाएगा तो क्या ऐसी स्थिति में हरीश चौधरी या मानवेंद्र को बाड़मेर से उम्मीदवार बनाया जाएगा. इस पर गहलोत का कहना था कि किसे टिकट मिलेगा या नहीं. यह आलाकमान तय करता है लेकिन मेरी नजर में उम्मीदवार की योग्यता जीतना ही सबसे बड़ी है. यह कह कर गहलोत ने यह साफ कर दिया कि पार्टी को जीतने वाले उम्मीदवार चाहिए. विधायक हो या हारे हुए उम्मीदवार.
इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी यह कह चुके हैं कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा. और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे साफ कर दिया. इसका मतलब है कि इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस वर्तमान विधायक या हारे हुए उम्मीदवार को भी टिकट दे सकती है. इसी ऐलान के बाद सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस बाड़मेर-जैसलमेर सीट से प्रत्याशी बना सकती है.
इस बीच जब अशोक गहलोत मीडिया से बात कर रहे थे तो उनसे पूछा गया कि क्या वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव लड़ाया जा रहा है. तो उनका कहना था कि मैंने 15 साल से उन्हें रोक रखा था लेकिन अब कह रखा है वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन मेरे खाते से नहीं. वे पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कहीं से भी चुनाव लड़ें. 25 सदस्य किसी भी सीट से चुनाव लड़े मेरी कोई बाध्यता नहीं है. मेरी तरफ से हां है लेकिन वह चुनाव कहां से लड़ेंगे यह आलाकमान को ही तय करना है.
गहलोत ने कहा कि वैभव पार्टी के 15 साल से काम कर रहे हैं. विभिन्न पदों के साथ विधानसभा चुनाव में भी वो सक्रिय रहे हैं. कैंपेन में गए हैं. मेरे चुनाव प्रचार में भी आए थे और जिन्होंने भी बुलाया है उनके चुनाव प्रचार में वह जाते रहते हैं. ऐसे में आलाकमान को तय करना है उनको चुनाव लड़ना है या नहीं.
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