मंगलवार, 4 अगस्त 2015

अजमेर बेशर्मी....डॉक्टर कर रहा था ऐसी शर्मनाक हरकत...

अजमेर बेशर्मी....डॉक्टर कर रहा था ऐसी शर्मनाक हरकत...

गर्भवती महिला के भ्रूण एवं लिंग परीक्षण पर कानूनी रोक के बावजूद निजी चिकित्सा संस्थान में भ्रूण परीक्षण करते एक चिकित्सक को रंगे हाथों पकड़ा गया।

चिकित्सा विभाग के एमडी नवीन जैन के निर्देश जयपुर से आए राज्य निरीक्षण दल ने रविवार देर रात वैशालीनगर स्थित एक निजी चिकित्सा संस्थान में दबिश दी। दल ने भ्रूण परीक्षण के बदले दी गई राशि जब्त कर ली सोनोग्राफी मशीन सीज कर दी। पकड़े गए चिकित्सक को दल अपने साथ लेकर जयपुर रवाना हो गया। दल ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बगैर सूचना पूरी कार्रवाई अंजाम दी।

अजमेर शहर में लम्बे समय से एक निजी चिकित्सक की ओर से भ्रूण परीक्षण की शिकायत मिल रही थी। सूत्रों के अनुसार निकटवर्ती चौरसियावास क्षेत्र में संचालित एक निजी क्लीनिक पर भ्रूण परीक्षण की योजना तैयार होती थी। संबंधित चिकित्सक क्लीनिक पर परीक्षण के लिए गर्भवती महिला व परिजन को निजी चिकित्सालय में लेकर पहुंचता और वहां सोनोग्राफी कर भ्रूण संबंधी जानकारी दे देता।

रविवार को भी एक गर्भवती महिला का भ्रूण परीक्षण करने के लए क्लीनिक में सौदा तय हुआ। उसके बाद चिकित्सक महिला को वैशालीनगर में पेट्रोल पम्प के निकट स्थित निजी चिकित्सा संस्थान में ले आया। चिकित्सक ने महिला की सोनोग्राफी कर राशि ऐंठ ली। मुखबिर की सूचना पर पहुंचे राज्य निरीक्षण दल ने कार्रवाई करते हुए चिकित्सक को पकड़ कर राशि जब्त कर ली।




खंगाला जाएगा रिकॉर्ड

राज्य निरीक्षण दल अनुसंधान में जुटा है कि निजी चिकित्सक सोनोग्राफी कर भ्रूण परीक्षण की सूचना देता था या सोनोग्राफी कर भ्रूण परीक्षण की गलत सूचना देकर रुपए ऐंठता था। संबंधित सोनोग्राफी सेंटर के दस्तावेज व रिकॉर्ड खंगालने के बाद इसकी पुष्टि की संभावना है।

कार्रवाई हुई है। पूरी कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध करवा दी जाएगी।

किशनाराम, प्रभारी राज्य निरीक्षण दल पीसीपीएनडीटी

जैसलमेर 'हवाई अड्डा'शुरू होने का तीन साल से इंतजार



जैसलमेर  'हवाई अड्डा'शुरू होने का तीन साल से इंतजार 

करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार किए गए जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट में हवाई सेवाएं शुरू होने का तीन साल से इंतजार ही बना हुआ है। भव्यता के साथ एयरपोर्ट बनकर तैयार है, टेस्टिंग फ्लाइट भी हो चुकी है। अब इंतजार है तो बस सरकार की हरी झंडी का।



जैसलमेर से करीब 15 किमी दूर खुहड़ी रोड पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से तैयार कराया गया एयरपोर्ट उद्घाटन की राह ताक रहा है। यहां रन-वे तक ट्रैक, टैक्सी ट्रैक, बिल्डिंग, पानी व बिजली की सुविधाएं उपलब्ध हैं। खुहड़ी रोड स्थित फांटे से एयरपोर्ट तक सड़क निर्माण कार्य भी हो चुका है। जैसलमेर एयरपोर्ट में वर्तमान में तीन स्वतंत्र पार्किंग-वे है।



एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 12 हजार वर्गमीटर है। हर किसी को उम्मीद है कि जैसलमेर एयरपोर्ट शुरू होने से पर्यटन को काफी लाभ पहुंचेगा, वहीं सैलानियों की यहां आवक बढ़ेगी। इसके साथ ही स्वर्णनगरी से हवाई सफर होने से यहां के बाशिंदों को भी यात्रा के लिहाज से राहत मिल सकेगी।



दिल्ली से जैसाणा तक हुई थी टेस्टिंग फ्लाइट
गौरतलब है कि 26, 27 व 29 नवंबर 2014 को टेस्ट फ्लाइट का संचालन किया गया था। इस अवधि में किसी विवाह समारोह के कारण देश के कई उद्योगपतियों, हस्तियों व ख्यातनाम लोग इस फ्लाइट से जैसलमेर आए थे। माना यह जा रहा था कि यदि यह शुरुआती पहल कारगर रही तो जैसलमेर-दिल्ली के बीच नियमित हवाई सेवा सुचारू हो सकेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक बार फिर पर्यटन सीजन शुरू हो चुकी है, लेकिन हवाई सेवा का अभी इंतजार ही बना हुआ है।



इसलिए जरूरी है उड़ान
जैसलमेर राजस्थान का पश्चिमी सीमांत जिला होने के कारण महत्वपूर्ण है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में पर्यटन व प्राकृतिक संसाधनों केे लिहाज से प्रसिद्ध है।
विगत वर्षों में जैसलमेर ने सैन्य तथा परमाणविक क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर अपना स्थान प्रथम पंक्ति में बनाया है। - पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक मांग होने के बावजूद जैसलमेर में हवाई सेवा शुरू नहीं की गई है।



पर्यटन व्यवसायियों की भी यही मांग
जैसलमेर के पर्यटन व्यवसायी लंबे समय से वायु सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। करीब साल भर पहले गोल्डन सिटी कंफेडरेशन डवलपमेंट सोसायटी जैसलमेर की ओर से जैसलमेर में वायु सेवा शुरू करने की मांग को लेकर मौन जुलूस निकाला गया था और कलक्टर के माध्यम से केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया था। बावजूद इसके आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।



इनका कहना है
जैसलमेर में सिविल एयरपोर्ट आगामी अक्टूबर महीने में शुरू होने की संभावना है। फिलहाल यहां सुरक्षा के लिहाज से जांच करने के लिए देरी हो रही है। यहां सिक्योरिटी की जांच करने आगामी दिनों में दिल्ली से टीम आ रही है।
-एसके सिंह, निदेशक, जोधपुर एयरपोर्ट

भरतपुर : लव मैरिज करने वाली लड़की की निर्मम हत्या

भरतपुर : लव मैरिज करने वाली लड़की की निर्मम हत्या


भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के पुलिस थाना नगर के खखाबली गांव में कथित रूप से ऑनर किलिंग का एक मामला सामने आया है। पुलिस महानिरीक्षक बीजू जार्ज जोसेफ ने शिकायत की पुष्टि करते हुए बताया है कि मामले की जांच के आदेश नगर पुलिस थाना के प्रभारी को दिए हैं।



लेकिन इस सम्बन्ध में अभी मृत महिला के पति की तरफ से कोई लिखित रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है और उसे इस मामले को लेकर तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह भी दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सम्बन्ध में कथित ऑनर किलिंग की शिकार महिला प्रतिभा गुर्जर के पति देवाशीष मीणा ने अपनी शिकायत में पुलिस अधिकारी को बताया कि प्रतिभा और वह अलवर में पढ़ाई करते हुए प्रेम बंधन में बंधे।



बाद में उन्होंने दिल्ली के एक आर्यसमाज मंदिर में विधिवत शादी कर दिल्ली की ही एसडीएम कोर्ट में 11 मई को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया और वे अलवर में अपना घर बसा पति पत्नी की हैसियत से रह रहे थे। पिछले दिनों प्रतिभा गुर्जर की बहन की शादी पर प्रतिभा के परिजनों ने प्रतिभा को भी अपनी बहन की शादी में शरीक होने के लिए बुलाया और प्रतिभा 25 जुलाई को अपने पीहर खखाबली गांव में अपनी बहन की शादी में शरीक भी हुई।



लेकिन 26 जुलाई की रात को खखाबली गांव में ही बिजली के करंट से प्रतिभा की मौत हो गई और प्रतिभा के मां बाप ने उसके पति देवाशीष को किसी तरह की कोई खबर करने की जगह आनन फानन में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। दूसरी तरफ प्रतिभा के पति देवाशीष ने जोसफ को अपनी शिकायत में बताया है कि प्रतिभा के परिजनों ने गंभीर यातनाओं के साथ बिजली का करंट लगा प्रतिभा की हत्या कर दी और उसे उसकी मौत की सूचना व जानकारी तक नहीं दी गई।



इस सम्बन्ध में नगर पुलिस थाने के प्रभारी एसएचओ अजय सिंह मीणा ने बताया कि उनकी छानबीन में प्रतिभा की मौत करंट से होने की पुष्टि तो हुई है लेकिन ऑनर किलिंग के सम्बन्ध में गांव में कोई मुह नहीं खोल रहा। उन्होंने बताया कि जांच अभी जारी है।

मुंबई।महाराष्ट्र: ठाणे में इमारत गिरने से 11 मरे, 15 लोग मलबे में दबे



मुंबई।महाराष्ट्र: ठाणे में इमारत गिरने से 11 मरे, 15 लोग मलबे में दबे

महाराष्ट्र के ठाणे में एक तीन मंजिला इमारत गिरने से 11 लोगोंं की मौत हो गई, जबकि 15 लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। हादसा मंगलवार तड़के पौने तीन बजे के करीब हुआ।



यह इमारत पुराने ठाणे शहर के नौपाड़ा इलाके के बी केबिन एरिया में स्थित थी। एक माह के भीतर ठाणे में इमारत गिरने की ये दूसरी घटना है।



50 साल से भी ज्यादा पुरानी इस इमारत के बारे में ठाणे महानगर पालिका ने पहले ही शिकायत जारी कर दी थी। महानगर पालिका ने कहा था कि यह इमारत कभी भी गिर सकती है।



इससे पहले ठाणे म्युनिसिपल का एक दस्ता मौके पर पहुंच गया और राहत और बचाव कार्य शुरु कर दिए हैं। तीन लोगों के शव मलबे से निकाले जा चुके हैं, वहीं करीब 6 लोग इमारत गिरने से घायल हुए हैं।



ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के संदीप मल्वी के मुताबिक इस बिल्डिंग के मलबे में कम से कम 15 लोगों के दबे होने की आशंका है।



मल्वी ने बताया कि यह बिल्डिंग काफी जर्जर हालत में थी और इसे रहने के के लिहाज से खतरनाक घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाशिंदों ने इसे छोड़कर जाना मुनासिब नहीं समझा।

जैसलमेर दर्शन। . दर्शनीय हैं लोद्रवा के कलात्मक जैन मंदिर












जैसलमेर  दर्शन। . दर्शनीय हैं लोद्रवा के कलात्मक जैन मंदिर

ऐतिहासिक स्वर्ण नगरी जैसलमेर देश के पश्चिमांचल का न केवल पर्यटन स्थल है बल्कि स्थापत्य, ज्ञान व मूर्तिकला में विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। जैसलमेर के जैन मंदिर तो शिल्पकला के बेजोड़ नमूने हैं। जैसलमेर में जैन धर्मावलंबियों का लंबे समय तक वर्चस्व रहा, जहां कभी इनके 2700 से अधिक घर-परिवार थे। यहां की समृद्ध जातियों में ओसवाल तो गांवों में पालीवालों का आधिपत्य था। जैसलमेर के आसपास के गांवों में जैन मंदिरों की तो भरमार है जो आज भी आस्था के केंद्र बिन्दु तो हैं ही, पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल भी हैं।

जैसलमेर से 15 कि.मी. दूर काक नदी के किनारे बसा लोद्रवा गांव व यहां के कलात्मक जैन मंदिर तो देखते ही बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि लोद्रवा गांव को लोद्रवा व रोद्रवा नामक राजपूत जातियों ने बसाया था। प्राचीन काल में लोद्रवा अत्यन्त ही हरा-भरा कृषि क्षेत्र था। लोद्रवा नगर सुन्दर होने के साथ-साथ यहां के लोग भी समृद्ध थे।

बारहवीं शताब्दी में जब दिल्ली के मुगल शासक मोहम्मद गौरी ने भारत के मंदिरों को लूटना व नष्ट करना शुरू किया तो यह शहर भी उसकी नजरों से बच न सका। उस समय इस नगर के शासक भुजदेव थे। मोहम्मद गौरी के भयानक आक्रमण के दौरान भुजदेव भी युद्ध में मारे गए थे व यहां के जैन मंदिर भी गौरी ने नष्ट कर दिए थे।

बाद में कुछ वर्षों के पश्चात् यहां के पांचों जैन मंदिरों का पुनर्निर्माण घी का व्यापार करने वाले थारुशाह ने वि.सं. 1675 में करवाया था। इन मंदिरों के निर्माण में प्रयुक्त पत्थरों को सोना देकर खरीदा गया था। लोद्रवा स्थित जैन मंदिरों में भगवान पाश्र्वनाथ की मूर्ति सफेद संगमरमर से निर्मित है। मूर्ति के ऊपर सिर पर हीरे जड़े हुए हैं जिससे मूर्ति अत्यन्त आकर्षक लगती है। मंदिरों को कलात्मक रूप देने के लिए पत्थर के शिल्पियों ने मंदिरों के स्तंभों व दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उत्कीर्ण कर इसके सौंदर्य को बढ़ाया है। मंदिर को अधिक गरिमा प्रदान करने के लिए नौवीं-दसवीं शताब्दी में मंदिर के सम्मुख तोरणद्वार बनाने की भी परंपरा थी। मंदिर के समस्त स्तंभों में मुखमंडप के स्तंभों का घट-पल्लव अलंकरण सर्वाधिक कुशलता एवम् सौंदर्य का परिचय देता है। हालांकि मंदिर की मौलिकता तथा वास्तु योजना को ज्यों का त्यों रखा गया है। लोद्रवा का जैन मंदिर वास्तु एवं मूर्तिकला की शैली की शताब्दियों लंबी विकास यात्रा का भी साक्ष्य प्रस्तुत करता है।

पाश्र्वनाथ मंदिर के समीप एक कलात्मक बनावटी कल्पवृक्ष है, जिसमें चीते, बकरी, गाय, पक्षी व अनेक जानवरों को भी एकसाथ दर्शाया गया है। कल्पवृक्ष जैन धर्मावलंबियों के लिए समृद्धि व शांति का द्योतक है। लोद्रवा स्थित काक नदी के किनारे रेत में दबी भगवान शिव की अनोखी मूर्ति है

जिसके चार सिर हैं। यह मूर्ति केवल अर्द्धभाग तक ही दृष्टिगत है। इसके साथ ही नदी के किनारे पर ‘महेंद्र-मूमल’ की प्रेम कहानी को विस्मृत न होने देने के लिए उनकी याद में एक ‘मेढ़ी’ बनी हुई है जो ‘मूमल की मेढ़ी’ के नाम से विख्यात है।

लोद्रवा में प्राचीन काल में बने घर, कुएं, तालाब व कलात्मक स्नान घर के अवशेष देखने को मिलते हैं, जो अतीत के वैभव को दर्शाते हैं। जैसलमेर आने वाले हजारों विदेशी व देशी पर्यटक यहां के मंदिरों का कला-वैभव देखने अवश्य आते हैं।