18 महीने के कार्यकाल में वसुंधरा सरकार फेल: रिपोर्ट
प्रदेश की मौजूदा सरकार चुनाव के दौरान जनता से किए वादों पर अब तक के 18 महीने के कार्यकाल में खरी नहीं उतर पाई है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का। चाहे बेरोज़गार युवाओं को नौकरी दिलाने का वादा रहा हो या सामाजिक सुरक्षा दिलाने का। राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार किसी भी क्षेत्र में जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उत्तर सकी है।
दरअसल, ये तथ्य सामने आए हैं प्रदेश में मौजूदा वसुन्धरा सरकार के 18 माह के कार्यकाल की समीक्षा रिपोर्ट में। स्वयं सेवी संस्था सिकोइडिकोन समेत अन्य संगठनों के संयुक्त प्रयासों से सरकार के कामकाज की समीक्षा को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई।
विभिन्न स्तरों और आधारों पर तैयार हुई इस रिपोर्ट में सरकार के कामकाज की समीक्षा की गई है। रिपोर्ट के ज़्यादातर हिस्से में सरकार के कामकाज को फेल बताया गया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार ने अब तक 18 महीने के कार्यकाल में घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने की दिशा में ज़्यादा किया है।
झालाना स्थित विकास अध्ययन संस्थान में रिपोर्ट के विमोचन मौके पर मौजूद रहे पूर्व वित्त मंत्री और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष माणिकचंद सुराणा ने कहा कि सरकार का प्रदेश की जनता के साथ सबसे बड़ा धोका युवाओं को 15 लाख नौकरियाँ देने का वादा रहा है।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास के नाम पर सरकार युवाओं को रोज़गार देने और 15 लाख रोज़गार के लक्ष्य पूरा करने का दम भर रही है लेकिन वास्तविकता ये हैं कि धरातल पर काम अपेक्षाओं से कहीं कम हुआ है।
वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में भी प्राइवेट स्कूलों पर थोड़ी बहुत लगाम कसने के अलावा भी कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। यही हाल कृषि, स्वास्थय, बाल विकास, सामाजिक सुरक्षा और पंचायती राज जैसे अन्य क्षेत्रो का है।
रिपोर्ट के कन्वीनर और राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन का भी कहना है कि सरकार ने अब तक के 18 महीने के कार्यकाल में किसी भी क्षेत्र में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिसको सराहनीय कहा जा सके। जैन ने यह भी कहा कि सरकार का कार्यकाल पांच साल का रहता है ऐसे में 18 महीने की रिपोर्ट उसके लिए मार्गदर्शक के तौर पर काम करेगी।
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को बिना किसी राजनैतिक परिदृश्य के आम जन और विभिन्न संगठनों से विचार-विमर्श और चर्चा कर तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में प्रदेश में संचालित कुल 46 संस्थाओं ने सहयोग किया है।
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भुगतना पड़ सकता है खामियाज़ा
पूर्व वित्त मंत्री, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा विधायक माणिकचंद सुराणा का कहना है कि सरकार यदि इसी ढर्रे पर काम करती रही तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस जनता और युवाओं को लुभावने वादे कर सत्ता हासिल की गई है, वही जनता और युवा उसे सत्ता से हटाने में ज़रा भी देर नहीं लगाएगी। ऐसे में रिपोर्ट को वास्तविक और धरातल की स्थिति मानते हुए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए।
सरकार के पास पांच साल, चुनावी वादे ज़रूर होंगे पूरे: राठौड़
विभिन्न संस्थाओं की ओर से सरकार के 18 महीने के कार्यकाल को लेकर जारी हुई रिपोर्ट पर संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि सरकार चुनावी वादों को पूरा करने की मंशा से प्रयासरत है। सरकार ने अब तक राजस्थान आजीविका मिशन के अंतर्गत 1 लाख 6 हज़ार युवाओं को विभिन्न प्लेसमेंट एजेंसियों के ज़रिये रोज़गार दिलाया है।
वहीं, विभिन्न सरकारी महकमों में एक लाख युवाओं की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। सरकार अपने इस कार्यकाल में 15 लाख युवाओं को रोज़गार देने के चुनावी वादे पर अडिग है और उसे इस कार्यकाल में निश्चित पूरा करेगी।