शनिवार, 11 जुलाई 2015

तलाशी के बहाने घर में घुसे, 10 लाख रुपए व 22 तोले के जेवरात लूटे

तलाशी के बहाने घर में घुसे, 10 लाख रुपए व 22 तोले के जेवरात लूटे

भीनमाल (जालोर). शहर के रामसीन रोड स्थित एक मकान में शुक्रवार तड़के करीब चार बजे लक्जरी वाहन में सवार होकर आए चार बदमाशों ने अपने को जोधपुर की फ्लाइंग टीम बताकर तलाशी के बहाने घर में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने परिजनों को बंधक बनाकर अलमारियों की चाबियां ले ली तथा करीब 10 लाख रुपए नकद व 22 तोला सोना व चांदी के जेवरात लूट कर ले गए। वारदात की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल व थाना प्रभारी अशोक आंजणा मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जिलेभर के अलावा गुजरात में भी नाकाबंदी कराई, लेकिन आरोपितों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।

एएसपी ने बताया कि रामसीन रोड रेलवे फाटक के पास स्थित मांगीलाल पुत्र दौलाजी घांची के मकान में जोधपुर से फ्लाइंग टीम बताकर अफीम की तलाशी लेने के बहाने दो बदमाश पिछवाड़े से मकान के ऊपर चढ़े। वहीं एक अन्य ने दरवाजे से मकान में प्रवेश किया। एक बदमाश लक्जरी वाहन में रिवॉल्वर लेकर बैठा रहा। मकान के ऊपर सो रहे मकान मालिक मांगीलाल घांची व उसकी पत्नी कन्हैयादेवी व पुत्र हितेश को सीढिय़ों से मकान के नीचे लेकर आए। इसके बाद बदमाशों ने मांगीलाल व हितेश को कमरे में बंद कर दिया। कन्हैयादेवी को रिवॉल्वर दिखाकर अलमारी की चाबियां ले ली तथा करीब 10 लाख रुपए नकद व 22 तोला सोना व चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गए। बदमाशों ने जाते समय तीनों को कमरे में बंद कर दिया। बाद में मांगीलाल घांची व उसकी पत्नी ने चिल्लाकर कर पड़ोसियों को बुलाया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल का निरीक्षण किया।

दो टीमों का किया गठन

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल ने आरोपितों की तलाश के लिए दो पुलिस टीमों का गठन किया है। पुलिस ने थाना प्रभारी अशोक आंजणा व उप निरीक्षक चिमनाराम के नेतृत्व में दो अलग-अलग टीम गठित कर लुटेरों को पकडऩे के प्रयास शुरू किए हैं। प्रदेश सहित गुजरात में भी नाकाबंदी करवाई गई है। प्रदेश के सभी टोल नाकों पर सूचना देकर आरोपितों के पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

जैसलमेर गैर आबाद क्षेत्र बनेगा डीएनपी



जैसलमेर  गैर आबाद क्षेत्र बनेगा डीएनपी 


राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र में बढ़ते मानवीय दखल से वन्यजीवों विशेषकर गोडावण संरक्षण में आ रही दिक्कत को देखते हुए सरहदी जैसलमेर जिले के गैर आबाद क्षेत्र की तलाश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में डीएनपी क्षेत्र में ऐसे कईं गांव व ढाणियां हैं, जहां सैकड़ों लोग निवास कर रहे हैं।

ऐसे में यहां वन्यजीवों पर मंडरा रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से मरुस्थलीय वन्यजीव अभारण्य का सीमांकन किया जा रहा है। नए सिरे से हो रहे सीमांकन में आबादी, खातेदारी व गैर खातेदारी जमीन को बाहर रखने और गैर आबाद जमीन को जोडऩे की कवायद की जाएगी। यदि यह कवायद सफल रहती हैं तो वन्यजीव विशेषज्ञों के लिए यहां वन्यजीवों को संरक्षित करना आसान हो जाएगा। साथ ही यहां ईको ट्यूरिज्म जैसे प्रोजेक्ट भी सफल होंगे।

यह होगा बदलाव

जैसलमेर-बाड़मेर जिले के वन्यजीव अभयारण क्षेत्र में कुछ समय बाद बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ का गठन किया गया है। इस बोर्ड की देखरेख में जैसलमेर में नए सिरे से डीएनपी क्षैत्र का सीमांकन किया जा रहा है। इसमें कई बदलाव किए जा सकते है।

जानकारों के मुताबिक नए सिरे से बनाए जा रहे मरुस्थलीय वन्यजीव अभयारण्य में वर्तमान में आ रही आबादी भूमि, खातेदारी भूमि, गैर खातेदारी जमीन को बाहर किया जाएगा। घटाई गई जमीन की पूर्ति विभाग की ओर से शाहगढ़ बल्ज की जमीन लेकर की जाएगी। ऐसे में संभवतया कुछ ही महिनों बाद मरुस्थलीय वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में बदलाव होंगे।

डीएनपी क्षेत्र का सीमांकन करने और दुबारा से वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र का चयन करने के लिए वन्यजीव विभाग के एक्सपर्ट नक्सा बनाने में जुटे हैं। नक्सा तैयार करते समय आबादी, खातेदारी व गैर खातेदारी क्षेत्र को हटाया जा रहा है, जबकि गैर आबाद व वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उपयुक्त क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है।

यह है वर्तमान स्थिति

जैसलमेर-बाड़मेर जिलों के सीमावर्ती क्षैत्र में 1980 -81 में घोषित राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षैत्र 3 हजार 16 1 वर्ग किलोमीटर में फैला है। वर्तमान में यहां 73 राजस्व गांव और 200 बड़ी ढाणियां होने से ये क्षेत्र सरकारी रेकर्ड में राजस्व भूमि है। यहां वन्य जीव अभयारण्य की घोषणा के बाद डीएनपी का संचालन शुरू कर दिया गया। मरु उद्यान स्थापित होने के बाद वन विभाग यहां वन्यजीवों के संरक्षण का कार्य कर रही है। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं को लेकर जिम्मेदार विभाग को अमजन का विरोध भी झेलना पड़ रहा है।

गांवों में मिलेगी सुविधा

जानकारों के अनुसार डीएनपी क्षेत्र का नए सिरे से चिह्निकरण व सीमांकन करने का फायदा अभयारण्य में आबाद गांवों को मिल सकेगा, यही नहीं यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा का लाभ भी मिल सकेगा। वर्तमान में क्षेत्र के लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही। गौरतलब है कि मरुस्थलीय वन्यजीव अभ्यारण्य में वर्तमान में जैसलमेर व बाड़मेर जिले के 73 गांव व 200 ढाणियां आती है। वर्तमान में यहां यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे है।

सीमांकन जारी

डीएनपी क्षेत्र को नए सिरे से सीमांकन का कार्य चल रहा है। एक्सपर्ट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के निर्देशन में नक्शा बना रहे हैं। इस नक्शे की स्वीकृति के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

अनूप केआर, डीएफओ, डीएनपी जैसलमेर

बाड़मेर सरकारी कार्यालयों में अब प्रीपेड मीटर लगाने पर ही मिलेगी बिजली!

 बाड़मेर सरकारी कार्यालयों में अब प्रीपेड मीटर लगाने पर ही मिलेगी बिजली!


 बाड़मेर सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राज्य सरकार ने अब पूरा मानस बना लिया है। इन विभागों में बिजली उपभोग की लम्बी बकाया राशि से परेशान डिस्कॉम की माली हालत खराब है।

आम उपभोक्ता कनेक्शन कटने के डर से प्राय: बकाया राशि जमा करवा देते हैं, लेकिन सरकारी कार्यालयों में स्थिति इसके उलट है। अधिकांश सरकारी कार्यालयों में लम्बे समय तक बकाया की स्थिति रहती है। ऐसे में इस पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार ने डिस्कॉम को दुबारा सर्वे कर विभागों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। वहीं प्रीपेड मीटर लगाने से इनकार करने वाले कार्यालयों में शून्य राशि के प्रीपेड लगाए जाएंगे। ऐसा किए जाने पर इनको बिजली नहीं मिलेगी।

औसत उपभोग निकाला जाएगा

सरकारी विभागों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के लिए करीब 10 माह पूर्व डिस्कॉम ने औसत बिजली उपभोग निकाल विभागों को नोटिस भिजवाकर एक वर्ष की अनुमानित उपभोग राशि के अनुरूप एक मुश्त राशि आवंटित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी पालना नहीं हुई। इस पर 7 जून को राज्य के मुख्य सचिव की मौजूदगी में केंद्र सरकार के वित्तीय पुनर्गठन योजना की बैठक हुई।

इसमें हुए निर्णय के अनुसार तीनों डिस्कॉम के मुख्य अभियंता व लेखाधिकारी ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को पत्र भेजे हैं। इसके अनुसार सभी विभागों को सिंगल व थ्री फेस बिजली उपभोग की औसत उपभोग के नोटिस भेज सॉफ्ट व हार्ड कॉपी डिस्कॉम मुख्यालय को भिजवानी होगी। इसके साथ ही संबंधित कार्यालय के अधिकारी से प्रीपेड मीटर लगाने और नहीं लगाने के संबंध में सूचना भी मांगी जाएगी।

आनाकानी पर शून्य बैलेन्स का मीटर

नोटिस के बाद अगर कोई विभाग प्रीपेड मीटर लगाने में आनाकानी करता है तो डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वे विभागों के पुराने मीटर हटा लें, इनकी जगह शून्य बैलेन्स के प्रीपेड मीटर लगाएं। इसके बाद बिजली नहीं मिल पाएगी और कार्यालय में प्रीपेड मीटर लगाना ही होगा।

निर्देश मिले हैं

प्रीपेड मीटर लगाने के संबंध में निर्देश मिले हैं। करीब 8 माह पूर्व पहली बार सर्वे किया गया था। सभी विभागों को औसत उपभोग के नोटिस भिजवाए थे। अब शीघ्र ही दुबारा नोटिस भिजवाए जाएंगे।

जी.आर. सिरवी, अधीक्षण अभियंता डिस्कॉम बाड़मेर

बाड़मेर अब डॉक्टर बांटेंगे डोडा-पोस्त!



बाड़मेर अब डॉक्टर बांटेंगे डोडा-पोस्त!


प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) के एक कमरे में अब डोडा-पोस्त रखा जाएगा। आबकारी विभाग की निगरानी में रखे जाने वाले इस पोस्त का वितरण यहीं से होगा। इसके लिए डॉक्टर बाकायदा पर्ची लिखेंगे कि नशेड़ी को कितना डोडा-पोस्त देना है।

डोडा-पोस्त छुड़वाने के लिए अब यह तरीका अपनाया जाएगा। प्रदेश में मार्च 2016 के बाद डोडा-पोस्त का वितरण बंद होगा। इससे पहले पंजीकृत सभी डोडा-पोस्त नशेडि़यों को नशामुक्त करना है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर शिविर लगाए जा रहे हैं।

इन शिविरों के साथ ही तय किया गया है कि आबकारी महकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डोडा-पोस्त उपलब्ध करवाएगा। इसका वितरण नशा छोडऩे वाले को किया जाएगा। दवा के साथ पोस्त की खुराक मिलेगी और इसे धीरे- धीरे कम करते हुए नशामुक्त करवाया जाएगा। डोडा-पोस्त की खुराक डॉक्टर तय करेंगे।

इस पर भी विचार

पिछले दिनों जयपुर में हुई आबकारी और चिकित्सा महकमे की संयुक्त बैठक में यह भी विचार किया गया है कि पंजीकृत डोडा-पोस्त के नशेड़ी बहुत कम हैं, लेकिन बड़ी संख्या उनकी हैं जो पंजीकृत नहीं होते हुए भी नशा कर रहे हैं। इसी कारण समस्या आ रही है। इनका भी सर्वे करवाया जाए और फिर सामने आने वाले लोगों को डोडा-पोस्त छुड़ाने के प्रयास होने चाहिए।

तो नहीं रहेंगी दुकानें

नई नीति के अमल में आते ही डोडा-पोस्त की दुकानें बंद हो जाएंगी और यहां कतार लगाने पर भी पोस्त नहीं मिलेगा। जिसे भी डोडा-पोस्त लेना होगा, उसे डॉक्टर की पर्ची से अस्पताल पहुंचना होगा और वहां पर उसे डोडा के साथ दवा मिलेगी।

शिविर शुरू

मार्च 2016 तक डोडा-पोस्त बंद करवाने के सख्त निर्देश के चलते चिकित्सा महकमे ने शिविर शुरू कर दिए हैं और इसमें आठ दिन तक नशेडि़यों को रखकर डोडा-पोस्त से मुक्ति दिलाई जा रही है।

लिया है निर्णय

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक कमरा उपलब्ध करवाया जाएगा, जहां पर डोडा-पोस्त रहेगा। डॉक्टर की पर्ची पर ही डोडा-पोस्त मिलेगा।

डॉ. सुनिल कुमार सिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर

सिणधरी गड्ढे में भरे पानी में डूबने से दो भाइयों की मौत



सिणधरी  गड्ढे में भरे पानी में डूबने से दो भाइयों की मौत


क्षेत्र के कमठाई गांव में ग्रेवल खोदने के बाद बने गड्ढे में भरे पानी में डूबने से शुक्रवार को दो भाइयों की मौत हो गई। दोनों भाई शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंगलोणी भीलों की ढाणी से छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। इस दौरान गड्ढे में भरे पानी में डूबने से दोनों की मौत हो गई।

ग्रामीणों के अनुसार बड़ा भाई दूदाराम चौथी में तथा छोटा नारणाराम तीसरी कक्षा में अध्ययनरत था। विद्यालय से वापस आते वक्त संभवत: एक छात्र गड्ढे में गिर गया। उसे बचाने के प्रयास में दूसरा भी अंदर गिर गया। पास ही खेत में काम कर रहे लोगों ने देखा तो उन्हे बाहर निकाल सिणधरी अस्पताल लाए। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हादसे के दौरान उनका पिता डालूराम जाखड़ मजदूरी के लिए बाहर गया हुआ था। विद्यालय के संस्था प्रधान ताजाराम ने बताया कि दोनों छात्र विद्यालय आए थे, उनकी उपस्थिति भी लगी है। रात तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।

एक साथ उठी भाइयों की अर्थी

दोनों भाइयों की मौत के बाद शुक्रवार शाम दोनों का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। दोनों पुत्रों को खोने के बाद मां-बाप व परिजन का बुरा हाल है। हादसे के बाद पड़ोसियों ने भी चूल्हे तक नहीं जलाए।

यहां बने हैं गहरे गड्ढे

मेगा हाईवे के निकट ग्राम पंचायत सड़ा, पायला कलां, पायला खुर्द, स्टेट हाईवे सोलह के निकट साणपा फांटा, टाकूबेरी व डंडाली के पास खुदे गहरे गड्ढे हादसों को न्यौत रहे हैं।