थानेदार के खिलाफ हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान उदयपुर के नाई थाना क्षेत्र में 1999 में हुई थी घटना, न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को किया तलब भीलवाड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश परनामी ने नाई (उदयपुर) थाने के तत्कालीन थानेदार व हमीरगढ़ निवासी बद्रीलाल राव के खिलाफ संजय कॉलोनी की एक युवती सपना उर्फ सुनीता राव की उदयपुर में हत्या कर सबूत मिटाने, पद का दुरुपयोग व फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में प्रसंज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। राव को 25 जुलाई को अदालत में तलब किया गया है। संजय कॉलोनी निवासी रतनलाल राव ने 13 साल पहले 29 जून को उदयपुर के एक कोर्ट में थानेदार राव के साथ ही अशोक छीपा, अलका छीपा, दिनेश पाराशर, टीना पाराशर, टीना छीपा, पारस संचेती व लक्ष्मीनारायण राव के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया गया कि रतन लाल की बेटी सपना उर्फ सुनीता ने बीएड कर रखी थी। समाज के ही बद्री लाल ने परिचित होने से सपना से शादी का प्रस्ताव रखा। थानेदार से मिलकर सात लोग घूमने के बहाने सपना को 24 दिसंबर, 99 को उदयपुर ले गए और बद्री लाल के पास छोड़ दिया। सपना के बारे में पूछने पर इन लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन ने थाने में रिपोर्ट देने की धमकी दी तो उन्होंने सपना को बद्रीलाल के पास छोडऩे की बात स्वीकार की। परिवादी ने आरोप लगाया कि बद्रीलाल ने शादी का झांसा देकर सपना को उदयपुर में रोक लिया और षड्यंत्र पूर्वक सरकारी रिवाल्वर से उसकी हत्या कर दी। सबूत मिटाने की गरज से थानेदार ने सपना के द्वारा उसकी सर्विस रिवाल्वर से आत्महत्या करने की बात कह दी और हत्या को आत्महत्या का रूप भी दे दिया। इस्तगासे पर छह जुलाई, 2000 को नाई थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में जांच के बाद एफआर लगा दी थी। इस पर परिवादी रतन लाल ने केस से संबंधित पत्रावली स्थानांतरण कराने के लिए अधिवक्ता गणपत सिंह राणावत व धीरज राव के जरिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर पत्रावली 17 नवंबर, 11 को उदयपुर कोर्ट से स्थानीय न्यायालय में भिजवा दी गई। भीलवाड़ा न्यायालय ने बहस सुनने के बाद एफआर अस्वीकार करते हुए थानेदार राव के खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए सम्मन जारी कर उसे 25 जुलाई को तलब किया। |
गुरुवार, 23 मई 2013
थानेदार के खिलाफ हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान
वसुंधरा का भव्य स्वागत, आज भीलवाड़ा में सभा
वसुंधरा का भव्य स्वागत, आज भीलवाड़ा में सभा
वसुंधरा आज यहां
: सुबह 10.30 बजे: शाहपुरा से रवाना। अरनिया घोड़ा, राज्यास, अरवड़, कोठियां में स्वागत।
: दोपहर 1.30 बजे: गुलाबपुरा में आमसभा। आगूंचा, डाबला, बल्दरखा, उपरेड़ा, बनेड़ा, मांडल चौराहा में स्वागत।
: शाम 7 बजे: आजाद चौक भीलवाड़ा में आमसभा।
सुराज संकल्प यात्रा: पहले दिन तीन बड़ी सभाएं, चालीस जगहों पर पुष्प वर्षा, नहीं आए कटारिया
भीलवाड़ा चिलचिलाती धूप। पारा 45 डिग्री। युवा, पुरुष-महिलाएं। मन में जोश। उत्साह। ढोल-नगाड़े बज रहे। वसुंधरा के फोटो छपे टी-शर्ट व कैप लगाए युवा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की झलक पाने की बेताबी। मौका मिले तो उनसे हाथ मिलाने का उत्साह। राम-राम करने का। अपना काम-धाम छोड़ बुधवार सुबह 10 बजे से इंतजार कर रहे लोग।
यह दृश्य था भीलवाड़ा से 130 किमी. दूर ऊंचा गांव का। यहां से ही तीन दिवसीय सुराज संकल्प यात्रा का जिले में प्रवेश हुआ। लगभग दो घंटे देरी से 11.50 बजे देवली (टोंक) से सुराज संकल्प यात्रा गुरुकुल शिक्षण संस्थान सैकंडरी स्कूल पहुंची। काली धारीदार गुलाबी साड़ी पहने वसुंधरा जैसे ही रथ से नीचे उतरीं, कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाए। माला पहनाने-मिलने की होड़ लग गई। उन्हें तलवार भेंट की गई। यात्रा प्रभारी राष्ट्रीय सचिव भूपेंद्र यादव भी रथ में हैं। बाकी सारा लवाजमा तो है ही। भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाषचंद्र बहेडिय़ा, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर व डॉ.रतनलाल जाट, विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, शिवजीराम मीणा, रामलाल गुर्जर, कीर्ति कुमारी, दामोदर अग्रवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष ललिता समदानी सहित अनेक नेताओं ने स्वागत किया।
पांच मिनट के भाषण के बाद काफिला आगे बढ़ा। युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा के नेतृत्व में लगभग सात सौ दुपहिया वाहन रैली आगे। यहां से अमरवासी, कुराडिय़ा होते हुए जहाजपुर तक 19 किमी के सफर में सवा घंटा लगा। उलेला, खजूरी, अमरगढ़, भगूनगर, काछोला, धामनिया, मानपुरा, त्रिवेणी चौराहा, बीगोद हो या कोई और गांव। काछोला में कानसिंह ओस्तवाल ने और त्रिवेणी मं गोपाल खंडेलवाल के नेतृत्व में लोगों ने वसुंधरा का स्वागत किया। शाहपुरा तक 133 किमी मार्ग में 40 जगह ऐसे स्वागत हुए। कहीं आतिशबाजी, कहीं बैंडबाजों से। कहीं ढोल-नगाड़ों से। मार्ग के दोनों ओर कतारबद्ध लोग हाथों में माला लिए खड़े। अभिभूत वसुंधरा ने कभी खिड़की से हाथ हिलाया। कभी लिफ्ट से रथ की छत पर आईं। पानी-बिजली, स्कूल-अस्पताल में डॉक्टर-टीचर नहीं होने पर सवाल किए, फिर जनता से सरकार बनाने पर सब काम करने का वादा किया। मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार। बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए। ऐसे माहौल के बीच यात्रा रात 10 बजे शाहपुरा पहुंच सकी।
जहाजपुर. वसुंधरा ने बस स्टैंड पर जिले की पहली आमसभा की। दिल्ली में कोयला, जयपुर में जमीन, होटल, भीलवाड़ा में मिल घोटालों पर मौजूदा कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां पानी, सड़क व बिजली की पूरी सुविधा हो। सरकार ने अस्पताल में दवाएं फ्री दीं, पर डॉक्टर नहीं। बिजली पूरी नहीं आती। किसानों को पांच घंटे बिजली नहीं मिल रही। जयपुर में मूक बधिर बालिकाओं से दुष्कर्म हुआ। वहीं महिलाएं सुरक्षित नहीं तो बाकी जगह क्या हालात होंगे। उन्होंने जहाजपुर में कॉलेज खोलने की मांग का भी समर्थन किया।
वसुंधरा ने कहा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया को बंद करने की साजिश रची जा रही है। इसके खिलाफ हम लड़ेंगे। भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष मोहन गुर्जर, महामंत्री गोपीचंद गुर्जर, युवा मोर्चा अध्यक्ष शैतान मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष काली देवी मीणा, उपाध्यक्ष रामदेव खटीक, नगर अध्यक्ष देवराज चौधरी, युवा मोर्चा अध्यक्ष कैलाश टेपन, पूर्व नगर अध्यक्ष राकेश पत्रिया, जगदीश नागौरी, नगर भाजपा अध्यक्ष उदयलाल टांक आदि ने वसुंधरा का स्वागत किया।
बीगोद. जिले की दूसरी सभा बीगोद में हुई। यहां वसुंधरा ने दशहरा मैदान में आयोजित सभा में कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है। कांग्रेस ने हमेशा अल्पसंख्यकों को वोट बैंक माना। ूषित पानी पीने वाले राज्यों में राजस्थान नंबर वन है। 30 जिलों के 48 प्रतिशत जल स्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं हैं। राज्य बीमारू प्रदेश बन गया है। अब समय आया है सुराज लाने का। विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस के कुशासन को उखाड़ फेंकेगी। लगभग दो घंटा देरी से सभा स्थल पर पहुंची वसुंधरा लोगों की अच्छी उपस्थिति देख गदगद हो गई।
सभा को सांसद वीपी सिंह, पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश मेघवाल, पूर्व मंत्री रतनलाल जाट, प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि कीर्ति कुमारी, जिलाध्यक्ष सुभाष बहेडिया, पूर्व जिला अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष सत्यनारायण उपाध्याय, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला मंत्री हरीशचंद्र भट्ट, भाजयुमो प्रदेश मंत्री राजकुमार आंचलिया ने भी संबोधित किया।
शाहपुरा. महलों के चौक में आयोजित जिले की तीसरी सभा में वसुंधरा ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि विकास तो गुजरात मॉडल से ही होगा। उन्होंने महिला असुरक्षा, युवाओं को रोजगार न मिलने, किसानों के आत्महत्या करने के मामलों को उठाया। उन्होंने पानी, बिजली जैसे मुद्दे तो उठाए, पर स्थानीय समस्याएं भूल गईं।
भाषण समाप्ति के बाद नगर पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी ने सांसद वीपी सिंह के जरिये वसुंधरा को समस्याओं का प्रतिवेदन दिया। तब वे एक बार फिर जनता को संबोधित करते हुए पांच दिन में पानी मिलने, चिकित्सकों के पद रिक्त होने, नहरें पक्की नहीं होने, बिजली मीटर खराब होने व पालिका क्षेत्र में रिंग रोड का निर्माण नहीं होने की बात कही तो जनता ने समर्थन में हाथ खड़े किया। वसुंधरा ने कहा कि काम तो भाजपा का शासन आने पर ही होगा। सभा को वरिष्ठ नेताओं के साथ ही पालिका अध्यक्ष सोनी, पूर्व पालिका अध्यक्ष कन्हैयालाल धाकड़, नगर महामंत्री पंकज सुगंधी, मंडल महामंत्री शिवराज कुमावत, ओमप्रकाश व्यास आदि ने संबोधित किया।
बारहठ को याद किया
वसुंधरा राजे ने शाहपुरा प्रवेश के समय त्रिमूर्ति स्मारक स्थल पर क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ, जोरावर सिंह बारहठ व कुं. प्रतापसिंह बारहठ की प्रतिमाओं पर फूल माला चढ़ा श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बारहठ परिवार को देश के लिए मिसाल बताया।
कटारिया नहीं आए
वसुंधरा के साथ पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया यात्रा में नहीं आए। उनका आने का कार्यक्रम तय था। इसकी वजह सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई द्वारा दायर अतिरिक्त चार्जशीट में उनका नाम आना बताया जा रहा है।
नाराज हुईं वसुंधरा
जहाजपुर की सभा में माइक से कुछ पदाधिकारियों ने 'तख्त बदल दो, ताज बदल दो, इन गुंडों का राज बदल दो, नारा लगाया' तो मंचासीन वसुंधरा नाराज हो गईं। उन्होंने कहा, यह क्या हो रहा है। विधायक शिवजीराम मीणा से कहकर नारेबाजी रुकवाई। कोटड़ी चारभुजा मंदिर से दर्शन कर बाहर आते समय भी अनियंत्रित कार्यकर्ताओं से वे खफा हुईं। उन्होंने कहा, क्या जंगलीपन दिखा रहे हैं। यहीं पास आने की होड़ में कार्यकर्ताओं व वसुंधरा के सुरक्षाकर्मियों में गर्मागर्मी हो गई।
लकड़ी का हल, चांदी का मुकुट
जहाजपुर में किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष प्रो. सांवर लाल जाट और विधायक शिवजीराम मीणा ने वसुंधरा को लकड़ी का हल, युवा मोर्चा द्वारा चांदी का मुकुट, अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा चांदी की डांडिया तथा धनुष भेंट किया गया। महिलाओं ने चूड़ा पहनाया।
भाजपा में शामिल
जहाजपुर अंजुमन कमेटी के सदर उस्मान दुर्रानी के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के कई लोगों ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा की।
बाड़मेर अटका 40 करोड़ का मुआवजा
अटका 40 करोड़ का मुआवजा
बाड़मेर। गिरल लिग्नाइट परियोजना तृतीय फेज के लिए अवाप्त की गई भूमि का मुआवजा लेने के लिए किसान तैयार है, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसानों के करीब चालीस करोड़ रूपए एक वर्ष से अटके हुए हैं। ऎसे में किसानों को प्रतिदिन हजारों रूपए ब्याज का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
गिरल लिग्नाइट परियोजना तृतीय फेज के लिए थूम्बली, गिरल, जालीला गांवों की करीब 2800 बीघा जमीन अवाप्त करने की प्रक्रिया 5 मई 2012 को पूर्ण हो गई। किसानों को 2 लाख 70 हजार रूपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया गया। जालीला व गिरल के काश्तकारों ने तत्काल मुआवजा ले लिया। करीब 1500 बीघा जमीन के मालिक थूम्बली के किसानों ने तत्समय मुआवजा लेने से इनकार किया और धरने पर बैठ गए। इन्होंने गांव के मंदिर, ओरण, आबादी, तालाब व श्मशान भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखने की मांगें रखी और मांगें मानने की स्थिति में मुआवजा लेने की बात कही। करीब इकतीस दिन तक चले धरने के बाद तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने मौके पर पहुंचकर किसानों का धरना खत्म करवाया और मांगें मान ली।
मुआवजे के लिए संघर्ष
किसानों ने धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन उन्हे यह अनुमान नहीं था कि उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। आरएसएमएलएल ने किसानों को न्यायालय के जरिए मुआवजा लेने की राह दिखाई। किसान हाईकोर्ट गए। जहां किसानों के पक्ष में निर्णय हुआ। आरएसएमएलएल ने राज्य सरकार के आदेश के बाद मुआवजा देने की बात कही। किसान नेताओं ने राज्य सरकार से आदेश करवाए। आरएसएमएलएल ने आदेश में त्रुटि होने की बात कही। इसलिए राज्य सरकार से पुन: आदेश करवाया गया। फिर भी अभी
तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।
टिप्पणी से इनकार
इस संबंध में आरएसएमएमएल के स्थानीय प्रोजेक्ट मैनेजर से सम्पर्क नहीं हो पाया। उप महाप्रबंधक भू-विज्ञान आरएसएमएमएल जयपुर हर्षवर्द्धनसिंह से सम्पर्क हुआ, लेकिन उन्होंने इस मसले में टिप्पणी करने से इनकार किया।
देरी कर रहे हो तो कीमत बढ़ा दो
मुआवजा देने में आरएसएमएमएल के स्तर पर ढिलाई की हद हो गई है। वर्ष भर पहले जमीन की जो कीमत थी, वह अब बढ़ गई है। पूर्व निर्घारित कीमत पर तत्काल मुआवजा मिले तो बात बने अन्यथा जब भी मुआवजा दिया जाए, जमीन की दर नए सिरे से निर्घारित की जाए। ताकि किसानों के साथ न्याय हो।
वीरसिंह राठौड़ अध्यक्ष, किसान विकास समिति गिरल
बाड़मेर। गिरल लिग्नाइट परियोजना तृतीय फेज के लिए अवाप्त की गई भूमि का मुआवजा लेने के लिए किसान तैयार है, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसानों के करीब चालीस करोड़ रूपए एक वर्ष से अटके हुए हैं। ऎसे में किसानों को प्रतिदिन हजारों रूपए ब्याज का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
गिरल लिग्नाइट परियोजना तृतीय फेज के लिए थूम्बली, गिरल, जालीला गांवों की करीब 2800 बीघा जमीन अवाप्त करने की प्रक्रिया 5 मई 2012 को पूर्ण हो गई। किसानों को 2 लाख 70 हजार रूपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया गया। जालीला व गिरल के काश्तकारों ने तत्काल मुआवजा ले लिया। करीब 1500 बीघा जमीन के मालिक थूम्बली के किसानों ने तत्समय मुआवजा लेने से इनकार किया और धरने पर बैठ गए। इन्होंने गांव के मंदिर, ओरण, आबादी, तालाब व श्मशान भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखने की मांगें रखी और मांगें मानने की स्थिति में मुआवजा लेने की बात कही। करीब इकतीस दिन तक चले धरने के बाद तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने मौके पर पहुंचकर किसानों का धरना खत्म करवाया और मांगें मान ली।
मुआवजे के लिए संघर्ष
किसानों ने धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन उन्हे यह अनुमान नहीं था कि उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। आरएसएमएलएल ने किसानों को न्यायालय के जरिए मुआवजा लेने की राह दिखाई। किसान हाईकोर्ट गए। जहां किसानों के पक्ष में निर्णय हुआ। आरएसएमएलएल ने राज्य सरकार के आदेश के बाद मुआवजा देने की बात कही। किसान नेताओं ने राज्य सरकार से आदेश करवाए। आरएसएमएलएल ने आदेश में त्रुटि होने की बात कही। इसलिए राज्य सरकार से पुन: आदेश करवाया गया। फिर भी अभी
तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।
टिप्पणी से इनकार
इस संबंध में आरएसएमएमएल के स्थानीय प्रोजेक्ट मैनेजर से सम्पर्क नहीं हो पाया। उप महाप्रबंधक भू-विज्ञान आरएसएमएमएल जयपुर हर्षवर्द्धनसिंह से सम्पर्क हुआ, लेकिन उन्होंने इस मसले में टिप्पणी करने से इनकार किया।
देरी कर रहे हो तो कीमत बढ़ा दो
मुआवजा देने में आरएसएमएमएल के स्तर पर ढिलाई की हद हो गई है। वर्ष भर पहले जमीन की जो कीमत थी, वह अब बढ़ गई है। पूर्व निर्घारित कीमत पर तत्काल मुआवजा मिले तो बात बने अन्यथा जब भी मुआवजा दिया जाए, जमीन की दर नए सिरे से निर्घारित की जाए। ताकि किसानों के साथ न्याय हो।
वीरसिंह राठौड़ अध्यक्ष, किसान विकास समिति गिरल
विषाक्त भोजन से 52 बीमार
विषाक्त भोजन से 52 बीमार
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र के किटनोद इलाके के ढीमड़ी बेरा कृषि कुएं पर बुधवार रात सामाजिक भोज के दौरान विषाक्त भोजन से 52 जनों की तबीयत बिगड़ गई। बीमार लोगों को किटनोद के सरकारी अस्पताल व बालोतरा में उपचार के लिए लाया गया। रात साढे 11 बजे समाचार लिखे जाने तक इनका उपचार जारी था। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
ढीमड़ी बेरा निवासी नवाराम के यहां सामाजिक भोज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यहां हलवा, चकी, दही, चपाती आदि परोसे गए। भोजन के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। एक के बाद एक कई जनों को उल्टी, दस्त व जी घबराने की शिकायत होने पर हड़कम्प मच गया। आयोजन के मेजबान व शामिल मेहमानो में अफरा-तफरी मच गई। लोगों को किटनोद के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया।
किस्तुराराम, छगनाराम, सूर्यप्रकाश, रणछोड़राम, सूजीदेवी, दरियादेवी, मंगला, कविता, पार्वती, लूंगा, प्रियंका, संतोष, श्रवण, निर्मला, धर्मचंद, दूदाराम, सांवलराम, नारायणराम, तुलसाराम, माफादेवी, भोमाराम, पार्वती, धर्मेन्द्र, पदमाराम, विमल, रानी, किस्तुराराम, सूखादेवी, कविता, परसाराम, सुरेश, प्रवीण, गीतिका, पिंकी, गणपत, भूराराम, नेमाराम, प्रवीण, ओमाराम, भूरीदेवी, कविता, सोमती, शांति, हेमाराम, शेराराम, प्यारी, सुरेश, नेमाराम आदि का किटनोद के सरकारी अस्पताल में डॉ. गोपाल पोहानी, डॉ. राजेश जांदू , डॉ. रामप्रकाश त्रिवेदी व टीम ने उपचार शुरू किया। गंभीर स्थिति को देखते हुए खेमाराम व सांवलराम को बालोतरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
मची अफरा-तफरी
भोज के दौरान विषाक्त भोजन से एक के बाद एक की तबीयत बिगड़ने से लोगों में हड़कम्प मच गया। घबराए लोग दहशत में नजर आए। इसके बाद बीमार लोगों को अस्पताल में पहुंचाए जाने के दौरान भी अफरा-तफरी मची रही। मरीजों की बड़ी संख्या तथा नाकाफी इंतजाम के चलते परेशानियां झेलनी पड़ी। घटना की सूचना मिलने पर खंड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.आर. सुथार के निर्देश पर बालोतरा से डॉ. गोपाल पोहानी के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की विशेष टीम किटनोद के लिए रवाना की गई।
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र के किटनोद इलाके के ढीमड़ी बेरा कृषि कुएं पर बुधवार रात सामाजिक भोज के दौरान विषाक्त भोजन से 52 जनों की तबीयत बिगड़ गई। बीमार लोगों को किटनोद के सरकारी अस्पताल व बालोतरा में उपचार के लिए लाया गया। रात साढे 11 बजे समाचार लिखे जाने तक इनका उपचार जारी था। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
ढीमड़ी बेरा निवासी नवाराम के यहां सामाजिक भोज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यहां हलवा, चकी, दही, चपाती आदि परोसे गए। भोजन के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। एक के बाद एक कई जनों को उल्टी, दस्त व जी घबराने की शिकायत होने पर हड़कम्प मच गया। आयोजन के मेजबान व शामिल मेहमानो में अफरा-तफरी मच गई। लोगों को किटनोद के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया।
किस्तुराराम, छगनाराम, सूर्यप्रकाश, रणछोड़राम, सूजीदेवी, दरियादेवी, मंगला, कविता, पार्वती, लूंगा, प्रियंका, संतोष, श्रवण, निर्मला, धर्मचंद, दूदाराम, सांवलराम, नारायणराम, तुलसाराम, माफादेवी, भोमाराम, पार्वती, धर्मेन्द्र, पदमाराम, विमल, रानी, किस्तुराराम, सूखादेवी, कविता, परसाराम, सुरेश, प्रवीण, गीतिका, पिंकी, गणपत, भूराराम, नेमाराम, प्रवीण, ओमाराम, भूरीदेवी, कविता, सोमती, शांति, हेमाराम, शेराराम, प्यारी, सुरेश, नेमाराम आदि का किटनोद के सरकारी अस्पताल में डॉ. गोपाल पोहानी, डॉ. राजेश जांदू , डॉ. रामप्रकाश त्रिवेदी व टीम ने उपचार शुरू किया। गंभीर स्थिति को देखते हुए खेमाराम व सांवलराम को बालोतरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
मची अफरा-तफरी
भोज के दौरान विषाक्त भोजन से एक के बाद एक की तबीयत बिगड़ने से लोगों में हड़कम्प मच गया। घबराए लोग दहशत में नजर आए। इसके बाद बीमार लोगों को अस्पताल में पहुंचाए जाने के दौरान भी अफरा-तफरी मची रही। मरीजों की बड़ी संख्या तथा नाकाफी इंतजाम के चलते परेशानियां झेलनी पड़ी। घटना की सूचना मिलने पर खंड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.आर. सुथार के निर्देश पर बालोतरा से डॉ. गोपाल पोहानी के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की विशेष टीम किटनोद के लिए रवाना की गई।
बुधवार, 22 मई 2013
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शशिकांत शर्मा को देश का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (12वां) नियुक्त
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शशिकांत शर्मा को देश का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (12वां) नियुक्त 21 मई 2013 को किया गया. शशिकांत शर्मा ने 22 मई 2013 को सेवानिवृत हो रहे विनोद राय का स्थान लिया. शशिकांत शर्मा नियंत्रक-महालेखापरीक्षक नियुक्त होने के पूर्व रक्षा सचिव थे. वह बिहार कैडर के 1976 वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. शशिकांत शर्मा को 23 मई 2013 को पदभार ग्रहण करना है.
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के नियुक्त का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) में है. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है, परन्तु उसे पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही महाभियोग (अनुच्छेद 148(1),124(4)) द्वारा ही हटाया जा सकेगा जिसका आधार कदाचार और असमर्थता होगा.
कैग इस साधारण नियम का अपवाद है कि संघ के सभी सिविल सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है. (अनुच्छेद 310)
कैग का वेतन सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश के बराबर होता है. कैग सेवानिवृत के बाद भारत सरकार के अधीन कोई अन्य पद धारण करने का पात्र नही होगा.
कैग की नियुक्ति छह वर्ष या 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो, तक के लिए की जाती है.
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी):नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी, कैग) की स्थापना वर्ष 1860 में हुई थी. कैग तीन प्रकार के लेखापरीक्षण करता है- वित्तीय, अनुपालन और निष्पादन.
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के नियुक्त का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) में है. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है, परन्तु उसे पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही महाभियोग (अनुच्छेद 148(1),124(4)) द्वारा ही हटाया जा सकेगा जिसका आधार कदाचार और असमर्थता होगा.
कैग इस साधारण नियम का अपवाद है कि संघ के सभी सिविल सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है. (अनुच्छेद 310)
कैग का वेतन सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश के बराबर होता है. कैग सेवानिवृत के बाद भारत सरकार के अधीन कोई अन्य पद धारण करने का पात्र नही होगा.
कैग की नियुक्ति छह वर्ष या 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो, तक के लिए की जाती है.
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी):नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी, कैग) की स्थापना वर्ष 1860 में हुई थी. कैग तीन प्रकार के लेखापरीक्षण करता है- वित्तीय, अनुपालन और निष्पादन.
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