भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शशिकांत शर्मा को देश का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (12वां) नियुक्त 21 मई 2013 को किया गया. शशिकांत शर्मा ने 22 मई 2013 को सेवानिवृत हो रहे विनोद राय का स्थान लिया. शशिकांत शर्मा नियंत्रक-महालेखापरीक्षक नियुक्त होने के पूर्व रक्षा सचिव थे. वह बिहार कैडर के 1976 वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. शशिकांत शर्मा को 23 मई 2013 को पदभार ग्रहण करना है.
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के नियुक्त का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (1) में है. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है, परन्तु उसे पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही महाभियोग (अनुच्छेद 148(1),124(4)) द्वारा ही हटाया जा सकेगा जिसका आधार कदाचार और असमर्थता होगा.
कैग इस साधारण नियम का अपवाद है कि संघ के सभी सिविल सेवक राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है. (अनुच्छेद 310)
कैग का वेतन सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश के बराबर होता है. कैग सेवानिवृत के बाद भारत सरकार के अधीन कोई अन्य पद धारण करने का पात्र नही होगा.
कैग की नियुक्ति छह वर्ष या 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो, तक के लिए की जाती है.
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी):नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी, कैग) की स्थापना वर्ष 1860 में हुई थी. कैग तीन प्रकार के लेखापरीक्षण करता है- वित्तीय, अनुपालन और निष्पादन.
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